पचराही – लेखक मंडल कक्षा 8 हिंदी

पाठ से-

प्रश्न 1. पचराही के नाँव पड़े के कारण बतावव । (पचराही नाम पड़ने के कारण

उत्तर- सियानमन बतायें के पचराही ले पाँच यह, माने रस्ता रतनपुर, मंडला, सहसपुर, भोरमदेव (चौरागढ़), लैंजिका (लॉजी) बर निकले हैं। तेखर सेती एखर नाव पचराही पड़िस । कतको के अइसन घलो कहना है के इहाँ कंकालिन मंदिर रिहिस हे, जेन ह देवी के रूप आय, इहाँ पचरा गीत गाये जाय, तेखर सेती एखर, नाँव पचराही धराय है।

(गाँव के बुजुर्ग बताते हैं कि पचराही से पाँच रास्ते रतनपुर, -मंडला, सहसपुर, भोरमदेव (चौरागढ़), लैंजिका (लॉजी) के लिए निकलते हैं। इस कारण इसका नाम पचराही पड़ा। बहुत-से लोगों का कहना है कि यहाँ कंकालिन मंदिर था, जो देवी का रूप है। यहाँ पचरा गीत गाया जाता था, इस कारण भी इसका नाम पचराही पड़ा है।

प्रश्न 2. पचराही में मिले अवशेष मन के सम्बन्ध कोन कोन धरम ले हे? (पचराही में किस-किस धर्म से सम्बन्धित अवशेष मिले है ?)

उत्तर- पचराही में मिले अवशेष मन के सम्बन्ध हिन्दू अउ जैन धरम हे। (पचराही में हिन्दू और जैन धर्म से सम्बन्धित अवशेष मिले हैं।)

प्रश्न 3. पचराही में मिले जीवाश्म के बारे में बतावव । (पचराही में किस-किस जलीय प्राणी के जीवाश्म मिले हैं ?)

उत्तर- पचराही में टू जलीय प्राणी के जीवाश्म हे, जेमा ले एक जीवाश्म मौलुस्का (घोंघा) परिवार के आय अउ दूसर ह पाइला परिवार के आय। • ( पचराही में दो जलीय प्राणी के जीवाश्म मिले हैं। इनमें से एक जीवाश्म मौलास्का (घोंघा) परिवार का है और दूसरा पाइला परिवार का है ।)

प्रश्न 4. कोन कोन ठउर ल छतीसगढ़ के कला-संस्कृति के अगासदिया केहे गे हे ?
(कौन-कौन से स्थान को छत्तीसगढ़ के कला-संस्कृति का आकाशदीप कहाँ गया है ?)

उत्तर – राजिम, शिवरीनारायण, सिरपुर मल्हार, ताला, रतनपुर, डीपाडीह, भोरमदेव, घटियारी, बारसूर, दंतेवाड़ा हमर कला संस्कृति के अगासदिया ऑय, जेकर अंजोर दुनिया में बगरत हे। (राजीम, शिवरीनारायण, सिरपुर, मल्हार, ताला, रतनपुर, डीपाडीह, भोरमदेव, घटियारी, बारसूर, दंतेवाड़ा को छत्तीसगढ़ के कला-संस्कृति का आकाश दीप कहाँ गया है।)

प्रश्न 5. पचराही के खोदई ले मिले जिनिस मन के सूची बनावव ? (पचराही की खुदाई से मिलने वाले चीजों की सूची बनाइए)

उत्तर- पचराही के खोदई ले मिले जिनिस मन के सूची-

(i) प्रागैतिहासिक काल ले मुगल काल के अवशेष ।

(ii) दू जलीय प्राणी मौलस्का, पाइला परिवार के जीवाश्म ।

(iii) उत्तर पाषाण काल अउ मेसोलिथिक काल के बारीक औजार ।

(iv) खोदइ ले ईंटा के बने मन्दिर ।
(v) सोमवंशी काल के पार्वती अउ कार्तिक के पट्ट ।

(पचराही की खुदाई से मिलने वाले चीजों की सूची – )

(i) प्रागैतिहासिक कालीन मुगल काल के अवशेष ।

(ii) दो जलीय प्राणी मौलस्का तथा पाइला के जीवश्म। औजार |

(iii) उत्तर पाषाण कालीन और मेसोलिथिक काल के छोटे-छोटे

(iv) ईटों से निर्मित मंदिर।

(v) सोमवंशी काल के पार्वती और कार्तिकेय की मूर्ति ।

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