सांख्यिकी गणित की एक शाखा है जो डेटा के संग्रह, विश्लेषण, प्रस्तुति और व्याख्या से संबंधित है। नवोदय प्रवेश परीक्षा में सांख्यिकी के आधारभूत विषयों से जुड़े सरल और तर्कसंगत प्रश्न पूछे जाते हैं।
सांख्यिकी के मुख्य विषय
औसत (Average/Mean):
औसत = (सभी मानों का योग) ÷ (कुल मानों की संख्या)।
मध्यिका (Median):
यह वह मान है जो डेटा को दो बराबर भागों में बाँटता है।
बहुलक (Mode):
यह वह मान है जो डेटा में सबसे अधिक बार आता है।
आवृत्ति (Frequency):
किसी विशेष मान के आने की संख्या।
अन्तराल (Range):
अधिकतम और न्यूनतम मान का अंतर।
सांख्यिकी पर संभावित प्रश्न
1. औसत से संबंधित प्रश्न
Q1: पाँच संख्याओं का औसत 24 है। यदि छठी संख्या 30 जोड़ दी जाए, तो नया औसत क्या होगा? उत्तर:
औसत = (कुल मानों का योग) ÷ (कुल संख्याएँ)
कुल मानों का योग = 24×5=120
छठी संख्या जोड़ने पर = 120+30=150
नया औसत = 150÷6=25
2. मध्यिका से संबंधित प्रश्न
Q2: डेटा: 7, 9, 15, 10, 8। इस डेटा की मध्यिका क्या होगी? उत्तर:
पहले डेटा को क्रम में लगाएँ: 7, 8, 9, 10, 15
मध्यिका = बीच का मान = 9
3. बहुलक से संबंधित प्रश्न
Q3: डेटा: 4, 6, 8, 6, 9, 10, 6, 4। इस डेटा का मोड ज्ञात करें। उत्तर:
डेटा में सबसे अधिक बार आने वाला मान: 6
4. आवृत्ति तालिका (Frequency Table) पर आधारित प्रश्न
Q4: किसी कक्षा में 10 छात्रों के अंक इस प्रकार हैं: 5, 7, 5, 10, 8, 5, 9, 10, 8, 9 आवृत्ति तालिका बनाएँ।
अंक
आवृत्ति (Frequency)
5
3
7
1
8
2
9
2
10
2
5. अंतराल (Range) पर आधारित प्रश्न
Q5: किसी डेटा सेट के अधिकतम मान 50 और न्यूनतम मान 20 हैं। अंतराल ज्ञात करें। उत्तर:
अंतराल = अधिकतम मान – न्यूनतम मान
अंतराल = 50−20=30
महत्वपूर्ण टिप्स
औसत, मध्यिका और मोड के बीच के अंतर को समझें।
आवृत्ति तालिका बनाने का अभ्यास करें।
डेटा का क्रम में व्यवस्थित करना न भूलें।
सरल तर्क के माध्यम से उत्तर निकालने की कोशिश करें।
नवोदय प्रवेश परीक्षा में सांख्यिकी से जुड़े सवाल प्रायः सरल होते हैं, लेकिन डेटा का सही तरीके से विश्लेषण करना अनिवार्य है।
कोई भी निर्णय लेते समय आपको कुछ न कुछ जानकारियों की आवश्यकता होती है। इन आवश्यक संख्यात्मक जानकारियों को ही आँकड़े कहते हैं।
प्रत्येक मान के लिए एक खड़ी लकीर खींचने की प्रक्रिया को टैली (Tally) लगाना कहते हैं तथा इस विधि को टैली विधि (Tally method) द्वारा आंकड़ों का संकलन (Collection of Data) कहते हैं एवं इससे प्राप्त सारणी को बारम्बारता सारणी (Frequency Table) कहते हैं। इससे गिनने में सरलता होती है।
आंकड़ों का चित्र : आरेख
चित्र संकेतों द्वारा सांख्यिकीय आंकड़ों का ग्राफीय निरूपण आंकड़ों का चित्र आरेख कहलाता है।
दण्ड आरेख बराबर दूरी पर लिए गए एक समान चौड़ाई वाले क्षैतिज या उर्ध्वाधर दण्डों (आयतों) द्वारा संख्यात्मक आंकड़ों का चित्रीय निरूपण होता है।
दण्ड आरेख को देखकर बहुत से निष्कर्ष आसानी से निकाले जा सकते हैं।
उर्ध्वाधर दण्ड आारेख (Vertical Bar Graph)
आंकड़ों को प्रदर्शित करने में दण्ड को उर्ध्वाधर बनाया गया है इसे उर्ध्वाधर दण्ड आारेख (Vertical Bar Graph) कहते हैं।
क्षैतिज दण्ड आरेख (Horizontal Bar Graph)
दण्डों को क्षैतिज रूप में प्रदर्शित करें तो उसे क्षैतिज दण्ड आरेख (Horizontal Bar Graph) कहते हैं।
(b). (a) में दी गई परिस्थिति में A का क्रय मूल्य = D का क्रय मूल्य × 100/(100 + x) × 100/(100 + y) + 100/(100 + z)
उदाहरण 9. यदि उमेश किसी वस्तु को 20% लाभ पर श्याम को, श्याम उसे 10% लाभ पर उमेश को बेचता हैं। यदि उमेश का क्रय मूल्य 660 रु. हैं। तो पंकज का क्रय मूल्य क्या होगा?
उदाहरण 10. मोहन किसी वस्तु को 40% लाभ पर ओमप्रकाश को बेचता हैं और ओमप्रकाश उस वस्तु को 20% लाभ पर मोहन को बेचता हैं। यदि मोहन का क्रय मूल्य 1000 रु. हैं। तो दुर्गेश का क्रय मूल्य क्या होगा?
किसी वस्तु का क्रय मूल्य 4000 हैं, और उस वस्तु का विक्रय मूल्य 4200 रुपए हैं वस्तु का लाभ बताइए? A. 5% लाभ B. 7% लाभ C. 5% हानि D. 7% हानि
हल:- प्रश्नानुसार, लाभ = विक्रय मूल्य – क्रय मूल्य लाभ = 4200 – 4000 = 200 लाभ = लाभ / क्रय मूल्य × 100 200 / 4000 × 100 5% लाभ Ans. 5% लाभ
Q.6
एक पुस्तक का क्रय मूल्य 500 रुपए हैं, और विक्रय मूल्य 650 रुपये हैं, तो बेचने पर कितने रुपये और कितने प्रतिशत का लाभ होगा? A. 20% B. 30% C. 10% D. 40%
हल:- प्रश्नानुसार, लाभ = विक्रय मूल्य – क्रय मूल्य लाभ = 650 – 500 लाभ = 150 लाभ = लाभ / क्रय मूल्य × 100 लाभ = 150/500 × 100 = 30% Ans. 30%
Q.7
किसी वस्तु को 250 रुपए में बेचने से 25 प्रतिशत लाभ होता हैं उसे कितने रुपए में बेचे ताकि 20 प्रतिशत की हानि हो? A. 160 रुपए B. 150 रुपए C. 170 रुपए D. 180 रुपए
एक व्यापारी 7.5 पैसा/किलोग्राम चीनी बेच कर 25 प्रतिशत हानि उठता हैं 10 प्रतिशत लाभ कमाने हेतु चीनी कितने रुपए में बेची जानी चाहिए? A. 11 रुपए/किलोग्राम B. 15 रुपए/किलोग्राम C. 17 रुपए/किलोग्राम D. 19 रुपए/किलोग्राम
एक बेईमान व्यापारी अपने सामानों को 4% हानि पर बेचने का दावा करता हैं। लेकिन 1 किलोग्राम के स्थान पर 840 ग्राम बाट का प्रयोग करता हैं। बताइए उसे कितना प्रतिशत लाभ होगा? A. 14 ²⁄₇ % B. 15 ⁴⁄₅ % C. 12 ⁶⁄₇ % D. 18 ⁹⁄₁₁ %
एक आदमी ने एक घोड़ा 12000 रु में बेचा जिससे उसे घोड़े पर 20% लाभ हुआ तथा उसने एक गाय 12000 रु में बेची जिससे गाय पर 20% की हानि हुई तो पूरे लेने देन में उस आदमी को क्या मिला? A. 1000 रु. हानि B. 1000 रु. लाभ C. 2000 रु. लाभ D. ना लाभ हुआ न हानि।
एक दुकानदार 26 किलोग्राम चाय जिसका भाव 20 रु. प्रति किलोग्राम हैं। के साथ 30 किलोग्राम चाय जिसका भाव 36 रु. प्रति किलोग्राम हैं मिलाता हैं। वह मिश्रण को 30 रु. प्रति किलोग्राम के भाव से बेचता हैं उसका लाभ प्रतिशत हैं? A. 5% B. 6% C. 7% D. 8%
हल:- प्रश्नानुसार, दोनों प्रकार के चाय का कुल मूल्य = (26 × 20) + (30 × 36) = 1600 रु. तथा मिश्रण का विक्रय मूल्य = 30 × (26 + 30) = 1680 रु. लाभ प्रतिशत = (1680 – 1600)/1600 × 100 = 5% Ans. 5%
Q.12
किसी खिलौने को 450 रु. में बेचने से हुआ लाभ 320 रु. में बेचने पर हुई हानि से 30 रु. अधिक हैं। खिलौने का क्रय मूल्य क्या हैं? A. 350 रु. B. 370 रु. C. 390 रु. D. 410 रु.
माना कि क्रय मूल्य = x रु. प्रश्नानुसार, (450 – x) – (x – 320) = 30 770 – 2x = 30 x = 370 रु. Ans. 370 रु.
Q.13
श्यामू ने एक पुराना स्कूटर 4700 रुपए में खरीदा और 800 रुपए उसकी मरम्मत में खर्च किया यदि वह स्कूटर को 5,800 रुपए में बेचता हैं तो श्यामू को कितने प्रतिशत लाभ हुआ? A. 60/11 लाभ B. 68/13 लाभ C. 60/11 हानि D. 63/7 हानि
हल:- प्रश्नानुसार, क्रय मूल्य = 4700 विक्रय मूल्य = 5800 = 4700 + 800 = 5500 – 5800 = 300 रुपए लाभ लाभ प्रतिशत = 300/5500 × 100 = 60/11 लाभ Ans. 60/11 लाभ
Q.14
मैंने एक चित्र 225 रुपए में खरीदा उसकी सजावट में 15 रुपए खर्च किए यदि मैंने उसे 300 रुपए में बेचा मुझे कितने प्रतिशत का लाभ हुआ? A. 10% B. 20% C. 25% D. 40%
हल:- प्रश्नानुसार, क्रय मूल्य = 225 सजावट में खर्च किए रुपए = 225 + 15 = 240 विक्रय मूल्य = 300 – 240 = 60 रुपए लाभ लाभ प्रतिशत = 60/300 × 100 = 20 Ans. 20% लाभ
Q.15
20 वस्तुओं का क्रय मूल्य 30 वस्तुओं के विक्रय मूल्य के समान हैं, तो लाभ/हानि% क्या होगा? A.50/3 % B. 200/3 % C. 100/3 % D. 221/13 %
हल:- प्रश्नानुसार, 30 – 20 = 10 P/L% = 10/30 × 100 = 100/3 % loss Ans. 100/3 %
Q.16
20 वस्तुओं का विक्रय मूल्य, 30 वस्तुओं के क्रय मूल्य के समान हैं, तो लाभ/हानि% क्या होगा? A. 20% लाभ B. 25% लाभ C. 35% लाभ D. 50% लाभ
हल:- प्रश्नानुसार, 30 – 20 = 10 P/L% = 10/20 × 100 = 50 % Ans. 50% लाभ
Q.17
जब 12 वस्तुओं का क्रय मूल्य 16 वस्तुओं के विक्रय मूल्य के बराबर हो तो कितने प्रतिशत हानि होगी? A. 10% हानि B. 15% हानि C. 25% हानि D. 35% हानि
जब 25 वस्तुओं का क्रय मूल्य 20 वस्तुओं के विक्रय मूल्य के बराबर हो तो कितने प्रतिशत लाभ होगा? A. 15% लाभ B. 25% लाभ C. 35% लाभ D. 55% लाभ
हल:- प्रश्नानुसार, 25 – 20 = 5 P/L% = 5/20 × 100 = 25% Ans. 25% लाभ
Q.19
एक दुकानदार जब किसी वस्तु को खरीदता हैं, तब 12 प्रतिशत बेईमानी करता हैं, जब वस्तुओं को बेचता हैं, तब भी 12 प्रतिशत की बेईमानी करता हैं, तो बताइए उसने कुल कितने प्रतिशत लाभ किया? A. 25.44 B. 22.55 C. 12.60 D. 28.90
एक दुकानदार जब वस्तु को खरीदता हैं, तब 5 प्रतिशत का लाभ कमाता हैं, और जब वस्तु को बेचता हैं, तो 20 प्रतिशत लाभ कमाता हैं? A. 20% B. 30% C. 26% D. 40%
हल:- प्रश्नानुसार, 105 × 105/100 = 126 = 126 – 100 लाभ = 26% Ans. 26%
Q.21
एक व्यक्ति जब वस्तु को खरीदता हैं, तब वह 15 प्रतिशत बेहमानी करता हैं, जब वस्तु को बेचता हैं, तब 20 प्रतिशत बेहमनी करता हैं? A. 20% B. 30% C. 38% D. 48%
हल:- प्रश्नानुसार, 115 × 120/100 = 23 × 6 = 138 = 138 – 100 = 38% Ans. 38% लाभ
Q.22
यदि दो गाय में प्रत्येक को 4,675 रुपए में बेचा गया तथा एक पर 15 प्रतिशत लाभ और दूसरे 15 पर प्रतिशत हानि हुई, तो बताइए कि कुल कितने प्रतिशत हानि हुई? A. 20.09% हानि B. 2.25% हानि C. 22.5% हानि D. 125.5% हानि
Note:- यदि इस प्रकार के प्रश्न में X% का लाभ और X% का ही हानि हो तब (x²/100) करेंगे, और ऐसी अवस्था में सदैव हानि ही होती हैं।
Q.23
यदि दो पंखों में से प्रत्येक का विक्रय मूल्य समान हैं, तथा एक को 10 प्रतिशत हानि और 5 प्रतिशत लाभ पर बेचा जाए तो कुल कितने प्रतिशत लाभ या हानि होगी? A. 3.5% B. 5.5% C. 4.8% D. 6.2%
एक दुकानदार दो T. V. सेट को एक समान मूल्य पर बेचता हैं, एक पर 20 प्रतिशत लाभ और दूसरे पर 20 प्रतिशत हानि होती हैं? A. 2% हानि B. 3% हानि C. 4% हानि D. 5% हानि
एक व्यक्ति दो वस्तुओं में से प्रत्येक को 99 रुपए में बेचता हैं एक पर उसे 10 की हानि और दूसरी पर उसे 10 प्रतिशत लाभ हुआ ? A. 2% हानि B. 1% हानि C. 3% हानि D. 5% हानि
एक व्यक्ति दो वस्तुएं एक सामान मूल्य पर बेचता हैं पहली वस्तु पर उसे 20 प्रतिशत लाभ और दूसरी वस्तु पर 25 प्रतिशत लाभ होता हैं, यदि पहली वस्तु को 10000 रुपए में खरीदा गया था तो बताइए दूसरी वस्तु को कितने रुपए में खरीदा? A. 2400 B. 4800 C. 9600 D. 6400
मोहन अपनी दो गाय समान मूल्य पर बेचता हैं एक गाय पर उसे 10 प्रतिशत की हानि और दूसरी पर उसे 5 प्रतिशत की हानि होती हैं, यदि पहली गाय को 9,500 रुपए में खरीद गया तो दूसरी गाय को कितने रुपए में खरीदा? A. 12000 B. 6000 C. 9000 D. 18000
हल:- प्रश्नानुसार, पहली वस्तु का क्रय मूल्य / दूसरी वस्तु का क्रय मूल्य = दूसरी वस्तु के विक्रय मूल्य/पहली वस्तु के विक्रय मूल्य 9500/x = 95/90 95x = 8550 x = 8550/95 x = 9000 Ans. 9000
Q.28
राजेश अपनी दो कार एक समान मूल्य पर बेचता हैं एक पर उसे 10 प्रतिशत लाभ और 20 प्रतिशत हानि हैं, यदि दूसरी कार 1,21000 में खरीद तो बताइए दूसरी को कितने रुपए में खरीद? A. 44,000 B. 66,000 C. 88,000 D. 99,000
हल:- प्रश्नानुसार, पहली वस्तु का क्रय मूल्य / दूसरी वस्तु का क्रय मूल्य = दूसरी वस्तु के विक्रय मूल्य/पहली वस्तु के विक्रय मूल्य 1,21000/x = 110/80 110 x = 1,21000 × 80 x = 1,21000 × 80/110 x = 1100 × 80 x = 88,000 Ans. 88,000
Q.29
ब्रिजेश ने दो साइकिल एक समान मूल्य पर बेची पहली उसे 20 हानि और 25 लाभ हुआ यदि पहली साइकिल 6250 में खरीदी तो दूसरी साइकिल कितने में खरीदी? A. 4,000 B. 6,000 C. 8,000 D. 10,000
हल:- प्रश्नानुसार, पहली वस्तु का क्रय मूल्य / दूसरी वस्तु का क्रय मूल्य = दूसरी वस्तु के विक्रय मूल्य/पहली वस्तु के विक्रय मूल्य 6250/x = 125/80 125 x = 6250 × 80 x = 6250 × 80/125 x = 80 × 40 x = 4,000 Ans. 4,000
Q.30
राम ने एक वस्तु 1000 रुपए में खरीदी और उस वस्तु को 20 प्रतिशत लाभ के साथ श्याम को बेचा श्याम ने 10 प्रतिशत हानि के साथ मोहन को बेचा मोहन ने इसे कितने में खरीद? A. 1260 B. 1580 C. 1690 D. 1080
मोहन ने एक वस्तु 1080 रुपए में खरीदी और उस वस्तु को 20 प्रतिशत लाभ के साथ श्याम को बेचा श्याम ने 10 प्रतिशत हानि के साथ मोहन को बेचा मोहन ने इसे कितने में खरीदा? A. 100 B. 1000 C. 2000 D. 2003
रीता अपना मकान 400000 रुपए में खरीदकर 25 प्रतिशत लाभ के साथ रीता को बेचता हैं सीता ने 10 प्रतिशत लाभ पर गीता को यदि गीता 5 प्रतिशत लाभ लेकर संगीता को बेचती हैं तो बताइए संगीता को मकान के कितने पैसे मिले? A. 5,77,500 B. 3,77,500 C. 2,67,900 D. 4,98,800
A ने एक कंप्यूटर 40,000 में खरीदा और B को 4 प्रतिशत हानि पर बेचा और C को 5 प्रतिशत लाभ के साथ बेचा, लाभ प्रतिशत बताइए? A. 55, 500 B. 40,320 C. 25, 900 D. 58, 800
एक व्यक्ति किसी वस्तु को 10 प्रतिशत लाभ पर बेचता हैं, यदि वह 15 प्रतिशत लाभ पर बेचे तो उसे 200 रूपए अधिक प्राप्त होते हैं, उस वस्तु का क्रय मूल्य क्या हैं? A. 1000 B. 2000 C. 3000 D. 4000
महेश ने एक घड़ी 10 प्रतिशत हानि पर बेची यदि उसे 5 प्रतिशत हानि पर बेचता तो उसे 60 रुपए अधिक प्राप्त होते महेश ने घड़ी कितने में खरीदी? A. 900 B. 1800 C. 1200 D. 700
दो वस्तुओं का सम्मिलित क्रय मूल्य 1500 रु. हैं तथा विक्रय मूल्य समान हैं। यदि एक को 20% हानि पर तथा दूसरे को 30% हानि पर बेचा गया। 30% हानि पर बेचे जाने वाले वस्तु का क्रय मूल्य ज्ञात कीजिए? A. 500 रु. B. 800 रु. C. 1300 रु. D. 1500 रु.
हल:- प्रश्नानुसार, x = -20, y = -30 क्रय मूल्य = 100 + x/(100 + x + y) × z = 100 – 20/(200 – 30 – 20) × 1500 = 80/150 × 1500 = 800 Ans. 800
Q37.
यदि राम 10 रु. में 15 के भाव से कुछ आम खरीद कर 15 रु. में 100 के भाव से बेच देता हैं। प्रतिशत लाभ अथवा हानि ज्ञात करें? A. 110% B. 150% C. 225% D. 250%
प्रतिशत लाभ = (y² – x²)/x² × 100 = (15)² – (10)²/(10)² × 100 = 225 – 100/100 × 100 = 125/100 × 100 = 125% Ans. 125%
Q.38
4 रुपए में 5 बटन खरीद कर 5 रुपए में 4 बटन बेचे जाते है, बताइए कितने प्रतिशत लाभ या हानि हुई? A. 11.60% B. 45.90% C. 56.25% D. 87.56%
प्रतिशत लाभ = (y² – x²)/x² × 100 = (5)² – (4)²/(4)² × 100 = 25 – 16/16 × 100 = 9/16 × 100 = 56.25% Ans. 56.25 प्रतिशत लाभ
Q.39
रीता ने 10 रुपए में 15 खिलौने खरीद कर 15 रुपए में 10 खिलौने बेंच दिए बताइए उसे कितने प्रतिशत लाभ हुआ? A. 120 प्रतिशत लाभ B. 125 प्रतिशत लाभ C. 135 प्रतिशत लाभ D. 140 प्रतिशत लाभ
प्रतिशत लाभ = (y² – x²)/x² × 100 = (15)² – (10)²/(10)² × 100 = 225 – 100/100 × 100 = 125/100 × 100 = 125% Ans. 125 प्रतिशत लाभ
Q.40
1 रुपये में 12 टाफियां बेचने से 1 व्यक्ति को 20 प्रतिशत की हानि होती हैं, तो 20 प्रतिशत का लाभ प्राप्त करने के लिए 1 रुपए में कितनी टाफियां बेची जाएगी? A. 2 टाफियां B. 5 टाफियां C. 8 टाफियां D. 10 टाफियां
किसी वस्तु के विक्रय मूल्य और क्रय मूल्य का अनुपात 5:4 हैं, बताइए वस्तु को बेचने पर कितने प्रतिशत लाभ हुआ? A. 25% लाभ B. 27% लाभ C. 25% हानि D. 27% हानि
हल:- प्रश्नानुसार, विक्रय मूल्य = 5 क्रय मूल्य = 4 लाभ = 1/4 × 100 लाभ = 25% Ans. 25% लाभ
Q.42
120 वस्तु को बेचने पर उसके 30 वस्तुओं के विक्रय मूल्य के बराबर लाभ प्राप्त होता हैं बताइए कितने प्रतिशत लाभ प्राप्त होता हैं? A. 20% लाभ B. 27% लाभ C. 20% हानि D. 27% हानि
हल:- प्रश्नानुसार, L% = y/x – y × 100 हानि% = 30/150 × 100 हानि = 20% Ans. 20% हानि
Q.43
क्रय मूल्य पर 20% लाभ विक्रय मूल्य पर कितने प्रतिशत लाभ के समान होगा? A. 25% B. 16 2/3% C. 40% D. 80%
हल:- प्रश्नानुसार, विक्रय मूल्य पर प्रतिशत लाभ = 20/120 × 100 = 16 2/3%
Q.44
विक्रय मूल्य पर 30% का लाभ क्रय मूल्य पर कितने प्रतिशत लाभ के समान होगा? A. 42 6/7% B. 47 2/7% C. 30 % D. 16 2/3 %
हल:- प्रश्नानुसार, विक्रय मूल्य पर प्रतिशत लाभ = 30/70 × 100 300/7 = 42 6/7%
Q.45
8 किताबें प्रत्येक 200 से 250 रु. के मूल्य पर खरीदे जाते हैं तथा 300 से 425 रु. तक बेचे जाते हैं। तो अधिक से अधिक प्राप्त लाभ होगा? A. 250 रु. B. 400 रु. C. 1600 रु. D. 1800 रु.
अधिकतम लाभ = 425 – 200 = 225 रु. 8 किताबों को बेचने पर अधिकतम लाभ = 225 × 8 = 1800 रु.
