चमत्कार (एकांकी) जाकिर अली ‘रजनीश’ कक्षा 5 हिन्दी

चमत्कार (एकांकी) जाकिर अली ‘रजनीश’

पात्र परिचय

  • राहुल -कॉलेज का एक विद्यार्थी आयु लगभग 18 वर्ष
  • रोशन -राहुल का मित्र, विज्ञान का विद्यार्थी ।
  • स्वामी- साधु की वेशभूषा में एक कपटी व्यक्ति, आयु लगभग 45 वर्ष ।
  • जतिन – 6 वर्ष का एक छोटा बालक ।
  • माँ –जतिन की माँ, आयु लगभग 35 वर्ष। –
  • इंस्पेक्टर – पुलिस अधिकारी, आयु लगभग 30 वर्ष
  • सिपाही – पुलिस कर्मचारी, आयु लगभग 35 वर्ष ।

(परदा खुलता है। मंच पर स्वामी जी अपना थैला तथा कुछ टीम-टाम लिए बैठे हैं। वे अपना चमत्कार दिखाने की तैयारी में हैं। परदा खुलते ही दर्शकों में खुसुर-फुसुर होने लगती है।)

स्वामी: भाइयो! अब आप लोग शान्त हो जाइए। अभी आप लोगों के सामने मैं अपनी मंत्र शक्ति का प्रदर्शन करूँगा। लेकिन सबसे पहले एक बार जोर से तालियाँ बजाइए। (सभी लोग तालियाँ बजाते हैं। तभी रोते हुए जतिन को लेकर उसकी माँ मंच पर आती है )

माँ: (हाथ जोड़कर स्वामी जी से) स्वामी जी, मेरे बच्चे के पेट में बहुत दर्द है। कृपया इसका उपचार कर दीजिए।

स्वामी: अरे बहिन जी ! यह आप क्या कराने आ गई। मैं तो अपना चमत्कार दिखाने आया था। चलो, इसी बालक पर अपना चमत्कार दिखाऊँगा। बोलो बहिन जी ! इसे क्या कष्ट है।

माँ: स्वामी जी, इसके पेट में अक्सर भयंकर दर्द उठता है।

(स्वामी जी जतिन की कमीज उठाकर उसका पेट देखते हैं।)

स्वामी : (गंभीर मुद्रा में) ओह, अनर्थ! इसके पेट में तो पथरी है।

माँ : (घबराकर ) यह आप क्या कह रहे हैं, स्वामी जी?

स्वामी: मैं ठीक कह रहा हूँ। लेकिन घबराओ नहीं। मैं अभी अपनी मंत्र शक्ति से इसकी पथरी निकाल देता आओ बेटे, तुम यहाँ पर लेट जाओ।

(स्वामी जी जतिन को एक ऊँची जगह पर लिटा देते हैं और उसकी कमीज पर एक बोतल से पानी जैसा कुछ छिड़कते हैं। इसी समय मौका देखकर राहुल व रोशन चुपके से स्वामी जी के पास में रखा सामान बदल देते हैं। जतिन लगातार रोता रहता है।)

स्वामी: मत रो बेटे! मैं अभी तेरा दर्द दूर कर देता हूँ।

( एक पुड़िया से कोई पाउडर जतिन को खाने को देते हैं। उसे खाने के बाद जतिन चुप हो जाता है। स्वामी जी आहिस्ता-आहिस्ता जतिन के पेट पर हाथ फेरते हैं। अचानक जतिन के पेट से खून बहने लगता है।)

माँ (बेटे के पेट से खून बहता देखकर) : स्वामी जी यह खून कैसे बहने लगा ?

स्वामी : (प्रसन्न होकर) घबराओ नहीं, मेरा प्रयास सफल हो गया। ये रहीं इसके पेट की पथरियाँ! (हाथ फैलाकर दो छोटी कंकरियाँ दिखाते हैं।) इन्हें मैंने अपनी मंत्र शक्ति से बाहर निकाला है।

माँ: लेकिन इसका खून ?

स्वामी: घबराओ नहीं, सब ठीक हो जाएगा। (लड़के का पेट पोंछते हैं।) (दर्शकों से) भाइयो! आप में से कोई एक-दो दर्शक आकर देख सकते हैं। इसके पेट पर कोई घाव नहीं है।

(मंच पर दर्शक आते हैं और जतिन का पेट देखते हैं।)

दर्शक: (आश्चर्य भाव से) भाइयो! सच में जतिन के पेट पर कोई घाव नहीं है।

( दर्शक वापस लौट जाते हैं।)

स्वामी: ( अपनी बात आगे बढ़ाते हुए) देखा, कोई घाव नहीं । यह सब मेरे मंत्रों का कमाल है । ( भीड़ स्वामी जी की जय-जयकार करती है।)

स्वामी: (हाथ ऊपर उठाकर ) ठीक है, ठीक है। आप लोग शांत हो जाएँ अब मैं आप लोगों को एक और जादू दिखाऊँगा । (अपने थैले में से एक नारियल निकालकर सबको दिखाते हुए)

स्वामी: यह है मेरी बीस साल की तपस्या का अद्भुत नमूना । अभी आप लोगों के सामने इसे तोडूंगा तो इसमें से फूल बरसेंगे। (नारियल जमीन पर पटक देते हैं। पर उसमें से कुछ भी नहीं निकलता ।)

( राहुल का मंच पर आना)

राहुल: (मुस्कराकर ) यह क्या स्वामी जी महाराज!, नारियल तो खाली है। इसमें से तो भी नहीं निकला, जबकि यह चमत्कार तो मेरा दोस्त रोशन कर कुछ सकता है।

स्वामी : ( खिसियाले हुए) क्या बक रहे हो ?

