त्रिभुज एवं चतुर्भुज आकृति सम्बंधित तथ्य
त्रिभुज तीन भुजाओं से घिरा क्षेत्र है।
त्रिभुज एक बन्द आकृति है। यदि तीनों भुजाएँ मिलकर बन्द आकृति नहीं बनाती तो त्रिभुज नहीं बन सकता।
शीर्ष, भुजा एवं कोण त्रिभुज के भाग हैं।
त्रिभुज में तीन कोण होते हैं।
त्रिभुज के तीनों अंतःकोणों के मापों का योग दो समकोण (1800) के बराबर होता है।
त्रिभुज की एक भुजा बढ़ाने पर बना हुआ बहिष्कोण, त्रिभुज में स्थित दूरस्थ अंतःकोणों के मापों के योग के बराबर होता है।
भुजाओं की माप के आधार पर त्रिभुजों को समबाहु, समद्विबाहु तथा विषमबाहु त्रिभुज में वर्गीकृत किया जाता है।
कोणों के आधार पर त्रिभुजों को न्यूनकोण, समकोण तथा अधिक कोण त्रिभुज में वर्गाणीकृत किया जाता है।
विषमबाहु त्रिभुज के तीनों भुजाओं की माप तथा तीनों काणों के माप अलग अलग होती है।
समद्विबाहु त्रिभुज में दो भुजाएँ एवं दो कोण बराबर होते हैं।
समबाहु त्रिभुज में तीनों भुजाएँ और तीनों कोण बराबर होते है।
त्रिभुज में दो भुजाओं का योग, तीसरी भुजा से अधिक हो तभी त्रिभुज बन सकता है।
चार भुजाओं से घिरी बंद आकृति चतुर्भुज कहलाती है।
चतुर्भुज के अंगों में शीर्ष, भुजा, विकर्ण व कोण सम्मिलित हैं।
चतुर्भुज के चारों अन्तःकोणों की मापों का योग 360° होता है।
वह चतुर्भुज जिसकी सम्मुख भुजाएँ परस्पर समान्तर एवं बराबर हों, समान्तर चतुर्भुज कहलाता है।
वह समातंर चतुर्भुज जिसका प्रत्येक कोण 90° का हो, आयत कहलाता है।
ऐसा चतुर्भुज जिसकी भुजाएँ अलग-अलग माप की हों तथा सम्मुख भुजाएँ समान्तर न हों विषमबाहु चतुर्भुज कहलाता है।
ऐसा चतुर्भुज जिसकी सम्मुख भुजाओं का एक युग्म समान्तर हो, समलम्ब चतुर्भुज कहलाता है।
वह समान्तर चतुर्भुज जिसकी सभी भुजाएँ बराबर हों समचतुर्भुज कहलाता है।
ऐसा सम चतुर्भुज जिसका प्रत्येक कोण 90° का हो, वर्ग कहलाता है।
पतंगाकार चतुर्भुज में दो आसन्न भुजाओ के युग्म बराबर होते हैं।