Q.46
एक वस्तु का क्रय मूल्य विक्रय मूल्य का 40% हैं। विक्रय मूल्य क्रय मूल्य का कितना प्रतिशत हैं? A. 40% B. 60% C. 240% D. 250%
माना कि विक्रय मूल्य = 100 रु. क्रय मूल्य = 40 रु. वि.मू. क्रय मूल्य का प्रतिशत = 100/40 × 100 = 250% Ans. 250%
Q.47
एक आदमी ने कुछ संतरे 2.85 रुपए में मोल खरीदे। उनमें से कुछ संतरे 1.52 रु. में बिना लाभ के बेच दिए। अब उस आदमी के पास कम से कम कितने संतरे हैं? A. 2 B. 3 C. 5 D. 7
2.85 रु. और 1.52 रु. का महत्तम समापवर्तक = 0.19 एक संतरे का मूल्य = 0.19 रु. शेष संतरे की संख्या = (2.85 – 1.52)/0.19 = 7 Ans. 7
Q.48
यदि किसी वस्तु का क्रय मूल्य, विक्रय मूल्य का 5/7 भाग हैं। तो प्रतिशत लाभ या हानि होगी? A. 40% लाभ B. 30% हानि C. 25% लाभ D. 20% हानि
जब सामान्यतः कोई व्यापारी अपने ग्राहक को कोई समान बेचता हैं, तो अंकित मूल्य पर कुछ छूट देता हैं, इसी छूट को बट्टा कहते हैं बट्टे का सामान्य अर्थ छूट से हैं।
Note : बट्टा सदैव अंकित मूल्य पर दिया जाता हैं।
विक्रय मूल्य = अंकित मूल्य – बट्टा
यदि किसी वस्तु को बेचने पर r% का बट्टा दिया जा रहा हो, तो
वस्तु का विक्रय मूल्य = अंकित मूल्य × (100-r)/100
बट्टा के महत्वपूर्ण तथ्य :
यदि किसी वस्तु के अंकित मूल्य पर क्रमशः r% व R% का बट्टा दिया जा रहा हो, तो
वस्तु का विक्रय मूल्य = अंकित मूल्य × (100 – r) / 100 × (100 – R) / 100)
यदि दो बट्टा श्रेणी r% तथा R% हो, तो
इनके समतुल्य बट्टा (r + R – rR/100)% होगा।
यदि किसी वस्तु पर r% छूट देकर भी R% का लाभ प्राप्त करना हो, तो
वस्तु का अंकित मूल्य = क्रय मूल्य × [(100 + R) / (100 – r)
यदि किसी वस्तु पर r% छूट देने के उपरान्त भी R% का लाभ प्राप्त करना हो, तो
वस्तु का अंकित मूल्य [(r + R / 100 – r) × 100] बढ़ाकर अंकित किया जाएगा।
औसत मान = सभी राशियों का योगफल ÷ राशियों की कुल संख्या सभी राशियों का योगफल = औसत मान × राशियों की कुल संख्या राशियों की कुल संख्या = सभी राशियों का योगफल ÷ राशियों की कुल संख्या
औसत के सूत्र [Formula for Average]
दो या दो से अधिक सजातीय पदों का ‘औसत’ वह संख्या है, जो दिए गए पदों के योगफल को उन पदों की संख्या से भाग देने पर प्राप्त होती है। इसे ‘मध्यमान’ भी कहा जाता है।
प्रथम n प्राकृतिक संख्याओं का औसत = (n+1)/2 n तक की प्राकृत संख्याओं का औसत = (n+1)/2 लगातार n तक की पूर्ण संख्याओं का औसत = n/2 n तक की सम संख्याओं का औसत = (n+2)/2 लगातार n तक की प्राकृत विषम संख्याओं का औसत = (n+1)/2 n तक विषम संख्याओं का औसत = n लगातार n तक सम संख्याओं का औसत = n+1 प्रथम n प्राकृत संख्याओं के वर्गों का औसत = (n+1) (2n+1)/6 प्रथम n प्राकृतिक संख्याओं के घनों का औसत = n(n+1)² / 4 औसत = (पहली संख्या+अंतिम संख्या) / 2 नए व्यक्ति की आयु = (नया औसत × नयी संख्या) – (पुराना औसत × पुरानी संख्या) G₁ तथा G₂ राशियों का औसत क्रमशः A₁ तथा A₂ हो तो (G₁+G₂) राशियों का औसत = (G₁×A₁) + (G₂×A₂) / (G₁ + G₂) होगा। G₁ तथा G₂ राशियों का औसत क्रमशः A₁ तथा A₂ हो, तो (G₁ – G₂) राशियों का औसत = (G₁×A₁) – (G₂×A₂) / (G₁ – G₂) होगा। औसत के गुण : यदि सभी संख्याओं में ‘a’ की वृद्धि होती है तो उनके औसत में भी ‘a’ की वृद्धि होगी। यदि सभी संख्याओं में ‘a’ की कमी होती है तो उनके औसत में भी ‘a’ की कमी होगी। यदि सभी संख्याओं में ‘a’ की गुणा की जाती है तो उनके औसत में भी ‘a’ की गुणा होगी। यदि सभी संख्याओं को ‘a’ से भाग दिया जाता है तो उनके औसत में भी ‘a’ से भाग होगा।
औसत पर आधारित महत्वपूर्ण बिंदु
यदि सभी संख्याओं में x से गुणा किया जाता हैं, तो उनके औसत में x गुणा की कमी होती हैं। यदि किसी संख्या में x से भाग किया जाता हैं। तो उनके औसत में भी x से भाग होता हैं। अगर सभी संख्याओं में x की वृद्धि होती है, तो उनके औसत में भी x की वृद्धि होती हैं। यदि सभी संख्याओं में x की कमी होती है, तो उनके औसत में भी x की कमी होती हैं। दो क्रमागत पदों या संख्याओं का अन्तर समान हो, तो औसत = पहली संख्या + अन्तिम संख्या / 2
4, 3, 2 तथा 7 का औसत क्या हैं? A. 2 B. 3 C. 4 D. 5
हल:- प्रश्नानुसार, औसत = राशियों का योग / राशियों की संख्या = (4 + 3 + 2 + 7)/4 = 16/4 = 4 Ans. 4
Q.2
6, 5, 4, 3, 8, 7 तथा 9 का औसत बताइए? A. 2 B. 4 C. 6 D. 8
हल:- प्रश्नानुसार, औसत = राशियों का योग / राशियों की संख्या = (6 + 5 + 4 + 3 + 8 + 7 + 9)/7 = 42/7 = 6 Ans. 6
Q.3
2.5, 3.7, 4.8 तथा 5.2 का औसत बताइए? A. 2.05 B. 4.05 C. 40.5 D. 4.80
हल:- प्रश्नानुसार, औसत = राशियों का योग / राशियों की संख्या = (2.5 + 3.7 + 4.8 + 5.2)/4 = 16.2/4 = 4.05 Ans. 4.05
Q.4
1.5, 2.7, 3.8, 4.3, 5, 12.7 का औसत बताइए? A. 2 B. 3 C. 5 D. 7
हल:- प्रश्नानुसार, औसत = राशियों का योग / राशियों की संख्या = (1.5 + 2.7 + 3.8 + 4.3 + 5 + 12.7)/6 = 30/6 = 5 Ans. 5
Q.5
यदि a, b, c, d, e पाँच क्रमागत प्राकृत संख्याएँ हों, तो उनका औसत क्या होगा? A. 5(a + 4) B. (abcde)/5 C. 5(a + b + c + d + e) D. a + 4
हल:- प्रश्नानुसार, b = a + 2, c = a + 4, d = a + 6, तथा e = a + 8 दी गई संख्याओं का औसत = राशियों का योग / राशियों की संख्या = (a + a + 2 + a + 4 + a + 6 + a + 8)/5 = 5a + 20 = 5(a + 4) Ans. 5(a + 4)
Q.6
1 से 11 तक की प्राकृत संख्याओं का औसत क्या होगा? A. 4 B. 5 C. 6 D. 7
हल:- प्रश्नानुसार, n = 11 लगातार n तक की प्राकृत संख्याओं का औसत = (n + 1)/2 औसत = (11 + 1)/2 = 12/2 = 6 Ans. 6
Q.7
1 से 25 तक की प्राकृत संख्याओं का औसत क्या होगा? A. 10 B. 11 C. 12 D. 13
हल:- प्रश्नानुसार, n = 25 लगातार n तक की प्राकृत संख्याओं का औसत = (n + 1)/2 औसत = (25 + 1)/2 = 26/2 = 13 Ans. 13
Q.8
1 से 30 तक कि पूर्ण संख्याओं का औसत क्या होगा? A. 10 B. 12 C. 14 D. 15
हल:- प्रश्नानुसार, n = 30 लगातार लगातार n तक की पूर्ण संख्याओं का औसत = n/2 औसत = 30/2 = 15 Ans. 15
Q.9
2, 4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18 तथा 20 का औसत क्या होगा? A. 11 B. 13 C. 15 D. 17
हल:- प्रश्नानुसार, n = 20 लगातार n तक की सम संख्याओं का औसत = (n + 2)/2 औसत = (20 + 2)/2 = 22/2 = 11 Ans. 11
Q.10
1, 3, 5, 7, 9, 11, 13, तथा 15 का औसत क्या होगा? A. 8 B. 10 C. 12 D. 15
हल: प्रश्नानुसार, n = 15 लगातार n तक की प्राकृत विषम संख्याओं का औसत = (n + 1)/2 = ( 15 + 1 ) / 2 = 16 / 2 = 8 Ans. 8
Q.11
लगातार 11 विषम संख्याओं का औसत क्या होगा? A. 9 B. 11 C. 13 D. 15
हल:- प्रश्नानुसार, n = 11 लगातार n तक विषम संख्याओं का औसत = n Ans. 11
Q.12
लगातार 10 सम संख्याओं का औसत क्या होगा? A. 9 B. 11 C. 13 D. 15
हल:- प्रश्नानुसार, n = 10 लगातार n तक सम संख्याओं का औसत = n + 1 औसत = 10 + 1 औसत = 11 Ans. 11
Q.13
2, 5, 8, 11, 14, 17 और 20 औसत क्या होगा? A. 9 B. 11 C. 13 D. 15
हल:- प्रश्नानुसार, औसत = (पहली संख्या + अंतिम संख्या) / 2 औसत = (2+20)/2 औसत = 22/2 औसत = 11 Ans. 11
Q.14
8 अभाज्य संख्याओं का औसत क्या हैं? A. 4.890 B. 8.984 C. 9.625 D. 10.789
हल:- प्रश्नानुसार, प्रथम 8 अभाज्य संख्याएँ 2, 3, 5, 7, 11, 13, 17, 19 हैं। औसत = (2 + 3 + 5 + 7 + 11 + 13 + 17 + 19)/8 = 77/8 = 9.625 Ans. 9.625
Q.15
7 क्रमिक संख्याओं का औसत 20 हैं, इनमें सबसे बड़ी संख्या होगी? A. 20 B. 23 C. 26 D. 29
हल:- प्रश्नानुसार, 7 क्रमिक संख्याओं में चौथी संख्या 20 होगी। अतः सबसे बड़ी (अर्थात सातवीं) संख्या = 20 + 3 Ans. 23
Q.16
एक साइकिल वाला 3 घण्टे में 30 किलोमीटर दूरी तय करता हैं तो उसकी औसत चाल होगी? A. 10 B. 20 C. 15 D. 25
हल:- औसत चाल = 30/3 औसत चाल = 10 Ans. 10 किलोमीटर/घण्टा
Q.17
प्रथम 25 प्राकृत संख्याओं के वर्गों का औसत बताइए? A. 5,525 B. 7,895 C. 9,453 D. 6,965
हल:- प्रश्नानुसार, n = 25 प्रथम n प्राकृत संख्याओं के वर्गों का औसत = (n + 1) (2n + 1)/6 = 25 (25 + 1) (2 × 25 + 1)/6 = 25 × 26 × (50 + 1)/6 = (25 × 26 × 51)/6 = 25 × 13 × 17 = 5,525 Ans. 5,525
Q.18
प्रथम 50 प्राकृत संख्याओं के वर्गों का औसत बताइए? A. 42,952 B. 42,925 C. 42,295 D. 42,592
हल:- प्रश्नानुसार, n = 50 प्रथम n प्राकृत संख्याओं के वर्गों का औसत = (n + 1) (2n + 1)/6 = 50 (50 + 1) (2 × 50 × 1)/6 = 50 × 51 × (100 + 1) / 6 = (50 × 51 × 101)/6 = 25 × 17 ×101 Ans. 42,925
Q.19
प्रथम 20 प्राकृत संख्याओं के घनों का औसत ज्ञात कीजिए? A. 1,254 B. 2,205 C. 2,678 D. 3,245
हल:- प्रश्नानुसार, n = 20 प्रथम n प्राकृतिक संख्याओं के घनों का औसत = n(n + 1)²/4 = n(n + 1)²/4 = 20(20 + 1)²/ 4 = 20(21)²/4 = 20 × 21 × 21/4 = 5 × 21 × 21 = 2,205 Ans. 2,205
Q.20
प्रथम 70 प्राकृत संख्याओं के घनों का औसत ज्ञात कीजिए? A. 34,856.8 B. 76,654.9 C. 32,512.5 D. 88,217.5
हल:- प्रश्नानुसार, n = 70 प्रथम n प्राकृतिक संख्याओं के घनों का औसत = n(n + 1)²/4 = 70(70 + 1)²/4 = 70(71)²]/4 = (70 × 71 × 71)/4 = (35 × 71 × 71)/2 = 1,76,435/2 Ans. 88,217.5
Q.21
6 संख्याओं का औसत 12 हैं। यदि प्रत्येक संख्या में से 2 घटा दिया जाए तो नया औसत होगा A. 10 B. 12 C. 14 D. 18
हल:- प्रश्नानुसार, 6 संख्याओं का औसत = 12 अभीष्ट औसत = 12 – 2 = 10 Ans. 10
Q.22
दस संख्याओं 22, 20, 18, 16, 14, 12, 10, 8, 6 और 4 का औसत 13 हैं। यदि प्रत्येक संख्या में 4 जोड़ दिया जाए, तो नया औसत होगा? A. 19 B. 17 C. 52 D. 53
हल:- प्रश्नानुसार, अभीष्ट औसत = 13 + 4 = 17 Ans. 17
Q.23
7 संख्याओं का औसत 7 हैं। यदि प्रत्येक संख्या को 7 से गुणा कर दे तो नई संख्याओं का औसत हैं? A. 10 B. 12 C. 14 D. 18
हल:- प्रश्नानुसार, अभीष्ट औसत = 7 × 7 = 49 Ans. 49
Q.24
8 संख्याओं का औसत 21 हैं। यदि प्रत्येक संख्या को 8 से गुणा कर दिया जाए तो नई संख्याओं का औसत होगा? A. 160 B. 162 C. 164 D. 168
हल:- प्रश्नानुसार, अभिष्ट औसत = 21 × 8 = 168 Ans. 168
Q.25
दो संख्याओं का औसत M हैं। इनमें से एक संख्या N हो, तो दूसरी संख्या क्या होगी? A. 2N B. 2M C. M – N D. 2M – N
हल:- माना, कि दूसरी संख्या = x तब (x + N)/2 = M x = 2M – N Ans. 2M – N
Q.26
25 शिक्षकों की औसत उम्र 50 वर्ष हैं, 10 शिक्षकों को और सम्मिलित हो जाने पर औसत उम्र 45 वर्ष हो जाती हैं, नए शिक्षकों की औसत उम्र क्या हैं? A. 24.8 B. 30.5 C. 32.5 D. 40.8
हल:- प्रश्नानुसार, 25 शिक्षकों की कुल उम्र = 25 × 50 = 1250 वर्ष 10 शिक्षकों को और सम्मिलित होने पर कुल उम्र = 35 × 45 = 1575 वर्ष नए शिक्षकों की कुल उम्र = 1575 – 1250 = 325 वर्ष 10 शिक्षकों की औसत उम्र = 325/10 Ans. 32.5
Q.27
8 संख्याओं का औसत 56 हैं, तीन संख्याएँ क्रमशः 49, 57 तथा 72 हैं, तो शेष 5 संख्याओं का औसत बताइए? A. 50 B. 54 C. 60 D. 65
हल:- प्रश्नानुसार, 8 संख्याओं का औसत = 56 8 संख्याओं का कुल योग = 56 × 8 = 448 रूपए तीन संख्याओं का योग = 49 + 57 + 72 = 178 रूपए शेष पाँच संख्याओं का योग = 448 – 178 = 270 अतः शेष पाँच संख्याओं का औसत = 270/5 Ans. 54
Q.28
जब 17 संख्याएँ क्रमवार लगायी गई, तो उनका औसत 19 होता हैं, इनमें से प्रथम 9 संख्याओं का औसत 17 होता हैं, जबकि अंतिम 9 संख्याओं का औसत 21 होता हैं उनमें से 9 वां अंक कौन-सा हैं? A. 19 B. 23 C. 25 D. 27
हल:- प्रश्नानुसार, 17 संख्याओं का योग = 17 × 19 = 323 प्रथम 9 संख्याओं का योग = 9 × 17 = 153 अंतिम 9 संख्याओं का योग = 9 × 21 = 189 9 वीं संख्या = 153 + 189 – 323 = 342 – 323 Ans. 19
Q.29
एक क्रिकेट खिलाड़ी की 10 परियों के रनों का औसत 32 था, खिलाड़ी अगली पारी में कितने रन बनाए, ताकि उसके रनों का औसत 4 अधिक हो जाए? A. 72 B. 76 C. 78 D. 80
हल:- प्रश्नानुसार, 10 पारियों के रनों का औसत = 32 10 परियों के रनों का योग = 32 × 10 = 320 माना, 11 वीं पारी में x रन बनाए गए (320 + x)/11 = 36 320 + x = 36 × 11 320 + x = 396 x = 396 – 320 x = 76 Ans. 76
Q.30
आठ संख्याओं का औसत 20 हैं, पहली दो संख्याओं का औसत 31/2 तथा अगली तीन संख्याओं का औसत 64/3 हैं, यदि 6 वी संख्या 7 वीं से 4 कम तथा 8 वीं से 7 कम हो, तो 8 वीं संख्या क्या होगी? A. 20 B. 25 C. 30 D. 35
हल:- प्रश्नानुसार, 8 संख्याओं का औसत = 20 8 संख्याओं का योग = 160 2 संख्याएँ का योग = (31/2) × 2 = 31 3 संख्याओं का योग = (64/3) × 3 = 64 माना, छठी संख्या= x सातवीं संख्या = x + 4 आठवीं संख्या = x + 7 3x + 11 + 31 + 64 = 160 x = 54/3 x = 18 आठवीं संख्या = 18 + 7 Ans. 25
Q.31
एक कक्षा में 30 छात्र हैं, इनमें से 10 छात्रों की औसत आयु 12.5 वर्ष हैं तथा शेष 20 छात्रों की औसत आयु 13.1 वर्ष हैं, पूरी कक्षा के छात्रों की औसत आयु कितनी हैं? A. 10.8 B. 11.9 C. 12.9 D. 14.8
हल:- प्रश्नानुसार, 10 छात्रों की औसत आयु = 12.5 वर्ष 10 छात्रों की कुल आयु = 125 वर्ष 20 छात्रों की औसत आयु = 13.1 वर्ष 20 छात्रों की कुल आयु = 262 वर्ष 30 छात्रों की कुल आयु = 125 + 262 कुल आयु = 387 वर्ष 30 छत्रों की औसत आयु = 387/30 Ans. 12.9 वर्ष
Q.32
छः संख्याओं का औसत 30 हैं, यदि प्रथम चार संख्याओं का औसत 25 तथा अंतिम तीन संख्याओं का औसत 35 हो, तो चौथी संख्या क्या हैं? A. 20 B. 25 C. 30 D. 35
हल:- प्रश्नानुसार, 6 संख्याओं का औसत = 30 6 संख्याओं का योग = 30 × 6 = 180 प्रथम चार संख्याओं का औसत = 25 प्रथम चार संख्याओं का योग = 25 × 4 = 100 अंतिम तीन संख्याओं का औसत = 35 अंतिम तीन संख्याओं का योग = 35 × 3 = 105 चौथी संख्या = 100 + 105 – 180 Ans. 25
Q.33
एक व्यक्ति एक स्थान से दूसरे स्थान तक 8 किलोमीटर/घण्टा की चाल से जाता हैं और 12 किलोमीटर/घण्टा की चाल से वापस आता हैं तो बताएं कि पूरी यात्रा की औसत चाल क्या होगी? A. 9.6 B. 7.8 C. 9.7 D. 9.5
हल:- प्रश्नानुसार, औसत चाल = (2 x y) / (x + y) औसत चाल = (2 × 8 × 12) / (8 + 12) औसत चाल = 192 / 20 Ans. 9.6 किलोमीटर/घण्टा
Q.34
5 बच्चों की औसत आयु 8 वर्ष हैं, यदि बच्चों की उम्र में पिता की आयु जोड़ दी जाती हैं, तो उनकी औसत उम्र 15 वर्ष हो जाती हैं, पिता की आयु कितनी हैं? A. 25 B. 50 C. 75 D. 100
हल:- प्रश्नानुसार, नए व्यक्ति की आयु = (नया औसत × नयी संख्या) – (पुराना औसत × पुरानी संख्या) पिता की आयु = (15 × 6) – (8 × 5) = 90 – 40 Ans. 50 वर्ष
Q.35
यदि 10 आदमियों की औसत आयु 30 वर्ष तथा 30 आदमियों की औसत आयु 40 वर्ष हो तो कुल आदमियों की औसत आयु होगी? A. 45.8 B. 78.9 C. 37.5 D. 86.9
किसी समतल पर कोई वस्तु जितना स्थान घेरती है वह उसका क्षेत्रफल होता है।
क्षेत्रफल का मात्रक वर्ग इकाई होता है।
क्षेत्रफल : त्रिभुज और चतुर्भुज का क्षेत्रफल
त्रिभुज का क्षेत्रफल
आयत का क्षेत्रफल = लम्बाई ग चौड़ाई
वर्ग का क्षेत्रफल = भुजा x भुजा = (भुजा)2
एक आयत की लम्बाई 7 सेमी व चौड़ाई 3 सेमी है, इसका क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए।
समान्तर चतुर्भुज का आधार =क्षेत्रफल/ऊँचाई समान्तर चतुर्भुज का ऊँचाई =क्षेत्रफल/आधार समान्तर चतुर्भुज का क्षेत्रफल = आधार x ऊँचाई
उस समान्तर चतुर्भुज का क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए, जिसका आधार 26.5 सेमी तथा शीर्ष लंब 7 सेमी है।
उस समान्तर चतुर्भुज का आधार ज्ञात कीजिए, जिसका क्षेत्रफल 390 वर्ग सेमी तथा शीर्ष लंब 26 सेमी हो।
उस समान्तर चतुर्भुज का शीर्ष लंब ज्ञात कीजिए, जिसका क्षेत्रफल 1200 वर्ग मीटर और आधार 60 मीटर है।
चतुर्भुज का क्षेत्रफल
समलंब चतुर्भुज का क्षेत्रफल (Area of a Trapezium)
एक ऐसा चतुर्भुज जिसकी दो सम्मुख भुजाएँ एक-दूसरे के समान्तर होती हैं। ABCD एक समलंब चतुर्भुज दिखाया गया है। भुजा AB भुजा DC के समान्तर है। दो समान्तर भुजाओं की लम्बवत दूरी को AM तथा CL से दर्शाया गया है। यदि हम इस त्रिभुज का विकर्ण AC खींचे इससे समलंब चतुर्भुज दो त्रिभुज ABC तथा ACD प्राप्त होते हैं। अतः समलंब चतुर्भुज ABCD का क्षेत्रफल = त्रिभुज ABC का क्षेत्रफल + त्रिभुज ACD का क्षेत्रफल समलंब चतुर्भुज ABCD का क्षेत्रफल = 1/2 AB XCL+ 1/2 DCXAM चूंकि CL तथा AM समलंब चतुर्भुज की ऊंचाई है अतः यह बराबर होगी। माना कि यह h के बराबर है। समलंब चतुर्भुज का क्षेत्रफल = 1/2 AB x h + 1/2 DC x h
यदि AB =b1 एवं DC=b2 है तो समलंब चतुर्भुज का क्षेत्रफल = 1/2 b1 xh+1/2 b2x h = 1/2(b1+b2)xh = 1/2 X (समांतर भुजाओं का योग) उनके बीच की दूरी समलंब चतुर्भुज का क्षेत्रफल = 1/2 X (समांतर भुजाओं का योग) ऊँचाई समलंब चतुर्भुज का क्षेत्रफल = 1/2 x (b1 + b2) x h
अभ्यास
एक समचतुर्भुज का क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए जिसके विकर्ण 24 सेमी व 10 सेमी हैं।
एक समचतुर्भुज की एक भुजा 7.5 सेमी और शीर्ष लंब 4 सेमी है तो उसका क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए।
एक समलंब चतुर्भुज की समांतर भुजाएं 20 मी व 8 मी है। इन भुजाओं के बीच की दूरी 12 सेमी है, इसका क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए।
आधार 30 सेमी और 24.4 सेमी वाले समलंब चतुर्भुज का क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए यदि शीर्ष लंब 1.5 सेमी है।
एक समलंब चतुर्भुज का क्षेत्रफल 105 वर्ग सेमी तथा ऊंचाई 7 सेमी है, समान्तर भुजाओं में से यदि एक दूसरी से 6 सेमी अधिक है तो दोनों समान्तर भुजाएं ज्ञात करो।
आयताकार पथ का क्षेत्रफल
एक 25 सेमी लंबी तथा 10 सेमी चौड़े चित्र के बाहर चारों ओर 2 सेमी चौड़ाई की पट्टी बनी है। पट्टी का क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए।
एक आयताकार खेल का मैदान 35 मी X 25 मी माप का है। इसके बीचों-बीच लम्बाई के समान्तर 3 मीटर चौड़ा तथा चौड़ाई के समान्तर 2 मीटर चौड़ा रास्ता है। रास्ते का क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए।
एक बास्केटबॉल का मैदान 28 मीटर लम्बा तथा 15 मीटर चौड़ा है। इसके बाहर चारों ओर 5 मीटर चौड़ी समतल दर्शक दीर्घा बनानी है। दीर्घा का क्षेत्रफल तथा दर्शक दीर्घा को बनाने का खर्च 5.25 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से ज्ञात कीजिए।
वृताकार मार्ग का क्षेत्रफल
यदि एक वृत जिसकी त्रिज्या r है तो परिधि C= 2nr तथा क्षेत्रफल = nr2 होता है। जहां n एक नियतांक है जिसका मान लगभग या 3.14 होता है।
दो सकेन्द्री वृत्तों की त्रिज्याएं क्रमशः 9 सेमी व 12 सेमी हैं दोनों वृत्तों के बीच बनने वाले वृत्ताकार मार्ग का क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए।
एक वृत्त का क्षेत्रफल 616 वर्ग सेमी है। इस वृत्त के बाहर 2 मीटर चौड़ाई का मार्ग है। उस मार्ग का क्षेत्रफल कितना होगा।
वर्ग ग्रिड द्वारा बहुभुज का अनुमानित क्षेत्रफल-
बहुभुज ABCDEFA में, पूरे तथा आधे से बड़े वर्गों की संख्या=29 ठीक आधे वर्गों की संख्या=2 ठीक पूरे वर्गों की संख्या=29+1/2 x2 अतः बहुभुज ABCDEFA का क्षेत्रफल=29+1=30 वर्ग सेमी.
