प्रकाश कक्षा 6 विज्ञान
स्मरणीय बिन्दु
1 प्रकाश उत्पन्न करने वाली वस्तुओं को प्रकाश स्रोत कहते हैं, प्रकृति से मिलने वाले स्रोतों को प्राकृतिक स्रोत तथा मानव द्वारा बनाये गये स्रोतों की मानव निर्मित स्रोता या कृत्रिम स्रोत कहते हैं।
2 छाया- प्रकाश पथ पर अपारदर्शी वस्तु के आ जाने पर वस्तु के दूसरी और वस्तु के आकृति के समान काला धब्बा प्राप्त होता है, जिसे वस्तु को छाया कहते हैं।
3 पारदर्शी वस्तुएँ- जिन वस्तुओं के आर-पार देखा जा सकता है, उन्हें पारदर्शी वस्तुएँ कहते हैं। जैसे- काँच
4. अपारदर्शी वस्तुएं – जिनके आर-पार नहीं देख सकते उन्हें अपारदर्शी वस्तुएँ कहते हैं। जैसे-पत्थर
5 प्रवासी वस्तुएं – जिनके आर-पार पूर्ण रूप से नहीं देख सकते उन्हें पारभासी वस्तुएँ कहते हैं, जैसे-तेल से भीगा कागज
6. सूर्यग्रहण – अमावस्या के दिन चन्द्रमा सूर्य तथा पृथ्वी के बीच होता है। जब कभी तीनों एक सीधी रेखा में होते हैं, तब चन्द्रमा द्वारा सूर्य का कुछ हिस्सा ढक लिए जाने के कारण, वह पृथ्वी से दिखाई नहीं देता। इस घटना को सूर्यग्रहण कहते हैं।
7. चन्द्रग्रहण- पूर्णिमा की रात में पृथ्वी सूर्य एवं चन्द्रमा के बीच होती है। जब तीनों एक सीध में होते हैं, तब चन्द्रमा सूर्य द्वारा बनी पृथ्वी की प्रच्छाया में से होकर गुजरता है। इस स्थिति में पृथ्वी के किसी भी हिस्से से चन्द्रमा का वह भाग दिखाई नहीं देता जो पृथ्वी की प्रच्छाया में होता है। इस घटना को चन्द्रग्रहण कहते हैं।
8. वस्तु को देख पाने के लिए हमें प्रकाश की आवश्यकता होती है। यही प्रकाश वस्तुओं से टकराने के बाद हमारी आँखों तक पहुँचता है।
9 प्रकाश सीधी रेखा में गमन करता है।
10. प्रकाश की चाल तीन लाख किलोमीटर प्रति सेकंड है।
11. प्रत्येक पूर्णिमा को चन्द्रग्रहण तथा प्रत्येक अमावस्या के दिन सूर्य ग्रहण नहीं होता।
12. छाया सदैव वस्तु के दूसरी ओर बनती है।
13. सूर्य ग्रहण को खाली आँखों से देखना खतरनाक हो सकता है।
अभ्यास
प्रश्न 1. सही उत्तर चुनकर लिखें-
1. सूर्य से पृथ्वी तक पहुँचने में प्रकाश लगभग कितना समय लेता है-
(अ) 5 मिनट
(ब) 6 मिनट
(स) 7 मिनट
(द) 8 मिनट ।
2. जब चन्द्रमा पृथ्वी के प्रच्छाया के मध्य से गुजरता है, तब होता है-
(अ) पूर्ण चन्द्रग्रहण,
(ब) खण्ड चन्द्र ग्रहण
(स) सूर्य ग्रहण
(द) इनमें से कोई नहीं।
3. दोपहर में सूर्य के ठीक ऊपर होने के कारण व्यक्ति की छाया की लम्बाई होती है-
(अ) अधिकतम,
(ब) न्यूनतम
(स) व्यक्ति की लम्बाई का दो गुना
(द) इनमें से कोई नहीं ।
उत्तर- 1. (द), 2. (अ), 3. (ब) ।
प्रश्न 2. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
1. जिस वस्तु का अपना प्रकाश होता है………… कहलाती
2. प्रकाश…………. रेखा में चलता है।
3. चन्द्रग्रहण तथा सूर्य ग्रहण क्रमशः पृथ्वी तथा ………………….की छायाओं के कारण पड़ते हैं।
4. किसी चमकदार सतह से प्रकाश की दिशा में परिवर्तन प्रकाश का ……….. कहलाता है।
उत्तर- 1. प्रकाश स्रोत, 2. सीधी, 3. चन्द्रमा, 4. परावर्तन ।
प्रश्न 3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में लिखिए-
प्रश्न 1. प्रकाश के चार विभिन्न स्रोतों के नाम लिखिए।
उत्तर – प्रकाश के विभिन्न स्रोत-
(1) सूर्य, (2) ट्यूब लाइट, (3) टार्च, (4) जुगनू ।
प्रश्न 2. किसी स्थान से दूसरे स्थान तक प्रकाश किस प्रकार गमन करता है ?
