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Tag: भिन्न (fractions)

  • [FRAC01]भिन्न संख्या : समझ , छोटी और बड़ी भिन्न

    [FRAC01]भिन्न संख्या : समझ , छोटी और बड़ी भिन्न

    भिन्न संख्या : समझ , छोटी और बड़ी भिन्न

    ऐसी पूर्णांक संख्या जिसमें अंश और हर होता था वह संख्या भिन्न कहलाती है।

    छोटी और बड़ी भिन्न

    भिन्न को आरेख से जोड़ना

    भिन्न के भाग

    भिन्न के दो भाग होते हैं

    अंश :- भिन्न में ऊपर लिखा जाने वाला हिस्सा या भाज्य भाग, अंश कहलाता है। 

    हर :- भिन्न में नीचे लिखा जाने वाला हिस्सा या भाजक भाग, हर कहलाता है।

    जैसे :  7/9 में 7 ऊपर लिखा हुआ हिस्सा 7 इस भिन्न का अंश है और 9 हर है क्योंकि यह अंश के नीचे लिखा हुआ है।

  • [FRAC02]भिन्न और उनके प्रकार / Fraction And His Types

    [FRAC02]भिन्न और उनके प्रकार / Fraction And His Types

    भिन्न के प्रकार (Types of fractions)

    भिन्न के प्रकार निम्नलिखित है-

    • संक्षिप्त भिन्न
    • उचित भिन्न
    • अनुचित भिन्न
    • मिश्रित भिन्न
    • मिश्र भिन्न
    • व्युत्क्रम भिन्न
    • दशमलव भिन्न
    • सतत् भिन्न

    संक्षिप्त भिन्न

    यदि अंश और हर परस्पर अभाज्य हो अर्थात भिन्न के अंश और हर को एक के अलावा किसी और संख्या से भाज्य न हो, संक्षित भिन्न कहलाती है।

    उचित भिन्न

    यदि किसी भिन्न का अंश हर से काम हो तो उसे उचित भिन्न  कहते है।

    अनुचित भिन्न

    यदि किसी भिन्न का अंश और हर से बड़ा या बराबर हो तो उस भिन्न को अनुचित भिन्न कहते है।

    मिश्रित भिन्न

    यदि किसी भिन्न के अंश और हर दोनों में हो तो उस भिन्न को मिश्रित भिन्न कहते है।

    मिश्र भिन्न

    यदि कोई भिन्न पूर्णांक तथा भिन्न से मिलकर बना होगा तो उस भिन्न को मिश्र भिन्न कहते है।

    व्युत्क्रम भिन्न

    यदि किसी बभन के अंश और हर को आपस में बदल दिया जाये तो प्राप्त नया भिन्न व्युत्क्रम भिन्न कहलाता है।

    दशमलव भिन्न

    यदि किसी भिन्न के हर में 10 100, 1000 इत्यादि हो तो वह भिन्न दशमलव भिन्न कहलाता है।

    सतत् भिन्न

    सतत भिन्न को नीचे से ऊपर की ओर हल करते है

  • [FRAC03] समतुल्य भिन्न/ भिन्नों का क्रमण / भिन्नों की तुलना

    [FRAC03] समतुल्य भिन्न/ भिन्नों का क्रमण / भिन्नों की तुलना

    समतुल्य भिन्न/ भिन्नों का क्रमण / भिन्नों की तुलना

    प्राप्त समतुल्य भिन्न

    भिन्नों का क्रमण / भिन्नों की तुलना:

    • यदि भिन्नों का अंश बराबर हो तो छोटी हर वाली भिन्न बड़ी भिन्न होगी।
    • यदि भिन्नों का हर बराबर हो तो बड़े अंश वाली भिन्न बड़ी होगी।

    भिन्नों की तुलना हर का लघुत्तम समापवर्त्तक लेकर सभी भिन्नों को समान हर भिन्न बनाकर किया जा सकता है।

    किसी भी भिन्न को अनेक समतुल्य भिन्नों में बदला जा सकता है। इसके लिए भिन्न के अंश व हर को समान संख्या से गुणा या भाग किया जाता है।

    जिन भिन्नों का हर, अंश से छोटा हो उन्हें विषम या अनुचित भिन्न कहते है।

    जिन भिन्नों का हर अंश से बड़ा हो उन्हें उचित भिन्न कहते है।

    जब दो भिन्नों का गुणा करते हैं, तब अंश का अंश से एवं हर का हर से गुणा हो जाता है।

    भिन्न से भाग देने में भाजक भिन्न संख्या उलट जाती है एवं भाग की जगह गुणन चिहन लग जाता है।

  • [FRAC04] भिन्नों का परिवर्तन

    [FRAC04] भिन्नों का परिवर्तन

    भिन्नों का परिवर्तन

    1.अनुचित भिन्न को मिश्र भिन्न में बदलना

    जब अनुचित भिन्न के अंश को हर से भाग दिया जाता है, तब प्राप्त भागफल को पूर्णांक संख्या, शेषफल को अंश और भाजक को हर के रूप में लिखा जाता है। तो इस प्रकार से प्राप्त भिन्न को मिश्र भिन्न कहते हैं।