सूत्र द्वारा बहुभुज के क्षेत्रफल की गणना-
बहुभुज ABCDEFA का क्षेत्रफल = त्रिभुज AGB का क्षेत्रफल + समलम्ब चतुर्भुज BGIC का क्षेत्रफल + त्रिभुज CID का क्षेत्रफल + त्रिभुज DHE का क्षेत्रफल + आयत HEFG का क्षेत्रफल + त्रिभुज GFA का क्षेत्रफल
समबाहु त्रिभुज का क्षेत्रफल = √3/4 × (भुजा)² समबाहु त्रिभुज को परिमिति = 3 × भुजा समबाहु त्रिभुज के शीर्ष बिंदु से डाले गए लम्ब की लम्बाई = √3/4 × भुजा समद्विबाहु त्रिभुज का क्षेत्रफल = 1/4a√4b² – a² समद्विबाहु त्रिभुज की परिमिति = a + 2b या a + 2c समद्विबाहु त्रिभुज के शीर्ष बिंदु A से डाले गए लम्ब की लंबाई = √(4b² – a²) विषमबाहु त्रिभुज की परिमिति = तीनों भुजाओं का योग = a + b + c त्रिभुज का अर्ध परिमाप S = ½ × (a + b + c) विषमबाहु त्रिभुज का क्षेत्रफल = √s(s – a)(s – b)(s – c) समकोण त्रिभुज का क्षेत्रफल = ½ × आधार × लम्ब समकोण त्रिभुज की परिमिति = लंब + आधार + कर्ण = a + b + c समकोण त्रिभुज का कर्ण = √(लम्ब)² + (आधार)² = √(c² + a²) समकोण त्रिभुज का लम्ब = √(कर्ण)² – (आधार)² = √(b² – a²) समकोण त्रिभुज का आधार = √(कर्ण)² – (लम्ब)² = √b² – c² समद्विबाहु समकोण त्रिभुज का क्षेत्रफल = ¼ (कर्ण)² किसी त्रिभुज की प्रत्येक भुजा को x गुणित करने पर परिमिति x गुणित तथा क्षेत्रफल x^2 गुणित हो जाती हैं। समबाहु त्रिभुज का प्रत्येक कोण 60° होता हैं। समकोण त्रिभुज के तीनों कोणों का योग 180° अर्थात दो समकोण होता हैं।
आयत (Rectangle):
आयत का क्षेत्रफल = लंबाई ×चौड़ाई आयत का विकर्ण =√(लंबाई² + चौड़ाई²) आयत का परिमाप = 2(लम्बाई + चौड़ाई) किसी आयताकार मैदान के अंदर से चारों ओर रास्ता बना हो, तो रास्ते का क्षेत्रफल = 2 × रास्ते की चौड़ाई × [(मैदान की लंबाई + मैदान की चौड़ाई) – (2 × रास्ते की चौड़ाई)] यदि आयताकार मैदान के बाहर चारों ओर रास्ता बना हों, तो रास्ते का क्षेत्रफल = 2 × रास्ते की चौड़ाई × [(मैदान की लम्बाई + मैदान की चौड़ाई) + (2 × रास्ते की चौड़ाई)
वर्ग (Square):
वर्ग का क्षेत्रफल = (एक भुजा)² = a² वर्ग का क्षेत्रफल = (परिमिति)²/16 वर्ग का क्षेत्रफल = ½ × (विकर्णो का गुणनफल) = ½ × AC × BD वर्ग की परिमिति = 4 × a वर्ग का विकर्ण = एक भुजा × √2 = a × √2 वर्ग का विकर्ण = √2 × वर्ग का क्षेत्रफल वर्ग की परिमिति = विकर्ण × 2√2 वर्गाकार क्षेत्र के बाहर चारों ओर रास्ता बना हो तो रास्ते का क्षेत्रफल = 4 × रास्ते की चौड़ाई (वर्गाकार क्षेत्र की एक भुजा + रास्ते की चौड़ाई) वर्गाकार क्षेत्र के अंदर चारों ओर रास्ता बना हो तो रास्ते का क्षेत्रफल = 4 × रास्ते की चौड़ाई (वर्गाकार क्षेत्र की एक भुजा – रास्ते की चौड़ाई)
घन (Cube):
घन का आयतन = a × a × a घन का आयतन = (एक भुजा)³ घन की एक भुजा 3√आयतन घन का विकर्ण = √3a सेंटीमीटर। घन का विकर्ण = √3 × एक भुजा घन की एक भुजा = विकर्ण/√3 घन का परिमाप = 4 × a × a घन के सम्पूर्ण पृष्ठ का क्षेत्रफल = 6 a² वर्ग सेंटीमीटर।
बेलन (Cylinder):
बेलन का आयतन = πr²h बेलन के वक्र पृष्ठ का क्षेत्रफल = 2πrh बेलन के सम्पूर्ण पृष्ठ का क्षेत्रफल = (2πrh + 2πr²h) वर्ग सेंटीमीटर। दोनों सतहों का क्षेत्रफल = 2πr² खोखले बेलन का आयतन = πh(r²1 – r²2) खोखले बेलन का वक्रप्रष्ठ = 2πh(r1 + r2) खोखले बेलन का सम्पूर्ण पृष्ठ = 2πh(r1 + r2) + 2π (r²1 – r²1)
शंकु (Cone):
शंकु का वक्र पृष्ठ का क्षेत्रफल = πrl शंकु के पृष्ठों का क्षेत्रफल = πr(r + l) शंकु का आयतन = (πr²h)/3 घन सेंटीमीटर। शंकु की तिर्यक ऊँचाई (l) = √(r² + h²) शंकु की ऊँचाई (h) = √(l² – r²) शंकु की त्रिज्या (r) = √(l² – h²) शंकु का सम्पूर्ण पृष्ठ का क्षेत्रफल = (πrl + πr²) वर्ग सेंटीमीटर। शंकु का छिन्नक (Frastrum):
शंकु के छिन्नक का आयतन = (πh)/3 (R² + r² + Rr) तिर्यक भाग का क्षेत्रफल = π (R + r)³, l² = h² + (R – r)² छिन्नक के सम्पूर्ण पृष्ठ का क्षेत्रफल = π[R² + r² + l(R + r)] तिर्यक ऊँचाई = √(R – r)² + h²
समलम्ब चतुर्भुज (Trapezium Quadrilateral):
समलम्ब चतुर्भुज का क्षेत्रफल = ½ × समान्तर भुजाओं का योग × समांतर भुजाओं के बीच की दूरी समलम्ब चतुर्भुज का क्षेत्रफल = ½ × ऊँचाई × समान्तर भुजाओं का योग समलम्ब चतुर्भुज का क्षेत्रफल = ½ × h × (AD + BC) समान्तर चतुर्भुज की परिमिति = 2 × (आसन्न भुजाओं का योगफल) समचतुर्भुज का क्षेत्रफल = ½ × विकर्णो का गुणनफल समचतुर्भुज की परिमिति = 4 × एक भुजा किसी चतुर्भुज का क्षेत्रफल = ½ × एक विकर्ण समचतुर्भुज की एक भुजा = √(विकर्ण)² + (विकर्ण)² समचतुर्भुज का एक विकर्ण = √भुजा² – (दूसरा विकर्ण/2)²
बहुभुज (Polygon):
n भुजा वाले चतुर्भुज का अन्तः कोणों का योग = 2(n -2) × 90° n भुजा वाले बहुभुज के बहिष्कोणों का योग = 360° n भुजा वाले समबहुभुज का प्रत्येक अन्तः कोण = [2(n – 2) × 90°] / n n भुजा वाले समबहुभुज का प्रत्येक भहिष्यकोण = 360°/n बहुभुज की परिमिति = n × एक भुजा नियमित षट्भुज का क्षेत्रफल = 6 × ¼√3 (भुजा)² नियमित षट्भुज का क्षेत्रफल = 3√3×½ (भुजा)² नियमित षट्भुज की परिमति = 6 × भुजा समषट्भुज की भुजा = परिवृत की त्रिज्या n भुजा वाले नियमित बहुभुज के विकर्णो की संख्या = n(n – 3)/2
घनाभ (Cuboid):
घनाभ के फलक का आकार = आयताकार घनाभ में 6 सतह या फलक होते हैं। घनाभ में 12 किनारे होते हैं। घनाभ में 8 शीर्ष होते हैं। घनाभ का आयतन = लम्बाई × चौड़ाई × ऊँचाई घनाभ की लंबाई = आयतन/(चौड़ाई × ऊँचाई) घनाभ की चौड़ाई = आयतन/(लम्बाई × ऊँचाई) घनाभ की ऊँचाई = आयतन/(लंबाई × चौड़ाई) घनाभ का आयतन = l × b × h घनाभ का परिमाप = 2(l + b) × h घनाभ के समस्त पृष्ठों का क्षेत्रफल = 2(लम्बाई × चौड़ाई + चौड़ाई × ऊँचाई + ऊँचाई × लम्बाई) घनाभ के सम्पूर्ण पृष्ठ का क्षेत्रफल = 2(lb + bh + hl) घनाभ के विकर्ण = √(लम्बाई)² + (चौड़ाई)² + (ऊँचाई)² घनाभ का विकर्ण = √l² + b² + h² खुले बक्से के सम्पूर्ण पृष्ठों का क्षेत्रफल = लम्बाई × चौडाई + 2(चौडाई × ऊँचाई + ऊँचाई × लम्बाई) कमरे के चारों दीवारों का क्षेत्रफल = 2 × ऊँचाई × (लम्बाई + चौड़ाई) किसी कमरे में लगने वाली अधिकतम लम्बाई वाली छड़ = √(लम्बाई)² + (चौड़ाई)² + (ऊँचाई)²
गोला (Sphere):
गोला का आयतन = (4πr³)/3 घन सेंटीमीटर गोले का वक्र पृष्ठ = 4πr² वर्ग सेंटीमीटर गोले की त्रिज्या = ∛3/4π × गोले का आयतन गोले का व्यास = ∛ (6 × गोले का आयतन)/π गोलाकार छिलके का आयतन = 4/3π(R³ – r³) गोले का सम्पूर्ण पृष्ठ = 4πr गोले की त्रिज्या = √सम्पूर्ण पृष्ठ/4π गोले का व्यास = √सम्पूर्ण पृष्ठ/π गोलाकार छिलके का आयतन = 4/3π(R³ – r³)
अर्द्धगोला (Semipsphere):
अर्द्ध गोले का वक्र पृष्ठ = 2πr² अर्द्धगोले का आयतन = 2/3πr³ घन सेंटीमीटर अर्द्धगोले का सम्पूर्ण पृष्ठ = 3πr² वर्ग सेंटीमीटर अर्द्वगोले की त्रिज्या r हो, तो अर्द्वगोले का आयतन = 2/3 πr³ अर्द्वगोले का सम्पूर्ण पृष्ठ = 3πr²
वृत्त (CIRCLE):
वृत्त का व्यास = 2 × त्रिज्या = 2r वृत्त की परिधि = 2π त्रिज्या = 2πr वृत्त की परिधि = π × व्यास = πd वृत्त का क्षेत्रफल = π × त्रिज्या² = πr² वृत्त की त्रिज्या = √वृत्त का क्षेत्रफल/π अर्द्ववृत्त की परिमिति = (n + 2)r = (π + 2)d/2 अर्द्ववृत्त का क्षेत्रफल = 1/2πr² = 1/8 πd² त्रिज्याखण्ड का क्षेत्रफल = θ/360° × वृत्त क्षेत्रफल = θ/360° × πr² त्रिज्याखण्ड की परिमिति = (2 + πθ/180°)r वृतखण्ड का क्षेत्रफल = (πθ/360° – 1/2 sinθ)r² वृतखण्ड की परिमिति = (L + πrθ)/180° , जहाँ L = जीवा की लम्बाई चाप की लम्बाई = θ/360° × वृत्त की परिधि चाप की लम्बाई = θ/360° × 2πr दो संकेन्द्रीय वृत्तों जिनकी त्रिज्याए R1, R2, (R1 ≥ R2) हो तो इन वृत्तों के बीच का क्षेत्रफल = π(r²1 – r²2)
आयतन के सूत्र:
घन का आयतन = भुजा³ घनाभ का आयतन = लम्बाई × चौड़ाई ×ऊंचाई बेलन का आयतन = πr²h खोखले बेलन का आयतन = π(r1² – r2²)h शंकु का आयतन = ⅓ πr2h शंकु के छिन्नक का आयतन = ⅓ πh[r1² + r2²+r1r2] गोले का आयतन = 4/3 πr3 अर्द्धगोले का आयतन = ⅔ πr3 गोलीय कोश का आयतन = 4/3 π(r13 – r23)
लंबाई के मात्रक: क्षेत्रफल और आयतन की माप (Units of length)
लंबाई मापने के लिए उपयोग की जाने वाली सबसे आम इकाइयाँ इस प्रकार हैं:
लंबाई के SI मात्रक :
10 मिलीमीटर= 1 सेंटीमीटर 10 डेसीमीटर= 1 मीटर 10 डेकामीटर= 1 हेक्टोमीटर 10 सेंटीमीटर= 1 डेसीमीटर 10 मीटर =1 डेकामीटर 10 हेक्टोमीटर =1 किलोमीटर
किलोमीटर (km)
हेक्टोमीटर (hm)
डेसीमीटर (dam)
मीटर (m)
डेसीमीटर (dm)
सेंटीमीटर(cm)
मिलीमीटर (mm)
1000
100
10
1
1/10
1/100
1/1000
क्षेत्रफल की माप :
100 वर्ग मिलीमीटर= 1 वर्ग सेंटीमीटर 100 वर्ग डेसीमीटर =1 वर्ग मीटर 100 वर्ग डेकामीटर= 1 वर्ग हेक्टोमीटर 100 वर्ग किलोमीटर =1 मिरिया मीटर 100 वर्ग सेंटीमीटर= 1 वर्ग डेसीमीटर 100 वर्ग मीटर =1 वर्ग डेकामीटर 100 वर्ग हेक्टोमीटर =1 वर्ग किलोमीटर
= 1 मीटर + 1 मीटर + 1 मीटर + 1 मीटर = 100 सेंटीमीटर + 100 सेंटीमीटर + 100 सेंटीमीटर + 100 सेंटीमीटर = 100 x 4 सेंटीमीटर या 4 x 100 सेंटीमीटर = 400 सेंटीमीटर
एक थान में 25 मीटर 45 सेन्टीमीटर कपड़ा आता है, तो ऐसे 8 थान में कितने मीटर कपड़ा आएगा?
झण्डी बनाने के लिए प्राची के पास 42 मीटर 70 सेन्टीमीटर रस्सी है। निशा के पास 38 मीटर 85 सेन्टीमीटर रस्सी है। बताओ दोनों के पास कुल कितनी लम्बी रस्सी है?
रेखा को अपने कमरे में 8 रस्सियाँ बांधनी है। यदि कमरे की लम्बाई 4 मीटर 16 से.मीटर है तो उसे कम से कम कितनी लम्बी रस्सी की आश्यकता होगी?
एक दुकानदार ने 32 मीटर 46 सेन्टीमीटर कपड़े के थान से 18 मीटर 50 सेन्टीमीटर कपड़ा बेच दिया। बताओ उसके पास अब कितना कपड़ा शेष रहा?
1 दिन = 23 घण्टा, 56 मिनट और 4.09 सेकण्ड = 24 घण्टा (लगभग)
1 वर्ष = 365 दिन, 5 घण्टे, 48 मिनट और 45.51 सेकण्ड
1 साधारण वर्ष = 365 दिन = 52 सप्ताह + 1 दिन = 1 विषम दिन
1 अधिवर्ष = 366 दिन= 52 सप्ताह +2 दिन= 2 विषम दिन
1 सप्ताह = 7 दिन
1 महीना = 28/29/30/31 दिन
100 वर्ष = 76 साधारण वर्ष + 24 अधिवर्ष = 76 x1+24 x 2 =76+48 = 124 विषम दिन = 17 सप्ताह + 5 दिन = 5 विषम दिन
फरवरी (साधारण वर्ष) = 28 दिन =0 विषम दिन
फरवरी (अधिवर्ष) = 29 दिन = । विषम दिन
जनवरी/मार्च/मई/जुलाई/अगस्त/अक्टूबर/दिसम्बर = 31 दिन
= 3 विषम दिन
अप्रैल/जून/सितम्बर/नवम्बर = 30 दिन= 2 विषम दिन
शताब्दी वर्षों को छोड़कर प्रत्येक चौथा वर्ष अधिवर्ष होता है. प्रत्येक चौथा शताब्दी वर्ष अधिवर्ष होता है.
शताब्दी वर्ष को छोड़कर प्रत्येक सामान्य वर्ष अंक 4 से पूर्णतः विभाजित नहीं होते हैं.
ऐसा शताब्दी वर्ष, जो 400 से पूर्णतः विभाजित हो जाता है, वह अधिवर्ष होता है.
किसी भी दिन में 7 दिन जोड़ने या घटाने से वही दिन प्राप्त होता है.
साधारण वर्ष का पहला और अन्तिम दिन समान होता है.
लीप वर्ष का पहला और अन्तिम दिन समान होता है अर्थात्अन्तिम दिन एक दिन बढ़ जाता है.
साधारण क्रमागत वर्षों में किसी निश्चित तिथि के दिन कीतुलना में उसके ठीक अगले वर्ष में उस तिथि को एक दिन बढ़ जाता है.
क्रमागत लीप वर्ष अर्थात् अगला वर्ष लीप वर्ष हो, तो किसी निश्चित तिथि का दिन पहले वर्ष के दिन की तुलना में दो दिन बढ़ जाता है.
किसी शताब्दी का प्रथम दिन सोमवार, मंगलवार, बृहस्पतिवार, शुक्रवार या शनिवार हो सकता है.
किसी शताब्दी का अन्तिम दिन मंगलवार, बृहस्पतिवार या शनिवार नहीं हो सकता है, परन्तु बुधवार, शुक्रवार तथा रविवार हो सकता है.
किसी अधिवर्ष में मार्च तथा नवम्बर की पहली तारीख को एक ही दिन होता है.
किसी अधिवर्ष में फरवरी तथा अगस्त की पहली तारीख को एक ही दिन होता है.
जुलाई एवं अगस्त महीने ही लगातार 31 दिन के होते है.
किसी साधारण वर्ष में निम्नलिखित माह के प्रथम दिन समान होते हैं-जनवरी-अक्टूबर, फरवरी-मार्च, नवम्बर, अप्रैल-जुलाई तथा सितम्बर-दिसम्बर.
किसी लीप वर्ष में निम्नलिखित माह के प्रथम दिन समान होते हैं-जनवरी-अप्रैल, जुलाई, फरवरी-अगस्त, मार्च-नवम्बर तथा सितम्बर-दिसम्बर. (यह नियम मार्च से दिसम्बर तक लागू होता है.)
भारत का वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल से प्रारम्भ होकर 31 मार्च को समाप्त होता है.
उदाहरण 1. किसी वर्ष 20 नवम्बर को शुक्रवार हो, तो उसी वर्ष 30 नवम्बर को कौनसा दिन होगा ? हल : हर सात दिन बाद वही दिन होता है. 20+7 = 27. अतः 27 नवम्बर को भी शुक्रवार होगा. अतः 30 नवम्बर को 3 दिन बढ़ने पर सोमवार होगा.
दिन के 12 बजे का समय
दोपहर या मध्याह्न
दोपहर 12 बजे से मध्यरात्रि 12 बजे तक का समय
अपराह्न (p.m.)
रात्रि के 12 बजे का समय
मध्यरात्रि
मध्यरात्रि 12 बजे से दोपहर 12 बजे तक का समय
पूर्वाह्न (a.m.)
अभ्यास
नेहा का विद्यालय 7:00 बजे पूर्वाह्न में लगता है और 11:00 बजे पूर्वाह्न में बंद होता है। बताओ विद्यालय कुल कितने घण्टे लगता है?
एक बस अंबिकापुर से 4:00 बजे पूर्वाह्न में चलती है और 7 घण्टे में जशपुर पहुँचती है। बताओ बस किस समय जशपुर पहुँचती है?
एक नाटक अपराह्न 8:00 बजे शुरू हुआ और अपराह्न 11:00 बजे समाप्त हुआ। नाटक कितने समय तक चला?
सुनीति अपना गृह कार्य 6:20 बजे अपराहन में शुरू करके 8:20 बजे अपराह्न में समाप्त किया। बताओ उसे गृह कार्य करने में कितना समय लगा?
पूर्ण संख्या : पूर्ण संख्याओं पर संक्रियाएँ (Whole Number)
प्राकृतिक संख्याओं (1, 2, 3, 4, ……) में शून्य (0) को सम्मिलित करने पर जो संख्याएँ प्राप्त होती हैं, पूर्ण संख्याएँ कहलाती हैं। पूर्ण संख्याओं को W से प्रदर्शित करते हैं। या फिर इसे इस तरह से भी परिभाषित किया जा सकता हैं “शून्य ‘0’ से लेकर अनंत तक की संख्याओं को पूर्ण संख्याएँ कहते हैं।” उदाहरण: 0, 1, 2, 3, 4, ……। ∞ आदि
स्मरणीय बिंदु:
शून्य (0) सबसे छोटी एवं पहली पूर्ण संख्या है।
सभी प्राकृतिक संख्याएँ पूर्ण-संख्याएँ हैं।
चूंकि प्रत्येक पूर्ण संख्या से बड़ी पूर्ण संख्याएँ होती हैं अतः कोई भी पूर्ण संख्या सबसे बड़ी पूर्ण संख्या नहीं होती है।
पूर्ण संख्याओं के गुण
प्राकृत संख्या के सभी गुण पूर्ण संख्याओं के लिए भी सही हैं।
सबसे छोटी पूर्ण संख्या 0 है।
संख्या रेखा पर 0 से दाहिने ओर क्रमशः पूर्ण संख्या बढ़ते क्रम में दिखायी गयी है। अर्थात् 0+1 = 1,1+1 =2, … , 101 + 1 = 102, 102 + 1 = 103, 103 + 1 = 104, … , इत्यादि।
संख्या रेखा पर दाहिने ओर से बाँए ओर का क्रम घटते क्रम में है, जैसे ….. 4,3,2,1,0
सबसे बड़ी पूर्ण संख्या नहीं दिखाई जा सकती। क्योंकि यदि आप कोई बड़ी से बड़ी संख्या सोचते हैं तो उसमें एक जोड़ कर उसकी अगली बड़ी संख्या प्राप्त की जा सकती है। जो उस संख्या की परवर्ती संख्या होगी।
योग का संवरक गुण:
जब किसी दो पूर्ण संख्याओं का आपस में जोड़ा जाता हैं तो प्राप्त योगफल सदैव पूर्ण संख्या होता है, यह पूर्ण संख्याओं के योग का संवरक प्रगुण है।
उदाहरणार्थ:-11 + 9 = 20 इन दोनों संख्याओं का योग 20 एक पूर्ण संख्या है।
योग का क्रम-विनिमेय गुण:
जब किसी दो पूर्ण संख्याओं को जोड़ा जाता हैं तो उनके योगफल पर संख्याओं के क्रम का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है, इसे ही योग का क्रम-विनिमेय प्रगुण है।
उदाहरणार्थ: 14 + 33 = 47 33 + 14 = 4
योग का तत्समक अवयव:
किसी पूर्ण संख्या में यदि शून्य को जोड़ा जाता है तो योगफल वही संख्या प्राप्त होती है। इसी कारण शून्य को पूर्ण संख्याओं में योग का तत्समक अवयव कहते हैं।
शून्य को पूर्ण संख्याओं के लिए योज्य तत्समक भी कहते हैं। उदाहरणार्थ: 3 + 0 = 0 + 3 = 3
योग का साहचर्य गुण:
तीन पूर्ण संख्याओं को क्रम में जोड़ते समय किन्हीं दो पूर्ण संख्याओं का समूह पहले बना लेने से योगफल में अंतर नहीं पड़ता है, यह योग संक्रिया का साहचर्य प्रगुण है।
गणना करते समय 10 संकेतों 1,2,3,4,5,6,7,8,9,0 का उपयोग किया जाता है तथा गणना का कार्य 1 से प्रारंभ होता है। इन्हीं अंकों को मिलाकर प्राकृत संख्याएँ लिखी जाती हैं। गणना के लिए जिन संख्याओं का उपयोग किया जाता है उन्हें प्राकृत संख्या(Natural Number) कहते हैं। प्राकृत संख्याओं के समूह को N से दर्शाते हैं। अर्थात् प्राकृत संख्या (N) = 1,2,3, …. आदि।
सबसे छोटी प्राकृत संख्या 1 है।
प्राकृतिक संख्याओं का फार्मूला
प्रथम n प्राकृतिक संख्याओं का औसत = (n+1) /2
लगातार n तक विषम प्राकृतिक संख्या का योग = (n/2+1)
प्रथम n प्राकृतिक सम संख्याओं का औसत = n+1
प्रथम n प्राकृतिक विषम संख्याओं का औसत = n
लगातार n तक विषम प्राकृतिक संख्याओं का औसत = (n+1) /2
सबसे बड़ी प्राकृत संख्या कौन-सी है?
प्राकृत संख्या 1 से अनंत तक होती है जिसमे सबसे छोटी संख्या ज्ञात करना संभव है किंतु बड़ी संख्या मुस्किल है. यदि कोई संख्या दिया हो, तो बड़ी संख्या ज्ञात किया जा सकता है. अतः सबसे बड़ी प्राकृत संख्या स्व अनंत होता है.
सबसे छोटी प्राकृतिक संख्या कौन सी है?
प्राकृत संख्या 0 से बड़ी और 1 से शुरू होती है. अर्थात, सबसे छोटी प्राकृत संख्या 1 होता है.
0 सबसे छोटी प्राकृत संख्या है?
वास्तव में, 0 से छोटी कोई संख्या नही होती है. क्योंकि, प्राकृत संख्या तो 1 से शुरू ही होती है.
क्या सभी प्राकृत संख्या पूर्ण संख्या है?
0 से अनंत तक की सभी प्राकृत संख्या पूर्ण संख्या होती है. अर्थात, सभी धनात्मक प्राकृत संख्याएँ पूर्ण संख्या होती है.
क्या कोई ऐसी पूर्ण संख्या है जो प्राकृतिक संख्या नहीं है?
हाँ, 0 एक ऐसी पूर्ण संख्या है जो प्राकृतिक संख्या नही है. क्योंकि, प्राकृत संख्या 1 से शुरू होती है.
प्राकृत संख्याओं के गुण (Properties of Natural numbers)
दो प्राकृत संख्याओं का आपस में योग करने से या गुणा करने पर प्राकृत संख्या ही प्राप्त होती है।
दो प्राकृत संख्याओं का आपस में व्यवकलन (घटाना) या भाग करने से सदैव प्राकृत संख्या प्राप्त नही होती है।
दो प्राकृत संख्याओं को किसी भी क्रम में जोड़ सकते हैं। दो प्राकृत संख्याओं को किसी भी क्रम में गुणा कर सकते हैं। अर्थात प्राकृत संख्याओं के लिए क्रमविनिमय का नियम योग व गुणन संक्रिया में लागू होता है जबकि घटाने एवं भाग संक्रिया पर लागू नही होता।
प्राकृत संख्याओं के लिए साहचार्य नियम योग एवं गुणा संक्रिया में लागू होता है जबकि घटाने एवं भाग संक्रिया में लागू नहीं होता।
प्राकृत संख्याओं के लिए गुणा का योग व अन्तर पर बंटन (वितरण) होता है।
किसी प्राकृत संख्या मे एक से गुणा या भाग करने पर संख्या का मान नही बदलता।
इस प्रकार a,b,c तीन प्राकृत संख्याओं के लिए
(a+b) एक प्राकृत संख्या है।
(axb) एक प्राकृत संख्या है।
a-b सदैव एक प्राकृत संख्या हो आवश्यक नही है।
a+b सदैव एक प्राकृत संख्या हो, जरूरी नही है।
Questions
41600 तथा 41006 में कौन सी संख्या बड़ी है?
1 से 100 के बीच की संख्याएँ लिखने के लिए कितने बार 9 का प्रयोग करना पड़ता है?
