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Tag: ज्यामिति (Geometry)

  • [MENSUR1] क्षेत्रमिति : तल ,रेखा व वृत्त

    ज्यामिति : प्राम्भिक स्तर

    समतल

    पुस्तक और पासे की सतह सपाट है, जिसके कारण हम इन्हें एक दूसरे के ऊपर जमाकर रख सकते हैं तथा ये लुढ़कती भी नहीं है। ऐसी सतह को समतल कहते हैं।

    वक्रतल

    गेंद की सतह गोलाकार है जिसके कारण हम इन्हें एक दूसरे के ऊपर नहीं जमा सकते। ये लुढ़कती हैं। ऐसी सतह को वक्रतल कहते हैं।

  • [MENSUR2] द्विविमीय आकृतियाँ: वर्ग आयत और त्रिभुज का परिमाप व क्षेत्रफल

    द्विविमीय आकृतियाँ को 2D आकृति भी कहाँ जा सकता हैं। 2D आकृति की क्षेत्रफल और परिमाप की गणना की जा सकती हैं। 2D आकृतियों में मोटाई नहीं होती हैं इसे दो तरफ से मापा जा सकता हैं।

    द्विविमीय आकृति की परिभाषा, सूत्र और उदाहरण

    ज्यामिति में द्वी-आयामी आकृति एक समतल आकृति होती हैं जिसमें लम्बाई और चौड़ाई के दो आयाम होते हैं।

    द्विविमीय आकृतियों के अंर्तगत आयत, वर्ग, त्रिभुज आदि आते हैं।

    द्विविमीय आकृति

    1. आयत

    चार भुजाओं से घिरी आकृति जिसमें आमने सामने की भुजाएँ समान्तर और बराबर होती हैं तथा प्रत्येक कोण समकोण होता है आयत कहलाता हैं।

    AC तथा BD को विकर्ण कहते हैं तथा ये विकर्ण आपस में बराबर होते हैं अर्थात AC = BD

    आयत
    • आयत का परिमाप = 2(लम्बाई + चौड़ाई)
    • आयत का क्षेत्रफल = लंबाई ×चौड़ाई
    • आयत का विकर्ण =√(लंबाई² + चौड़ाई²)

    2. वर्ग

    चार भुजाओं से घिरी वह आकृति जिसकी चारों भुजाएँ बराबर हों तथा प्रत्येक कोण समकोण हो अर्थात 90° का हो, उसे वर्ग कहते हैं।

    AC तथा BD को विकर्ण कहते हैं तथा विकर्ण आपस में एक दूसरे के बराबर होते हैं अर्थात AC = BD

    वर्ग
    • वर्ग का क्षेत्रफल = (एक भुजा)² = a²
    • वर्ग का क्षेत्रफल = ½ × (विकर्णो का गुणनफल) = ½ × AC × BD
    • वर्ग की परिमिति = 4 × a
    • वर्ग का विकर्ण = एक भुजा × √2 = a × √2
    • वर्ग का विकर्ण = √2 × वर्ग का क्षेत्रफल

    3. त्रिभुज

    तीन भुजाओं से घिरा समतल क्षेत्र त्रिभुज कहलाता हैं किसी भी त्रिभुज में तीन भुजाएं, तीन शीर्ष तथा तीन कोण होते हैं त्रिभुज के तीनों कोणों का योग 180° होता हैं। त्रिभुज के लिए ‘∆’ चिन्ह का प्रयोग किया जाता हैं।

    त्रिभुज

    त्रिभुज का क्षेत्रफल = 1/2 × आधार × ऊँचाई

    त्रिभुज के प्रकार:

    1. समबाहु त्रिभुज (Equilateral Triangle):
      • जिन त्रिभुजों की तीनों भुजाएँ बराबर लंबाई की होती हैं, उन्हें समबाहु त्रिभुज कहते हैं।
      • इसमें तीनों कोण भी बराबर (60°) होते हैं।
    2. समद्विबाहु त्रिभुज (Isosceles Triangle):
      • जिन त्रिभुजों की दो भुजाएँ बराबर लंबाई की होती हैं, उन्हें समद्विबाहु त्रिभुज कहते हैं।
      • इसमें समान भुजाओं के सम्मुख कोण भी बराबर होते हैं।
    3. विषमबाहु त्रिभुज (Scalene Triangle):
      • जिन त्रिभुजों की सभी भुजाएँ अलग-अलग लंबाई की होती हैं, उन्हें विषमबाहु त्रिभुज कहते हैं।
      • इसमें तीनों कोण भी अलग-अलग होते हैं।
    4. न्यूनकोण त्रिभुज (Acute-angled Triangle):
      • जिन त्रिभुजों के तीनों कोण 90° से छोटे होते हैं, उन्हें न्यूनकोण त्रिभुज कहते हैं।
    5. समकोण त्रिभुज (Right-angled Triangle):
      • जिस त्रिभुज में एक कोण 90° का होता है, उसे समकोण त्रिभुज कहते हैं।
    6. अधिक कोण त्रिभुज (Obtuse-angled Triangle):
      • जिस त्रिभुज में एक कोण 90° से बड़ा होता है, उसे अधिक कोण त्रिभुज कहते हैं।