छत्तीसगढ़ के जंगल कक्षा 5 वीं विषय- पर्यावरण अध्ययन अध्याय 11
छत्तीसगढ़ के जंगल कक्षा 5 वीं विषय- पर्यावरण अध्ययन अध्याय 11
छत्तीसगढ़ के जंगल कक्षा 5 वीं विषय- पर्यावरण अध्ययन अध्याय 11
याद रखने योग्य महत्वपूर्ण बातें
- घने पेड़-पौधे एवं झाड़ियों से घिरी जगह को जंगल कहते हैं।
- जंगल जंगली जानवरों का निवास स्थान है।
- जंगलों में अनेक प्रकार के उपयोगी पेड़ पाये जाते हैं। जैसे- सागौन, साल, साजा, बाजी, शीशम, महुआ, हल्दू, तेंदू, बाँस, हर्रा आदि।
- इन पेड़ों से इमारती लकड़ी एवं फर्नीचर के समान बनाये जाते हैं।
- सागौन के जंगल छत्तीसगढ़ के दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र (बस्तर) में पाये जाते हैं।
- छत्तीसगढ़ को प्राकृतिक औषधि वाला राज्य कहा जाता है।
पाठ के मध्य के प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. क्या तुम कभी जंगल गए हो ?
उत्तर- हाँ, मैं कई बार जंगल गया हूँ।
प्रश्न 2. तुमने जंगल में क्या-क्या देखा ?
उत्तर- जंगल में मैंने बहुत सारे ऊँचे-ऊँचे पेड देखे, खूब सारे बन्दर देखे, सफेद खरगोश देखे, नीलगाय का झुण्ड देखा।
प्रश्न 3. कहीं साल की लकड़ी मिले तो उसका अवलोकन करो और बताओ कि इस लकड़ी का रंग कैसा है ?
उत्तर- साल की लकड़ी का रंग कत्थई और काला- सा होता है।
प्रश्न 4. साल के पेड़ के विभिन्न भागों के क्या- क्या उपयोग किये जाते हैं? (छाल, बीज, फल, पत्ती )
उत्तर- छाल-इसकी छाल काली, कड़ी और मुड़ी हुई होती है। इसका उपयोग चमड़ा उद्योग में किया जाता है। बीज – साल के बीज से तेल निकालकर साबुन बनाया जाता है। फल-साल के फल को सुखाकर बीज निकालते हैं। पत्ती- इसकी पत्तियों का उपयोग चमड़ा उद्योग में किया जाता है।
प्रश्न 5. इसकी लकड़ी से क्या-क्या बनता है ? पता करो।
उत्तर—साल की लकड़ी से घर के दरवाजे, खिड़कियाँ तथा फर्नीचर बनता है। पुल बनाने, नाव व डोंगी बनाने और
खेती के औजार बनाने में भी साल की लकड़ी का उपयोग होता है।
प्रश्न 6. सागौन वृक्ष के विभिन्न भागों के क्या उपयोग हैं ? पता करो एवं लिखो।
उत्तर- सागौन वृक्ष का मुख्य उपयोग लकड़ी के रूप मैं होता है। सागौन की लकड़ी मजबूत, टिकाऊ एवं साफ होती है, इस कारण इस पर काम करना आसान होता है। इसका सुन्दर फर्नीचर बनता है। इमारतों में दरवाजे, खिड़कियाँ बनाने में भी इसका उपयोग होता है।
प्रश्न 7. यदि जंगल कम हो जाएं तो वहाँ रहने वाले ‘जानवरों का क्या होगा ?
उत्तर- यदि जंगल कम हो जायेंगे तो जंगली जानवरों की संख्या कम होने लगेगी, क्योंकि जंगल ही जंगली जानवरों का निवास स्थान है। जंगल शाकाहारी पशुओं का चारागाह है। जंगली जानवरों को अपने शत्रुओं से बचने के लिए परेशानी होगी।
प्रश्न 8. पहले के मुकाबले में जंगल घंटे हैं या बढ़े हैं? यदि जंगल घंटे हैं तो वहाँ के रहने वालों पर क्या असर पड़ रहा है? जंगल के जंतुओं पर क्या असर होगा?