चार अंकों की सबसे बड़ी प्राकृत संख्या तथा तीन अंकों की सबसे छोटी प्राकृत संख्या के बीच का अंतर निकालिए ?
ये सभी संख्याएँ ऋणात्मक पूर्णांक के अंतर्गत आती हैं।
3. उदासीन पूर्णांक
ऐसा पूर्णांक जो न तो कोई धनात्मक पूर्णांक है और न ही ऋणात्मक पूर्णांक है। उदासीन पूर्णांक कहलाता हैं यह शून्य पूर्णांकों के अंतर्गत आता हैं।
उदाहरण :- 0
पूर्णांक संख्या के महत्वपूर्ण तथ्य
संख्या 0, 1, -1, 2, -2, 3, -3, ……….…….∞ पूर्णांक संख्या कहलाती हैं।
संख्या +1, +2, +3, +4, ……………∞ धनात्मक पूर्णांक कहलाती हैं।
संख्या -1, -2, – 3, – 4, ……………….∞ पूर्णांक कहलाती हैं।
संख्या 0, + 1, + 2, + 3, + 4, ऋणेत्तर पूर्णांक कहलाते हैं।
सभी धनात्मक पूर्णांक संख्या रेखा पर 0 के दायीं ओर तथा सभी ऋणात्मक पूर्णांक संख्या रेखा पर 0 के बायीं ओर स्थित होते हैं।
ऋणेत्तर पूर्णांक पूर्ण संख्या ही कहलाती हैं।
दो पूर्णांक जिनका योग शून्य हो एक-दूसरे के योज्य प्रतिलोम कहलाते हैं। ये एक दूसरे के ऋणात्मक भी कहलाते हैं।
पूर्णांकों का जोड़ना, घटाना, गुणा एवं भाग
दो पूर्णांकों के योग का नियम
(-) + (-) = (+)
(+) + (+) = (+)
(-) + (+) = (-)
(+) + (-) = (-)
समान चिन्ह वाले पूर्णांक का जोड़ :-
विभिन्न चिन्ह वाले पूर्णांकों का जोड़ :-
दो पूर्णांकों को घटाने के नियम
(-) – (-) = (-)
(+) – (+) = (-)
(-) – (+) = (+)
(+) – (-) = (+)
समान चिन्ह वाले पूर्णांकों को घटाना :-
विभिन्न चिन्ह वाले पूर्णांकों को घटाना :-
दो पूर्णांकों के गुणनफल का नियम
(-) × (-) = (+)
(+) × (+) = (+)
(-) × (+) = (-)
(+) × (-) = (-)
दो पूर्णांकों के विभाजन के नियम
(-) ÷ (-) = (+)
(+) ÷ (+) = (+)
(-) ÷ (+) = (-)
(+) ÷ (-) = (-)
शून्य के दाँईं ओर प्राकृत संख्याएँ हैं और बाँयी ओर ऋणात्मक संख्याएँ। धनात्मक संख्याएँ, ऋणात्मक संख्याएँ तथा शून्य को मिलाकर पूर्णांक बनते हैं। (I) = { … …………..- 3,-2,1,0,1,2,3,4,5 ………… } आदि।
जिस प्रकार सबसे बड़ी पूर्ण संख्या नहीं है उसी प्रकार सबसे बड़ी पूर्णांक भी नहीं है। क्या आप सबसे छोटी पूर्णांक सोच सकते हैं ?
धनात्मक पूर्णांकों का योगफल सदैव धनात्मक पूर्णांक तथा दो ऋणात्मक पूर्णांकों का योगफल सदैव ऋणात्मक पूर्णांक होता है।
एक धनात्मक एवं एक ऋणात्मक पूर्णांक का योगफल धनात्मक पूर्णांक होगा यदि धनात्मक पूर्णांक का आंकिक मान अधिक हो तथा योगफल ऋणात्मक होगा यदि ऋणात्मक पूर्णांक का आंकिक मान अधिक हो।
पूर्णांकों को जोड़ने में उन सभी गुणों का पालन होता है। जिनका पूर्ण संख्याएँ पालन करती है। दो पूर्णांकों का योग एक पूर्णांक ही होगा।
सभी पूर्णांकों के योग में क्रम विनिमय नियम लागू होता है।
दो पूर्णांकों का योग हमेशा एक पूर्णांक संख्या होती है, यही पूर्णांकों के योग के लिए संवरक नियम है।
पूर्णांकों में शून्य जोड़ने पर उनके मान में कोई परिवर्तन नहीं आता है।
योज्य प्रतिलोम / योज्य तत्समक
5 में क्या जोड़े कि शून्य प्राप्त हो? अर्थात् 5+ (-5) = 0 (योज्य तत्समक) इसी प्रकार (-7) में क्या जोड़े कि शून्य प्राप्त हो? अर्थात् (-7) + (+7) =0 (योज्य तत्समक) यहाँ (-5) योज्य प्रतिलोम है 5 का तथा + 7 योज्य प्रतिलोम है (-7) का। अतः किसी संख्या का योज्य प्रतिलोम वह संख्या है जिसे उस संख्या के साथ जोड़ने पर योज्य तत्समक (शून्य) प्राप्त होता है। संख्या + संख्या का योज्य प्रतिलोम = योज्य तत्समक
पूर्णांक संख्या से संबंधित प्रश्न उत्तर
Q.1 पूर्णांकों के युग्मों के योग ज्ञात कीजिए?
(1). -6, – 2 (a). 10 (b). -10 (c). 4 (d). -4
हल:- -6 और – 4 दोनों के चिन्ह ऋण हैं। अतः -6 + (-4) = -(6 + 4) Ans. -10
(2). +8, – 2 (a). 10 (b). -10 (c). 6 (d). -6
हल:- +8 और -2 के चिन्ह विपरीत हैं। अतः +8 + (-2) = 8 – 2 Ans. 6
सम और विषम संख्या : अंतर और योगफल ( Even and Odd Number)
सम संख्या: वे संख्याएँ जो 2 से पूर्णतः विभाजित होती हैं सम संख्या कहलाती है। जैसे: 2, 4, 6, 8, 10, 12 विषम संख्या: वे संख्याएँ जो 2 से पूर्णतः विभाजित नहीं होती हैं विषम संख्या कहलाती है। जैसे: 1, 3, 5, 7, 9, 11 … इत्यादि।
सम और विषम संख्या का योगफल
सम संख्या (Even Number) और विषम संख्या (Odd Number) के योगफल से संबंधित नियम सरल हैं। इसे समझने के लिए निम्नलिखित फार्मूले उपयोग किए जा सकते हैं:
1. सम + सम = सम
दो सम संख्याओं का योगफल हमेशा एक सम संख्या होती है।
उदाहरण: 4+6=10 (सम संख्या)
2. विषम + विषम = सम
दो विषम संख्याओं का योगफल हमेशा एक सम संख्या होती है।
उदाहरण: 3+5=8 (सम संख्या)
3. सम + विषम = विषम
एक सम और एक विषम संख्या का योगफल हमेशा एक विषम संख्या होती है।
उदाहरण: 4+5=9 (विषम संख्या)
लगातार सम और विषम संख्याओं के योग
लगातार सम संख्याओं और लगातार विषम संख्याओं के योग के लिए निम्नलिखित सूत्र उपयोग किए जाते हैं:
1. लगातार दो सम संख्याओं का योगफल:
लगातार दो सम संख्याओं के बीच अंतर 2 होता है।
यदि पहली सम संख्या x है, तो दूसरी सम संख्या x+2 होगी।
योगफल = x+(x+2)=2x+2
उदाहरण: 6 और 8 के लिए: 6+8=2(6)+2=12+2=14
2. लगातार दो विषम संख्याओं का योगफल:
लगातार दो विषम संख्याओं के बीच भी अंतर 2 होता है।
यदि पहली विषम संख्या y है, तो दूसरी विषम संख्या y+2 होगी।
योगफल = y+(y+2)=2y+2
उदाहरण: 7 और 9के लिए: 7+9=2(7)+2=14+2=16
3. लगातारn सम संख्याओं का योगफल:
यदि लगातार n सम संख्याओं का योग निकालना है, तो इसका फार्मूला होगा:
योगफल = n(n+1)
उदाहरण: पहली 3 सम संख्याओं (2, 4, 6) का योग: 3(3+1)=3×4=12
4. लगातारn विषम संख्याओं का योगफल:
यदि लगातार n विषम संख्याओं का योग निकालना है, तो इसका फार्मूला होगा:
योगफल = n2
उदाहरण: पहली 3 विषम संख्याओं (1, 3, 5) का योग: 32=9
सारांश:
लगातार दो सम या विषम संख्याओं का योग 2x+2 के रूप में होता है।
लगातार n सम संख्याओं का योग n(n+1) होता है।
लगातार n विषम संख्याओं का योग n2 होता है।
5. लगातार n प्राकृत संख्याओं का योगफल:
लगातार प्राकृत संख्याओं (Natural Numbers) का योग निकालने के लिए एक सामान्य सूत्र होता है, जिसे समीकरण के रूप में लिखा जा सकता है:
योगफल = n(n+1)/2
जहाँ n वह संख्या है, जहाँ तक योग निकालना है।
उदाहरण:
1. यदि आपको 1 से 10 तक की प्राकृत संख्याओं का योग निकालना है, तो n = 10 होगा:
योगफल = 10(10+1)/2
10 x 11/2 = 110/2 = 55
2. यदि आपको 1 से 20 तक की प्राकृत संख्याओं का योग निकालना है, तो n = 20 होगा:
योगफल = 20(20+1)/2 = 20 x 21/2 = 420/2 = 210
सारांश:
पहली n प्राकृत संख्याओं का योग निकालने के लिए फार्मूला है:
योगफल = n(n+1)/2
इस फार्मूले का उपयोग किसी भी संख्या तक की प्राकृत संख्याओं का योग निकालने के लिए किया जा सकता है।
यहाँ सम और विषम संख्याओं, उनके अंतर, लगातार योगफल, और प्राकृत संख्याओं के लगातार योगफल से संबंधित MCQs दिए गए हैं:
MCQ:
1. सम और विषम संख्या का अंतर:
यदि 12 और 7 का अंतर निकाला जाए, तो परिणाम क्या होगा?
a) 5 (सम संख्या)
b) 6 (सम संख्या)
c) 5 (विषम संख्या)
d) 4 (सम संख्या)
उत्तर: c) 5 (विषम संख्या)
किसी विषम संख्या से सम संख्या घटाने पर परिणाम कैसा होगा?
a) हमेशा विषम संख्या
b) हमेशा सम संख्या
c) कभी विषम कभी सम
d) हमेशा शून्य
उत्तर: a) हमेशा विषम संख्या
निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही है?
a) दो सम संख्याओं का अंतर विषम होता है।
b) दो विषम संख्याओं का अंतर विषम होता है।
c) विषम संख्या और सम संख्या का अंतर विषम होता है।
d) सम संख्या और विषम संख्या का अंतर सम होता है।
उत्तर: c) विषम संख्या और सम संख्या का अंतर विषम होता है।
2. लगातार सम और विषम संख्याओं का योगफल:
लगातार दो सम संख्याओं का योग निकालने का फार्मूला क्या है?
a) 2x
b) 2x+1
c) 2x+2
d) x+2
उत्तर: c) 2x+2
यदि x=8 हो, तो लगातार दो सम संख्याओं का योगफल क्या होगा?
a) 16
b) 18
c) 20
d) 22
उत्तर: b) 18
लगातार दो विषम संख्याओं का योगफल क्या होगा?
a) 2x+2
b) 2x+1
c) 2x
d) x+1
उत्तर: a) 2x+2
लगातार विषम संख्याओं 11 और 13 का योग क्या होगा?
a) 22
b) 24
c) 26
d) 28
उत्तर: b) 24
3. लगातार प्राकृत संख्याओं का योगफल:
पहली n प्राकृत संख्याओं का योगफल निकालने का फार्मूला क्या है?
a) n(n+1)/2
b) n(n+2)/2
c) n(n+1)
d) n(n+2)
उत्तर: a) n(n+1)/2
पहली 10 प्राकृत संख्याओं का योगफल क्या होगा?
a) 50
b) 55
c) 60
d) 65
उत्तर: b) 55
लगातार n विषम संख्याओं का योगफल क्या होता है?
a) n(n+1)
b) n2
c) 2n
d) 2n+1
उत्तर: b) n2
पहली 5 विषम संख्याओं का योगफल क्या होगा?
a) 25
b) 15
c) 9
d) 36
उत्तर: a) 25
4. प्राकृत संख्याओं का लगातार योगफल:
यदि पहली 7 प्राकृत संख्याओं का योग निकाला जाए, तो परिणाम क्या होगा?
a) 21
b) 28
c) 15
d) 35
उत्तर: b) 28
1 से 100 तक की प्राकृत संख्याओं का योगफल क्या होगा?
गणित में, दो या दो से अधिक संख्याओं या पदों को जोड़ने के बाद योग को परिणाम या उत्तर के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। यहां, 5 और 7 जोड़ हैं और 12, 5 और 7 का योग है।
योग संकेतन
जब हम संख्याओं को जोड़ते हैं तो प्लस चिह्न (+) का उपयोग किया जाता है। योग जोड़ से प्राप्त परिणाम का नाम है। हम योग को प्रतीक ∑ (सिग्मा) द्वारा निरूपित कर सकते हैं।
अंकों का योग
एक अंक वाली संख्याओं का योग
दो अंकीय संख्याओं का योग
चरण 1: आसानी से समझने के लिए अंकों के बीच पर्याप्त स्थान देकर कॉलम में दिए गए नंबर लिखें।
चरण 2: इकाई अंक को एक साथ जोड़ें, और कैरी (यदि कोई हो) को स्थानांतरित करें। अंततः, यह इकाई स्थान पर मौजूद संख्याओं का योग देता है।
चरण 3: दहाई अंक जोड़ें और पिछले चरण से कैरी करें (यदि कोई हो) और कैरी को स्थानांतरित करें। यह दहाई के स्थान पर संख्याओं का योग देता है।
चरण 4: इस प्रकार, अंतिम पंक्ति के अंक दी गई संख्याओं का योग दर्शाते हैं।
तीन अंकों की संख्याओं का योग
चरण 1: आसानी से समझने के लिए अंकों के बीच पर्याप्त स्थान देकर कॉलम में दिए गए नंबर लिखें।
चरण 2: इकाई अंक को एक साथ जोड़ें, और कैरी (यदि कोई हो) को स्थानांतरित करें। अंततः, यह इकाई स्थान पर मौजूद संख्याओं का योग देता है।
चरण 3: दहाई अंक जोड़ें और पिछले चरण से कैरी करें (यदि कोई हो) और कैरी को स्थानांतरित करें। यह दहाई के स्थान पर संख्याओं का योग देता है।
चरण 4: सैकड़ों स्थानों के अंकों को जोड़ें, और पिछले चरण से संख्या (यदि कोई हो) ले लें। इस प्रकार, यह परिणाम के सैकड़ों या हजारों या दोनों (योग के आधार पर) प्रदान करता है।
चरण 5: इस प्रकार, अंतिम पंक्ति के अंक दी गई संख्याओं का योग दर्शाते हैं।
संख्या के योगफल संबंधित सूत्र-
प्रथम n प्राकृतिक संख्याओं का योग
योग संख्याओं के अनुक्रम के योग या योग का परिणाम है। इस प्रकार, हम प्रथम n प्राकृतिक संख्याओं के अनुक्रम का योग ज्ञात कर सकते हैं।
पहली n प्राकृतिक संख्याएँ हैं:
1, 2, 3, 4,…., n
यह एक AP है जिसका पहला पद a = 1 और अंतिम पद l = n है।
हम जानते हैं कि, AP के n पदों का योग, जब पहला और अंतिम पद ज्ञात हो, इस प्रकार दिया जाता है:
पहले n प्राकृतिक संख्याओं का योग n(n + 1)/2 द्वारा दिया जाता है।
विषम संख्याओं का योग सूत्र
विषम संख्याओं का क्रम है:
1, 3, 5, 7, 9, 11,…..
यह एक AP है जिसका पहला पद a = 1 और दूसरा पद a + d = 3 है।
सार्व अंतर = d = 3 – 1 = 2
प्रथम n विषम संख्याओं का योग है:
विषम संख्या सूत्र का योग n 2 है ।
सम संख्याओं का योग सूत्र
सम संख्याओं का क्रम है:
2, 4, 6, 8, 10,…..
यह एक AP है जिसका पहला पद a = 2 और दूसरा पद a + d = 4 है।
सार्व अंतर = d = 4 – 2 = 2
प्रथम n विषम संख्याओं का योग है:
सम संख्याओं के योग का सूत्र n(n + 1) है।
n प्राकृतिक संख्याओं के वर्गों का योग
n प्राकृतिक संख्याओं के वर्गों के योग का सूत्र इस प्रकार दिया गया है:
Σn 2 = [n(n+1)(2n+1)]/6
इस सूत्र का उपयोग पहले n धनात्मक पूर्णांकों के वर्गों का योग ज्ञात करने के लिए किया जाता है।
n प्राकृतिक संख्याओं के घनों का योग
n प्राकृतिक संख्याओं के घनों के योग का सूत्र है:
∑n 3 = [n(n + 1)/2] 2
योग पर आधारित प्रश्न
प्रश्न 1: बैग A में 10 गेंदें हैं और बैग B में 17 गेंदें हैं। गेंदों की कुल संख्या ज्ञात कीजिए।
समाधान:
बैग A में गेंदों की संख्या = 10
बैग B में गेंदों की संख्या = 17
गेंदों की कुल संख्या = 10 + 17 = 27
प्रश्न 2: गौतम के पास 2 रुपये के पांच सिक्के हैं, और कमल के पास 10 एक रुपये के सिक्के हैं, जबकि वीना के पास 5 रुपये के सात सिक्के हैं। तो गौतम, कमल और वीना के पास कुल कितनी धनराशि है?
समाधान:
दी गई जानकारी के मुताबिक,
व्यक्ति
मात्रा
गौतम
5 × रु. 2 = रु. 10
कमल
10 × रु. 1 = रु. 10
वीना
7 × रु. 5 = रु. 35
धनराशि का योग = रु. 10 + रु. 10 + रु. 35 = रु. 55
प्रश्न 3: 1 से 100 तक की संख्याओं का योग कितना होता है?
1 से 100 तक की संख्याओं के योग की गणना इस प्रकार की जा सकती है: n = 100 100 प्राकृतिक संख्याओं का योग = [100(100 + 1)/2] = 50 × 101 = 5050
भाज्य अभाज्य और सहभाज्य संख्या / Divisible, Prime and Composite numbers
भाज्य संख्या (Composite Number)
परिभाषा: वह संख्या जो 1 और स्वयं के अलावा अन्य संख्याओं से भी विभाजित हो सकती है, उसे भाज्य संख्या कहा जाता है। अर्थात, जिसके एक से अधिक गुणनखण्ड (factors) होते हैं।
उदाहरण:
4 (गुणनखण्ड: 1, 2, 4)
6 (गुणनखण्ड: 1, 2, 3, 6)
9 (गुणनखण्ड: 1, 3, 9)
इन सभी संख्याओं के 1 और स्वयं के अलावा अन्य गुणनखण्ड हैं, इसलिए ये भाज्य संख्याएँ हैं।
अभाज्य संख्या (Prime Number)
परिभाषा: वह संख्या जो केवल 1 और स्वयं से विभाजित हो सके, उसे अभाज्य संख्या कहते हैं। अर्थात, जिसके केवल दो ही गुणनखण्ड होते हैं – 1 और वह स्वयं।
उदाहरण:
2 (गुणनखण्ड: 1, 2)
3 (गुणनखण्ड: 1, 3)
5 (गुणनखण्ड: 1, 5)
7 (गुणनखण्ड: 1, 7)
ये संख्याएँ केवल 1 और स्वयं से विभाजित होती हैं, इसलिए ये अभाज्य संख्याएँ हैं।
मुख्य अंतर:
अभाज्य संख्याएँ: जिनके केवल दो ही गुणनखण्ड होते हैं (1 और स्वयं), जैसे 2, 3, 5, 7, 11 आदि।
भाज्य संख्याएँ: जिनके एक से अधिक गुणनखण्ड होते हैं, जैसे 4, 6, 8, 9, 12 आदि।
एक महत्वपूर्ण बिंदु:
1 न तो अभाज्य है और न ही भाज्य, इसे विशेष संख्या माना जाता है।
भाज्य संख्या
1 to 100 के बीच कूल 74 संख्याएँ ऐसी है जो की भाज्य संख्याएँ है। भाज्य संख्या 1 से 100 तक की पूरी लिस्ट निचे दी गई है-
4
6
8
9
10
12
14
15
16
18
20
21
22
24
25
26
27
28
30
32
33
34
35
36
38
39
40
42
44
45
46
48
49
50
51
52
54
55
56
57
58
60
62
63
64
65
66
68
69
70
72
74
75
76
77
78
80
81
82
84
85
86
87
88
90
91
92
93
94
95
96
98
99
100
अभाज्य संख्या ( रूढ़ संख्या )
वे 1 से बड़ी प्राकृतिक संख्याएँ, जो स्वयं और 1 के अतिरिक्त और किसी प्राकृतिक संख्या से विभाजित नहीं होतीं, उन्हें ‘अभाज्य संख्या’ कहते हैं।
अभाज्य संख्या के गुण
0 और 1 अभाज्य संख्याएँ नही है।
2 को छोड़कर सभी अभाज्य संख्याएँ विषम होती हैं।
1 बड़ी पूर्ण संख्याएँ अभाज्य संख्याएँ कहलाती है।
अभाज्य संख्याएँ में केवल और केवल दो गुणनखंड होते है।
अभाज्य संख्याएँ ज्ञात करने की विधि को गुणनखंड विधि कहते है।
अभाज्य संख्याएँ हमेशा 0 और 1 से बड़ी होती है।
1 से बड़ी सभी अभाज्य संख्या 1 से विभाजित हो सकती है।
अभाज्य संख्या 1 और स्वयं के अतिरिक्त किसी अन्य संख्या से विभाजित नही हो सकती है।
1 से 200 तक अभाज्य संख्या
2
31
73
127
179
3
37
79
131
181
5
41
83
137
191
7
43
89
139
193
11
47
97
149
197
13
53
101
151
199
17
59
103
157
211
19
61
107
163
223
23
67
109
167
227
29
71
113
173
229
अभाज्य संख्याओं के प्रश्न एवं हल
सबसे छोटी अभाज्य संख्या कौनसी हैं?
A. 1 B. 0 C. 2 D. 4
उत्तर:- सबसे छोटी अभाज्य संख्या 2 हैं।
सबसे छोटी अभाज्य संख्या लिखिए जो 9 से बड़ी हो।
A. 11 B. 13 C. 17 D. 23
उत्तर:- 9 से बड़ी अभाज्य संख्याएँ 11, 13, 17, 19, 23 हैं। इनमें सबसे छोटी संख्या 11 हैं।
सबसे बड़ी अभाज्य संख्या लिखिए जो 18 से छोटी हो।
A. 17 B. 15 C. 13 D. 9
उत्तर:- 18 से छोटी अभाज्य संख्याएँ 2, 3, 5, 7, 11, 13, 17 हैं। इनमें सबसे बड़ी संख्या 17 हैं।
20 से छोटी उन अभाज्य संख्याओं के जोड़े लिखिए जिनका अंतर 2 हो?
A. (3, 5), (5, 7), (11, 13), (17, 19) B. (2, 3), (5, 9), (7, 9) (9, 11) C. (1, 3), (5, 7), (7, 9) (19, 19) D. (3, 5), (5, 7), (7, 9) (17, 19)
हल:- प्रश्ननानुसार, 20 से छोटी अभाज्य संख्याएँ – 2, 3, 5, 7, 11, 13, 17, 19 20 से छोटी अभाज्य संख्याओं के बीच 2 का अंतर उत्तर:- (3, 5), (5, 7), (11, 13), (17, 19)
ऐसी 50 से छोटी अभाज्य संख्याओं के जोड़े लिखिए जिनका अंतर 1 हो?
A. (2, 3) B. (3, 5) C. (11, 13) D. (17, 19)
50 से छोटी अभाज्य संख्याएँ उत्तर:- 2, 3, 5, 7, 11, 13, 17, 19, 23, 29, 31, 37, 41, 43, 47 50 से छोटी अभाज्य संख्याओं के बीच 1 का अंतर (3 – 2 ) = 1
30 और 40 के बीच की अभाज्य संख्याएँ लिखिए?
