जन्तुओं का वर्गीकरण

प्रारम्भ में जन्तुओं को कशेरुक दण्ड (Vertebral column) की उपस्थिति एवं अनुपस्थिति के आधार पर दो उप-जगतों (Sub-kingdoms) में बाँटा गया था-

(1) अकशेरुकी (Non-chordata), (2) कशेरुकी (Chordata)।

अकशेरुकी (Non-Chordata) – इसमें उन सभी जन्तुओं को रखा गया है जिनमें जीवन की किसी भी अवस्था में नोटोकॉर्ड या
दण्ड नहीं पाया जाता है अर्थात् सभी बिना हड्डी वाले जीव इस समूह में आते हैं।

नॉन-कॉर्डेटा के अन्तर्गत 10 संघ सम्मिलित किये गये हैं-

संघ (Phylum )

  • प्रोटोजोआ
  • पोरीफेरा
  • निडेरिया
  • प्लैटीहेल्मिन्थीज
  • निमैहेल्मिन्थीज
  • एनीलिडा
  • आर्थ्रोपोडा
  • मोलस्का
  • इकाइनोडर्मेटा
  • हेमोकॉर्डेटा।

कशेरुकी (Chordata) इस समूह में ऐसे जन्तुओं को रखा जाता है जिनके जीवन की किसी अवस्था में कशेरुक दण्ड पाया
जाता है अर्थात् सभी हड्डी वाले जन्तुओं को इस समूह में रखा गया है।

उप-जगत कॉर्डेटा को तीन संघों में वर्गीकृत किया गया है-

संघ (Phylum ) –

  • यूरोकॉर्डेटा
  • सिफैलोकॉर्डेटा
  • वर्टीब्रेटा

आधुनिक वर्गीकरण (Modern Classification).

“जन्तुओं का आधुनिक वर्गीकरण उनके प्राकृतिक लक्षणों के आधार पर विभिन्न वैज्ञानिकों द्वारा विभिन्न प्रकार से किया गया। आधुनिक वर्गीकरण निम्न लक्षणों को ध्यान में रखकर किये गये-

(1) बाह्य एवं आन्तरिक संरचना, (2) भ्रूणीय विकास, (3) जीवाश्म एवं (4) विकास का क्रम । स्टोरर एवं यूसिंजर (Storer and Usinger, 1983) का वर्गीकरण सर्वाधिक प्रचलित आधुनिक वर्गीकरण है। इन्होंने जन्तु-जगत को 31 संघों में वर्गीकृत किया है।

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