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[SQUARE3] वर्गमूल एवं घनमूल

वर्गमूल

किसी संख्या का वर्गमूल ज्ञात करने के लिए हमने उसके अभाज्य गुणनखण्डों में से समान गुणनखण्डों के दो-दो के जोड़े बनायेंगे । प्रत्येक जोड़े में से एक-एक संख्या लेकर उनका गुणनफल ज्ञात कर लेंगे। यही दी गई संख्या का वर्गमूल होगा।

512 का वर्गमूल ज्ञात कीजिए।

यदि एक वर्गाकार चित्र का क्षेत्रफल 2025 वर्ग सेमी हो तब चित्र की एक भुजा की लम्बाई ज्ञात कीजिए।

एक व्यक्ति अपने बाग में 11025 आम के पौधे इस प्रकार लगाता है कि हर पंक्ति में उतने ही पौधे हैं जितनी पंक्तियाँ हैं तो बाग में कितनी पंक्तियाँ हैं?

भाग विधि से वर्गमूल ज्ञात करना

  • संख्या के इकाई की ओर से आरंभ करते हुए संख्याओं के जोड़े बनाइए। जोड़े बनाने के लिए संख्याओं के ऊपर एक छोटी सी आड़ी रेखा खींच सकते हैं। संख्या को भाग चिह्न के भीतर रखिए। अब ऐसा बड़ा से बड़ा भाजक ढूँढ़िए जिसका वर्ग संख्या के पहले जोड़े से बड़ा न हो।
  • भाजक और भागफल में वर्ग संख्या को रखते हुए उनके गुणनफल जोड़े के नीचे रखकर घटाइए।
  • भाजक में उतनी ही संख्या जोड़िए। योगफल को उसके नीचे लिखिए।
  • जो शेष बचा है , उसके आगे पूरी एक जोड़ी संख्या उतारकर रखिए। यह नया भाज्य बनेगा।
  • अब हमें भाजक के योगफल के आगे और भागफल के आगे एक ऐसी संख्या रखनी है जिससे उस संख्या और नए भाजक का गुणनफल अधिक न हो। यदि हम भागफल में जितनी संख्या रखें तो भाजक में भी उतनी ही संख्या रखेंगे, जिससे नया भाजक का निर्माण होगा।
  • क्रमशः भागफल में वर्ग संख्या को रखते हुए उनके गुणनफल जोड़े के नीचे रखकर घटाइए।
  • भाजक में उतनी ही संख्या जोड़िए। योगफल को उसके नीचे लिखिए। जब तक कि शेष 0 ना बच जाये।

भाग विधि से 625 का वर्गमूल ज्ञात करें।


घनमूल ज्ञात करना

किसी संख्या का घनमूल निकालने के लिए उसके अभाज्य गुणनखंण्डों में से समान गुणनखंण्डों के तीन-तीन के त्रिक (तिकड़ी) बनाएँगे तथा ऐसी प्रत्येक तिकड़ी से एक-एक संख्या लेकर उनका गुणनफल ज्ञात कर लेंगे। यही दी गई संख्या का घनमूल होगा।
512 का घनमूल ज्ञात कीजिए।

हमने सीखा (We Have Learnt)

  • यदि n कोई संख्या है तब nxn या n2 इसका वर्ग कहलाएगा और nxnxn या n3 इसका घन।
  • जिन संख्याओं के इकाई में 2,3,7 या 8 हो वे पूर्ण वर्ग संख्याएँ नहीं हो सकती हैं।
  • यदि पूर्ण वर्ग संख्या के अन्त में सम संख्या में शून्य हो तो वे भी पूर्ण वर्ग संख्या होगी।
  • सम संख्याओं के वर्ग एवं घन सदैव सम संख्याएँ एवं विषम संख्याओं के वर्ग एवं घन सदैव विषम संख्याएँ होती हैं।
  • किसी प्राकृत संख्या n का वर्ग, प्रारम्भिक n विषम संख्याओं के योगफल के बराबर होता है।
  • यदि तीन संख्याएँ इस प्रकार हो कि बड़ी संख्या का वर्ग शेष दोनों संख्याओं के वर्गों के योग के बराबर हो तब संख्याएँ पाइथागोरिय त्रिक कहलाती है। जैसे 32+ 42 = 52 अतः (3,4,5) पाइथोगोरीय त्रिक है।
  • वर्गमूल को ‘√ ‘चिह्न के द्वारा प्रदर्शित करते हैं। इस चिह्न को करणी चिह्न कहते हैं।

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