A. 1 B. 2 C. 3 D. 4
उत्तर:- 30 और 40 के बीच की अभाज्य संख्याएँ – 31, 37 हैं।
निम्न में किन संख्याओं के बीच में केवल एक ही अभाज्य संख्या है?
a. 40 तथा 50 b. 60 तथा 70 c. 80 तथा 90 d. 90 तथा 100
निम्नलिखित में कौन सी अभाज्य संख्या है?
a. 91 b. 93 c. 95 d. 97
सह-अभाज्य संख्या
मान लीजिए कि x और y दो धनात्मक पूर्णांक हैं जैसे कि उन्हें सह-अभाज्य संख्याएँ कहा जाता है यदि और केवल यदि उनका एकमात्र सामान्य गुणनखंड 1 है और इस प्रकार HCF(x, y) = 1 है।
दो संख्याओं में 1 के अलावा कोई धनात्मक पूर्णांक नहीं है जो दोनों को विभाजित कर सके, तो संख्याओं का जोड़ा सह-अभाज्य है।
दूसरे शब्दों में, सह-अभाज्य संख्याएँ एक समुच्चय हैं ऐसी संख्याएँ या पूर्णांक जिनका सामान्य गुणनखंड केवल 1 है अर्थात उनका उच्चतम सामान्य गुणनखंड (HCF) 1 होगा।
सह-अभाज्य संख्याएँ बनाने के लिए यह आवश्यक है कि दो संख्याएँ हों।
उदाहरण 1: 21 और 22
21 और 22 के लिए:
21 के गुणनखंड 1, 3, 7 और 21 हैं।
22 के गुणनखंड 1, 2, 11 और 22 हैं।
यहां 21 और 22 में केवल एक उभयनिष्ठ गुणनखंड है जो कि 1 है। इसलिए, उनका महत्तम समापवर्तक 1 है और सह-अभाज्य हैं।
उदाहरण 2: 21 और 27
21 और 27 के लिए:
21 के गुणनखंड 1, 3, 7 और 21 हैं।
27 के गुणनखंड 1, 3, 9 और 27 हैं।
यहां 21 और 27 में दो सामान्य गुणनखंड हैं; वे 1 और 3 हैं। महत्तम समापवर्तक 3 है और वे सह-अभाज्य नहीं हैं।
यहाँ भाज्य संख्याएँ (Composite Numbers), अभाज्य संख्याएँ (Prime Numbers), और सह-अभाज्य संख्याएँ (Co-prime Numbers) से संबंधित कुछ MCQs दिए गए हैं:
MCQ:
निम्नलिखित में से कौन-सी संख्या अभाज्य (Prime) है?
a) 4
b) 7
c) 9
d) 12
उत्तर: b) 7
15 और 28 के बीच संबंध क्या है?
a) ये सह-अभाज्य (Co-prime) हैं।
b) ये अभाज्य (Prime) हैं।
c) ये भाज्य (Composite) हैं
d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर: a) ये सह-अभाज्य हैं।
निम्नलिखित में से कौन-सी संख्या भाज्य (Composite) है?
a) 11
b) 13
c) 15
d) 17
उत्तर: c) 15
कौन-सी संख्या अभाज्य नहीं है?
a) 3
b) 5
c) 9
d) 11
उत्तर: c) 9
सह-अभाज्य संख्याओं के लिए कौन-सा कथन सही है?
a) दोनों संख्याएँ अभाज्य होनी चाहिए।
b) दोनों संख्याएँ भाज्य होनी चाहिए।
c) दोनों संख्याओं का महत्तम समापवर्तक (HCF) 1 होना चाहिए।
d) दोनों संख्याओं का लघुत्तम समापवर्तक (LCM) 1 होना चाहिए।
उत्तर: c) दोनों संख्याओं का महत्तम समापवर्तक (HCF) 1 होना चाहिए।
35 और 18 के बीच संबंध क्या है?
a) ये सह-अभाज्य हैं।
b) ये अभाज्य हैं।
c) ये भाज्य हैं।
d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर: a) ये सह-अभाज्य हैं।
निम्नलिखित में से कौन-सी संख्या भाज्य है?
a) 23
b) 19
c) 29
d) 24
उत्तर: d) 24
13 और 14 के बीच संबंध क्या है?
a) ये सह-अभाज्य हैं।
b) ये अभाज्य हैं।
c) ये भाज्य हैं।
d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर: a) ये सह-अभाज्य हैं।
निम्नलिखित में से कौन-सी संख्या अभाज्य संख्या है?
a) 21
b) 22
c) 23
d) 24
उत्तर: c) 23
निम्नलिखित में से कौन-सी संख्या सह-अभाज्य (Co-prime) नहीं है?
a) 8 और 15
b) 14 और 25
c) 17 और 19
d) 12 और 18
उत्तर: d) 12 और 18
ये MCQs छात्रों को भाज्य, अभाज्य, और सह-अभाज्य संख्याओं के बीच के अंतर को समझने में सहायता करेंगे।
संख्याओं को लिखने के लिए जिसकी आवश्यकता होती है उसे अंक कहते हैं। गणित में कुल 10 अंक (0, 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9) का प्रयोग किया जाता है। सबसे बड़ा अंक 9 तो सबसे छोटा अंक 0 होता है।
संख्या :-
अंको के मिलने से बनता है वह संख्या होता है। संख्या में एक से अधिक अंक होते है। संख्या विभिन्न अंको का बनता है। जैसे 1 और 0 अंक के प्रयोग 10 संख्या बना सकते हैं।
देवनागरी अंक
अंको से संख्या बनाना
1. किसी भी अंक के बड़े-छोटे अंक बनाने के लिए हम ट्रिक जानते है। बड़े अंक बनाने के लिए, जितने भी अंक का पूछा गया उतना 9 लिख देते है तो उस अंक का सबसे बड़ा अंक बन जाता है जैसे चार अंक सबसे बड़ा अंक 9999।
इसी प्रकार , किसी भी अंक के सबसे छोटे अंक बनाने के लिए 1 के बाद 0 लगाते जाते है तो छोटा अंक बन जाता है। जैसे हम चार अंको का छोटा अंक बनाते है तो 1000।
2. किसी भी अंक के प्रयोग करके बड़ा अंक बनाते है तो अंको को अवरोही क्रम (घटते क्रम) में लिख देने से उस अंक के बड़ी संख्या बन जाती है।
जैसे :-1, 9 , 0, 4 के प्रयोग से बड़ी संख्या बनाते है तो अवरोही क्रम में लिखते है 9410 अतः इस अंक के प्रयोग करके नौ हजार चार सौ दस ही सबसे बड़ी संख्या बनेगी।
3. किसी भी अंक के प्रयोग करके छोटे अंक बनाने के लिए हम अंको को आरोही क्रम में लिखते हैं। ध्यान रहे 0 को पहली नही लिख सकते है उसे दूसरे स्थान में लिखा जाता है।
जैसे:- हम 4, 0, 3, 8 के प्रयोग से सबसे छोटी संख्या बनाते हैं तो हम 3048 लिखते है। हम 0 को पहले नही लिख सकते क्योंकि किसी भी संख्या के पहले 0 का महत्व नही होता है।
महत्वपूर्ण तथ्य
संख्या को हमेशा बाएँ से दाएँ पढ़ना चाहिए ।
शून्य का स्थानीय मान सभी स्थानों पर शून्य ही होता है।
किसी भी संख्या को लिखते समय उसे खण्डों में बाँटते हैं। अलग खण्डों के लिए अल्प-विराम लगाते हैं।
संख्याओं में अल्प विराम बाएँ से दाएँ लगाते हैं।
किसी संख्या के ठीक पहले की संख्या पूर्ववर्ती संख्या कहलाती है ।
किसी संख्या के ठीक बाद की संख्या परवर्ती संख्या कहलाती है।
दो अंकों की सबसे बड़ी संख्या के ठीक बाद तीन अंकों वाली सबसे छोटी संख्या आती है।
तीन अंकों वाली सबसे छोटी संख्या के ठीक पहले दो अंकों वाली सबसे बड़ी संख्या आती है।
आरोही क्रम-छोटी संख्या से शुरू करके क्रम से बड़ी संख्या लिखते हैं।
अवरोही क्रम-बड़ी संख्या से शुरू करके क्रम से छोटी संख्या को लिखते हैं।
भारतीय गणना प्रणाली (Indian Numbering System) एक परंपरागत गणना प्रणाली है जो भारतीय उपमहाद्वीप में व्यापक रूप से उपयोग की जाती है। यह प्रणाली विशेष रूप से बड़ी संख्याओं को समूहित करने के तरीके में अद्वितीय है। यहाँ पर संख्या को अलग-अलग समूहों में विभाजित किया जाता है, जैसे लाख, करोड़, अरब, आदि।
भारतीय गणना प्रणाली (Indian Number System)
भारतीय गणना प्रणाली में स्थानिक मूल्य (Place Value) निम्नलिखित है:
एकक (Units): 1
दहाई (Tens): 10
सैकड़ा (Hundreds): 100
हजार (Thousands): 1,000
दस हजार (Ten Thousands): 10,000
लाख (Lakhs): 1,00,000
दस लाख (Ten Lakhs): 10,00,000
करोड़ (Crores): 1,00,00,000
दस करोड़ (Ten Crores): 10,00,00,000
भारतीय गणना प्रणाली की प्रमुख विशेषताएँ:
स्थानिक मूल्य (Place Value): प्रत्येक अंक का मान उसकी स्थिति के अनुसार बदलता है, जैसे संख्या 52,43,876 में:
6 एकक (Units)
7 दहाई (Tens)
8 सैकड़ा (Hundreds)
3 हजार (Thousands)
4 दस हजार (Ten Thousands)
2 लाख (Lakhs)
5 दस लाख (Ten Lakhs)
संख्या विभाजन (Number Grouping):
बड़ी संख्याओं को पढ़ने और समझने में आसानी के लिए इन्हें लाख, करोड़, आदि में विभाजित किया जाता है। उदाहरण के लिए, 1,23,45,678 को “एक करोड़ तेईस लाख पैंतालीस हजार छह सौ अठहत्तर” पढ़ा जाता है।
अद्वितीय नामकरण (Unique Naming):
भारतीय प्रणाली में बड़ी संख्याओं के लिए विशेष नाम होते हैं, जैसे लाख (Lakh) और करोड़ (Crore), जो अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली में नहीं पाए जाते।
उदाहरण:
1,00,000 को “एक लाख” कहा जाता है।
10,00,000 को “दस लाख” कहा जाता है।
1,00,00,000 को “एक करोड़” कहा जाता है।
10,00,00,000 को “दस करोड़” कहा जाता है।
भारतीय गणना प्रणाली की यह संरचना इसे बड़ी संख्याओं को सरलता से पढ़ने और समझने में सहायक बनाती है।
भारतीय गणना प्रणाली (Indian Number System) से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण MCQ निम्नलिखित हैं:
1. भारतीय गणना प्रणाली में एक लाख (1,00,000) को क्या कहा जाता है?
(A) Ten Thousand
(B) Lakh
(C) Million
(D) Crore उत्तर: (B) Lakh
2. भारतीय गणना प्रणाली में 10 करोड़ (10,00,00,000) को क्या कहा जाता है?
(A) Million
(B) Billion
(C) Crore
(D) Trillion उत्तर: (C) Crore
3. भारतीय गणना प्रणाली में हजार का स्थान किसके बाद आता है?
(A) इकाई
(B) दहाई
(C) सैकड़ा
(D) लाख उत्तर: (C) सैकड़ा
4. निम्नलिखित में से कौन-सा सही संख्या है जो भारतीय गणना प्रणाली के अनुसार लिखी गई है?
(A) 123,456,789
(B) 1,23,45,678
(C) 12,345,678
(D) 1,234,567 उत्तर: (B) 1,23,45,678
5. भारतीय गणना प्रणाली में “अरब” के बाद कौन-सा स्थान आता है?
(A) खरब
(B) लाख
(C) करोड़
(D) नील उत्तर: (A) खरब
6. भारतीय गणना प्रणाली में 1 लाख की तुलना में 10 करोड़ कितनी बड़ी संख्या है?
(A) 10 गुना
(B) 100 गुना
(C) 1,000 गुना
(D) 10,000 गुना उत्तर: (D) 10,000 गुना
7. 7 अंकों की सबसे छोटी संख्या भारतीय गणना प्रणाली के अनुसार क्या है?
(A) 1,00,000
(B) 1,00,00,000
(C) 10,00,000
(D) 10,000 उत्तर: (C) 10,00,000
8. भारतीय गणना प्रणाली में ‘दस लाख’ को अंग्रेजी में क्या कहा जाता है?
(A) Hundred Thousand
(B) One Million
(C) Ten Million
(D) One Billion उत्तर: (B) One Million
9. भारतीय गणना प्रणाली में एक अरब (1,00,00,00,000) कितने करोड़ होते हैं?
(A) 10 करोड़
(B) 100 करोड़
(C) 1,000 करोड़
(D) 10,000 करोड़ उत्तर: (B) 100 करोड़
10. भारतीय गणना प्रणाली में 10 के स्थान पर क्या अंक होता है?
अंतर्राष्ट्रीय गणना प्रणाली, जिसे आमतौर पर अरबी अंक प्रणाली (Arabic Numerals System) के नाम से जाना जाता है, वर्तमान में विश्वभर में सबसे व्यापक रूप से उपयोग की जाने वाली गणना प्रणाली है। इस प्रणाली में निम्नलिखित अंक शामिल होते हैं: 0, 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, और 9।
अंतर्राष्ट्रीय गणना प्रणाली (Arabic Numerals System)
यह प्रणाली दशमलव (Decimal) प्रणाली पर आधारित है, जिसका आधार 10 है। इसमें संख्याओं को एक निश्चित स्थान पर रखकर उनकी मान्यता की जाती है। उदाहरण के लिए:
एकांक स्थान (Units place)
दहाई स्थान (Tens place)
सैकड़ा स्थान (Hundreds place)
हजार स्थान (Thousands place)
मिलियन स्थान (Million place) आदि।
यहाँ अंतरराष्ट्रीय गणना प्रणाली पर आधारित कुछ MCQ (Multiple Choice Questions) दिए गए हैं, जो छात्रों के लिए सहायक हो सकते हैं:
1. निम्नलिखित में से कौन-सा संख्या सही रूप से अंतरराष्ट्रीय प्रणाली में लिखा गया है?
A. 1,000,000 B. 10,00,000 C. 1,00,00,000 D. 1000000
उत्तर: A. 1,000,000
2. अंतरराष्ट्रीय गणना प्रणाली में 1,000,000 को किस रूप में पढ़ा जाता है?
A. दस लाख B. एक मिलियन C. दस मिलियन D. एक अरब
उत्तर: B. एक मिलियन
3. निम्नलिखित में से कौन-सा अंतरराष्ट्रीय अंकन प्रणाली का सही स्वरूप है?
A. Ones, Tens, Hundreds, Thousands, Lakhs B. Ones, Tens, Hundreds, Thousands, Millions, Billions C. Ones, Tens, Hundreds, Thousands, Lakhs, Crores D. Ones, Tens, Hundreds, Thousands, Millions, Crores
उत्तर: B. Ones, Tens, Hundreds, Thousands, Millions, Billions
4. 52,763,841 को अंतरराष्ट्रीय प्रणाली में कैसे पढ़ा जाएगा?
A. पचास दो लाख, सत्ताईस हजार, छः सौ इक्यासी B. पचपन मिलियन, सात लाख, छियासठ हजार, आठ सौ इक्यासी C. पचास मिलियन, सात लाख, छिहत्तर हजार, आठ सौ इक्यासी D. पचास दो मिलियन, सत्तर हजार, छियासी हजार, आठ सौ इक्यासी
उत्तर: C. पचास मिलियन, सात लाख, छिहत्तर हजार, आठ सौ इक्यासी
5. अंतरराष्ट्रीय अंक प्रणाली में “Billions” के बाद कौन-सा स्थान आता है?
A. Trillions B. Millions C. Thousands D. Quadrillions
उत्तर: A. Trillions
6. 7,654,321 को अंतरराष्ट्रीय अंक प्रणाली में क्या कहा जाएगा?
A. सात मिलियन, छः लाख, पचास चार हजार, तीन सौ इक्यासी B. सात मिलियन, छः लाख, पचपन हजार, तीन सौ इक्यासी C. सात मिलियन, छः लाख, पचास चार हजार, तीन सौ इक्कीस D. सात मिलियन, छः लाख, पचास चार हजार, तीन सौ इक्यावन
उत्तर: C. सात मिलियन, छः लाख, पचास चार हजार, तीन सौ इक्कीस
7. 1 Billion में कितने Millions होते हैं?
A. 100 B. 1,000 C. 10 D. 1
उत्तर: C. 1,000
8. 123,456,789 को अंतरराष्ट्रीय अंकन प्रणाली में कैसे पढ़ेंगे?
A. एक सौ तेईस मिलियन, चार लाख, पचास छः हजार, सात सौ इक्यासी B. एक सौ तेईस मिलियन, चार लाख, छप्पन हजार, सात सौ इक्यासी C. एक सौ तेईस मिलियन, चालीस छः लाख, छप्पन हजार, सात सौ इक्यासी D. एक सौ बीस तीन मिलियन, चालीस पांच हजार, छप्पन हजार, सात सौ इक्यासी
उत्तर: B. एक सौ तेईस मिलियन, चार लाख, छप्पन हजार, सात सौ इक्यासी
9. निम्नलिखित में से कौन-सा संख्या अंतरराष्ट्रीय अंकन प्रणाली का हिस्सा नहीं है?
A. Millions B. Billions C. Lakhs D. Trillions
उत्तर: C. Lakhs
10. अंतरराष्ट्रीय प्रणाली में 12,345,678 को कैसे विभाजित किया जाएगा?
A. 12 Million, 345 Thousand, 678 B. 12 Billion, 345 Million, 678 Thousand C. 12 Thousand, 345 Hundred, 678 D. 12 Crores, 345 Lakhs, 678 Thousands
रोमन गणना प्रणाली (Roman Numerals System) एक प्राचीन गणना प्रणाली है जिसमें अंकों को वर्णमाला द्वारा दर्शाया जाता है। यह प्रणाली रोमन सभ्यता द्वारा प्रयोग की जाती थी और आज भी कुछ विशेष संदर्भों में उपयोग की जाती है।
रोमन गणना प्रणाली(Roman Numerals System)
रोमन गणना प्रणाली में, प्रमुख रोमन संख्याओं के वर्ण हैं: I, V, X, L, C, D, और M, जो निम्नलिखित मानों को दर्शाते हैं:
I = 1
V = 5
X = 10
L = 50
C = 100
D = 500
M = 1000
रोमन गणना प्रणाली: नियम
रोमन गणना प्रणाली में कुछ नियम होते हैं:
एक संकेत के दाईं ओर एक संकेत का अधिकार वहीं होता है। जैसे, II = 2, VIII = 8।
छोटे संकेत, जैसे I, X, C, इस उदाहरण में, बड़े संकेत, जैसे V, L, D, और M,
यदि एक छोटा संकेत एक बड़े संकेत के बाईं ओर होता है, तो यह बड़े संकेत से घटाया जाता है। उदाहरण के लिए:
IV = 4 (5 – 1)
IX = 9 (10 – 1)
XL = 40 (50 – 10)
XC = 90 (100 – 10)
CD = 400 (500 – 100)
CM = 900 (1000 – 100)
एक ही संकेत को लगातार तीन से अधिक बार उपयोग नहीं किया जाता है। उदाहरण के लिए, 4 को IIII नहीं, बल्कि IV लिखा जाता है।
इन नियमों के आधार पर, रोमन अंकों को संयोजित कर किसी भी संख्या को लिखा जा सकता है। उदाहरण के लिए:
1987 = MCMLXXXVII
M = 1000
CM = 900
L = 50
XXX = 30
VII = 7
4000 को रोमन संख्या में IV̅ लिखा जाता है।
यहाँ IV̅ में “I” से पहले “V” का अर्थ 4 होता है, और ऊपर की रेखा ( – ) संख्या को 1000 से गुणा करती है।
यहाँ पर रोमन अंक प्रणाली पर आधारित कुछ महत्वपूर्ण MCQ दिए गए हैं:
प्रश्न 1: रोमन अंक “XVI” का दशमलव मान क्या है?
A) 14
B) 16
C) 18
D) 20 उत्तर: B) 16
प्रश्न 2: रोमन अंक “L” का दशमलव मान क्या है?
A) 100
B) 500
C) 50
D) 5 उत्तर: C) 50
प्रश्न 3: रोमन अंक “C” किस संख्या का प्रतीक है?
A) 50
B) 100
C) 150
D) 200 उत्तर: B) 100
प्रश्न 4: निम्नलिखित में से कौन सा सही रोमन अंक है?
A) IIII
B) IV
C) IIV
D) VV उत्तर: B) IV
प्रश्न 5: रोमन अंक “D” का दशमलव मान क्या है?
A) 1000
B) 500
C) 50
D) 100 उत्तर: B) 500
प्रश्न 6: रोमन अंक “IX” किस संख्या का प्रतिनिधित्व करता है?
A) 7
B) 8
C) 9
D) 10 उत्तर: C) 9
प्रश्न 7: रोमन अंक “XL” का दशमलव मान क्या है?
A) 30
B) 40
C) 60
D) 90 उत्तर: B) 40
प्रश्न 8: रोमन अंक “MCMXC” किस संख्या का प्रतीक है?
A) 1900
B) 1990
C) 1950
D) 2000 उत्तर: B) 1990
प्रश्न 9: निम्नलिखित में से कौन सा रोमन अंक “94” को सही ढंग से दर्शाता है?
A) XCIV
B) IXIV
C) LXXXXIV
D) IC उत्तर: A) XCIV
प्रश्न 10: 2023 को रोमन अंकों में कैसे लिखा जाता है?
किसी संख्या के ठीक पहले आने वाली संख्या को उस संख्या का पूर्ववर्ती संख्या कहते है। या किसी मूल संख्या में एक घटाने पर प्राप्त संख्या को पूर्ववर्ती संख्या कहते हैं।
जैसे :- 50 का पूर्ववर्ती संख्या 49 है। 50 में एक घटाने पर 49 प्राप्त होता है या 50 से पहले आने वाली संख्या 49 है।
परवर्ती संख्या ( Successor Number)
किसी संख्या के ठीक पहले आने वाली या किसी संख्या पर एक जोड़ने से प्राप्त संख्या को परवर्ती संख्या कहते हैं।
जैसे:- 60 का परवर्ती संख्या 61 होगा। 60 के बाद 61 आता है या 60 में एक जोड़ने पर 61 प्राप्त होता है।
पूर्ववर्ती और परवर्ती संख्या पर महत्वपूर्ण प्रश्न
चार अंको के सबसे छोटी संख्या के पूर्ववर्ती संख्या बताओ?
99 के पूर्ववर्ती संख्या और परवर्ती संख्या के गुणनफल क्या होगा?
किसी भी संख्या के परवर्ती व पूर्ववर्ती संख्या के बीच अंतर कितना होता है?
संख्या 500 के पूर्ववर्ती संख्या और परवर्ती संख्या के योगफल कितना होगा?
किसी संख्या के परवर्ती संख्या भाज्य और पूर्ववर्ती संख्या भाजक हो तो शेषफल कितना होगा?
10000 का पूर्ववर्ती संख्या कितना है?
3333 किसी संख्या का परवर्ती संख्या है तो मूल संख्या को बताओ?
5 का परवर्ती संख्या और 7 का पूर्ववर्ती संख्या के गुणनफल कितना होगा?
709 के परवर्ती संख्या और 907 के पूर्ववर्ती संख्या के योगफल कितना होगा?
पूर्ववर्ती, परवर्ती और मूल संख्या में सबसे बड़ा कौन होता है?
गिनती में उपयोग की जाने वाली सभी संख्याएँ प्राकृतिक संख्या कहलाती हैं।
Ex :- 1, 2, 3, 4, 5,………
सम संख्याएँ (Even Number) :-
ऐसी प्राकृतिक संख्या जो 2 से पूर्णतः विभाजित होती हैं, उन्हें सम संख्या कहा जाता हैं।
Ex :- 2, 4, 6, 8, 10,………
विषम संख्याएँ (Odd Numbers) :-
ऐसी प्राकृतिक संख्या जो 2 से पूर्णतः से विभाजित न हो उन्हें विषम संख्या कहते हैं।
Ex :- 1, 3, 5, 7, 9,………
पूर्णांक संख्याएँ :-
धनात्मक त्रणात्मक और जीरों से मिलकर बनी हुई संख्याएँ पूर्णांक संख्या होती हैं।
Ex :- -3, -2, -1, 0, 1, 2,………
पूर्णांक संख्याएँ तीन प्रकार की होती हैं।
धनात्मक संख्याएँ :- एक से लेकर अनंत तक की सभी धनात्मक संख्याएँ धनात्मक पूर्णांक हैं। Ex : +1, +2, +3, +4, +5,……… त्रणात्मक संख्याएँ :- 1 से लेकर अनंत तक कि सभी त्रणात्मक संख्याएँ त्रणात्मक पूर्णांक हैं। Ex : -1, -2, -3, -4, -5,……… उदासीन पूर्णांक :- ऐसा पूर्णांक जिस पर धनात्मक और त्रणात्मक चिन्ह का कोई प्रवाह ना पड़े। और यह जीरो होताा हैं। Ex : -3, -2, -1, 0, 1, 2, 3,………
पूर्ण संख्याएँ (Whole Numbers) :-
प्राकृतिक संख्याएँ में 0 से सामिल कर लेने से पूर्ण संख्या बनती हैं।
Ex :- 0, 1, 2, 3, ………
भाज्य संख्या (Composite Numbers) :-
ऐसी प्राकृत संख्या जो स्वंय और 1 से विभाजित होने के अतिरिक्त कम से कम किसी एक अन्य संख्या से विभाजित हो उन्हें भाज्य संख्या कहते हैं।
Ex :- 4, 6, 8, 9, 10, 12, ………
अभाज्य संख्याएँ (Prime Numbers) :-
ऐसी प्राकृतिक संख्याएँ जो सिर्फ स्वंय से और 1 से विभाजित हो और किसी भी अन्य संख्या से विभाजित न हो उन्हें अभाज्य संख्याएँ कहेंगे।
Ex :- 2, 3, 5, 11, 13, 17, ………
सह अभाज्य संख्या (Co-Prime Numbers) :-
कम से कम 2 अभाज्य संख्याओ का ऐसा समूह जिसका (HCF) 1 हो सह अभाज्य संख्या कहलाती हैं।
Ex :- (5, 7), (2, 3)
परिमेय संख्याएँ (Rational Numbers) :-
ऐसी सभी संख्याएँ जिन्हें p/q के रूप में लिखा जा सकता हैं। उन्हें परिमेय संख्या कहते है (q हर का मान जीरो नहीं होना चाहिए)
Ex :- 5, 2/3, 11/4, √25
अपरिमेय संख्याएँ (Irrational Numbers) :-
ऐसी संख्याएँ जिन्हें p/q के रूप में नही लिखा जा सकता और मुख्यतः उन्हें (√) के अंदर लिखा जाता हैं और कभी भी उनका पूर्ण वर्गमूल नहीं निकलता अपरिमेय संख्या कहते हैं।
Ex :- √3, √105, √11, √17,
नोट : π एक अपरिमेय संख्या हैं।
वास्तविक संख्या (Real Numbers) :-
परिमेय और अपरिमेय संख्याओ को सम्मलित रूप से लिखने पर वास्तविक संख्या प्राप्त होती हैं।
Ex :- √3, 2/5, √15, 4/11,
अवास्तविक संख्या (Imaginary Numbers) :-
ऋणात्मक संख्याओं का वर्गमूल लेने पर जो संख्याएँ बनती हैं, उन्हें काल्पनिक संख्या या अवास्तविक संख्या कहते हैं।
सम संख्या और विषम संख्या / Even Number and Odd Number
सम संख्या और विषम संख्या
सम संख्या (Even Number) :-
वह संख्या जो दो बराबर भागों में बंट जाए वह सम संख्या कहलाता है। जैसे – 2, 4, 6, 8, 10, 12 आदि। सम संख्या को आसानी हम पहचान सकते हैं। जिसके इकाई में 0, 2, 4, 6, 8 अंक हो वह सम संख्या होता है। जैसे – 6754892
वे संख्याएं जो 2 से पूर्णत विभाजित हो जाती हैं, सम संख्या कहलाती है। जैसे 2,4,6,8,10
जिस संख्या के अन्त में 2,4,6,8,0 आयेगा वे सभी सम संख्या हैं
विषम संख्या (Odd Number) :-
वह संख्या जो बराबर दो भागों में नही बंटता है वह विषम संख्या है जैसे – 1, 3, 5, 7, 9, 11, 13 आदि। विषम संख्या को हम आसानी से पहचान सकते हैं जिस संख्या के इकाई में 1, 3, 5, 7, 9 आये वह विषम संख्या होता है। जैसे – 562491
वे संख्याएं जो 2 से पूर्णत विभाजित नहीं होती है, विषम संख्याएं कहलाती है। जैसे 1,3,5,7,9
जिस संख्या के अन्त में 1,3,5,7,9 आयेगा वे विषम संख्या हैं।
सम और विषम संख्या
महत्वपूर्ण बिंदु
दो सम संख्याओं का योगफल, अंतर, गुणनफल सम संख्या होता है।
दो विषम संख्या के योगफल और अंतर से सम संख्या प्राप्त होता है। जबकि दो विषम संख्या के गुणा से गुणनफल विषम संख्या होता है।
1. दो सम संख्याओं का योगफल सदैव सम संख्या होता है।
उदाहरण = 2+6 = 8, 0+4 = 4, 4+2=6
2. सम और विषम संख्याओं का योगफल सदैव विषम संख्याएं होता है।
उदाहरण = 4+3=7
3. दो विषम संख्याओं का योगफल सदैव सम होता है।
उदाहरण = 9+5 = 14, 7+3 = 10
महत्वपूर्ण प्रश्न
● दो अंको के सबसे बड़े सम संख्या और तीन अंको के सबसे छोटे विषम संख्या का योगफल कितना होता है?
