परकार की सहायता से वृत्त खींचना-
अपने ज्यामिति बॉक्स में रखी परकार परकार में पेंसिल लगाकर उसको थोड़ा सा फैलाइए। परकार की नोंक को कॉपी के बीचों-बीच रखकर पेंसिल वाले सिरे को चारों ओर घुमाइए। ध्यान रहे परकार की नोंक कॉपी पर अपनी जगह से नहीं हटनी चाहिए। इस प्रकार बनी आकृति वृत्त कहलाती है।
जिस स्थान पर परकार की नोक आपने रखी थी वहाँ पेंसिल की सहायता से एक बिंदु बनाकर “O”लिखें यह बिन्दु “O” वृत्त का केन्द्र है। अब वृत्त पर कई बिंदु A,B,C एवं D बनाकर निम्न दूरियों को मापें
OA =
OB =
OC =
OD =
OA,OB, OC एवं OD की लम्बाई समान है। ये सभी वृत की “त्रिज्या” हैं।
आपने वृत्त पर स्थित दो बिंदुओं को मिलाते हुए कई रेखाखण्डों को जीवा या चापकर्ण कहते हैं। सबसे बड़ी जीवा केन्द्र से होकर जाती है, व्यास कहलाती है केन्द्र से जाने वाली प्रत्येक जीवा सबसे लम्बी जीवा है और आप यह भी जानते हैं कि किसी बिन्दु से असंख्य रेखाखण्ड खींचे जा सकते हैं, इसलिए किसी वृत्त में भी असंख्य व्यास खींचे जा सकते हैं।
किसी वृत्त का व्यास, त्रिज्या का दुगुना होता है। अर्थात् त्रिज्या व्यास की आधी होती है।’
किसी भी बन्द आकृति के घेरे की लम्बाई ही उस आकृति का परिमाप है।
प्रत्येक वृत्त का परिमाप तथा व्यास का अनुपात एक ही (स्थिरांक) होता है। इस स्थिरांक को ग्रीक अक्षर (π) (पाई) से दर्शाते हैं तथा इसका मान लगभग 2 या 3.14 के बराबर होता है।
अभ्यास
3.2 सेमी त्रिज्या के वृत्त में 6.4 सेमी की एक जीवा खीचिए।
एक वृत्त की रचना कीजिए जिसकी सबसे बड़ी जीवा की लम्बाई 8 सेमी है।
किसी वृत्त की त्रिज्या 7 सेमी है तो उसका परिमाप क्या होगा?