उत्तर- किसी स्थान से दूसरे स्थान तक प्रकाश सरल रेखा में गमन करता है।
प्रश्न 3. सचित्र वर्णन कीजिए-
(क) चन्द्रग्रहण (ख) सूर्यग्रहण ।
उत्तर-
(क) चन्द्रग्रहण –
पूर्णिमा की रात में पृथ्वी, सूर्य और चन्द्रमा के बीच होती है। कभी-कभी जब तीनों एक सीधी रेखा में होते हैं तब चन्द्रमा, सूर्य द्वारा बनी पृथ्वी की प्रच्छाया में से होकर गुजरता है। इस स्थिति में पृथ्वी के किसी भी हिस्से से चन्द्रमा का वह भाग दिखाई नहीं देता जो पृथ्वी की प्रच्छाया में होता है। इस घटना को चन्द्रग्रहण कहते हैं। कभी-कभी जब पूरा चन्द्रमा पृथ्वी की प्रच्छाया में से होकर गुजरता है, तब इसे पूर्ण चन्द्रग्रहण कहते हैं और जब चन्द्रमा का कुछ हिस्सा पृथ्वी की प्रच्छाया में से गुजरता है, तब यह खण्ड चन्द्रग्रहण कहलाता है।
(ख) सूर्यग्रहण
अमावस्या- के दिन चन्द्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच होता है। कभी-कभी जब तीनों एक सीधी रेखा में होते हैं, तब चन्द्रमा द्वारा सूर्य का कुछ हिस्सा ढँक लिए जाने के कारण, वह पृथ्वी से दिखाई नहीं देता। इस घटना को सूर्यग्रहण कहते हैं। पृथ्वी का वह क्षेत्र जो चन्द्रमा की प्रच्छाया में आता है और जहाँ चन्द्रमा द्वारा सूर्य को पूरी तरह ढँक लिया जाता है, वहाँ पूर्ण सूर्यग्रहण होता है। वह क्षेत्र जहाँ सूर्य आंशिक रूप से दिखाई देता है, वहाँ खण्ड सूर्यग्रहण होता है।
प्रश्न 5. प्रयोग द्वारा समझाइए कि प्रकाश सीधी रेखा में गमन करता है।
उत्तर- सर्वप्रथम गत्ते के समान आकार के तीन टुकड़े लेकर इन्हें स्टेण्ड पर रखकर समान ऊँचाई पर तीनों में छेद करते हैं एवं गत्तों को इस प्रकार समंजित करते हैं कि तीनों छिद्र एक सरल रेखा में हो जाते हैं। एक जलती हुई मोमबत्ती पहले गत्ते के सामने इस प्रकार रखते हैं कि तीसरे गत्ते के छिद्र से देखने पर मोमबत्ती की लौ दिखाई दे। अब गत्तों की स्थिति में थोड़ा भी परिवर्तन करने से मोमबत्ती की लौ नहीं दिखाई देती। इससे यह सिद्ध होता है कि प्रकाश सरल रेखा में चलता है।