● अंक 2, 4, 8, 1, 0 के प्रयोग (दोबारा प्रयोग नही) करके पांच अंकीय सबसे छोटे विषम संख्या बनाओ?
● 30 और 35 के मध्य सम संख्याओं के गुणनफल कितना होगा?
● दो विषम संख्या को गुणा करने पर गुणनफल कौन सा संख्या होगा?
● एक अंकीय विषम संख्या का योगफल कितना होगा?
● चार अंक के सबसे छोटे विषम संख्या और तीन अंक सबसे बड़े सम संख्या के बीच अंतर कितना होगा?
● अंक 1, 4, 0, 9, 6 से प्रयोग (दोबारा प्रयोग नही) से बने पांच अंकीय सबसे बड़े विषम संख्या और सबसे सम संख्या का योगफल होगा?
● अंक 8 व 9 के प्रयोग करके तीन अंक सबसे बड़े सम संख्या और सबसे छोटे सम संख्या के बीच कितना अंतर है? (कोई एक अंक का दोबारा प्रयोग कर सकते हो)
● दो अंक सबसे छोटे सम संख्या और एक अंक सबसे बड़े सम संख्या का गुणनफल कितना है?
● 4352 में कम से कम कितना जोड़े तो विषम संख्या प्राप्त होगा?
किसी संख्या का इकाई अंक ज्ञात करने करने के लिए दी हुई संख्याओं के इकाई के अंकों की गुणा करते हैं।
उदाहरण के लिए :- 128 x 297 x 562 x 34 में इकाई का अंक क्रमशः 8, 7, 2, 4 हैं जिनका गुणा करने पर हमें 448 प्राप्त होता है जिसके इकाई का अंक 8 हैं। अतः 128 x 297 x 562 x 34 का गुणा करने पर गुणनफल में इकाई का अंक 8 होगा।
Question :- 128 x 297 x 562 x 34 में इकाई का अंक क्या है?
=8 x 7 x2 x 4 (128 x 297 x 562 x 34 में इकाई का अंक लेने पर) = 56 x 2 x 4 (प्रथम दो का गुणा करने पर) = 6 x 2x 4 (56 में इकाई का अंक लेने पर) = 12 x 4 (प्रथम दो का गुना करने पर) =2 x 4 (12 में इकाई का अंक लेने पर) =8 (यही 128 x 297 x 562 x 34 में इकाई का अंक है)
घातांक वाली संख्याओं में इकाई का अंक ज्ञात करना
Rule 1.
यदि घातांक के रूप दी हुई किसी संख्या के इकाई का अंक ज्ञात करना हो तो दी हुई संख्या के आधार में इकाई का अंक यदि 0, 1, 5, 6, हों तो उसका मान निकालने पर इकाई का अंक परिवर्तित नहीं होता। अर्थात उनमें इकाई के अंक क्रमशः 0,1, 5, 6 ही होंगे।
उदाहरण के लिए :- 1019 में इकाई का अंक = 0 586211923 में इकाई का अंक = 1 2965300 में इकाई का अंक = 5
Rule 2.
दी हुई संख्या के आधार में इकाई का अंक यदि 0, 1, 5, 6 नहीं है यानि कि 2, 3, 4, 7, 8, 9 हो तो इनका इकाई का अंक निकलने के लिए उनके घात में 4 से भाग देते हैं। और प्राप्त शेषफल को घात के स्थान पर रखकर हल करते हैं। उदाहरण के लिए :-
Question :- 5621999 में इकाई का अंक क्या होगा?
= 1999 में 4 से भाग देने पर शेषफल 3 प्राप्त होगा = 5623 =23 = 8 (यही 5621999 में इकाई का अंक है)
Rule 3.
किसी भी संख्या की घात में भाग देनें पर जब शेषफल शून्य (0) प्राप्त हो इकाई के अंक इस प्रकार निर्धारित होंगे :-
संख्या के आधार का इकाई का अंक यदि 2, 4, 8 तब इकाई का अंक = 6
संख्या के आधार का इकाई का अंक यदि 3,7, 9 तब इकाई का अंक = 1
Question :- 2992 में इकाई का अंक क्या होगा?
= यहॉ घातांक में भाग देने पर शेषफल शून्य प्राप्त होता है। = आधार के इकाई का अंक 9 है। = जैसा कि आप जान चुके हैं कि भागफल शून्य प्राप्त होने पर, संख्या के आधार का इकाई का अंक यदि 3,7, 9 तब इकाई का अंक = 1 = 1 (यही 2992 में इकाई का अंक है)
Rule 4.
यदि घटाने में पहले वाली संख्या छोटी है उस संख्या में 10 जोड़ देंगे, ना कि उत्तर ऋणात्मक होगा। जैसे :-
Question :- 16925529 – 853714 में इकाई का अंक क्या होगा?
= 5-72 = 5-9 (यहाँ 5, 9 से छोटा है अतः 5 में 10 जोड़ेंगे।) =15-9 = 6 (यही 16925529 – 853714 में इकाई का अंक है)
Rule 5.
यदि किसी संख्या का गुणा करने में उसके मध्य में किसी भी रूप में पांच (5) और दो (2) आता है तो उस संख्या के गुणनफल के अंत में शून्य अवश्य प्राप्त होगा। अर्थात इकाई का शून्य (0) होगा। इस प्रकार हम कह सकते हैं यदि किसी संख्या के मध्य में पांच (5) और दो (2) आता है तो उस संख्या के गुणनफल में इकाई का अंक शून्य होगा।
Question :- 1 से 25 तक सभी संख्याओं का गुणा किया जाये तब इकाई का अंक क्या होगा?
=1x2x3x4x5x 6……….25 = 10x1x3x 4x 6………..25 (5 और 2 का गुणा करने पर) =0 (10 में इकाई का अंक 0 है, जब शून्य का अन्य संख्या में गुणा करेंगे तो शून्य ही प्राप्त होगा) अर्थात गुणा में यदि किसी संख्या के इकाई का अंक शून्य है तो उस संख्या के गुणनफल में इकाई का अंक भी शून्य ही होगा।
संख्याओं का इकाई अंक पर आधारित MCQ (बहुविकल्पीय प्रश्न)
· संख्या 2735 का इकाई अंक क्या है?
(A) 3
(B) 5
(C) 7
(D) 2
· जब 5678 को 10 से विभाजित किया जाता है, तो शेषफल के रूप में कौन सा अंक आता है?
(A) 5
(B) 6
(C) 8
(D) 7
· संख्या 7542 के घन का इकाई अंक क्या होगा?
(A) 2
(B) 4
(C) 8
(D) 6
· किस संख्या का वर्गमूल 7 के साथ समाप्त होगा?
(A) 47
(B) 49
(C) 23
(D) 25
· यदि किसी संख्या का इकाई अंक 9 हो, तो उसकी घात संख्या (किसी भी शक्ति पर) का इकाई अंक क्या होगा?
(A) 1
(B) 9
(C) 3
(D) 7
संख्या 2 की घात 10 (210) का इकाई अंक क्या होगा?
A) 0
B) 2
C) 4
D) 8
उत्तर: A) 0
संख्या 7 की घात 3 (73) का इकाई अंक क्या होगा?
A) 1
B) 3
C) 7
D) 9
उत्तर: D) 9
संख्या 9 की घात 5 (95) का इकाई अंक क्या होगा?
A) 1
B) 5
C) 9
D) 3
उत्तर: C) 9
संख्या 4 की घात 7 (47) का इकाई अंक क्या होगा?
A) 4
B) 6
C) 8
D) 2
उत्तर: B) 6
संख्या 3 की घात 8 (38) का इकाई अंक क्या होगा?
A) 9
B) 1
C) 3
D) 7
उत्तर: B) 1
संख्या 5 की किसी भी घात का इकाई अंक क्या होगा?
A) 0
B) 2
C) 5
D) 8
उत्तर: C) 5
6782 की घात 4 का इकाई अंक क्या होगा?
A) 4
B) 6
C) 8
D) 2
उत्तर: B) 6
12345 की घात 2 का इकाई अंक क्या होगा?
A) 5
B) 0
C) 1
D) 2
उत्तर: A) 5
437 की घात 3 का इकाई अंक क्या होगा?
A) 7
B) 1
C) 3
D) 9
उत्तर: D) 9
संख्या 8 की घात 6 (86) का इकाई अंक क्या होगा?
A) 2
B) 4
C) 6
D) 8
उत्तर: C) 6
ये प्रश्न संख्याओं के इकाई अंक पर आधारित गणना के लिए उपयोगी हैं।
संख्या पद्धति(NUMBER SYSTEM): सूत्र व महत्वपूर्ण तथ्य
संख्या पद्धति ((NUMBER SYSTEM)के सूत्र
लगातार प्राकृत संख्याओं के योग = n(n + 1)/2
लगातार सम संख्याओं के योग = n/2 (n/2 + 1)
लगातार विषम संख्याओं के योग = (n/2 + 1)²
दो क्रमागत पदों का अंतर समान हो तो योग = पदों की संख्या (पहला पद + अंतिम पद)/2
लगातार प्राकृत संख्याओं के वर्गों का योग = n(n + 1)(2n + 1)/6
लगातार प्राकृत संख्याओं के घनों का योग = [n(n + 1)/2]²
प्रथम से n तक कि सम संख्याओं का योग = n(n + 1)
प्रथम से n तक कि विषम संख्याओं का योग = n²
भागफल = भाज्य ÷ भाजक (पूर्ण विभाजन में)
भाज्य = भागफल × भाजक (पूर्ण विभाजन में)
भाजक = भाज्य ÷ भागफल (पूर्ण विभाजन में)
भागफल = (भाज्य – शेषफल) ÷ भाजक (अपूर्ण विभाजन में)
भाज्य = भागफल × भाजक + शेषफल (अपूर्ण विभाजन में)
भाजक = (भाज्य – शेषफल) ÷ भागफल (अपूर्ण विभाजन में)
संख्या पद्धति के महत्वपूर्ण बिंदु
संख्या 1 न तो भाज्य है और न अभाज्य
ऐसी संख्या जो अभाज्य हो एवं सम संख्या हो केवल 2 है।
वे दो अभाज्य संख्याएँ जिनके बीच केवल एक सम संख्या होती है।
जिसमें अभाज्य जोड़ा जाए कहलाती है। जैसे : 5 व 7, 3 व 5, 11 व 13, 17 व 19, 29 व 31 आदि।
सभी प्राकृत संख्याएँ, पूर्ण, पूर्णाक, परिमेय एवं वास्तविक होती हैं।
सभी पूर्ण संख्याएँ, पूर्णांक, परिमेय एवं वास्तविक होती हैं।
सभी पूर्णाक, परिमेय एवं वास्तविक होते हैं।
सभी पूर्णांक, परिमेय एवं अपरिमेय संख्याएँ वास्तविक होती हैं।
अभाज्य (रूढ़) एवं यौगिक, सम तथा विषम संख्या होती हैं।
सभी पूर्णाक, परिमेय एवं अपरिमेय संख्याएँ ऋणात्मक एवं धनात्मक दोनों होती हैं।
प्राकृत ( अभाज्य, यौगिक, सम एवं विषम ) एवं पूर्ण संख्याएँ कभी भी ऋणात्मक नहीं होती हैं।
भिन्न संख्याएँ परिमेय होती हैं।
2 के अतिरिक्त सभी अभाज्य (रूढ़) संख्याएँ विषम होती हैं।
0 ऋणात्मक एवं धनात्मक नहीं है।
शून्य ( 0 ) में किसी भी संख्या का भाग देने पर शून्य आता है अतः 0/a = 0 (यहाँ पर a वास्तविक संख्या है)
किसी भी संख्या में शून्य का भाग देना परिभाषित नहीं है अर्थात् यदि किसी भी संख्या में शून्य का भाग देते हैं, तो भागफल अनन्त (Infinite या Non Defined) आता है, अतः a/0 = ∞ (Infinite)
किसी संख्या में किसी अंक का जो वास्तविक मान होता है, उसे जातीय मान कहते हैं, जैसे: 5283 में 2 का जातीय मान 2 है।
किसी संख्या में किसी अंक का स्थान के अनुसार जो मान होता है उसे उसका स्थानीय मान कहते हैं, जैसे – 5283 में 2 का स्थानीय मान 200 है।
दो परिमेय संख्याओं का योगफल अथवा गुणनफल सदैव एक परिमेय संख्या होती है।
दो अपरिमेय संख्याओं का योगफल अथवा गुणनफल कभी परिमेय संख्या तथा कभी अपरिमेय संख्या होता है।
एक परिमेय संख्या तथा एक अपरिमेय संख्या का गुणनफल अथवा योगफल सदैव एक अपरिमेय संख्या होता है।
π एक अपरिमेय संख्या है।
दो परिमेय संख्याओं या दो अपरिमेय संख्याओं के बीच अनन्त परिमेय संख्याएँ या अनन्त अपरिमेय संख्याएँ हो सकती हैं।
परिमेय संख्या को दशमलव निरूपण या तो सीमित होता है या असीमित आवर्ती होता है, जैसे:- 3/4 = 0.75 ( सीमित ) 11/3 = 3.666 (असीमित आवर्ती)
अपरिमेय संख्या का दशमलव निरूपण अनन्त व अनावर्ती होता है, जैसे:- √3, √2
प्रत्येक सम संख्या का वर्ग एक सम संख्या होती है तथा प्रत्येक विषम संख्या का वर्ग एक विषम संख्या होती है।
यदि दशमलव संख्याएँ 0.x तथा 0.xy के रूप में दी होती हैं , तो इन्हें परिमेय संख्या p/q के रूप में निम्नवत् बदलते हैं।
0.x = x/10 तथा 0.xy = xy/100 अर्थात् दशमलव के बाद 1 अंक है , तो 10 का , दो अंक हैं, तो 100 का, तीन अंक हैं, तो 1000 का भाग देने पर दशमलव संख्या परिमेय (भिन्न) बन जाती है।
यदि अशान्त ( अनन्त ) आवर्ती दशमलव संख्याएँ 0.x तथा xy के रूप की हैं , तो इन्हें परिमेय संख्या p/q के रूप में निम्नवत् बदलते हैं।
0.x̅ = x/9 तथा 0. x̅x̅ = xx/99 अर्थात् दशमलव के बाद 1 अंक बार सहित हो , तो 9 का , दो अंक बार सहित हों तो 99 का , तीन अंक हों तो 999 का भाग करके दशमलव संख्या परिमेय में बदल जाती है।
यदि अशान्त आवर्ती दशमलव संख्याएँ 0.xy तथा 0.xyz के रूप की हों , तो इन्हें परिमेय संख्या p/q के रूप में निम्नवत् बदलते हैं – 0.x̅y̅ (xy – x)/90 तथा 0.x̅y̅z̅ = (xyz – x)/990 (यहाँ x , y , z प्राकृतिक अंक हैं)
किसी भी पहाड़े का योग उस संख्या (पहाड़े) के 55 गुने के बराबर होता है। अर्थात् n के पहाड़े का योगफल = 55n
विभाज्यता के नियम (divisibility rule) उन विधियों को कहते हैं जो सरलता से बता देते हैं कि कोई प्राकृतिक संख्या किसी दूसरी संख्या से विभाजित हो सकती है या नहीं।
विभाज्यता के नियम (Divisibility Rule)
विभाजक
विभाजन की शर्त/शर्तें
उदाहरण
1
स्वत:
सभी पूर्णांक 1 से विभाज्य हैं।
2
संख्या का अन्तिम अंक सम (0, 2, 4, 6, or 8) हो।
1,294: इसमें अन्तिम अंक 4 सम है।
3
दी हुई संख्या के सभी अंकों का योग 3 से विभाजित हो। बहुत बड़ी संख्याओं (जिनके अंकों का योग भी बड़ी संख्या हो) के लिये यह नियम अंकों के योग पर भी लागू किया जाता है।
405:6+3+6=15 जो कि 3 से विभाज्य है। 16,499,205,854,376 के अंकों का योग 69 है; 6 + 9 = 15, 1 + 5 = 6, जो स्पष्टत: 3 से विभाज्य है।
4
संख्या के इकाई स्थान के अंक में दहाई स्थान के अंक का दो गुना जोड़िये। (दहाई स्थान के बांये के सारे अंकों का इसके लिये कोई महत्व नहीं है।)
5,096: 6 + (2 × 9) = 24
अन्तिम दों अंकों से बनी संख्या 4 से विभाज्य हो।
40832: 32 is divisible by 4.
यदि दहाई स्थान पर स्थित अंक सम हो तथा इकाई स्थान पर 0, 4, या 8 हो।यदि दहाई स्थान का अंक विषम हो तथा इकाई स्थान पर 2, या 6.
40832: 3 विषम है, तथा अन्तिम अंक 2 है।
5
अन्तिम अंक 0 या 5.
490: अतिम अंक 0 है।
6
संख्या 2 और 3 दोनो से विभक्त होती हो।
1,458: 1 + 4 + 5 + 8 = 18, 1 + 8 = 9, अत: संख्या 3 से विभाज्य है और साथ ही अन्तिम अंक सम होने के कारण 2 से भी विभाज्य है। इसलिये यह संख्या 6 से विभाज्य है।
अन्तिम अंक में अन्य अंकों के योग का चौगुना जोड़ें।
198: (1 + 9) × 4 + 8 = 48
7
निम्नलिखित प्रक्रिया करने के बाद प्राप्त संख्या 7 से विभाज्य होनी चाहिये:
दायें से बायें तरफ संख्या के अंकों का तीन-तीन का समूह बनाकर इनका एकान्तर योग निकालिये।
1,369,851: 851 – 369 + 1 = 483 = 7 × 69
अन्तिम अंक का दोगुना, बाकी संख्या से घटाइये और जांचिये कि परिणाम 7 से विभाज्य है या नहीं।
483: 48 – (3 × 2) = 42 = 7 x 6.
या, अन्तिम संख्या के पाँच गुने में बाकी बची संख्या को जोड़िये.
483: 48 + (3 × 5) = 63 = 7 x 9.
8
निम्नलिखित प्रक्रिया करने के बाद प्राप्त संख्या 8 से विभाज्य होनी चाहिये:
यदि ‘सैकड़ा’ के स्थान वाला अंक सम है तो अन्तिम दो अंकों से बनी संख्या की परीक्षा कीजिये कि यह 8 से विभाज्य है या नहीं।
624: 24.
यदि सैकड़ा के स्थान पर वाला अंक विषम है तो अन्तिम दो अंकों से बनी संख्या में 4 जोड़कर परीक्षा कीजिये कि यह 8 से विभाज्य है या नहीं।.
352: 52 + 4 = 56.
इकाई स्थान के अंक को छोड़कर जो संख्या बचती है उसके दोगुने में इकाई वाला अंक जोड़िये और परीक्षा कीजिये कि यह 8 से विभाज्य है या नहीं।
56: (5 × 2) + 6 = 16.
संख्या के केवल अन्तिम तीन अंकों से बनी संख्या की परीक्षा कीजिये और देखिये कि यह 8 से विभाज्य है या नहीं।
34152: केवल 152 के विभाज्यता की परीक्षा कीजिये: 19 x 8
9
सभी अंकों का योगफल 9 से विभाज्य होना चाहिये। बड़ी संख्याओं के लिये यह क्रिया बार-बार की जा सकती है अर्थात अंकों का योग भी बड़ा हो तो उसकी भी इसी रीति से परीक्षा की जाती है। अन्तिम परिणाम 9 आना चाहिये।
2,880: 2 + 8 + 8 + 0 = 18: 1 + 8 = 9.
10
अन्तिम अंक शून्य (0) होना चाहिये।
130: अन्तिम अंक 0 है।
11
निम्नलिखित प्रक्रियाओं के परिणामस्वरूप प्राप्त संख्या 11 से विभाज्य होनी चाहिये:
एकानतर अंकों (एक-एक अंक छोड़कर) का योग-घटाना कीजिये और देखिये कि यह 11 से विभाजित होता है या नहीं।
918,082: 9 – 1 + 8 – 0 + 8 – 2 = 22.
दायें से बायें तरफ संख्या के अंकों को दो-दो के समूह में योग कीजिये और देखिये कि यह 11 से विभाजित होता है या नहीं।
627: 6 + 27 = 33.
अन्तिम अंक को बाकी बचे अंकों से बनी संख्या से घटाइये और देखिये कि यह 11 से विभाजित होता है या नहीं।
627: 62 – 7 = 55.
12
जो संख़्या,3 और 4 दोनो से विभाज्य़ हो
324: it is divisible by 3 and by 4.
अंतिम अंक को शेष के दोगुने से घटाएं।
324: (32 × 2) − 4 = 60.
13
इन उदाहरणों से प्राप्त संख्या 13 से विभाज्य होनी चाहिए, इस प्रकार:
अंकों को दाएं से बाएं तीन के वैकल्पिक ब्लॉक में जोड़ें, फिर दो योग घटाएं।
2,911,272: − (2 + 272) + 911 = 637
शेष में अंतिम अंक का 4 गुना जोड़ें।
637: 63 + (7 × 4) = 91, 9 + (1 × 4) = 13.
14
यह 2 और 7 से विभाज्य है।
224: it is divisible by 2 and by 7.
अंतिम दो अंकों को शेष के दोगुने में जोड़ें। उत्तर 14 से विभाज्य होना चाहिए।
364: (3 × 2) + 64 = 70.
विभाज्यता नियम 1
प्रत्येक संख्या 1 से विभाज्य है। 1 के लिए विभाज्यता नियम में कोई शर्त नहीं है। किसी भी संख्या को 1 से विभाजित करने पर संख्या स्वयं प्राप्त होगी, चाहे वह संख्या कितनी भी बड़ी क्यों न हो। उदाहरण के लिए, 3, 1 से विभाज्य है और 3000 भी 1 से पूर्णतः विभाज्य है।
2 का विभाज्यता नियम
यदि कोई संख्या सम है या ऐसी संख्या जिसका अंतिम अंक सम संख्या है यानी 0 सहित 2,4,6,8, तो वह हमेशा 2 से पूर्णतः विभाज्य होती है।
उदाहरण: 508 एक सम संख्या है और 2 से विभाज्य है, लेकिन 509 एक सम संख्या नहीं है, इसलिए यह 2 से विभाज्य नहीं है। 508 2 से विभाज्य है या नहीं, इसकी जांच करने की प्रक्रिया इस प्रकार है:
संख्या 508 पर विचार करें
बस अंतिम अंक 8 लें और इसे 2 से विभाजित करें
यदि अंतिम अंक 8, 2 से विभाज्य है तो संख्या 508 भी 2 से विभाज्य है।
3 के लिए विभाज्यता नियम
3 के लिए विभाज्यता नियम कहता है कि कोई संख्या 3 से पूर्णतः विभाज्य होती है यदि उसके अंकों का योग 3 से विभाज्य हो।
308, 3 से विभाज्य है या नहीं ?
अंकों का योग लें (अर्थात् 3+0+8= 11)। अब जांचें कि योग 3 से विभाज्य है या नहीं। यदि योग 3 का गुणज है, तो मूल संख्या भी 3 से विभाज्य है। यहाँ, चूँकि 11, 3 से विभाज्य नहीं है, 308 भी 3 से विभाज्य नहीं है।
इसी प्रकार, 516 पूर्णतः 3 से विभाज्य है क्योंकि इसके अंकों का योग अर्थात 5+1+6=12, 3 का गुणज है।
4 का विभाज्यता नियम
यदि किसी संख्या के अंतिम दो अंक 4 से विभाज्य हैं, तो वह संख्या 4 का गुणज है और 4 से पूर्णतः विभाज्य है।
उदाहरण: संख्या 2308 लें।
अंतिम दो अंकों यानी 08 पर विचार करें। चूँकि 08, 4 से विभाज्य है, मूल संख्या 2308 भी 4 से विभाज्य है।
5 का विभाज्यता नियम
वे संख्याएँ, जिनके अंतिम अंक 0 या 5 हैं, हमेशा 5 से विभाज्य होती हैं। उदाहरण: 10, 10000, 10000005, 595, 396524850, आदि।
6 का विभाज्यता नियम
जो संख्याएँ 2 और 3 दोनों से विभाज्य हैं, वे 6 से भी विभाज्य हैं। अर्थात्, यदि दी गई संख्या का अंतिम अंक सम है और उसके अंकों का योग 3 का गुणज है, तो दी गई संख्या भी 6 का गुणज है।
उदाहरण: 630, संख्या 2 से विभाज्य है क्योंकि अंतिम अंक 0 है। अंकों का योग 6+3+0 = 9 है, जो 3 से भी विभाज्य है। इसलिए, 630, 6 से विभाज्य है।
7 के लिए विभाज्यता नियम
उदाहरण: क्या 1073, 7 से विभाज्य है?
बताए गए नियम से संख्या में से 3 हटाकर उसे दोगुना कर दें, जो 6 हो जाए।
शेष संख्या 107 हो जाती है, अत: 107-6 = 101।
प्रक्रिया को एक बार और दोहराने पर, हमारे पास 1 x 2 = 2 है।
शेष संख्या 10 – 2 = 8.
