कुछ सामान्य रोग कक्षा 8 वीं विज्ञान अध्याय 16

कुछ सामान्य रोग कक्षा 8 वीं विज्ञान अध्याय 16

महत्वपूर्ण बिन्दु

  • ऐसे रोग जो रोगी व्यक्ति के सम्पर्क में आने वाले स्वस्थ व्यक्ति को भी रोगी बना देते हैं, संक्रामक रोग कहलाते हैं।
  • वे रोग जो संक्रमित मनुष्य से स्वस्थ मनुष्य तक नहीं फैलते, असंक्रामक रोग कहलाते हैं।
  • संक्रमण के प्रमुख माध्यम वायु जल, धूल के कण, संक्रमित भोजन, रोगी को संक्रमित वस्तुएँ, मानव-मल, गंदगी, मक्खियाँ, मन्दर कुत्ते व अन्य जीव है।
  • हैजा नामक बीमारी वित्रियो कॉलेरी नामक जीवाणु से होता है। यह पाचन तंत्र को संक्रमित करता है। रोग के प्रकोप से बचने से लिए, टीका लगवाना चाहिए।
  • ओ. आर. एस. (ओरल रिहाड्रेसन सॉल्यूशन) या जीवन रक्षक घोल शरीर में पानी की कमी (निर्जलीकरण) को दूर करता है।
  • तपेदिक एक संक्रामक बीमारी है जो जीवाणु द्वारा होती है। अधिक संक्रमण में बलगम के साथ खून भी आता है। B.CG. (बैसिलस कमेटी गुरिन) का टीका बचाव हेतु लगाना चाहिए।
  • टाइफाइड या मोतीझरा साल्मोनेला टाइफी नामक जीवाणु से होने वाला संक्रामक रोग है। इस रोग में आंत के साथ साथ प्लीहा एवं पित्ताशय भी प्रभावित होते हैं। TA.B. का टीका 3 वर्ष की सुरक्षा देता है।
  • मलेरिया प्लाज्मोडियम नामक प्रोटोजोआ (परजीवी) द्वारा होता है। यह एनाफिलीज मच्छर से फैलता है। कंपकंपी के साथ तेज बुखार इसका मुख्य लक्षण है।
  • पेचिस बरसात में होने वाली बीमारी है, यह एंटअमीबा हिस्टोलिटिका द्वारा होती है। पेट में मरोड़ या ऐंठन के साथ पतले दस्त होना इसका मुख्य लक्षण है।
  • हैजा, पेचिस, डायरिया को बाहक मक्खियाँ हैं। जबकि फाइलेरिया का वाहक क्यूलेक्स मच्छर है।
  • रोग उत्पादन करने वाले सूक्ष्मजीव को “रोगोत्पादक सूक्ष्मजीव” कहते हैं।
  • रोगी व्यक्ति को पानी उबालकर ठंडा किया हुआ पानी तथा तरल एवं पाचक पोषण देना चाहिए।
  • विभिन्न रोगों से बचाव हेतु समय पर टीकाकरण अवश्य करायें।
  • एड्स, एच. आई. वी. (ह्यूमन इम्यूनोडिफेशियन्सी वायरस) द्वारा होता है। इसकी जानकारी प्राप्त कर ही इससे बचा जा सकता है।
कुछ सामान्य रोग कक्षा 8 वीं विज्ञान अध्याय 16

प्रश्न 1. हैजे के प्रमुख लक्षण लिखिए।

उत्तर- हैजे के प्रमुख लक्षण

(i) रोगी का सफेद व पतला दस्त होता है।

(ii) पेट की पेशियों में ऐंठन व मरोड़ होती हैं।

(iii) रोगी का आँख धंसा हुआ, गाल पिचके हुआ व शरीर कमजोर दिखता है।

(iv) निम्न रक्त चाप।

(v) लंबे समय तक दस्त होने पर निर्जलीकरण वाली स्थिति आ जाती है।

प्रश्न 2. टाइफाइड का संक्रमण कैसे होता है ?

