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[ PROLOS1] लाभ और हानि: Profit and Loss Formula

लाभ और हानि: Profit and Loss Formula

क्रय मूल्य :-

जिस मूल्य पर कोई वस्तु खरीदी जाती हैं, उस मूल्य को उस वस्तु का क्रय मूल्य कहते हैं।

विक्रय मूल्य :-

जिस मूल्य पर कोई वस्तु बेची जाती हैं, उस मूल्य को उस वस्तु का विक्रय मूल्य कहते हैं।

लाभ :-

यदि किसी वस्तु का विक्रय मूल्य उसके क्रय मूल्य से अधिक हो, तो उनके अंतर से प्राप्त धनराशि को लाभ कहते हैं।

हानि :-

यदि किसी वस्तु का विक्रय मूल्य उसके क्रय मूल्य से कम हो,तो उनके अंतर से प्राप्त धनराशि को हानि कहते हैं।

प्रतिशत लाभ या प्रतिशत हानि:-

100 रुपए पर जितना लाभ अथवा हानि होती हैं उसे प्रतिशत लाभ अथवा हानि कहते हैं। लाभ अथवा हानि का प्रतिशत हमेशा क्रय मूल्य पर ही ज्ञात किया जाता हैं।

लाभ और हानि के सूत्र :-

लाभ = विक्रय मूल्य – क्रय मूल्य
हानि = क्रय मूल्य – विक्रय मूल्य
विक्रय मूल्य = लाभ + क्रय मूल्य
विक्रय मूल्य = क्रय मूल्य – हानि
क्रय मूल्य = विक्रय मूल्य – लाभ
क्रय मूल्य = हानि + विक्रय मूल्य
लाभ% = (लाभ × 100)/क्रय मूल्य
हानि% = (हानि × 100)/क्रय मूल्य
विक्रय मूल्य = क्रय मूल्य(1 + लाभ/100)
क्रय मूल्य = विक्रय मूल्य / (1 + लाभ/100)
विक्रय मूल्य = क्रय मूल्य(1 – हानि/100)क्रय मूल्य = विक्रय मूल्य/(1 – हानि/100)

लाभ के सूत्र

यदि किसी वस्तु का विक्रय मूल्य उसके क्रय मूल्य से ज्यादा हो तो उनके अंतर से प्राप्त धनराशि को लाभ कहते हैं।

  • लाभ = विक्रय मूल्य – क्रय मूल्य
  • विक्रय मूल्य = क्रय मूल्य + लाभ
  • क्रय मूल्य = मूल्य विक्रय – लाभ
  • प्रतिशत लाभ = लाभ/क्रय मूल्य × 100

हानि के सूत्र

यदि किसी वस्तु का विक्रय मूल्य उसके क्रय मूल्य से कम हो तो उनके अंतर से प्राप्त धनराशि को हानि कहते हैं।

  • हानि = क्रय मूल्य – विक्रय मूल्य
  • या विक्रय मूल्य = क्रय मूल्य – हानि
  • या क्रय मूल्य = विक्रय मूल्य + हानि
  • प्रतिशत हानि = हानि/क्रय मूल्य × 100

उपरिव्यय की परिभाषा :- खरीदी हुई वस्तु को बिक्री केंद्र तक लाने तथा उसके रख-रखाव में किए गए खर्च को उपरिव्यय कहते हैं।

लागत मूल्य की परिभाषा :- क्रयमूल्य तथा उपरिव्यय के योगफल को लागत मूल्य कहा जाता हैं।

Note :-

  • लाभ या हानि हमेशा क्रय मूल्य पर होते हैं।
  • बट्टा हमेशा अंकित मूल्य पर होता हैं।

लाभ और हानि के सूत्र

  • लाभ = (लाभ %/100 + लाभ) × विक्रय मूल्य
  • हानि = (हानि %/100 – हानि) × विक्रय मूल्य
  • विक्रय मूल्य = क्रय मूल्य (1 + लाभ/100)
  • क्रय मूल्य = विक्रय मूल्य / (1 + लाभ/100)
  • विक्रय मूल्य = क्रय मूल्य (1 – हानि/100) क्रय मूल्य = विक्रय मूल्य/(1 – हानि/100)
  • बट्टा = लिखित मूल्य – विक्रय मूल्य
  • लिखित मूल्य = बट्टा + विक्रय मूल्य
  • विक्रय मूल्य = लिखित मूल्य – बट्टा
  • बट्टा % = (बट्टा/लिखित मूल्य) × 100
  • बट्टा = (बट्टा %/लिखित मूल्य) × 100
  • N वर्ष पश्चात जनसंख्या = वर्तमान जनसंख्या × (1 + दर/100) समय
  • N वर्ष पूर्व जनसंख्या = वर्तमान जनसंख्या / (1 + दर/100 ) समय
  • मिश्रधन = मूलधन + ब्याज
  • सरल ब्याज = मूलधन × दर × समय/100
  • मूलधन =100 × ब्याज/दर × समय
  • समय =100 × ब्याज/दर × मूलधन
  • दर =100 × ब्याज/समय × मूलधन
  • ब्याज = मिश्रधन – मूलधन
  • चक्रवृद्धि मिश्रधन = मूलधन × (1 + दर/100) समय
  • चक्रवृद्धि ब्याज = मूलधन × (1 + दर/100) समय – मूलधन

Note :- ब्याज अर्धवार्षिक देय हो तो : दर = R/2, समय = T×2

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