ऊष्मा का संचरण कक्षा 7 विज्ञान पाठ 8

स्मरणीय तथ्य

1. ऊष्मा का संचरण – एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचने की प्रक्रिया ऊष्मा का संचरण कहलाता है।

2.चालन ऊष्मा संचरण की वह प्रक्रिया जिसमें पदार्थ के अणु अपने स्थान से स्थानान्तरित हुये बिना ऊष्मा संचरण का कार्य करते हैं.

चालन कहलाती है।

3. सुचालक एवं कुचालक- ऐसे पदार्थ जिनमें चालन विधि से ऊष्मा का संचरण आसानी से होता है सुचालक कहलाते हैं जबकि पे पदार्थ जिनमें चालन द्वारा ऊष्मा का संचरण आसानी से नहीं हो पाता, ऊष्मा के कुचालक कहलाते हैं।

4. संवहन- ऊष्मा संचरण को वह प्रक्रिया जिसमें द्रव एवं गैस के अणुओं की गति के फलस्वरूप ऊष्मा का स्थानान्तरण होता है, वह संवहन कहलाता है।

5 विकिरण- ऊष्मा संचरण को वह प्रक्रिया जिसमें कप्मा को एक स्थान से दूसरे स्थान तक संचारित होने के लिये माध्यम की आवश्यकता नहीं होती, विकिरण कहते हैं।

6. ऊष्मा संचरण को मुख्य तीन विधियाँ हैं- (1) चालन, (ii) संवहन, (iii) विकिरण |

7. चालन द्वारा ऊष्मा संचरण की दो शर्तें हैं

  • (1) दोनों वस्तुएँ एक-दूसरे के सम्पर्क में हों।
  • (ii) उनके ताप भिन्न हों।

8. द्रव तथा गैसें सामान्यतः ऊष्मा को कुचालक हैं। केवल पारा ही एक ऐसा द्रव है जो ऊष्मा का सुचालक है।

9. किसी वस्तु द्वारा अवशोषित ऊष्मा की मात्रा वस्तु और ऊष्मा के स्त्रोत के बीच की दूरी पर निर्भर करता है।

10. सभी गर्म वस्तुएँ ऊष्मा का उत्सर्जन करते हैं जिनका परिणाम वस्तु के ताप तथा वस्तु के रंग एवं उनकी प्रकृति पर निर्भर करता है।

11. सभी गहरे रंग वाली वस्तुएँ हल्के रंग को तुलना में अधिक ऊष्मा को उत्सर्जक एवं अवशोषक होती है।

12. थर्मस फ्लास्क की रचना इस प्रकार की होती है कि उसकी ऊष्मा चालन, संवहन और विकिरण तीनों विधियों द्वारा स्थानांतरित नहीं हो

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