( रोशन का प्रवेश )

रोशन: यह बक नहीं रहा, ठीक कह रहा है। मैं अभी यह चमत्कार करके दिखाता हूँ।

(अपने थैले में से नारियल निकालकर उसे जमीन पर पटकता है। उसमें से ढेर सारे मोंगरे के फूल निकलते हैं।

रोशन: देखा यह आश्चर्य आपने! (लोग तालियाँ बजाते हैं।)

राहुल (स्वामी से ): देखा आपने मेरे दोस्त का चमत्कार !

स्वामी : (रोष में) यह छोकरा मेरी बराबरी नहीं कर सकता। मैं अपनी मंत्र – शक्ति से आग जला सकता हूँ। मेरी मंत्र शक्ति देखो। (स्वामी अपने थैले से लाल कागज निकालकर उसके टुकड़े करता है। फिर एक शीशी दिखाते हुए कहता है।) अब मैं कागज़ के इन टुकड़ों पर यह अभिमंत्रित जल डालूँगा और ये कागज जल उठेंगे। (स्वामी कागज पर शीशी का पदार्थ डालता है, पर आग नहीं जलती ।)

राहुल: लगता है, आपका यह मंत्र भी बेकार हो गया, स्वामी जी! लेकिन लोगों को निराश नहीं होना पड़ेगा, क्योंकि मेरा दोस्त यह चमत्कार भी दिखा सकता है।

रोशन: (कागज फाड़ते हुए) ये रहे कागज के टुकड़े और यह मैंने डाला इन पर अभिमंत्रित जल और यह आग जल उठी । (आग जलने पर सभी लोग जोर से तालियाँ बजाते हैं, जब कि स्वामी जी क्रोध में अजीब तरह से मुँह बनाते हैं। तभी मंच पर इंस्पेक्टर व सिपाही आते हैं।) इंस्पेक्टर: सिपाही, इस ढोंगी को गिरफ्तार कर लो। अब इसकी पोल खुल चुकी है।

( सिपाही आगे बढ़कर स्वामी को पकड़ लेता है।)

स्वामी: (क्रोध में) यह आप क्या कर रहे हैं ? मैं सिद्ध योगी हूँ, सबको भस्म कर दूँगा ।

राहुल: अच्छा, तब आप वह मंत्र भी आजमाकर देख लीजिए, शायद काम बन जाए।

इंस्पेक्टर: (स्वामी की नकली दादी नोंचते हुए) मुझे इसकी बहुत दिनों से तलाश थी। मैं तुम्हारा आभारी हूँ रोशन, जो तुमने इसकी पोल खोलकर इसे पकड़वाया। लेकिन एक बात मेरी समझ में नहीं आई कि ये चमत्कार होते कैसे हैं?

रोशन: सबसे पहले मैं पथरी का चमत्कार बताता हूँ। दरअसल बात यह है कि इस स्वामी ने सबसे पहले लड़के के पेट पर चूने का पानी मला, फिर हाथ में हल्दी का चूर्ण एवं कंकरी छिपाकर पेट पर हाथ फेरने लगा। चूने के पानी से हल्दी ने रासायनिक क्रिया करके लाल रंग बना दिया, जिसे सब लोगों ने खून समझ लिया और फिर हाथ में छिपी कंकरी को पथरी बता दिया।

इंस्पेक्टर: लेकिन यह लड़का चुप कैसे हो गया था ?

रोशन: भभूत में मिली मीठी सेकरीन के कारण। जैसे ही इसे मीठा-मीठा लगा, इसने रोना बंद कर दिया।

माँ: हाँ बेटा, तुम ठीक कहते हो। जब भी यह कोई मीठी चीज खा जाता है, रोना बंद कर देता है। लेकिन नारियल से फूल कैसे निकल सकते हैं?

रोशन: आप लोग तो जानते ही हैं कि नारियल में तीन आँखें होती हैं। उसकी एक आँख में छेद करके पहले से मोगरे की कलियाँ डाल दी गई हैं जो अन्दर खिलकर फूल बन गई हैं।

इंस्पेक्टर: और पानी डालने से कागज कैसे जल गए?

