सह-अभाज्य संख्या
मान लीजिए कि x और y दो धनात्मक पूर्णांक हैं जैसे कि उन्हें सह-अभाज्य संख्याएँ कहा जाता है यदि और केवल यदि उनका एकमात्र सामान्य गुणनखंड 1 है और इस प्रकार HCF(x, y) = 1 है।
दो संख्याओं में 1 के अलावा कोई धनात्मक पूर्णांक नहीं है जो दोनों को विभाजित कर सके, तो संख्याओं का जोड़ा सह-अभाज्य है।
दूसरे शब्दों में, सह-अभाज्य संख्याएँ एक समुच्चय हैं ऐसी संख्याएँ या पूर्णांक जिनका सामान्य गुणनखंड केवल 1 है अर्थात उनका उच्चतम सामान्य गुणनखंड (HCF) 1 होगा।
सह-अभाज्य संख्याएँ बनाने के लिए यह आवश्यक है कि दो संख्याएँ हों।
उदाहरण 1: 21 और 22
21 और 22 के लिए:
- 21 के गुणनखंड 1, 3, 7 और 21 हैं।
- 22 के गुणनखंड 1, 2, 11 और 22 हैं।
यहां 21 और 22 में केवल एक उभयनिष्ठ गुणनखंड है जो कि 1 है। इसलिए, उनका महत्तम समापवर्तक 1 है और सह-अभाज्य हैं।
उदाहरण 2: 21 और 27
21 और 27 के लिए:
- 21 के गुणनखंड 1, 3, 7 और 21 हैं।
- 27 के गुणनखंड 1, 3, 9 और 27 हैं।
यहां 21 और 27 में दो सामान्य गुणनखंड हैं; वे 1 और 3 हैं। महत्तम समापवर्तक 3 है और वे सह-अभाज्य नहीं हैं।
जुड़वाँ अभाज्य संख्याएँ (Twin Prime Numbers):
जुड़वाँ अभाज्य संख्याएँ दो ऐसी अभाज्य संख्याओं की जोड़ी होती हैं जिनके बीच का अंतर 2 होता है।
परिभाषा (Definition):
यदि p और q अभाज्य संख्याएँ हैं और q−p=2
तो p और q को जुड़वाँ अभाज्य संख्या कहते हैं।
उदाहरण (Examples):
कुछ जुड़वाँ अभाज्य संख्याओं की जोड़ी:
- (3,5)
- (5,7)
- (11,13)
- (17,19)
- (29,31)
- (41,43)
- (59,61)