उत्तर- टाइफाइड का संक्रमण मक्खियों द्वारा भोजन व जल स्रोत में मिलने से होता है। रोगी के थूक, उल्टी, मल-मूत्र आदि में इसके जीवाणु होते हैं। इनसे मक्खियों द्वारा स्वस्थ मनुष्य की आंत है पहुंचकर उसकी दीवार की क्षतिग्रस्त करते हैं।

प्रश्न 3. टाइफाइड शरीर के किन अंगों को प्रभावित करता है?

उत्तर- टाइफाइड के रोगाणु शरीर में आँत में पहुँचकर उसकी दीवार को क्षतिग्रस्त करते हैं जिससे रोगी को लगातार बुखार रहता है। इसमें आँत के साथ प्लीहा तथा पित्ताशय भी प्रभावित होता है।

प्रश्न 4. यदि किसी रोगी के शरीर में पानी की कमी हो जाए, तब आप क्या घरेलू उपचार करेंगे ?

उत्तर- यदि किसी रोगी के शरीर में पानी की कमी हो जाए। तो उसे ओ. आर. एस. (जीवन रक्षक घोल बनाकर पिलाते हैं ताकि शरीर में पानी की कमी पूरी हो जाये।

प्रश्न 5. परजीवी प्रोटोजोआ से होने वाले रोग कौन-कौन से हैं ?

उत्तर- परजीवी प्रोटोजोआ से होने वाले रोग हैं-मलेरिया, (प्लाज्मोडियम), पेचिश या अमीबियासिस (एण्ट अमीबा हिस्टो- एवं अतिसार या डायरिया।

प्रश्न 6, मलेरिया फैलने का प्रमुख कारण क्या है ?

उत्तर—मलेरिया फैलने का प्रमुख कारण गंदगी व पानी का जमा होना है क्योंकि इसी के वजह से मच्छर पनपते हैं और ये रोगी व्यक्ति से रोगाणु स्वस्थ मनुष्य तक संचारित करते हैं।

प्रश्न 7. दस्त तथा अतिसार के रोगी का प्राथमिक उपचार कैसे करेंगे ?

उत्तर- दस्त तथा अतिसार के प्राथमिक उपचार के लिये नारियल का पानी, नमकीन लस्सी, नीबू की शिकंजी, चावल का मांड, हल्की चाय, दाल का पानी में से जो भी उपलब्ध हो इसका लगातार सेवन कराना चाहिये ताकि शरीर में पानी की कमी न हो। ये अगर उपलब्ध नहीं है तो ओ. आर. एस. घोल दिया जा सकता है।

प्रश्न 8. मलेरिया के रोगाणु एवं वाहक का नाम लिखिए।

उत्तर- मलेरिया के रोगाणु का नाम प्लाजमोडियम (प्रोटोजोआ) है तथा इसका वाहक मादा एनाफिलीज मच्छर है।

प्रश्न 9. पेचिश व डायरिया में प्रमुख दो अंतर लिखें।

उत्तर—पेचिश व डायरिया में अंतर-

पेचिसडायरिया
1. अधिक समय तक दस्त होने से मल के साथ रक्त, श्लेष्मा अथवा आंव भी आता है।लगातार पतले दस्त होते हैं।
हल्का ज्वर भी आता है। इसमें उल्टी, मुँह सूखना, प्यास रोगाणु आँत की झिल्ली से लगना व चिड़चिड़ापन आता है। हृदय व तिल्ली में पहुँचकर मूत्र कम आना या न आना घाव बनाते हैं अथवा गहरा पीला होना।

प्रश्न 10. छोटी माता के लक्षण लिखिए।

उत्तर—छोटी माता के लक्षण-

(i) रोगी को हल्का या मध्यम बुखार होता है।

(ii) बेचैनी के साथ पीठ व जोड़ों में दर्द रहता है।

(iii) संक्रमण का सबसे अनुकूल समय, दाने निकलने के 2 दिन पहले तथा उसके 14 दिन बाद तक रहता है।

(iv) बीमारी की तीव्रता अधिक निकलने वाले दाने पर निर्भर करती है। तीव्र स्थिति में शरीर दानों से भर जाता है। दाने निकलने के 4-5 दिन बाद पपड़ी बनना शुरू हो जाता है।

प्रश्न 11. पोलियो वाइरस किस अंग को प्रभावित करता है ?