रोशन: उन कागजों पर पोटैशियम परमैंगनेट का लेप चढ़ा था । जब उन पर पानी के बहाने ग्लिसरीन डाला तो दोनों में क्रिया हुई और आग जल पड़ी। ये सब विज्ञान के चमत्कार हैं। स्वामी महाराज इन्हें मंत्र का चमत्कार कहकर वाहवाही लूटनेवाले थे, पर मैंने सामान बदलकर इनकी पोल खोल दी।

इंस्पेक्टर: वाह रोशन! तुमने अपनी बुद्धि से लोगों को भ्रमित होने से बचा लिया !

(स्वामी को संबोधित करके) अब चलो, स्वामी महाराज, मैं थाने में तुम्हें अपना चमत्कार दिखाता हूँ।

(सभी लोग जोर से तालियाँ बजाते हैं और ‘चमत्कार भई चमत्कार, विज्ञान के देखो चमत्कार । चिल्लाते हैं।)

(परदा गिरता है।)

प्रश्न और अभ्यास

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखो

प्रश्न 1. स्वामी ने जतिन के पेट में दर्द होने का क्या कारण बताया?

उत्तर- स्वामी ने जतिन के पेट में पथरी होना बताया।

प्रश्न 2. स्वामी ने किस ढोंगी प्रक्रिया से जतिन के पेट का दर्द दूर किया ?

उत्तर – स्वामीजी ने सबसे पहले लड़के के पेट पर चूने का पानी मला, फिर हाथ में हल्दी का चूर्ण एवं कंकरी छिपाकर पेट में हाथ फरने लगे। चूने के पानी से हल्दी में रासायनिक क्रिया कर “लाल” रंग बना दिया जिसे सब लोगों ने खून समझ लिया और फिर हाथ में छिपी कंकरी को पथरी बता दिया।

प्रश्न 3. राहुल ने स्वामी जी के ढोंग की पोल कैसे खोली ?

उत्तर- राहुल ने स्वामी जी के रखे नारियल को बदल दिया तथा शीशी में रखे द्रव पदार्थ को भी बदल दिया, जिसके परिणामस्वरूप स्वामी जी अपना चमत्कार दिखाने में असफल हो गये। इस प्रकार राहुल ने स्वामी जी के ढोंग की पोल खोली।

प्रश्न 4. नारियल से फूल कैसे निकले?

उत्तर – नारियल के सिर पर तीन नेत्र होते हैं उसमें एक नेत्र पर छेद कर स्वामी जी ने मोंगरे के फूल की कलियाँ डाल दीं जो अंदर खिलकर फूल बन गई। इस प्रकार नारियल से फूल निकले।

प्रश्न 5. रोशन ने क्या-क्या चमत्कार दिखाये ?

उत्तर – रोशन ने अनेक चमत्कार दिखाये । जैसे- नारियल को फोड़कर उसके अंदर से मोंगरे के बहुत से फूल निकाले। कागज के छोटे-छोटे टुकड़ों पर शीशे में रखा पदार्थ डाला और कागज जल उठा।

प्रश्न 6. भीड़ स्वामीजी जैसे लोगों के ढोंग से क्यों प्रभावित हो जाती है ? 

उत्तर – भीड़ स्वामीजी जैसे लोगों के चमत्कारिक कारनामे देखकर प्रभावित हो जाती है। 

प्रश्न 7. बीमार पड़ने पर हमें साधु के पास जाना चाहिए या डॉक्टर के पास? कारण सहित उत्तर लिखो?

उत्तर- बीमार पड़ने पर हमें डॉक्टर के पास जाना चाहिए क्योंकि डॉक्टर बीमारी के लक्षण के आधार पर उचित उपचार करता है।

भाषातत्व और व्याकरण

प्रश्न 1. नीचे लिखे मुहावरों के अर्थ लिखो और वाक्यों में प्रयोग करो-

(क) पोल खोलना = रहस्य का खुलासा करना।

 वाक्य- राहुल ने स्वामीजी की पोल खोल दी।

(ख) वाहवाही लूटना शावाशी पाना।

वाक्य – सोनू ने डूबते हुए बच्चे को बचाकर वाहवाही लूटी। 

(ग) हैरान रह जाना  = आश्चर्यचकित हो जाना।।

वाक्य- मैं कुतुबमीनार की ऊँचाई देखकर हैरान रह गया।

(घ) भस्म कर देना = राख कर देना।

वाक्य-साधु की पोल खुल जाने से उसने क्रोध में आकर सबको भस्म कर देने की धमकी दी।

(ङ) खुसुर-फुसुर करना = चुगली करना।

वाक्य – निंदक हमेशा आपस में खुसुर-फुसुर करते हैं।

प्रश्न 2. निम्नलिखित शब्दों से मूल शब्द और उनके आगे या पीछे जुड़े शब्दांश अलग-अलग करके लिखो- उपयोग, लूटने वाला, रासायनिक, विज्ञान, प्रदर्शन।

उत्तर –

उपयोग= उप + योग

लूटनेवाला =लूटने + वाला

रासायनिक =रासायन + इक

विज्ञान =वि + ज्ञान

प्रदर्शन =प्र+ दर्शन