    2. मिश्र भिन्न को अनुचित भिन्न में बदलना

    इसमें मिश्र भिन्न की पूर्णांक संख्या को हर से गुणा करने के बाद प्राप्त संख्या को अंश से जोड़ देते हैं जोड़ने के बाद प्राप्त संख्या को अंश तथा हर का मान पहले वाला रहता है। तो इस प्रकार से लिखी संख्या को अनुचित भिन्न कहते हैं।

  • [FRAC05]भिन्नों पर संक्रियाएँ

    [FRAC05]भिन्नों पर संक्रियाएँ

    भिन्नों पर संक्रियाएँ

    भिन्नों का जोड़ / Addition of fraction

    अगर भिन्नों का हर समान हो

    किसी भी  भिन्न का जोड़ करने से पहले हमें यह देखना होगा कि उनका हर समान है या नहीं। यदि दोनों भिन्नों का हर समान है तो हम हर को वैसा ही रखकर अंशों को जोड़ देंगे। जैसे –

    3/5 + 3/5 ( इन दोनों भिन्नों का हर समान है तब )
    = 3 + 3/5 = 6/5 उत्तर

    अगर हर समान ना हो तो

    भिन्नों का जोड़ करते समय यदि भिन्नों का हर समान नहीं है तब हम उन भिन्नों के हर का लघुत्तम समापवर्त्य LCM लेते हैं फिर LCM को दूसरी भिन्न के हर से भाग करके जो उत्तर आएगा उसको पहली भिन्न के अंश से गुणा करके लिख देंगे तथा पहली भिन्न के हर से LCM को भाग करके जो उत्तर आएगा उसे दूसरी भिन्न के अंश से गुणा करके लिख देंगे और प्राप्त दोनों अंशो को जोड़ देंगे तथा हर की जगह Lcm लिख देंगे।

    भिन्नों का घटाना / Subtraction of fraction

    अगर भिन्नों का हर समान हो

    किसी भी भिन्न की घटा करने से पहले हमें यह देखना होगा कि उनका हर समान है या नहीं। यदि दोनों भिन्नों का हर समान है तो हम हर को वैसा ही रखकर अंशों को घटा देंगे। जैसे –

    3/5 – 2/5 ( इन दोनों भिन्नों का हर समान है तब )
    = 3 – 2/5 = 1/5 उत्तर

    अगर हर समान ना हो तो

    भिन्नों की घटा करते समय यदि भिन्नों का हर समान नहीं है तब हम उन भिन्नों के हर का लघुत्तम समापवर्त्य LCM लेते हैं फिर LCM को दूसरी भिन्न के हर से भाग करके जो उत्तर आएगा उसको पहली भिन्न के अंश से गुणा करके लिख देंगे तथा पहली भिन्न के हर से LCM को भाग करके जो उत्तर आएगा उसे दूसरी भिन्न के अंश से गुणा करके लिख देंगे और प्राप्त दोनों अंशो को घटा देंगे तथा हर की जगह Lcm लिख देंगे। जैसे-

    भिन्नों को गुणा / Multiplication of fraction

    दो भिन्नों की गुणा करने के लिए हमें किसी विशेष नियम का पालन नहीं करना होता। दो भिन्नों की गुणा करने के लिए दोनों भिन्नों के अंश को आपस मे गुणा करके लिख देंगे तथा दोनों भिन्नों के हर को आपस मे गुणा करके लिख देंगे।

    3/5 × 6/7

    जैसा कि हम देख सकते हैं कि आने वाली भिन्न का हर 35 होगा। अब हम आने वाली भिओंन के अंश को ज्ञात करने के लिए दोनों भिन्नों के अंशों को गुना कर देंगे।

    3 × 6 = 18

    हम देख सकते हैं अब हमने अंश भी ज्ञात कर लिया है। अब हम अंश एवं हर को एक दुसरे के ऊपर लिख देंगे। अतः

    इन भिन्नों के गुना का हल होगा : 18/35

    भिन्नों का भाग / Division of fraction

    दो भिन्नों का भाग करने के लिए सबसे पहले दूसरी भिन्न को उल्टा करके लिख देते हैं जैसे दूसरी भिन्न के अंश को उसके हर की जगह लिख देंगे तथा हर को अंश की जगह लिख देंगे। ऐसा करने से भाग का निशान बदलकर गुणा का निशान हो जाएगा। उसके बाद भिन्नों की गुणा कर देंगे। जैसा अभी हमने किया था।

    इन्हें याद रखें

    • प्रत्येक भिन्न में अंश ऊपर और हर नीचे होता है।
    • ऐसी सभी भिन्नें जो किसी इकाई के एक ही हिस्से को प्रदर्शित करती हैं, उन्हें तुल्य भिन्नें कहते हैं।
    • समान हर वाली भिन्नों को जोड़ने के लिए भिन्नों के अंशों को जोड़कर अंश में लिखते हैं और हर को एक ही बार हर में लिखते हैं।
    • समान हर वाली भिन्नों को घटाने के लिए भिन्नों के अंशों को घटाकर अंश में लिखते हैं और हर को एक ही बार हर में लिखते हैं।
    • दो भिन्नों का गुणा करने के लिए अंशों का गुणा कर अंश में लिखते हैं तथा हरों का गुणा कर हर में लिखते हैं इस तरह मिलने वाली भिन्न ही दोनों भिन्नों का गुणनफल है।
    • भिन्नों का भाग करने के लिए भाजक के अंश को हर के स्थान पर तथा हर को अंश के स्थान पर रखकर भाज्य से गुणा करना चाहिए।