उत्तर- पोलियो वाइरस आँत की दीवार में अपनी संख्या की वृद्धि कर लसीका और रक्त प्रवाह के द्वारा केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र में पहुँचकर पैरों की पेशियों को नियंत्रित करने की तंत्रिकाओं को नष्ट करता है। तंत्रिकीय आवेग के अभाव में पैरों की पेशियाँ अपना कार्य सही ढंग से नहीं कर पातीं।

प्रश्न 12. ओ. पी. वी. क्या है ?

उत्तर- ओ. पी. वी. का पूरा नाम है ‘ओरल पोलियो वैक्सीना यह पोलियो प्रतिरोधक दवा है जो 5 वर्ष तक की सभी बच्चों की पिलाई जाती है।

प्रश्न 13. पोलियो का संक्रमण किसके द्वारा होता है ?

उत्तर- पोलियो वायरस रोगो की विष्ठा में होता है, मक्खियों इन्हें भोजन, पानी व अन्य खाद्य वस्तुओं तक पहुँचाकर उन्हें प्रदूषित संक्रमित करता है।

प्रश्न 14. रेबीज के प्रमुख लक्षण क्या है ?

उत्तर- रेबीज का प्रमुख लक्षण है हाइड्रोफोबिया अर्थात् जल से डरना। तेज बुखार, सिरदर्द व बेचैनी, गले में अवरोध के कारण आवाज दबी-दबी, नाड़ियों के फटने से लकवा भी संभव है।

प्रश्न 15. एड्स के विषाणु का पूरा नाम लिखिए।

उत्तर- एड्स के विषाणु का पूरा नाम है ह्यूमन इम्यूनो- डिफेसियॅसी वायरस (HIV)।

प्रश्न 16. सिकलसेल के क्या लक्षण हैं ?

उत्तर- सिकलसेल के लक्षण निम्नलिखित हैं-

(1) खून की कमी के कारण शरीर का रंग सफेद दिखाई देना।

(2) जल्दी थकना और सांस फूलना।

(3) चिड़चिड़ापन, खान-पान में अरुचि ।

(4) हाथ की अंगुलियों, जोड़ों में सूजन तथा दर्द

(5) बार-बार बुखार और सर्दी होना।

(6) तिल्ली (प्लीहा) का आकार बड़ा होना। बच्चों के विकास में रुकावट आना।

प्रश्न 17. सामान्य लाल रक्त कोशिका और हँसियाकार लाल रक्त कोशिका में क्या अंतर हैं ?

उत्तर- सामान्य लाल रक्त कोशिका और हंसियाकार लाल रक्त कोशिका में अंतर –

सामान्य लाल रक्त कोशिका
हँसियाकार लाल रक्त कोशिका
1. ये गोलाकार होते हैं।ये हँसियाकार होते है ।
2. मुलायम व लचीले होते हैं।इनमे लचीला पन कम होता है .
3. रक्त वाहिनियों में आसानी से बह सकते हैं।
रक्त वाहिनियों में गुच्छों के रूप में फँस जाते हैं।
4. ये बनने के बाद 120 दिनों तक जीवित रहते हैं।इनका जीवनकाल मात्र 20 दिन का होता है।

प्रश्न 18. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-

1. निर्जलीकरण रोकने के लिये रोगी को ……….घोल बार-बार पिलाना चाहिए।

2. मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से ………….रोग होता है।

3. एक स्वस्थ बच्चे को अचानक छीकें आई और उसकी नाक बहने लगी उसे …………..रोग हो सकता है।

4. एक बच्चे का एक पैर बहुत अधिक मोटा व एक पैर सामान्य है उसे…………..रोग है।

5. लिम्फ वाहिनियाँ ……….द्वारा संक्रमित होती हैं।

6……….एवं………. रोग में केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र प्रभावित होता है।

7. मनुष्य के शरीर में प्रवेश करके एच. आई. वी. वायरस………… कोशिकाओं को नष्ट करता है।

