तृतीय लिंग का बोध कक्षा 8 हिंदी

अभ्यास

पाठ से-

प्रश्न 1. राम के वन गमन के प्रसंग में किन्नरों के बारे में किस कथा का वर्णन मिलता है ?

उत्तर- त्रेतायुग में श्री राम 14 साल के लिए वनवास जा रहे थे। तब अयोध्यावासी सरयू नदी तक उन्हें छोड़ने आये थे नदी के तट पर श्रीराम 14 साल बाद उन्हें फिर से मिलने का आश्वासन देकर वापस पर जाने का निर्देश दिया। कहा जाता है राम की आज्ञा पाकर किन्नरों को छोड़कर सभी नर-नारी वापस लौट आए ये 14 साल बाद जब श्रीराम वापस आए तो उन्होंने देखा कि सरयू के तट पर कई किन्नर उनका इंतजार कर रहे है जब उन्होंने इसका कारण पूछा तो किन्नरों ने बताया कि 14 साल पहले आपने केवल नर और नारी को ही वापस लौटने की आज्ञा दी थी सो वो लौट गए। हम किन्नर है अतः हम यही रुक गए और आपका इंतजार करने लगे राम के दन गमन के समय हमें यह कथा का वर्णन मिलता है।

प्रश्न 2. शिखण्डी कौन थे और क्यों प्रसिद्ध हुए ?

उत्तर-शिखण्डी महाराज दुपद का पुत्र व द्रोपदी का भाई था जो किन्नर था शिखणी धर्म की रक्षा के लिए महाभारत का युद्ध लड़ा था। उसकी प्रतिभा को देखकर श्रीकृष्ण ने उसे महाभारत के युद्ध में सेनापति बनाया था शिखण्डी महारथी थे। इस प्रकार वे प्रसिद्ध हुए।

प्रश्न 3. राम वनवास से वापस लौटते किन्नरों को क्या आशीर्वाद दिए ?

उत्तर- राम वनवास से वापस लौटते हुए किन्नरों को आर्शीवाद दिया था कि कलयुग में उनका राज होगा और उनकी दुआएँ लोगों को लगेगी।

प्रश्न 4. देहार क्या है ?

उत्तर-देहार किन्नरों का आश्रम होता है। इन आश्रमों में इनका पालन-पोषण तथा नृत्य एवं जान में पारंगत किया जाता है।

प्रश्न 5. तृतीय लिंग को किन अन्य नामों से जानते है ?

उत्तर- तृतीय लिंग को हम किन्नर, थर्ड जेंडर आदि नामों से जानते हैं।

प्रश्न 6. तृतीय लिंग के लोगों ने किन-किन क्षेत्रों में प्रसिद्धि प्राप्त की है ?

उत्तर- तृतीय लिंग समुदाय के लोगों ने कार्पोरेट, समाज सेवा, राजनीति, फैशन, संगीत क्षेत्रों में प्रसिद्धि प्राप्त की है।

प्रश्न 7. विकासक्रम मे पीछे कौन-से वर्ग है और क्यों ?

उत्तर-विकासक्रम में पीछे तृतीय लिंग समुदाय वर्ग है क्योंकि वे अपने संपूर्ण। व्यक्तित्व का विकास नहीं कर सकते। में इनके प्रति लोगों की संकुचित सोच भी है।

पाठ से आगे-

प्रश्न 1. पाठ में प्राचीन कालो के नाम आए है जैसे त्रेता, द्वापर, कलयुग, ये काल क्यों प्रसिद्ध है ? मित्रों से चर्चा कर लिखिए।

उत्तर- त्रेता युग में श्रीराम का जन्म हुआ था और वह 14 वर्ष के लिए वनवास गए थे। द्वापर युग में शिखण्डी ने महाभारत के युद्ध धर्म की रक्षा के लिए लड़े। कलयुग में जीवन दोनों युगों से विपरीत है। इस युग में अन्याय अत्याचार, भ्रष्टाचार आदि भरा हुआ है।

प्रश्न 2. महाभारत, रामचरित मानस, पुराण आदि प्रसिद्ध ग्रंथों का उल्लेख पाठ में है। इन कथाओं पर आपस में चर्चा कर संक्षिप्त रूप में लिखिए ?

उत्तर- महाभारत में पांडवों और कौरवों जो कि आपस में भाई ये इनके बीच युद्ध हुआ इस युद्ध में पांडवों की जीत कुरुक्षेत्र में श्री कृष्ण जे अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था। जिसमें कर्म को महत्व दिया गया तथा अल्मा अमर है। इसे कोई मार नहीं सकता है और पाप कर्म करने वाले का विनाश करने के लिए तथा धर्म की स्थापना के लिए कृष्ण प्रकट हुए तथा कौरयों की हार हुई धर्म की जीत हुई।

रामचरित मानस दशरथ के पुत्र श्रीराम की कहानी है। श्रीराम 14 वर्ष के वनवास के समय रावण का वध कर अयोध्या वापस लौटे। अधर्म और धर्म के बीच धर्म की जीत हुई। राम सूर्यवंशी से वे अपने दिए गए वचन का पालन करते थे।

प्रश्न 3. ऐसा दिखता है कि समाज में हर तबके के लोग अपनी आजीविका के परिश्रम करते हैं और इसमें समाज का सहयोग मिलता है। तृतीय लिंग के लोगों को आजीविका के लिए संघर्ष क्यों करना पड़ता विचार कर लिखिए।


उत्तर- तृतीय लिंग के लोगों को समाज सामान्य लोग की तरह नहीं देखता। राजनैतिक अस्थिरता के चलते किन्नर अपने आपको असुरक्षित मानने लगे। कई आक्रमणकारियों का दृष्टिकोण किन्नरों के प्रति अच्छा नहीं था। किन्नर अपनी अस्मिता की रक्षा के लिए ज्यादातर बाहर नहीं निकलते थे, केवल अपने आजीविका के लिए साल में एक दो बार बधाई माँगने निकलते थे। इस कारण इन्हें अपने आजीविका के लिए संघर्ष करना पड़ता है।

प्रश्न 4. कोई मनुष्य तृतीय लिंग का है इसमे उसका क्या दोष है ? हम उससे समाज के अन्य लोगों की तरह सामान्य व्यवहार क्यों नहीं। कर पाते हैं ? अपने विचार व्यक्त कीजिए ?

उत्तर- कोई मनुष्य तृतीय लिंग का है। इसमें उसका कोई दोष नहीं यह तो ईश्वर की देन है। लोगों की निम्न मानसिकता, अज्ञानता के कारण किन्नरों से वे सामान्य व्यवहार नहीं करते।

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