चूँकि 8, 7 से विभाज्य नहीं है, इसलिए संख्या 1073, 7 से विभाज्य नहीं है।
8 का विभाज्यता नियम
यदि किसी संख्या के अंतिम तीन अंक 8 से विभाज्य हैं, तो वह संख्या 8 से पूर्णतः विभाज्य है।
उदाहरण: संख्या 24344 लें। अंतिम दो अंकों यानी 344 पर विचार करें। चूँकि 344 8 से विभाज्य है, मूल संख्या 24344 भी 8 से विभाज्य है।
9 का विभाज्यता नियम
9 से विभाज्यता का नियम 3 से विभाज्यता नियम के समान है। अर्थात, यदि संख्या के अंकों का योग 9 से विभाज्य है, तो संख्या स्वयं 9 से विभाज्य है।
उदाहरण: 78532 पर विचार करें, क्योंकि इसके अंकों (7+8+5+3+2) का योग 25 है, जो 9 से विभाज्य नहीं है, इसलिए 78532, 9 से विभाज्य नहीं है।
10 का विभाज्यता नियम
10 के लिए विभाज्यता नियम कहता है कि कोई भी संख्या जिसका अंतिम अंक 0 है, वह 10 से विभाज्य है।
उदाहरण: 10, 20, 30, 1000, 5000, 60000, आदि।
11 के लिए विभाज्यता नियम
यदि किसी संख्या के वैकल्पिक अंकों के योग का अंतर 11 से विभाज्य है, तो वह संख्या 11 से पूर्णतः विभाज्य है।
अर्थात, विषम स्थानों के अंकों का योग – सम स्थानों के अंकों का योग = 0 या 11 का गुणज
यह जांचने के लिए कि क्या 2143 जैसी संख्या 11 से विभाज्य है, नीचे निम्नलिखित प्रक्रिया दी गई है।
वैकल्पिक अंकों को समूहित करें अर्थात जो अंक विषम स्थानों पर हैं उन्हें एक साथ और सम स्थानों के अंकों को एक साथ रखें। यहां 24 और 13 दो समूह हैं।
प्रत्येक समूह के अंकों का योग अर्थात 2+4=6 और 1+3= 4 लें
अब योगों का अंतर ज्ञात करें; 6-4=2
यदि अंतर 11 से विभाज्य है, तो मूल संख्या भी 11 से विभाज्य है। यहां 2 वह अंतर है जो 11 से विभाज्य नहीं है।
इसलिए, 2143 11 से विभाज्य नहीं है।
किसी संख्या की 11 से विभाज्यता का परीक्षण करने के लिए कुछ और शर्तें हैं। उन्हें यहां उदाहरणों की सहायता से समझाया गया है:
यदि किसी संख्या के अंकों की संख्या सम है तो शेष संख्या में से पहला अंक जोड़ें और अंतिम अंक घटा दें।
उदाहरण: 3784
अंकों की संख्या = 4
अब, 78 + 3 – 4 = 77 = 7 × 11
इस प्रकार, 3784 11 से विभाज्य है।
यदि किसी संख्या के अंकों की संख्या विषम है तो शेष संख्या में से पहला और अंतिम अंक घटा दें।
उदाहरण: 82907
अंकों की संख्या = 5
अब, 290 – 8 – 7 = 275 × 11
इस प्रकार, 82907 11 से विभाज्य है।
संख्या के दाएँ सिरे से बाएँ सिरे तक दो अंकों के समूह बनाएँ और परिणामी समूहों को जोड़ें। यदि योग 11 का गुणज है, तो संख्या 11 से विभाज्य है।
उदाहरण: 3774 := 37 + 74 = 111 := 1 + 11 = 12
3774 11 से विभाज्य नहीं है.
253 := 2 + 53 = 55 = 5 × 11
253 11 से विभाज्य है.
संख्या के अंतिम अंक को शेष संख्या से घटाएं। यदि परिणामी मान 11 का गुणज है, तो मूल संख्या 11 से विभाज्य होगी।
उदाहरण: 9647
9647 := 964 – 7 = 957
957 := 95 – 7 = 88 = 8 × 11
इस प्रकार, 9647 11 से विभाज्य है।
12 का विभाज्यता नियम
यदि संख्या 3 और 4 दोनों से विभाज्य है, तो वह संख्या 12 से पूर्णतः विभाज्य है।
उदाहरण: 5864
अंकों का योग = 5 + 8 + 6 + 4 = 23 (3 का गुणज नहीं)
अंतिम दो अंक = 64 (4 से विभाज्य)
दी गई संख्या 5864 4 से विभाज्य है लेकिन 3 से नहीं; इसलिए, यह 12 से विभाज्य नहीं है।
13 के लिए विभाज्यता नियम
किसी भी संख्या के लिए, यह जांचने के लिए कि क्या वह 13 से विभाज्य है, हमें संख्या के अंतिम अंक का चार गुना शेष संख्या में जोड़ना होगा और प्रक्रिया को तब तक दोहराना होगा जब तक आपको दो अंकों की संख्या नहीं मिल जाती। अब जांचें कि वह दो अंकों की संख्या 13 से विभाज्य है या नहीं। यदि यह विभाज्य है, तो दी गई संख्या 13 से विभाज्य है।
उदाहरण के लिए: 2795 → 279 + (5 x 4)
→ 279 + (20)
→ 299
→ 29 + (9 x 4)
→ 29 + 36
→65
संख्या 65, 13 से विभाज्य है, 13 x 5 = 65.
यहाँ विभाज्यता के नियमों (Divisibility Rules) से संबंधित कुछ MCQs दिए गए हैं:
MCQ:
1. 123456 संख्या को किससे विभाजित करने के लिए विभाज्यता का नियम है: “अंतिम अंक 2, 4, 6, 8 या 0 होना चाहिए”?
(a) 2
(b) 3
(c) 5
(d) 9
उत्तर : a) 2
2. किसी संख्या को 3 से विभाजित करने के लिए कौन-सा विभाज्यता नियम है?
(a) अंतिम अंक 0 या 5 होना चाहिए।
(b) सभी अंकों का योग 3 से विभाज्य होना चाहिए।
(c) अंतिम दो अंक 4 से विभाज्य होने चाहिए।
(d) संख्या का अंतिम अंक 2, 4, 6, 8 या 0 होना चाहिए।
उत्तर : b) सभी अंकों का योग 3 से विभाज्य होना चाहिए।
3. 5432 संख्या को 5 से विभाजित करने के लिए कौन-सा नियम लागू होगा?
(a) सभी अंकों का योग 5 होना चाहिए।
(b) अंतिम अंक 0 या 5 होना चाहिए।
(c) अंतिम दो अंक 25 से विभाज्य होने चाहिए।
(d) संख्या 4 से विभाज्य होनी चाहिए।
उत्तर : b) अंतिम अंक 0 या 5 होना चाहिए।
4. संख्या 1236 को 4 से विभाजित करने के लिए कौन-सा विभाज्यता नियम है?
(a) अंतिम दो अंक 4 से विभाज्य होने चाहिए।
(b) अंतिम तीन अंक 4 से विभाज्य होने चाहिए।
(c) सभी अंकों का योग 4 से विभाज्य होना चाहिए।
(d) अंतिम अंक 4 होना चाहिए।
उत्तर : a) अंतिम दो अंक 4 से विभाज्य होने चाहिए।
5. संख्या 176 को 8 से विभाजित करने के लिए कौन-सा विभाज्यता नियम लागू होता है?
(a) अंतिम दो अंक 8 से विभाज्य होने चाहिए।
(b) अंतिम तीन अंक 8 से विभाज्य होने चाहिए।
(c) सभी अंकों का योग 8 से विभाज्य होना चाहिए।
(d) अंतिम अंक 0 या 8 होना चाहिए।
उत्तर : b) अंतिम तीन अंक 8 से विभाज्य होने चाहिए।
6. 396 को 9 से विभाजित करने का नियम क्या है?
(a) सभी अंकों का योग 9 से विभाज्य होना चाहिए।
(b) अंतिम अंक 9 होना चाहिए।
(c) अंतिम दो अंक 9 से विभाज्य होने चाहिए।
(d) संख्या का अंतिम अंक 0 या 9 होना चाहिए।
उत्तर : a) सभी अंकों का योग 9 से विभाज्य होना चाहिए।
7. संख्या 132 को 6 से विभाजित करने के लिए कौन-सा नियम लागू होता है?
(a) संख्या 2 और 3 दोनों से विभाज्य होनी चाहिए।
(b) अंतिम अंक 6 होना चाहिए।
(c) सभी अंकों का योग 6 होना चाहिए।
(d) अंतिम दो अंक 6 से विभाज्य होने चाहिए।
उत्तर : a) संख्या 2 और 3 दोनों से विभाज्य होनी चाहिए।
8. संख्या 3725 को 25 से विभाजित करने के लिए कौन-सा विभाज्यता नियम है?
(a) अंतिम अंक 0 या 5 होना चाहिए।
(b) अंतिम दो अंक 25 से विभाज्य होने चाहिए।
(c) सभी अंकों का योग 25 से विभाज्य होना चाहिए।
(d) अंतिम तीन अंक 25 से विभाज्य होने चाहिए।
उत्तर : b) अंतिम दो अंक 25 से विभाज्य होने चाहिए।
9. किसी संख्या को 11 से विभाजित करने का विभाज्यता नियम क्या है?
(a) सभी अंकों का योग 11 से विभाज्य होना चाहिए।
(b) अंतिम अंक 11 होना चाहिए।
(c) वैकल्पिक अंकों के योग का अंतर 11 से विभाज्य होना चाहिए।
(d) अंतिम दो अंक 11 से विभाज्य होने चाहिए।
उत्तर : c) वैकल्पिक अंकों के योग का अंतर 11 से विभाज्य होना चाहिए।
10. संख्या 17250 को 10 से विभाजित करने का नियम क्या है?
(a) अंतिम अंक 5 होना चाहिए।
(b) अंतिम अंक 0 होना चाहिए।
(c) अंतिम दो अंक 10 से विभाज्य होने चाहिए।
(d) संख्या का अंतिम अंक 2 या 5 होना चाहिए।
उत्तर : b) अंतिम अंक 0 होना चाहिए।
ये MCQs छात्रों को विभाज्यता के नियमों को समझने में मदद करेंगे।
किसी गणितीय व्यंजक को साधारण भिन्न या संख्यात्मक रूप में बदलने की प्रक्रिया ‘सरलीकरण’ कहलाती है।
इसके अन्तर्गत गणितीय संक्रियाओं जैसे जोड़, घटाव, गुणा, भाग आदि को BODMAS क्रम के आधार पर हल करते हुए दिए गए व्यंजक का मान प्राप्त किया जाता है।
कोष्ठक चार प्रकार के होते हैं –
― → रेखा कोष्ठक (Line Bracket)
( ) → छोटा कोष्ठक (Simple or Small Bracket)
{ } → मझला कोष्ठक (Curly Bracket)
[ ] → बड़ा कोष्ठक (Square Bracket)
इनको इसी क्रम में सरल करते हैं ।
यदि कोष्ठक के पहले ऋण चिह्न हो, तो सरल करने पर अन्दर के सभी चिह्न बदल जाते हैं।
BODMAS का नियम :-
BODMAS में कोष्ठक (Bracket), का (of), भाग (Division), गुणा (Multiplication), जोड़ (Addition), तथा घटाव (Subtraction) की क्रिया एक साथ की जाती हैं।
अतः BODMAS संबंधी प्रश्नों को हल करने के लिए प्रश्नों को उपर्युक्त दिए गए क्रम में ही हल करें अर्थात सबसे पहले Bracket की क्रिया करते हैं।
Bracket में सबसे पहले रेखा कोष्ठक ( – ) फिर छोटा कोष्ठक ( ) फिर मझोला कोष्ठ { } फिर बड़ा कोष्ठक [ ] को हल करते हैं।
तब का (of) की क्रिया, फिर भाग (÷) की क्रिया, फिर गुणा (×) की क्रिया तथा अंत में घटाव की क्रिया करते हैं उपर्युक्त क्रियाओं में से एक या अधिक के अनुपस्थित रहने पर क्रम में कोई परिवर्तन नहीं होता हैं।
B → कोष्ठक ( Bracket ) रेखा कोष्ठक, छोटा कोष्ठक, मझला कोष्ठक, बड़ा कोष्ठक
O → का ( Of )
D → भाग ( Division )
M → गुणा ( Multiplication )
A → योग ( Addition )
S → अन्तर ( Subtraction )
यहाँ कुछ BODMAS नियम पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQ) दिए गए हैं:
BODMAS के अनुसार निम्नलिखित में से सही गणना क्या है? 8+6÷2×3
(A) 21
(B) 17
(C) 22
(D) 19
BODMAS नियम का पालन करते हुए इस समीकरण को हल करें: 7+3×(4−2)÷2
(A) 10
(B) 12
(C) 13
(D) 14
BODMAS के अनुसार निम्नलिखित में सही उत्तर क्या होगा? 18÷3×2+5
(A) 17
(B) 13
(C) 16
(D) 15
BODMAS का उपयोग करके इस समीकरण को हल करें: 6+(12÷4)×3
(A) 15
(B) 21
(C) 18
(D) 24
निम्नलिखित में BODMAS के अनुसार सही हल क्या है? 10×(6+2)÷4
(A) 16
(B) 20
(C) 14
(D) 15
BODMAS नियम को ध्यान में रखते हुए यह समीकरण हल करें: (5+10)÷5+2×4
(A) 11
(B) 14
(C) 12
(D) 13
BODMAS (Bracket, Orders, Division and Multiplication, Addition and Subtraction) नियमों के आधार पर इन प्रश्नों का सही उत्तर ढूँढना है।
अतः अभीष्ट लघुत्तम समापवर्त्य 24 वह छोटी से छोटी संख्या हैं जो 4, 8, 12 तीनों से पूरी-पूरी तरह विभाजित हो जाती हैं।
अपवर्त्य या गुणज (Multiple): लघुत्तम समापवर्त्य निकालने का तरीका
अपवर्त्य या गुणज (Multiple)
अपवर्त्य या गुणज (Multiple) :- किसी संख्या का अपवर्त्य वे सभी संख्याएँ होती हैं जिसमें उस संख्या से पूर्ण भाग किया जाता हैं।
3 और 6 संख्या 18 के गुणनखंड है । यहाँ 18, संख्या 3 और 6 का गुणज अथवा अपवर्त्य (Multiple) है। इसी प्रकार 48 = 4 x 12 यह दर्शाता है कि 4 और 12, संख्या 48 के अपवर्तक हैं तथा 48, 4 और 12 का एक अपवर्त्य है। अपवर्त्य को गुणज भी कहते हैं।
किसी संख्या में प्राकृतिक संख्याओं (1, 2, 3, …… ) से गुणा करने पर उस संख्या के विभिन्न गुणज अथवा अपवर्त्य प्राप्त होते हैं।
तीनों संख्याओं में संख्या 18 समान अपवर्त्य है। अतः उपरोक्त संख्या का समापवर्त्य 18 है। संख्याओं के समान अपवर्त्यों को उनका समापवर्त्य कहते हैं।
उपरोक्त सारणी से,
कोई संख्या अपने प्रत्येक अपवर्तक का अपवर्त्य होती है।
किसी संख्या का प्रत्येक अपवर्त्य उस संख्या से बड़ा या उसके बराबर होता है।
प्रत्येक संख्या स्वयं का एक अपवर्त्य है।
किसी संख्या के अपवर्त्यों की संख्या असीमित होती है।
यह भी जाने- किसी भी संख्या में से उसके अंकों का योगफल घटाने पर प्राप्त अन्तर सदैव 9 का अपवर्त्य होता है। उदाहरणार्थ कोई एक संख्या 4253 लेते हैं। अब देखते है कि इस संख्या के अंकों का योगफल =4+2+5+3=14 अब संख्या 4253 में से अंकों का योगफल 14 घटाने पर प्राप्त अन्तर =4253-14 =4239 =9×471 अतः अंतर 9 का अपवर्त्य है।
जब आप 8 में 5 का गुणा करते हैं तो गुणनफल 40 प्राप्त होता है।
यहाँ 8 x 5 = 40 में, 8 गुण्य, 5 गुणक तथा 40 गुणनफल है। 8 व 5 को 40 का गुणनखंड कहते हैं।
लघुत्तम समापवर्त्य निकालने का तरीका
अभाज्य गुणनखण्ड विधि द्वारा
भाग विधि द्वारा
(a). अभाज्य गुणनखण्ड विधि द्वारा
सर्वप्रथम दी गई संख्या को अभाज्य गुणनखण्डों के रूप में व्यक्त करें। फिर इन संख्याओं के सभी अभाज्य गुणनखण्डों के सबसे बड़े घातांकों वाली संख्याओं का प्राप्त गुणनखण्ड ही लघुत्तम समापवर्त्य हैं।
उदाहरण 1. 32, 64 तथा 128 का लघुत्तम समापवर्त्य ज्ञात कीजिए?
(a). सबसे पहले दशमलव के बाद अधिकतम अंकों वाली संख्या का पता लगाइए।
(b). यदि दशमलव के बाद अधिकतम दो अंक हो, तो सभी अंकों में 100 से गुणा करके उसे पूर्ण संख्या में बदल देगें।
अगर दशमलव के बाद अधिकतम तीन, चार या पाँच अंक हो, तो उसमें क्रमशः 1000, 10000 या 100000 से गुणा करके उसे पूर्ण संख्या में बदल देगें।
(c). प्राप्त पूर्ण संख्याओं का लघुत्तम समापवर्त्य ज्ञात करेंगें। उसके बाद प्राप्त लघुत्तम समापवर्त्य में 100, 1000, 10000 से गुणा किया गया था। भाग देने के बाद जो संख्या प्राप्त होगी वही दी गई संख्याओं का लघुत्तम समापवर्त्य होगा।
उदाहरण 10. 0.12, 4.8, 0.72 तथा 1.20 का लघुत्तम समापवर्त्य ज्ञात कीजिए?
हल:- यहाँ दशमलव के बाद अधिकतम दो अंक हैं। इसलिए सभी संख्याओं को 100 से गुणा करने पर प्राप्त संख्या = 12, 480, 72, 120
इन संख्याओं का लघुत्तम समापवर्त्य = 1440 अभीष्ट लघुत्तम समापवर्त्य = 1440/100 लघुत्तम समापवर्त्य = 14.40
दो से अधिक संख्याओं का महत्तम समापवर्तक वह बड़ी से बड़ी संख्या हैं जिसमें वह सभी संख्याएँ पूरी-पूरी विभाजित हो जाती हैं। जैसे:- 4, 8, 12 का महत्तम समापवर्तक 4 हैं।
अपवर्तक या गुणनखण्ड (Factor): महत्तम समापवर्तक निकालने का तरीका
अपवर्तक या गुणनखण्ड (Factor)
किसी संख्या का अपवर्तक वे सभी संख्याएँ हैं जो उस संख्या को पूर्णतः विभाजित कर देती हैं। जैसे :-
माना दो संख्याओं x और y का महत्तम समापवर्तक ज्ञात करना हैं। जबकि (y > x) → y, x से बड़ा हैं। बड़ी संख्याओं में छोटी संख्या से भाग देगें।
उदाहरण 3. 8, 36 और 72 का महत्तम समापवर्तक ज्ञात कीजिए?
उदाहरण 4. 48, 36 और 72 का महत्तम समापवर्तक ज्ञात कीजिए?
भिन्नों का महत्तम समापवर्तक
भिन्नों का महत्तम समापवर्तक (L.C.M.) = अंशों का महत्तम समावतर्क / हरों का लघुत्तम समापवर्त्य
उदाहरण 5. 5/6, 5/8, 10/21 तथा 2/3 का महत्तम समापवर्तक ज्ञात कीजिए?
हल:- प्रश्ननानुसार, दी गई भिन्नों का महत्तम समापवर्तक = 5, 5, 10 और 2 का महत्तम समापवर्तक / 6, 8, 21 और 3 का लघुत्तम समापवर्त्य महत्तम समापवर्तक = 1/168
उदाहरण 6. 1/7, 2/3, 4/5 तथा 5/7 का लघुत्तम समापवर्त्य ज्ञात कीजिए?
हल:- प्रश्ननानुसार, दी गई भिन्नों का महत्तम समापवर्तक = 1, 2, 4 और 5 का महत्तम समापवर्तक / 7, 3, 5 और 7 का लघुत्तम समापवर्त्य महत्तम समापवर्तक = 1/105
घातांक का महत्तम समापवर्तक
(a). जब दी गयी संख्याओं का आधार समान हो, तो सर्वाधिक घात वाली संख्या ही दिए गए संख्याओं का महत्तम समापवर्तक होगा।
उदाहरण 7. 7², 7⁹, 7¹⁴ तथा , 7³² का महत्तम समापवर्तक ज्ञात कीजिए?
हल:- समान आधार पर 7 हैं। तथा न्यूनतम घात 7² का हैं। महत्तम समापवर्तक = 7²
उदाहरण 8. 5⁻¹, 5⁻², 5⁻⁴, 5⁻⁶ तथा 5⁻¹² का महत्तम समापवर्तक ज्ञात कीजिए?
हल:- आधार 8 समान हैं तथा न्यूनतम घात 8⁻¹² की हैं। महत्तम समापवर्तक = 8⁻¹²
(b). जब आधार समान नहीं हो तथा आधार में कोई उभयनिष्ठ गुणन खण्ड नहीं हो, तो दिए गए संख्याओं का गुणनखण्ड ही महत्तम समापवर्तक 1 होगा।
उदाहरण 9. 2³, 4² और 8² का महत्तम समापवर्तक ज्ञात कीजिए?
चूँकि आधार (2) समान हैं इसलिए महत्तम समापवर्तक 1 नहीं होगा। इसका महत्तम समापवर्तक 8 होगा।
दशमलव संख्याओं का महत्तम समापवर्तक
(a). सबसे पहले दशमलव के बाद अधिकतम अंकों वाली संख्या का पता लगाइए।
(b). यदि दशमलव के बाद अधिकतम दो अंक हो, तो सभी अंकों में 100 से गुणा करके उसे पूर्ण संख्या में बदल देगें।
अगर दशमलव के बाद अधिकतम तीन, चार या पाँच अंक हो, तो उसमें क्रमशः 1000, 10000 या 100000 से गुणा करके उसे पूर्ण संख्या में बदल देगें।
(c). प्राप्त पूर्ण संख्याओं का महत्तम समापवर्तक ज्ञात करेंगें। उसके बाद प्राप्त महत्तम समापवर्तक में 100, 1000, 10000 से गुणा किया गया था। भाग देने के बाद जो संख्या प्राप्त होगी वही दी गई संख्याओं का महत्तम समापवर्तक होगा।
उदाहरण10. 0.05, 0.10, तथा 0.025 का महत्तम समापवर्तक ज्ञात कीजिए?
हल:- यहाँ दशमलव के बाद अधिकतम तीन अंक हैं। इसलिए सभी संख्याओं को 1000 से गुणा करने पर प्राप्त संख्या = 50, 100, तथा 25
इन संख्याओं का महत्तम समापवर्तक = 25 अभीष्ट लघुत्तम समापवर्त्य = 25/1000 लघुत्तम समापवर्त्य = 0.025
वह छोटी से छोटी संख्या कौन सी हैं, जो 4, 6, 8, 9, 12, से पूर्णतः विभाजित हो?
A. 18 B. 32 C. 68 D. 72
हल:- 4, 6, 8, 9, 12, का LCM = 72 अतः वह छोटी से छोटी संख्या 72 होंगी। Ans. 72
5⁻¹¹, 5⁻⁹, 5⁻¹⁶, 5⁻¹⁰ का लघुत्तम समावतर्क एवं महत्तम समावतर्क निकालिए?
A. 5⁻¹⁶ B. 5⁻¹¹ C. 5⁻⁹ D. 5⁻¹⁰
हल:- प्रश्ननानुसार, सभी संख्याओं का आधार 5 हैं तथा -9 > -10 > -11 > -16 LCM = 5⁻⁹ HCF = 5⁻¹⁶ Ans. 5⁻¹⁶
दो संख्याओं के L.C.M. और H.C.F. क्रमशः 48, 8, हैं यदि इनमे से एक संख्या 24 हैं, तो दूसरी संख्या क्या होगी?
A. 16 B. 8 C. 32 D. 18
हल:- प्रश्ननानुसार, L.C.M × H.C.F = प्रथम संख्या × द्धितीय संख्या 24 × X = 48 × 8 X = 48 × 8 / 24 X = 16 Ans. 16
दो संख्याओं का L.C.M. 1920 तथा H.C.F. 16 हैं, यदि इनमें से एक संख्या 128 हो तो दूसरी संख्या क्या होगी?
A. 160 B. 832 C. 240 D. 512
हल:- प्रश्ननानुसार, माना, दूसरी संख्या = x L.C.M × H.C.F = प्रथम संख्या × द्धितीय संख्या x × 128 = 1920 × 16 x = 1920 × 16/128 x = 240 अतः दूसरी संख्या = 240 Ans. 240
वह छोटी से छोटी संख्या कौन सी हैं जिसे 14, 21, 28, 35 से विभाजित करने पर प्रत्येक स्थिति में 5 शेष बचे?
A. 165 B. 285 C. 425 D. 350
हल:- प्रश्ननानुसार, 14, 21, 28, 35 का LCM = 420 420 + 5 = 425 Ans. 425
a,b,c एक वृताकार स्टेडियम में उसके चारों और एक ही बिंदु से एक साथ दौड़ना प्रारंभ करते हैं तथा क्रमशः 28, 24, 32 सेकण्ड में एक चक्कर पूरा करते हैं वे तीनों कितने समय बाद प्रारम्भिक बिंदु पर फिर से मिलेंगे?
A. 16/5 B. 8/3 C. 24/5 D. 3/7
हल:- प्रश्ननानुसार, L.C.M. = 288 288/60 24/5 Ans. 24/5
तीन विभिन्न चौराहों पर आवागमन सूचक वृतिया क्रमशः 48 सेकेण्ड, 72 सेकेंड, और 108 सेकेंड के बाद बदलती हैं यदि वे एक साथ अभी बदली हो तो फिर कितने समय बाद बदलेगी?
A. 165 B. 285 C. 432 D. 350
हल:- प्रश्ननानुसार, 48, 72, 108 का L.C.M. = 432 Ans. 432
3 प्रकार के तारों की लंबाई क्रमशः 4672, 3869, 2993, मीटर हैं, एक अन्य प्रकार के तार की अधिकतम लम्बाई क्या है जिससे तीनों प्रकार के तारों की लंबाई को पूर्णतः नापा जा सकें।
A. 16 B. 28 C. 43 D. 73
हल:- प्रश्ननानुसार, 4672, 3869, 2993 का HCF = 73 Ans. 73
दो संख्याओं का लासा 495 है तथा उनका महत्तम समापवर्तक 5 है यदि उन संख्याओं का योग 100 हो तो उन का अंतर कितना होगा?