उत्तर- 1. जीवन रक्षक घोल (ओ. आर. एस.), 2. मलेरिया 3. सर्दी जुकाम, 4. फाइलेरिया, 5. कृमि ( वाडचेरिया बँकाप्ट) 6. पोलियो एवं रेबीज, 7. श्वेत रक्त।

प्रश्न 19. सही व गलत कथन पहचानकर गलत कथन को सही कर लिखिए-

1. टी.ए.बी. का टीका टायफायड के लिये लगाते हैं।

2. तपेदिक विब्रियो कॉलरी द्वारा होने वाला संक्रामक रोग है।

3. मच्छरों से बचने के लिये मच्छरदानी लगाकर सोना चाहिए।

4. पेचिश व डायरिया के रोगी के मल को खुला नहीं छोड़ना चाहिये वरन् राख व मिट्टी से ढँक देना चाहिए।

5. सर्दी व इन्फ्लुएंजा के रोगाणु रोगी के रूमाल व तौलिये के उपयोग से स्वस्थ व्यक्ति तक नहीं पहुँचते ।

6. फाइलेरिया से बचने के लिये मच्छरों को नष्ट कर देना चाहिए।

7. रेबीज सभी कुत्तों, बिल्लियों के काटने से होता है।

उत्तर- 1. सही,

2. गलत। (सही- हैजा विब्रियो कॉलरी से होने वाला संक्रामक रोग है।)

3. सही,

4. सही,

5. गलत। (सही-सर्दी व इन्फ्लुएंजा के रोगाणु रोगी के रूमाल व तौलिये के उपयोग से स्वस्थ व्यक्ति तक पहुँच जाते हैं।)

6. सही,

7. गलत। (सही- रेबीज वायरस से संक्रमित कुत्तों, बिल्लियों के काटने से होता है।)

प्रश्न 20. सही विकल्प चुनकर लिखिए-

1. जीवाणुओं एवं विषाणुओं से होने वाला रोग है-

(a) आनुवंशिक रोग

(b) संक्रामक रोग

(d) असंक्रामक रोग।

(c) स्कर्वी

2. बी. सी. जी. के टीके का उपयोग किस रोग के लिये होता है-

(a) पोलियो

(c) टाइफाइड

(b) ट्यूबरकुलोसिस

(d) मलेरिया ।

3. निम्न में से कौन-सा जीवाणु जनित रोग है—

(a) चिकनपॉक्स

(b) टाइफाइड

(c) रेबीज

(d) इन्फ्लुएन्जा

4. मलेरिया के रोगाणु का वाहक है-

(a) नर क्यूलेक्स मच्छर

(b) नर एनाफिलीज मच्छर

(c) मादा एनाफिलीज मच्छर

(d) मादा क्यूलेक्स मच्छर ।

5. निम्न में से किस रोग में ठंड तथा कंपकंपी के साथ बुखार आता है- –

(a) टायफाइड

(b) हैजा

(c) मलेरिया

(d) ट्यूबरकुलोसिस ।

6. प्रोटोजोआ से होने वाला संक्रामक रोग है-

(a) पेचिश

(c) डायरिया

(b) मलेरिया

(d) उपर्युक्त सभी।

7. पेचिस रोग होता है-

(a) दूषित पानी पीने से

(b) अधिक खाना खाने से

(c) स्वच्छ पानी पीने से

(d) सलाद खाने से।

उत्तर- 1. (b), 2 (b) 3. (b), 4. (c), 5. (c), 6. (d), 7. (a)।

प्रश्न 21. बच्चों को तपेदिक से बचाने के लिये क्या- क्या करना चाहिये ?

उत्तर- बच्चों को तपेदिक से बचाने के लिये निम्न उपाय करने चाहिये-

(i) स्वच्छ व आरादायक कमरा होना चाहिए।

(ii) रोगी द्वारा उपयोग की गई वस्तुओं का प्रयोग न करें।

(iii) रोगी को खाँसते व छौंकते समय अपने मुँह पर कपड़े या हाथ में ढँक लेना चाहिये।

(iv) घनी आबादी, अंधेरे नमीमुक्त व धूल भरे वातावरण से दूर रहे ।

(v) कुपोषण से बचें।

(vi) रोगी का थूक राख या मिट्टी से ढँक दें या दूर गड्ढे में गाड़ दें।

(vii) बी. सी. जी. का टीका लगवायें।

प्रश्न 22. निर्जलीकरण क्या है? इसे दूर करने के उपाय क्या हैं?

