संघ – आर्थोपोडा

आर्थ्रोपोड्स के अन्तर्गत उपांग तथा बाह्य कंकालयुक्त जन्तुओं (विशेषकर कीटों) को सम्मिलित किया गया है। इस समूह के अन्तर्गत कीटों की लगभग 9,00,000 प्रजातियाँ सम्मिलित की गई हैं। यह जन्तुओं का सबसे बड़ा समूह है।

संघ - आर्थोपोडा

सामान्य लक्षण (General Characters)

  • इस संघ के जन्तु जल, थल एवं वायु तीनों आवासों में पाये जाते हैं। कुछ सदस्य परजीवी भी होते हैं।
  • द्विपार्श्व सममित, त्रिस्तरीय तथा विखण्डित होता है।
  • इनके शरीर की बाह्य सतह पर काइटिन (Chitin) का बना बाह्य कंकाल पाया जाता है।
  • शरीर के खण्डों में प्राय: जोड़ीदार संधित एवं पाश्र्व उपांग पाये जाते हैं।
  • इनके शरीर में रुधिर लसीका गुहा (Haemocoel) पाई जाती है। रुधिर में R.B.Cs. एवं होमोग्लोबिन नहीं पाया जाता। इसके कारण यह लाल न होकर रंगहीन अथवा अन्य रंग का होता है। हीमोग्लोबिन के स्थान पर रुधिर में हीमोसायनिन नामक रंग द्रव्य पाया जाता है।
  • इनका शरीर सिर एवं धड़ (Trunk) में विभाजित होता है। वक्ष या धड़ थोरेक्स (Thorax) एवं उदर (Abdomen) में विभाजित होता है।
  • सिर एवं वक्ष आपस में मिलकर सिफैलोथोरेक्स बनाते हैं। 8 इनमें खुला परिसंचरण तंत्र (Open circulatory system) पाया जाता है।
  • सिर पर सरल या संयुक्त नेत्र पाये जाते हैं।
  • इनमें उत्सर्जन हरी ग्रंथियों (Green glands) या मैल्पीधियन नलिकाओं (Malpighian tubules) द्वारा होता है।
  • इनमें श्वसन सामान्य शारीरिक सतह या गिल्स (Gills) अथवा ट्रैकिया या बुकलंग (Trachea or Book lung) द्वारा होता है।
  • इनका तंत्रिका एक पृष्ठ मस्तिष्क (Dorsal brain) एवं गैरिलयॉन (Ganglion) युक्त दो तंत्रिका रज्जु (Dorsal nerve cord) का बना होता है।
  • नर एवं मादा प्रजननांग अलग-अलग जन्तुओं में होते हैं।
  • इनमें अन्तः निषेचन होता है।
  • कुछ सदस्य अण्डे देते हैं जबकि कुछ सदस्य बच्चे ।
  • उदाहरण–बिच्छू (Palamaneus), केकड़ा (Cancer), झींगा (Palaemon), सेन्टीपीड (Scolopendra), मकड़ी (Lycosa). तिलचट्टा (Periplanata), मिलीपीड (Julus) आदि।

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