A. 5 B. 10 C. 15 D. 20
हल:- प्रश्ननानुसार, माना की पहली संख्या = a दूसरी संख्या = b सूत्र – प्रथम संख्या × दूसरी संख्या = ल.स × म.स a × b = 495 × 5 ab = 2475 प्रश्ननानुसार, a + b = 100 सूत्र – (a – b)² = ( a + b )² – 4ab (100)² – 4 × 2475 10000 – 9900 (a – b)² = 100 (a – b) = √100 (a – b) = 10 Ans. 10
वह बड़ी से बड़ी संख्या ज्ञात कीजिए जिससे 29 30 और 3250 में भाग देने पर क्रमशः 7 और 11 शेष बचे?
A. 79 B. 59 C. 89 D. 69
हल:- प्रश्ननानुसार, 2930 – 7 = 2923 और 3250 – 11 = 3239 इसीलिए 2923 और 3239 का म.स.प. = 79 इसीलिए वह संख्या 79 हैं। Ans. 79
वह छोटी से छोटी संख्या निकालें जिसे 5, 6, 7, 8 से भाग देने पर 3 शेष बचता है परन्तु 9 से भाग देने पर कोई शेष नही बचता?
A. 1560 B. 1683 C. 1820 D. 1960
हल :- प्रश्ननानुसार, 5, 6, 7, 8 का ल.स. = 840 अतः वाँछित संख्या = (840 × n + 3) होगी। जहाँ n कोई प्राकृत संख्या हैं। n का न्यूनतम मान, जिससे (840 × n + 3), 9 से विभाज्य हो, वह न्यूनतम मान n = 2 होगा। अभीष्ट संख्या = 840 × 2 + 3 अभीष्ट संख्या = 1683 Ans. 1683
वह छोटी से छोटी संख्या ज्ञात करें जो 10, 20, 30, 40 तथा 50 से भाग देने पर प्रत्येक दशा में 7 शेष बचे?
A. 607 B. 709 C. 504 D. 810
हल:- प्रश्ननानुसार, सूत्र :- वह छोटी से छोटी संख्या बताये जो x, y, z तथा p से भाग देने पर प्रत्येक दशा में सामान शेष (k) बचे तो संख्या = ल.स. (x, y, z, p) + k ) अभीष्ट संख्या = ल.स. (10, 20, 30, 40, 50) + 7 = 600 + 7 = 607 Ans. 607
चार अंक की सबसे छोटी संख्या ज्ञात करे जो 2, 3, 4, 5, 6 और 7 से पूर्ण रूप से भाज्य हो?
A. 1270 B. 1260 C. 1570 D. 1470
हल:- प्रश्ननानुसार, सबसे पहले हम 2, 3, 4, 5, 6 और 7 का ल.स. निकालेंगे ल.स. (2, 3, 4, 5, 6 और 7) = 420 चूँकि हमें 4 अंक की संख्या चाहिए अतः अभीष्ट संख्या अवश्य ही 420 का गुणक होगा. अभीष्ट संख्या = 420 x 3 अभीष्ट संख्या = 1260 Ans. 1260
दो संख्याओं का गुणनफल 7168 है एवं उनका म0 स0 16 है तो संख्याएं क्या है?
A. 111, 11 B. 124, 13 C. 132, 7 D. 112, 64
हल:- प्रश्ननानुसार, माना कि संख्याएं 16a तथा 16b हैं तथा परस्पर अभाज्य भी हैं अत: 16a x 16b = 7168 = 28 अब वे जोडे देखते हैं जिनका गुणनफल 28 होता है वे हैं (28,1) तथा (7,4) अत: संख्याएं हो सकती हैं (448 , 16) तथा (112 , 64) Ans. 112, 64
दो व्यजकों का महत्तम समापवर्तक (x + 2) और लघुत्तम समापवर्तक (x + 2) (x – 1) (x² – 2x + 4) हैं यदि उनमें से एक व्यंजक (x² – 2x + 4) हो, तो दूसरा व्यंजक होगा?
A. (x + 2) B. (x – 1) C. (x + 2)(x – 1) D. (x + 2)² (x – 1)
दो संख्याओं का म. स. 16 तथा ल. स. 160 हैं यदि इनमें से एक संख्या 32 हो, तो दूसरी संख्या होंगी?
A. 48 B. 80 C. 96 D. 112
हल:- प्रश्नानुसार, दूसरी संख्या = (ल.स.× म.स.)/पहली संख्या दूसरी संख्या = (16 × 160)/32 दूसरी संख्या = 80 Ans. 80
दो संख्याओं का ल. स. 225 हैं तथा उनका म. स. 5 हैं यदि एक संख्या 25 हो, तो दूसरी संख्या होगी?
A. 5 B. 45 C. 35 D. 225
हल:- प्रश्नानुसार, दूसरी संख्या = (ल.स.× म.स.)/पहली संख्या दूसरी संख्या = (225 × 5)/25 दूसरी संख्या = 9 × 5 दूसरी संख्या = 45 Ans. 45
दो संख्याओं का ल. स 864 हैं और उनका म. स 144 हैं यदि उनमें से एक संख्या 288 हो, तो दूसरी संख्या होंगी?
A. 567 B. 255 C. 432 D. 225
हल:- प्रश्नानुसार, दूसरी संख्या = (ल.स.× म.स.)/पहली संख्या दूसरी संख्या = (864 × 144)/288 दूसरी संख्या = 144 × 3 दूसरी संख्या = 432 Ans. 432
13 का वह सबसे छोटा गुणज जिसे 4, 5, 6, 7 और 8 से भाग देने पर प्रत्येक स्थिति में 2 शेष बचें?
A. 2522 B. 2552 C. 4323 D. 2225
हल:- प्रश्नानुसार, 4, 5, 6, 7 और 8 लघुत्तम समापवर्तक = 840 संख्या = (840 × n + 2), होगी। जहाँ n कोई प्राकृतिक संख्या हैं। n का न्यूनतम मान जिससे (840 × n + 2), 13 से विभाज्य हो। न्यूनतम मान n = 3 होगा। अभीष्ट संख्या = 840 × 3 + 2 अभीष्ट संख्या = 2520 + 2 अभीष्ट संख्या = 2,522 Ans. 2,522
तीन विभिन्न चौराहों पर आवागमन सूचक बत्तियाँ क्रमशः 48 सेकेण्ड, 72 सेकेंड, और 108 सेकेंड के बाद बदलती हैं यदि वे 8 :20 : 00 बजे बदली हो तो फिर कितने समय बाद बदलेगी?
A. 8 : 27 : 27 B. 8 : 27 : 32 C. 8 : 27 : 12 D. 8 : 27 : 18
हल:- प्रश्नानुसार, पुनः बत्तियों का साथ बदलने का समय 48, 72, और 108 का L.C.M. = 432 अर्थात 7 मिनिट 12 सेकेण्ड पुनः बत्तियाँ बदलने में परिवर्तन होगा = 8 : 27 : 12 Ans. 8 : 27 : 12
एक मंदिर में 6 घण्टियाँ लगी हुई हैं, जिनमें से वे क्रमशः 4 सेकेण्ड, 6 सेकेण्ड, 8 सेकेण्ड, 20 सेकेण्ड, और 12 सेकेंड और 18 सेकेण्ड में बजती हैं यदि वे एक साथ अभी बजी हो तो फिर कितने समय बाद बजेगी?
A. 120 B. 140 C. 180 D. 220
हल:- प्रश्नानुसार, एक मंदिर में घण्टियाँ लगी हैं = 6 4, 6, 8, 20, 12, 18 का L.C.M. = 180 अतः 180 सेकेण्ड के बाद पुनः मंदिर में घण्टियाँ बजेगी।
एक मंदिर में 6 घण्टियाँ लगी हुई हैं, जिनमें से वे क्रमशः 10 सेकेण्ड, 12 सेकेण्ड, 15 सेकेण्ड, 20 सेकेण्ड, और 25 सेकेंड और 30 के अंतराल पर बजती हैं यदि वे एक साथ अभी बजी हो तो फिर कितने समय बाद बजेगी?
A. 150 B. 200 C. 250 D. 300
हल:- प्रश्नानुसार, एक मंदिर में घण्टियाँ लगी हैं = 6 10, 12, 15, 20, 25, 30 का L.C.M. = 300 अतः 300 सेकेण्ड के बाद पुनः मंदिर में घण्टियाँ बजेगी।
किसी भी त्रिभुज में तीन शीर्ष, तीन भुजाएँ और तीन कोण होते हैं।
2. जिन त्रिभुजों की तीनों भुजाएँ बराबर लम्बाई की हों, उन्हें समबाहु त्रिभुज कहते हैं। 3. जिन त्रिभुजों की दो भुजाएँ बराबर लम्बाई की हों, उन्हें समद्विबाहु त्रिभुज कहते हैं।
4. जिनकी सभी भुजाएँ असमान लम्बाई की हों, उन्हें विषमबाहु त्रिभुज कहते हैं।
5. जिन त्रिभुजों के तीनों कोण न्यूनकोण होते हैं, उन्हें न्यूनकोण त्रिभुज कहते हैं।
6. जिस त्रिभुज में कोई एक कोण समकोण हो, तो उसे समकोण त्रिभुज कहते हैं।
7. जिस त्रिभुज में कोई एक कोण अधिक कोण हो, उसे अधिक कोण त्रिभुज कहते हैं।
8. ऐसा चतुर्भुज, जिसमें आमने-सामने की भुजाएँ समान लम्बाई की हों तथा चारों कोण समकोण हों, आयत कहलाता है।
9. ऐसा आयत, जिसकी चारों भुजाएँ समान लम्बाई की हों, वर्ग कहलाता है।
कोण: नामकरण एवं मापन
अभ्यास
चाँदे की सहायता से निम्न कोण बनाएं- (i)45° (ii)75° (iii) 90° (iv) 120° (v)155° (vi) 210°
6 बजे घड़ी की दोनों सुईयों (घंटा एवं मिनट) के बीच कितना कोण बनेगा।
(1) शून्य कोण: वह कोण जिसका माप 0° हो शून्य कोण कहलाता है।
(2) सरल कोण: वह कोण जिसका माप 180° हो सरल कोण कहलाता है।
(3) न्यूनकोण: वह कोण जो 0° से बड़ा तथा 90° से छोटा हो, न्यूनकोण कहलाता है।
(4) समकोण: वह कोण जिसकी माप 90° हो समकोण कहलाता है। समकोण में एक भुजा दूसरी भुजा पर लम्ब होती है।
(5)अधिक कोण: एक कोण जिसका माप 90° से अधिक परन्तु 180° से कम हो अधिक कोण कहलाता है।
(6) प्रतिवर्ती कोण (वृहत् कोण): वह कोण जिसका माप समकोण 180° से अधिक तथा 360° से कम हो, प्रतिवर्ती कोण कहलाता है।
(7) सम्पूर्ण कोण: यदि कोई किरण अपने प्रारम्भिक बिन्दु के चारों ओर एक पूरा चक्कर लगाने के बाद अपने प्रारम्भिक स्थिति से सम्पाती हो जाए तो इस प्रकार बना कोण सम्पूर्ण कोण कहलाता है। यह कोण 360° का होता है।
समान प्रकार की दो राशियों / वस्तुओं के बीच सम्बन्ध को अनुपात कहते हैं। दो राशियों का अनुपात एक भिन्न के बराबर होता है , अतः यह प्रदर्शित करता है कि एक राशि दूसरी राशि से कितनी गुनी कम या अधिक है। माना, एक राशि x तथा दूसरी राशि y है, तब इनके बीच अनुपात = x : y
अनुपात: सारणी समझ और अभ्यास
अनुपात: सारणी
पूर्वपद (Antecedent):
अनुपात में पहले स्थान पर आने वाले पद को पूर्वपद कहा जाता है। उदाहरण के लिए, यदि अनुपात 3:5 है, तो यहाँ 3 पूर्वपद है। यह उस वस्तु या संख्या को दर्शाता है जिसकी पहले तुलना की जा रही है।
उत्तरपद (Consequent):
अनुपात में दूसरे स्थान पर आने वाले पद को उत्तरपद कहा जाता है। उदाहरण के लिए, यदि अनुपात 3:5 है, तो 5 उत्तरपद है। यह दूसरी संख्या या वस्तु है जिसकी तुलना की जा रही है।
अनुपात का उदाहरण:
यदि किसी कक्षा में 10 लड़के और 15 लड़कियाँ हैं, तो लड़के और लड़कियों का अनुपात 10:15 होगा। इसमें:
पूर्वपद (Antecedent) = 10 (लड़के)
उत्तरपद (Consequent) = 15 (लड़कियाँ)
अनुपात: समझ
50 पुस्तकों एवं 10 पुस्तकों के मध्य अनुपात = 50:10 = 5:1 राम की उम्र 20 वर्ष एवं श्याम की उम्र 30 वर्ष है। दोनों के उम्र के मध्य अनुपात =20:30=2:3 400 किलो गेहूं एवं 100 किलो गेहूं के मध्य अनुपात = 400: 100 = 4:1 राशि a तथा राशि b के मध्य अनुपात = a : b
अनुपात: अभ्यास
एक स्कूल में कुल विद्यार्थियों की संख्या 1500 है। उसमें से लड़कियों की संख्या 600 है। लड़कों तथा लड़कियों की संख्या का अनुपात ज्ञात कीजिए?
20 गुब्बारों को दो बच्चों के बीच 2: 3 के अनुपात में बांटिए। बताइए दोनों को कितने-कितने गुब्बारे मिले ?
राजेश और जावेद ने मिलकर एक दुकान खोली। दुकान में राजेश ने 45000 रु तथा जावेद ने 36000 रु लगाए। बताइए राजेश और जावेद द्वारा लगाई पूंजियों का मूल अनुपात क्या है ?
किसी परीक्षा में 117 परीक्षार्थियों में से 65 असफल हो गए तो सफल और असफल परीक्षार्थियों की संख्या में क्या अनुपात है ?
रत्ना और शीला ने मिलकर अपने चाचा के बगीचे से 18 आम तोड़े। दोनों अब इस आम को आपस में बाँटना चाहते हैं। रत्ना चाहती है कि उम्र के अनुपात में आमों को बांटना चाहिए। अब बताइए कि ऐसे बाँटने पर रत्ना और शीला को कितने-कितने आम मिलेंगे जबकि रत्ना की उम्र 15 वर्ष तथा शीला की उम्र 12 वर्ष है।
तीन कॉपियों की कीमत 16.50 रू. है। तो 7 कॉपियों की कीमत ज्ञात कीजिए।
किसी मज़दूर की 25 दिनों की आय 1500 रु. है। उसकी 30 दिनों की आय ज्ञात कीजिए।
यदि 22 मीटर कपड़े का मूल्य 704 रु है तो 20 मीटर कपड़े का मूल्य क्या होगा ?
हमने सीखा
दो समान राशियों का अनुपात यह दर्शाता है कि एक राशि दूसरी राशि से कितनी गुनी है।
दो राशियों का अनुपात प्रायः उनके सरलतम रूप में व्यक्त किया जाता है। जैसे na : nb को a :b लिखा जाता है।
दी गई राशियों से पहले एक राशि का इकाई मान ज्ञात कर फिर वांछित संख्या में राशियों का मान ज्ञात करने की विधि को ऐकिक विधि कहा जाता है।
यदि दो अनुपात x : y तथा P : Q दिए गए हैं, तो Px : Qy मिश्रित अनुपात में कहलाएंगे।
दो संख्याओं a तथा b का मध्य समानुपाती (Mean proportional):–
माना मध्य समानुपाती x है, तब a : x :: x : b (सही स्थिति) हल:- x² = a.b ⇒ x = √a.b अतः दो संख्याओं a तथा b का मध्य समानुपाती = √a.b होता हैं। यदि a : b :: C : d हो , तो a : c :: b : d एकान्तरानुपात (Altermendo) कहलाता है अर्थात् a/b = c/d या a/c = b/d (एकान्तरानुपात) यदि a : b :: c : d हो, तो (a + b) : b :: (c + d) : d योगानुपात (Componendo) कहलाता है। अर्थात् a/b = c/d, तब (a + b)b = (c + d)d (योगानुपात) या a/b + 1 c/d + 1 ⇒ (a + b)/b = (c + d)/d यदि a : b :: c : d हो , तब ( a – b ) : b :: ( c – d ) : d अन्तरानुपात ( Dividendo ) कहलाता है। अर्थात् a/b = c/d ⇒ a/b – 1 = c/d – 1 ⇒ (a – b)/b = (c – d)/d (अन्तरानुपात)
योगान्तरानुपात (Componendo and Dividendo) :
योगानुपात तथा अन्तरानुपात का सम्मिलन है। यदि a : b :: c : d हो , तब ( a + b ) : ( a – b ) :: ( c + d ) : ( c – d ) योगान्तरानुपात है
दो संख्याओं a तथा b का तृतीय समानुपाती (Third Proportional) –
माना दो संख्याओं a तथा b का तृतीय समानुपाती x है। तब a : b = b : x (सही स्थिति) हल:- a/b : b/x ⇒ b2 = ax ∴ x = b²/a अतः दो संख्याओं a तथा b का तृतीय समानुपाती b²/a होता है। तीन संख्याओं a , b तथा c का चतुर्थ समानुपाती ( Fourth Proportional ) माना a , b तथा c का चतुर्थ समानुपाती x है, तब a : b = c : r ( सही स्थिति ) हल:- a/b = c/x ⇒ a.x = bc ⇒ x bc/a अतः तीन संख्याओं a , b तथा c का चतुर्थ समानुपाती = bc/a होता है।
यहां कुछ अनुपात एवं समानुपात पर आधारित सरल से जटिल MCQ प्रश्न दिए गए हैं, जो नवोदय प्रवेश परीक्षा के लिए उपयुक्त हैं:
सरल प्रश्न:
दो संख्याओं का अनुपात 5:3 है। यदि दूसरी संख्या 27 है, तो पहली संख्या क्या होगी?
(A) 45
(B) 15
(C) 40
(D) 9
उत्तर: (A) 45
तीन संख्याओं का अनुपात 2:3:5 है। यदि उनकी कुल योग 100 है, तो तीसरी संख्या क्या होगी?
(A) 20
(B) 30
(C) 50
(D) 40
उत्तर: (C) 50
मध्यम कठिनाई:
एक ट्रक और एक कार की गति का अनुपात 4:5 है। यदि ट्रक 80 किमी/घंटा की गति से चल रही है, तो कार की गति कितनी होगी?
(A) 60 किमी/घंटा
(B) 90 किमी/घंटा
(C) 100 किमी/घंटा
(D) 120 किमी/घंटा
उत्तर: (C) 100 किमी/घंटा
यदि तीन संख्याओं का अनुपात 1:2:3 है और तीसरी संख्या 48 है, तो पहली संख्या क्या होगी?
(A) 8
(B) 16
(C) 24
(D) 12
उत्तर: (D) 12
जटिल प्रश्न:
एक कक्षा में लड़के और लड़कियों का अनुपात 7:5 है। यदि कक्षा में कुल 60 छात्र हैं, तो कितने लड़के हैं?
(A) 25
(B) 35
(C) 30
(D) 40
उत्तर: (B) 35
A और B का अनुपात 4:5 है। यदि A की संख्या को 25% बढ़ाया जाए और B की संख्या को 10% घटाया जाए, तो नया अनुपात क्या होगा?
(A) 5:4
(B) 5:6
(C) 6:5
(D) 7:6
उत्तर: (C) 6:5
एक क्रिकेट टीम के खिलाड़ियों की ऊँचाई का औसत अनुपात 6:5 है। यदि एक खिलाड़ी की ऊँचाई 180 सेमी है, तो दूसरी खिलाड़ी की ऊँचाई क्या होगी?
(A) 150 सेमी
(B) 160 सेमी
(C) 170 सेमी
(D) 175 सेमी
उत्तर: (B) 150 सेमी
Here are some multiple-choice questions (MCQs) on Ratio and Proportion in Hindi:
Ratio and Proportion MCQ
प्रश्न 1: दो संख्याएँ 3:5 के अनुपात में हैं। यदि इनका योग 80 है, तो छोटी संख्या क्या है?
a) 30 b) 35 c) 40 d) 25
उत्तर: a) 30
प्रश्न 2: यदि 20 से 30 का अनुपात ज्ञात करें, तो वह क्या होगा?
a) 2:3 b) 3:2 c) 4:3 d) 5:3
उत्तर: a) 2:3
प्रश्न 3: तीन संख्याएँ 2:3:5 के अनुपात में हैं। यदि उनका कुल योग 100 है, तो सबसे बड़ी संख्या क्या होगी?
a) 20 b) 30 c) 40 d) 50
उत्तर: c) 40
प्रश्न 4: A और B का अनुपात 4:7 है। यदि A की संख्या 20 है, तो B की संख्या क्या होगी?
a) 30 b) 35 c) 25 d) 40
उत्तर: b) 35
प्रश्न 5: 100 ग्राम मिठाई में चीनी और आटा का अनुपात 3:2 है। मिठाई में चीनी की मात्रा कितनी होगी?
a) 60 ग्राम b) 40 ग्राम c) 50 ग्राम d) 30 ग्राम
उत्तर: d) 30 ग्राम
प्रश्न 6: यदि 12, 16, और 20 का अनुपात ज्ञात करें, तो वह क्या होगा?
a) 3:4:5 b) 2:3:4 c) 1:2:3 d) 4:5:6
उत्तर: a) 3:4:5
प्रश्न 7: एक कक्षा में लड़के और लड़कियों का अनुपात 5:7 है। यदि कक्षा में कुल 36 लड़कियाँ हैं, तो लड़कों की संख्या क्या होगी?
a) 20 b) 24 c) 30 d) 32
उत्तर: b) 24
प्रश्न 8: एक वस्तु की कीमत 2000 रुपये है। यदि कीमत को 3:4 के अनुपात में बढ़ाया जाए, तो नई कीमत क्या होगी?
a) 2500 रुपये b) 2400 रुपये c) 2600 रुपये d) 3000 रुपये
उत्तर: d) 3000 रुपये
These MCQs can be used for practice in understanding Ratio and Proportion concepts in Hindi. Would you like to explore more, or focus on a specific difficulty level?
दशमलव को (.) द्वारा दर्शाया जाता है। जिस प्रकार पूर्ण संख्याओं का जोड़, घटाना, होता है दशमलव संख्याओं का भी उसी प्रकार होता है । केवल संख्याओं के दशमलव एक के नीचे एक आने चाहिए।प्रत्येक दशमलव को भिन्न रूप में लिखा जा सकता है।
दशमलव भिन्न / Decimal Fraction
दशमलव भिन्न की परिभाषा
दशमलव भिन्न (Decimal Fraction) एक प्रकार का भिन्न होता है जिसे दशमलव प्रणाली में व्यक्त किया जाता है। दशमलव भिन्न में एक बिंदु (.) के बाद अंश का मान दर्शाया जाता है। इसे विशेष रूप से इस रूप में लिखा जाता है:
दशमलव युक्त संख्या में दशमलव के बाईं ओर की संख्या को पूर्णाक तथा दशललव के दाईं ओर की संख्या को अंश के रूप में तथा प्रयोग होने वाले अंकों के बराबर 10 का घात करके हर बना लें।
जैसे:-
2.25 पूर्णाक ⇒ 2 दशमलव के बाईं ओर की संख्या अंश ⇒ 25 दशमलव के दाईं ओर की संख्या हर ⇒ (10)² अंश के अंको के बराबर 10 का घात इस तरह भिन्न ⇒ पूर्णाक (अंश/हर) इसमें पूर्णाक 2, अंश 25 एवं हर (10)²
Example. 10.55000 को भिन्न में बदलें। हल:- 10.000 = 10000/1000 = 10/1
Note: यहाँ दशमलव के बाईं ओर कोई संख्या नहीं हैं अतः पूर्णांक के रूप में कोई भी संख्या नहीं होगी।
(0.25) को भिन्न में बदलना:
(0.25) का मतलब है ( 25\100)
(3.6) को भिन्न में बदलना:
(3.6) का मतलब है (36 \10 )
दशमलव भिन्न के प्रकार:
परिमित दशमलव (Terminating Decimal):
जिन दशमलव भिन्नों में दशमलव स्थान सीमित होते हैं, उन्हें परिमित दशमलव कहते हैं। जैसे (0.75) और (1.2)।
अपरिमित दशमलव (Recurring or Repeating Decimal):
जिन दशमलव भिन्नों में दशमलव स्थानों में एक ही अंश दोहराया जाता है, उन्हें अपरिमित दशमलव कहते हैं। जैसे (0.333…) या (0.\overline{3})।
आवृर्त दशमलव (Recurring Decimal)
ऐसी दशमलव भिन्ने जिनमें दशमलव के बाद एक या अधिक अंको की लगातार पुनरावृत्ति हो, तो उसे आवर्त दशमलव भिन्न कहते हैं।
आवर्त दशमलव को व्यक्त करने के लिए पुनरावृत्त अंकों के सबसे पहले तथा अंतिम अंक के ऊपर बिंदु लगाते हैं या आवृत अंकों पर रेखा खींच देते हैं।
जैसे:- 5/3 = 1.6666 ……1.6 = 1.6 = 1.6̅
दो दशमलव संख्याओं की आपस में तुलना
दो दशमलव संख्याओं की आपस में तुलना की जा सकती है। तुलना संख्या के पूर्ण भाग (जो कि दशमलव बिंदु की बाईं ओर के अंक होते हैं) से शुरू की जाती है। यदि पूर्ण भाग समान हैं तो दशांश स्थान के अंकों की तुलना की जाती है और यदि ये भी समान हों तो अगले अंक को देखें यह क्रम आगे बढ़ता रहता है।
दशमलवों का प्रयोग धन, लंबाई और भार (वज़न) की इकाइयों को दर्शाने के लिए किया जाता है।
प्रश्न 16. यदि 1/36.18 = 0.0276 हो, तो 1/0.0003618 का मान क्या होगा?
हल:- यहाँ 1/36.18 में दशमलव का स्थान (हर – अंश) = 2 – 0 = 2 फिर 1/0.0003618 में दशमलव का स्थान = 7 – 0 = 7 अतः (+5) के लिए पाँच शून्य और रखे जाएंगे। 1/0.0003618 = 0.0276 × 100000 = 2760 उत्तर:- 2760
प्रश्न 17. यदि 1/36.18 = 0.0276 हो, तो 1/3618 का मान ज्ञात करें? हल: यहाँ 1/36.18 में दशमलव का स्थान (हर – अंश) = 2 – 0 = 2 और फिर 1/3618 = 0 – 2 = -2 (-2) के लिए हम परिणाम में 2 अंक पहले दशमलव बैठा देंगे। 1/3618 = 0.000276 उत्तर:- 0.000276