उत्तर- लंबे समय तक दस्त होते रहने से शरीर में जल की कमी हो जाती है। इस स्थिति को निर्जलीकरण या डीहाइड्रेशन कहते हैं। इसे ओ. आर. एस. घोल से दूर किया जा सकता है। पानी को लगभग 200 ml लेकर साफ बर्तन में 5 मिनट तक -उबालें। कमरे के ताप तक ठंडा कर एक चुटकी नमक तथा एक चाय का चम्मच शक्कर मिलाये। यदि उपलब्ध हो तो आधा नीबू का रस मिलायें अच्छी तरह हिलायें ओ. आर. एस. (जीवन रक्षक घोल तैयार है।

23. यदि आपके घर के आसपास बहुत गड्ढे हैं उनमें पानी भी भरा है, मच्छर भी बहुत हैं, तब आपको कौन- कौन से रोग हो सकते हैं ?

उत्तर- -घर के आस-पास बहुत गड्ढे हैं उनमें पानी भी भरा है, मच्छर भी बहुत है तो मलेरिया और फाइलेरिया रोग हो सकते हैं।

प्रश्न 24. आपके साथी को पेट में ऐंठन व मरोड़ के साथ पतले दस्त हो रहे हैं, क्या आप बता सकते हैं कि उसे क्या और क्यों हुआ है ?

उत्तर- साथी के पेट में ऐंठन व मरोड़ साथ पतले दस्त हो रहे हैं, यह अतिसार (डायरिया) का लक्षण है, यह उसे दूषित भोजन एवं जल ग्रहण करने के कारण हुआ है।

प्रश्न 25. किन्हीं दो विषाणु जन्य रोगों के नाम तथा लक्षण लिखिए।

उत्तर- दो विषाणु जन्य रोग हैं, पोलियो व छोटी माता।

(अ) पोलियो के लक्षण-

1. जुकाम के साथ बुखार आता है व उल्टियाँ होती हैं।

2. बुखार के कारण गर्दन अकड़ जाती है।

3. माँसपेशियाँ सिकुड़ जाती हैं एवं कार्य करना बंद कर देती हैं। जिससे दर्द रहता है

4. कुछ समय बाद रोगी के पैरों की माँसपेशियाँ कमजोर हो जाती है और वह सही ढंग से खड़ा नहीं हो सकता है।

(ख) छोटी माता के लक्षण-

1. रोगी को हल्का या मध्यम बुखार रहता है।

2. बेचैनी के साथ पीठ व जोड़ों में दर्द होता है।

3. इस बीमारी के संक्रमण के सबसे अनुकूल समय दाने निकलने से 2 दिन पहले तथा उसके 14 दिनों बाद तक रहता है।

4. इस बीमारी की तीव्रता तथा अवधि निकलने वाले दाने के ऊपर निर्भर करती है। तीव्र स्थिति में शरीर दानों से भर जाता है। दाने पहले गले पर निकलते हैं बाद में ऊपर की तरफ चेहरे पर तथा नीचे ओर पैरों में फैलते हैं। दाने निकलने के 4 से 7 दिन बाद दानों पर पपड़ी बनना शुरू हो जाती है।

प्रश्न 27. विवाह पूर्व रक्त जाँच की रिपोर्ट क्यों देखी जानी चाहिए ?

उत्तर- विवाह पूर्व रक्त जाँच की रिपोर्ट इसलिये देखी जानी चाहिये कि इससे अपने जीवन साथी को एड्स हैं या नहीं। इसकी जानकारी हो सके क्योंकि इस बीमारी के लक्षण स्पष्ट नहीं होते हैं और संक्रमित व्यक्ति से यह बीमारी फैलने का खतरा होता है। साथ ही आने वाली पीढ़ी भी रोग ग्रस्त हो सकती है, अतः विवाह पूर्व रक्त जाँच की रिपोर्ट देखी जानी चाहिये।

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