अध्याय 2 - भारत में ईस्ट इण्डिया कम्पनी शासन की
अध्याय 2 – भारत में ईस्ट इण्डिया कम्पनी शासन की

याद रखने योग्य महत्वपूर्ण बातें

अभ्यास प्रश्न

प्रश्न 1. खाली स्थान भरिए-

(1) यूरोप से भारत पहुँचने के लिए समुद्री मार्ग की खोज……… ने की थी।

(2) यूरोपीय व्यापार से भारत को पूर्व…….. प्राप्त होता है।

(3) अंग्रेजों ने मद्रास के किले में अपना कारखाना………स्थापित किया।

(4)…………. ने पांडिचेरी नगर की स्थापना की।

(5) अंग्रेजों ने प्रारंभ में……………. को अपनी राजधानी बनाया।

उत्तर- (1) वास्कोडिगामा, (2) सोना और चाँदी, (3) सेंट फोर्ट जान (4) फ्रांसिस मार्टिन, (5) कलकत्ता (कोलकाता)।

प्रश्न 2. उचित सम्बन्ध जोड़िए-

1. पेरिस की संधि(क) बक्सर का युद्ध
2. इलाहाबाद की संधि(ख) कर्नाटक युद्ध
3. बेसिन की संधि(ग) मैसूर युद्ध
4. श्रीरंगपट्टनम को संधि(घ) अंग्रेज मराठा युद्ध।

उत्तर- 1. (घ), 2. (क), 3. (ख), 4. (ग)।

प्रश्न 3. सही क्रम दीजिए-

अंग्रेज गवर्नरों का भारत आगमन जिस क्रम में हुआ, उसी क्रम में इन नामों को व्यवस्थित करें- (1) वेलेजली (2) कार्नवालिस (3) लार्ड हेस्टिंग्स (4) विलियम बैंटिंग (5) डलहौजी।

उत्तर- (1) लाई वारेन हेस्टिंग्स (1772-85) (2) कार्नवालिस 1786-93) (3) लार्ड वेलेजली (1798-1805) (4) लार्ड विलयम |बैटिंग (1828-35) (5) लार्ड डलहौजी (1848-1856) (टीप- क्लाइव 1757-60 व 1765-67 तक बंगाल के गवर्नर थे गवर्नर जनरल नहीं)

प्रश्न 4. प्रश्नों के उत्तर दीजिए-

(1) भारत का प्रथम गवर्नर जनरल कौन था ?

उत्तर- भारत का प्रथम गवर्नर जनरल वारेन हेस्टिंग्स था।

(2) हैदर अली कहाँ का शासक था ?

उत्तर- हैदर अली मैसूर का शासक था।

(3) अंग्रेजों व फ्रांसीसियों के बीच कौन-सा बुद्ध हुआ?

उत्तर- अंग्रेजों व फ्रांसीसियों के बीच कर्नाटक युद्ध हुआ था।

(4) बक्सर बुद्ध के बाद अंग्रेजों को किस इलाके से भू- राजस्व वसूलने का अधिकार प्राप्त हुआ था ?

उत्तर- बक्सर युद्ध के बाद अंग्रेजों को बंगाल, बिहार और उड़ीसा राज्यों में भू-राजस्व वसूलने का अधिकार मिल गया।

(5) प्लासी युद्ध से अंग्रेजों को क्या लाभ हुआ ?

उत्तर- प्लासी युद्ध ने अंग्रेजों को आर्थिक दृष्टि से मालामाल बना दिया। अंग्रेजों ने मीरजाफर को नवाब बनाकर उससे अपार धन वसूला और व्यापारिक सुविधाएँ प्राप्त की। किन्तु मोरजाफर अंग्रेजों के हस्तक्षेप और आर्थिक शोषण को ज्यादा दिन तक झेल न. सका। आखिरकार अंग्रेजों ने षड्यंत्रपूर्वक उसे सत्ता से निकाल बाहर किया और मीर कासिम को बंगाल का नवाव घोषित कर दिया। अंग्रेजों ने दबाव बनाकर उससे चटगाँव, वर्द्धमान और मिदनापुर जिलों का राजस्व वसूलने का स्थायी अधिकार भी उससे छीन लिया और उससे भी अपार धन ऐंठ लिया। अंग्रेजों के अत्याचार और शोषण से तंग आकर मीर कासिम ने बंगाल में लागू सारे कर समाप्त कर दिया और कम्पनी के कर्मचारियों को चुंगी देने के लिए बाध्य कर दिया। इससे अंग्रेजों को मिलने वाली सारी सुविधाएँ समाप्त हो गई और दोनों के बीच संघर्ष प्रारंभ हो गया।

