किसी संख्या को उसी संख्या से गुणा करने पर जो गुणनफल प्राप्त होता है, उस गुणनफल को उस संख्या का वर्ग कहते हैं तथा उस संख्या को उस गुणनफल का वर्गमूल कहते हैं।
वर्ग एवं वर्गमूल के सूत्र
किसी संख्या n के वर्ग को n2 से प्रदर्शित किया जाता है, जबकि वर्गमूल को √n से प्रदर्शित किया जाता है।
एक प्राकृत संख्या एक पूर्ण वर्ग कहलाती है, यदि वह किसी प्राकृत संख्या का वर्ग है। अर्थात्य दि m = n2 हो, तो m एक पूर्ण वर्ग है, जहाँ m और n प्राकृत संख्याएँ हैं।
जब किसी संख्या को स्वयं उसी से गुणा किया जाए तो उससे प्राप्त संख्या उस संख्या का वर्ग कहलाती है।
सम संख्याओं के वर्ग और घन सम संख्याएँ होती हैं।
विषम संख्याओं के वर्ग और घन विषम संख्याएँ होती हैं।
एक पूर्ण वर्ग (1 के अतिरिक्त) को सदैव समान अभाज्य गुणनखंडों के युग्मों के गुणनफल के रूप में व्यक्त किया जा सकता है।
एक पूर्ण वर्ग की इकाई का अंक केवल 0, 1, 4, 5, 6 या 9 हो सकता है।
उस संख्या का वर्ग जिसकी इकाई का अंक-
1 या 9 है, 1 पर समाप्त होता है।
2 या 8 है, 4 पर समाप्त होता है।
3 या 7 है, 9 पर समाप्त होता है।
4 या 6 है, 6 पर समाप्त होता है।
5 है, 5 पर समाप्त होता है।
संख्या n और n+1 के वर्गों के बीच में 2n प्राकृत संख्याएँ हैं।
वह संख्या जिसके अंत में शून्यों की संख्या विषम हो, एक पूर्ण वर्ग नहीं होती है।
प्रथम n विषम प्राकृत संख्याओं का योग n2 से प्राप्त होता है।
तीन प्राकृत a, b और c संख्याओं में, यदि a2 + b2 = c2 हो, तो कहा जाता है कि उनसे एक पाइथागोरियन त्रिक बनती है।
संख्या x का वर्गमूल वह संख्या है जिसका वर्ग x होता है।
वर्गमूल निकालने की विधि
वर्गमूल दो विधियों द्वारा निकाला जाता है (i) गुणनखण्ड विधि (ii) भाग विधि
बड़ी संख्या का वर्गमूल भाग विधि द्वारा निकालना चाहिए।
यदि किसी संख्या में दशमलव के बाद अंकों की संख्या विषम हो तो अन्त में एक शून्य लगाएं।
किसी संख्या में दशमलव के बाद जितने अंक होते हैं , वर्गमूल में दशमलव के बाद उसके आधे अंक होते हैं , जैसे किसी संख्या में दशमलव के बाद 4 अंक हैं, तो वर्गमूल में 2 अंक, जैसे:- √0.09 = 0.3
एक या दो अंकों वाली संख्या का वर्गमूल एक अंक वाली संख्या होती है . तीन या चार अंक वाली संख्या का वर्गमूल दो अंकों वाली संख्या होती है 5 या 6 अंकों वाली संख्या का वर्गमूल 3 अंकों वाली संख्या तथा 6, 7 और 8 अंकों वाली संख्या का वर्गमूल 4 अंकों वाली संख्या होती है।
यदि किसी संख्या में इकाई के स्थान पर 2, 3, 7 या 8 हो, तो उस संख्या का वर्गमूल पूरा – पूरा नहीं निकलता। अतः दशमलव संख्या में प्राप्त होता है।
1 को छोड़कर किसी भी संख्या का वर्ग 3 या 4 के गुणज से 1 अधिक होता है, अथवा 3 या 4 का गुणज होता है।
यदि n कोई धन पूर्णांक है, तो
(n + 1)² – n² = ( n + 1 + n ) ( n + 1 – n )
= ( 2n + 1 )
यथा
(6)² – (5)² = (2 × 5 + 1)
= 11
दो अंकों की संख्या जिसके इकाई स्थान पर 5 हो , का वर्ग निम्न प्रकार करते हैं।
(25)² = 2 × 3 ( सैकड़े ) + 52
= 2 × 300 + 25
= 625
तथा
(35)² = 3 × 4 ( सैकड़े ) + 52
= 3x 400 + 25
= 1225
वर्ग एवं वर्गमूल से सम्बंधित सर्वसमिकाएँ :
√ab = √a × √b
(ab)1/2 = √ab = (a)1/2 × (b)1/2
√a/b = √a/√b
(a+b)2 = a2 + 2ab + b2
(a-b)2 = a2 – 2ab + b2