उत्तर- पहले के मुकाबले में जंगल घंटे हैं इसलिए वहाँ रहने वाले लोगों पर इसका बुरा असर हो रहा है। वे लोग जंगली उपज तथा पत्तियों पर आश्रित रहते हैं। जंगली उपज इकट्ठा करके उसे बाजार में बेचते हैं। पत्तियों से बीड़ी, पत्तल, दोना बनाते हैं यही उनके जीविका का प्रमुख साधन है। जंगल कम होने पर उन्हें जीविका की तलाश में इधर- उधर भटकना पड़ता है। जंगल के कम होने पर वहाँ के जीव-जन्तु सुरक्षित नहीं रह पायेंगे।
हमने क्या सीखा
मौखिक प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. छत्तीसगढ़ के किन जिलों में घने जंगल पाये जाते हैं ?
उत्तर- छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर, जशपुर, बस्तर, दन्तेवाड़ा और राजनांदगाँव जिले में घने जंगल पाये जाते हैं।
प्रश्न 2. साल वृक्ष की लकड़ी के क्या उपयोग हैं ?
उत्तर- साल वृक्ष की लकड़ी का उपयोग दरवाजे, खिड़कियाँ, फर्नीचर और रेल के स्लीपर बनाने में किया जाता है।
प्रश्न 3. जंगल में पाये जाने वाले पेड़ों के नाम बताएँ? उत्तर – जंगल में पाये जाने वाले पेड़ों के नाम-साल, सागौन, साजा, बीजा, खैर आदि महुआ, तेंदू, शीशम, हल्दी, आँवला, बाँस आदि हैं।
लिखित प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. साल वृक्ष की क्या विशेषताएँ है? उत्तर- साल वृक्ष की विशेषताएँ-
1. यह पेड़ वर्ष भर हरा-भरा रहता है।
2. साल के पेड़ लम्बे-लम्बे होते हैं।
3. इसकी छाल काली, कड़ी और मुड़ी हुई होती है। 4. इसकी लकड़ी मजबूत और टिकाऊ होती है। 5. इसके बीज के तेल से साबुन बनाया जाता है।
प्रश्न 2. छत्तीसगढ़ को प्राकृतिक औषधि वाला राज्य (हर्बल स्टेट) क्यों कहा जाता है?
उत्तर- छत्तीसगढ़ के जंगल में अनेक प्रकार की वनौषधियाँ पाई जाती हैं। इसलिए छत्तीसगढ़ को प्राकृतिक औषधि वाला राज्य (हर्बल स्टेट) कहा जाता है।
प्रश्न 3. जंगलों में कौन-कौन से जीव-जन्तु पाए जाते हैं ?
उत्तर- जंगलों में अनेक प्रकार के जीव-जन्तु पाए जाते हैं। जैसे—साँप, नेवला, बन बिलाव, हिरण, शेर, सिंह, भालू, बंदर, हाथी, लोमड़ी, लकड़बग्घा, तेंदुआ, बारहसिंगा, नीलगाय आदि ।
प्रश्न 4. जंगल कम होने से क्या नुकसान हो सकते हैं ?
उत्तर – जंगल कम होने से नुकसान- 1. पर्यावरण का संतुलन बिगड़ सकता है।
2. वर्षा कम होने लगेगी।
3. वायु प्रदूषण बढ़ने लगेगा।
4. वन पशुओं का चारागाह तथा निवास स्थान है।
5. जंगली उपज एवं वनौषधियाँ कम मात्रा में मिलेंगी। 6. जंगली जानवरों को छिपने के लिए जगह न मिलने पर वे शहर की ओर आयेंगे और मनुष्य के लिए खतरा बढ़ जायेगा ।