(6) द्वैत शासन को समझाइये।

उत्तर- लार्ड क्लाइव ने सन् 1765 में एक कानून लागू किया, जिसे द्वैत शासन प्रणाली के नाम से जाना जाता है। इस कानून में यह व्यवस्था दी गई थी कि बंगाल में राजस्व वसूली करने का अधिकार कम्पनी को होगी, उसे अपनी सुरक्षा के लिए सैनिक रखने का अधिकार होगा, जिसका खर्च नवाब वहन करेगा। राज्य में सुशासन और व्यवस्था सम्बन्धी सारे कार्य नवाब का होगा। द्वैत शासन प्रणाली अपनाने के कारण-द्वैत शासन प्रणाली लागू करने के मुख्य कारण निम्नलिखित है-

(1) यदि कम्पनी बंगाल में पूर्णतः अधिकार कर लेती तो लाभ कम और दायित्व बढ़ जाता है। (2) तब अंग्रेजों के पास योग्य और प्रशिक्षित प्रशासकों की संख्या कम थी।
(3) यदि बंगाल पर प्रत्यक्ष अधिकार अंग्रेजों के हाथ में आ जाता तो उन्हें अंतर्राष्ट्रीय आलोचना का शिकार होना पड़ता।। (4) कोर्ट ऑफ डायरेक्टर्स पूरे बंगाल को लेने के मत में नहीं था। (5) इससे अंग्रेजों को व्यापार में काफी नुकसान उठाना पड़ सकता था। प्रभाव- द्वैत शासन प्रणाली लागू होने के पूर्व यहाँ के किसानों से लगान वसूली फसलों के उपज के आधार पर की जाती थी किन्तु अब अंग्रेज जमीन के अनुपात में कर वसूलने लगे। कम खर्च में लगान वसूलने एवं कम्पनी के लिए वार्षिक मुनाफा दिलाने के लिए कर वसूली को ठेके में देना आरंभ कर दिए। ठेकेदार अपनी मर्जी से और अपनी जेब भरने के लिए मनमाने कर वसूलते थे और उसमें से एक निश्चित मात्रा हो अंग्रेजों को दिया करते थे। इस प्रकार ठेकेदार और कम्पनी के कर्मचारियों ने किसानों का खूब शोषण किया। यहाँ तक कि सन् 1770 के घोर अकाल में भी ठेकेदारों ने किसानों से बलपूर्वक लगान वसूल किया, जिससे किसानों की माली हालत चरमरा गई। सन् 1772 में तत्कालीन गवर्नर जनरल वारेन हेस्टिंग्स ने इस विवादित कानून को समाप्त कर दिया।

(7) वेलेजली की सहायक संधि की शर्तों को बताइये।

उत्तर- लार्ड वेलेजली जब भारत का गवर्नर जनरल बनकर आया तो उसने ब्रिटिश भारत के दूसरे अध्याय का शुभारंभ किया। इसके लिए उसने जो साम्राज्य विस्तार की नीति अपनाई भारतीय इतिहास में ‘सहायक संधि के नाम से विख्यात है। वेलेजली की सहायक संधि को मुख्य शर्तें निम्नलिखित हैं-

(1) सहायक संधि स्वीकार करने वाले प्रत्येक राज्य को अपने आस-पास अंग्रेज सेना रखनी पड़ती थी, जिसका खर्च राज्य को स्वयं उठाना पड़ता था। (2) अपनी सेना से अंग्रेजों के अतिरिक्त सभी यूरोपीय लोगों को हटाना आवश्यक था। (3) एक अंग्रेज रेजीडेंट (प्रतिनिधि) रखना आवश्यक मा जिसकी सलाह से वे शासन कर सकते थे। (4) अन्य देशों से कूटनीतिक संधि करने से पहले अंग्रेजों से अनुमति लेना जरूरी था। (5) कम्पनी को वार्षिक कर देना पड़ता था।

(8) डलहौजी की हड़प नीति पर प्रकाश डालिए।

उत्तर- भारत में गवर्नर जनरल की हैसियत से डलहौजी ने सर्वाधिक अन्यायपूर्ण तरीके से देशों राज्यों को परेशान किया। वह देशी शासकों से घृणा करता था और उन्हें ब्रिटिश साम्राज्य का विरोधी मानता था। डलहौजी ने भारत में अपनी नीतियों का क्रियान्वयन इस प्रकार किया जिससे इंग्लैण्ड के साम्राज्यवाद के साथ ही आर्थिक हितों की रक्षा की जा सके। भारत में अंग्रेजी साम्राज्य का विस्तार करने के लिए डलहौजी ने मुख्यतः तीन नीतियों का पालन किया-

(1) निःसंतान राजाओं के दत्तक पुत्रों के अधिकार को न मानते हुए उनका राज्य अंग्रेजी राज्य में मिला लेना।(2) कुशासन के आधार पर देशी राजाओं को हटाकर राज्य को अधिकार में कर लेना। (3) युद्ध द्वारा राज्यों को जीत लेना। डलहौजी ने पहली नीति के अनुसार सतारा, जैतपुर, झांसी, नागपुर, उदयपुर आदि में कब्जा कर लिया। दूसरी नीति के तहत अवध पर अपना अधिकार जमा लिया और युद्ध के द्वारा पंजाब प्रांत को अंग्रेजी साम्राज्य में मिला लिया।

(9) बैटिंग के प्रशासनिक सुधारों को बताइये।

उत्तर – विलियम बैंटिंग की गणना सुधारक गवर्नर जनरल के रूप में की जाती है, वह युद्ध के बदले शांति का समर्थक था। लगातार युद्धों के कारण कम्पनी की आर्थिक स्थिति शोचनीय हो गई थी। भारतीयों में प्रशासन के प्रति अत्यन्त असंतोष की भावना थी अत: उन्हें दूर करने के लिए निम्न प्रशासनिक सुधार किया गया-

(1) भारतीयों को भी अंग्रेजों के समान उच्च पदों पर नियुक्ति का प्रावधान किया। (2) राजस्व वसूलने के लिए उसने टोडरमल की बन्दोबस्त व्यवस्था को अपनाया और वर्षों के लिए लगान निश्चित करवाया। (3) इन दिनों यूरोप में इंग्लैण्ड और रूस के बीच तनाव चल रहा था अंग्रेजों को डर था कि रूस अफगानिस्तान के माध्यम से। भारत पर आक्रमण कर सकता है। अतः बैटिंग ने वहाँ के अमीरों को सहायक संधि के लिए बाध्य किया और अंतत: सिन्ध तथा पंजाब पर भी अधिकार कर लिया।

(10) अगर प्लासी के युद्ध में सिराजुद्दौला जीत जाता तो क्या होता ?

उत्तर- अगर प्लासी के युद्ध में सिराजुद्दौला जीत जाता तो अंग्रेज व फ्रांसिसी दोनों ही व्यापारिक सुविधाओं का दुरुपयोग नहीं कर पाते तथा अंग्रेजों को आर्थिक लाभ भी नहीं होता।

(11) यदि यूरोपीय देशों के उपनिवेश नहीं होते तो उन देशों की आर्थिक स्थिति पर क्या प्रभाव पड़ता ?

उत्तर – यदि यूरोपीय देशों के उपनिवेश नहीं होते तो उन देशों की आर्थिक स्थिति बहुत खराब होती। यूरोपीय देशों के लोग अपने माल का उत्पादन कर उसे अन्य देशों को बेच नहीं पाते जिससे उन्हें आर्थिक लाभ नहीं होता।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *