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Category: गणितीय अभियोग्यता खंड

  • [NUMS05] रोमन गणना प्रणाली (Roman Numerals System): महत्वपूर्ण तथ्य

    [NUMS05] रोमन गणना प्रणाली (Roman Numerals System): महत्वपूर्ण तथ्य

    रोमन गणना प्रणाली (Roman Numerals System) एक प्राचीन गणना प्रणाली है जिसमें अंकों को वर्णमाला द्वारा दर्शाया जाता है। यह प्रणाली रोमन सभ्यता द्वारा प्रयोग की जाती थी और आज भी कुछ विशेष संदर्भों में उपयोग की जाती है।

    रोमन गणना प्रणाली(Roman Numerals System)

    रोमन गणना प्रणाली में, प्रमुख रोमन संख्याओं के वर्ण हैं: I, V, X, L, C, D, और M, जो निम्नलिखित मानों को दर्शाते हैं:

    • I = 1
    • V = 5
    • X = 10
    • L = 50
    • C = 100
    • D = 500
    • M = 1000

    रोमन गणना प्रणाली: नियम

    रोमन गणना प्रणाली में कुछ नियम होते हैं:

    1. एक संकेत के दाईं ओर एक संकेत का अधिकार वहीं होता है। जैसे, II = 2, VIII = 8।
    2. छोटे संकेत, जैसे I, X, C, इस उदाहरण में, बड़े संकेत, जैसे V, L, D, और M,
    3. यदि एक छोटा संकेत एक बड़े संकेत के बाईं ओर होता है, तो यह बड़े संकेत से घटाया जाता है। उदाहरण के लिए:
      • IV = 4 (5 – 1)
      • IX = 9 (10 – 1)
      • XL = 40 (50 – 10)
      • XC = 90 (100 – 10)
      • CD = 400 (500 – 100)
      • CM = 900 (1000 – 100)
    4. एक ही संकेत को लगातार तीन से अधिक बार उपयोग नहीं किया जाता है। उदाहरण के लिए, 4 को IIII नहीं, बल्कि IV लिखा जाता है।
    5. इन नियमों के आधार पर, रोमन अंकों को संयोजित कर किसी भी संख्या को लिखा जा सकता है। उदाहरण के लिए:
    6. 1987 = MCMLXXXVII
      • M = 1000
      • CM = 900
      • L = 50
      • XXX = 30
      • VII = 7
    7. 4000 को रोमन संख्या में IV̅ लिखा जाता है।
    8. यहाँ IV̅ में “I” से पहले “V” का अर्थ 4 होता है, और ऊपर की रेखा ( – ) संख्या को 1000 से गुणा करती है।

    यहाँ पर रोमन अंक प्रणाली पर आधारित कुछ महत्वपूर्ण MCQ दिए गए हैं:

    प्रश्न 1: रोमन अंक “XVI” का दशमलव मान क्या है?

    • A) 14
    • B) 16
    • C) 18
    • D) 20
      उत्तर: B) 16

    प्रश्न 2: रोमन अंक “L” का दशमलव मान क्या है?

    • A) 100
    • B) 500
    • C) 50
    • D) 5
      उत्तर: C) 50

    प्रश्न 3: रोमन अंक “C” किस संख्या का प्रतीक है?

    • A) 50
    • B) 100
    • C) 150
    • D) 200
      उत्तर: B) 100

    प्रश्न 4: निम्नलिखित में से कौन सा सही रोमन अंक है?

    • A) IIII
    • B) IV
    • C) IIV
    • D) VV
      उत्तर: B) IV

    प्रश्न 5: रोमन अंक “D” का दशमलव मान क्या है?

    • A) 1000
    • B) 500
    • C) 50
    • D) 100
      उत्तर: B) 500

    प्रश्न 6: रोमन अंक “IX” किस संख्या का प्रतिनिधित्व करता है?

    • A) 7
    • B) 8
    • C) 9
    • D) 10
      उत्तर: C) 9

    प्रश्न 7: रोमन अंक “XL” का दशमलव मान क्या है?

    • A) 30
    • B) 40
    • C) 60
    • D) 90
      उत्तर: B) 40

    प्रश्न 8: रोमन अंक “MCMXC” किस संख्या का प्रतीक है?

    • A) 1900
    • B) 1990
    • C) 1950
    • D) 2000
      उत्तर: B) 1990

    प्रश्न 9: निम्नलिखित में से कौन सा रोमन अंक “94” को सही ढंग से दर्शाता है?

    • A) XCIV
    • B) IXIV
    • C) LXXXXIV
    • D) IC
      उत्तर: A) XCIV

    प्रश्न 10: 2023 को रोमन अंकों में कैसे लिखा जाता है?

    • A) MMXXIII
    • B) MMXIII
    • C) MCMXXIII
    • D) MCMXXII
      उत्तर: A) MMXXIII

    महत्वपूर्ण प्रश्न

    LXXVIII से किस संख्या का बोध होता है?

    • 58
    • 108
    • 78
    • 98

    IVCDIX से किस संख्या का बोध होता है?

    • 4409
    • 4099
    • 1009
    • 9044

    M से किस संख्या का बोध होता है?

    • 500
    • 1000
    • 100
    • 50

    D से किस संख्या का बोध होता है?

    • 50
    • 5000
    • 500
    • 5

    C से किस संख्या का बोध होता है?

    • 100
    • 1000
    • 1
    • 10

  • [NUMS06] पूर्ववर्ती और परवर्ती संख्या/ Preceding and Following numbers

    [NUMS06] पूर्ववर्ती और परवर्ती संख्या/ Preceding and Following numbers

    पूर्ववर्ती और परवर्ती संख्या

    पूर्ववर्ती संख्या (Predecessor Number)

    किसी संख्या के ठीक पहले आने वाली संख्या को उस संख्या का पूर्ववर्ती संख्या कहते है। या किसी मूल संख्या में एक घटाने पर प्राप्त संख्या को पूर्ववर्ती संख्या कहते हैं।

    जैसे :- 50 का पूर्ववर्ती संख्या 49 है। 50 में एक घटाने पर 49 प्राप्त होता है या 50 से पहले आने वाली संख्या 49 है।

    परवर्ती संख्या ( Successor Number)

    किसी संख्या के ठीक पहले आने वाली या किसी संख्या पर एक जोड़ने से प्राप्त संख्या को परवर्ती संख्या कहते हैं।

    जैसे:- 60 का परवर्ती संख्या 61 होगा। 60 के बाद 61 आता है या 60 में एक जोड़ने पर 61 प्राप्त होता है।

    पूर्ववर्ती और परवर्ती संख्या पर महत्वपूर्ण प्रश्न

    • चार अंको के सबसे छोटी संख्या के पूर्ववर्ती संख्या बताओ?
    • 99 के पूर्ववर्ती संख्या और परवर्ती संख्या के गुणनफल क्या होगा?
    • किसी भी संख्या के परवर्ती व पूर्ववर्ती संख्या के बीच अंतर कितना होता है?
    • संख्या 500 के पूर्ववर्ती संख्या और परवर्ती संख्या के योगफल कितना होगा?
    • किसी संख्या के परवर्ती संख्या भाज्य और पूर्ववर्ती संख्या भाजक हो तो शेषफल कितना होगा?
    • 10000 का पूर्ववर्ती संख्या कितना है?
    • 3333 किसी संख्या का परवर्ती संख्या है तो मूल संख्या को बताओ?
    • 5 का परवर्ती संख्या और 7 का पूर्ववर्ती संख्या के गुणनफल कितना होगा?
    • 709 के परवर्ती संख्या और 907 के पूर्ववर्ती संख्या के योगफल कितना होगा?
    • पूर्ववर्ती, परवर्ती और मूल संख्या में सबसे बड़ा कौन होता है?
  • [NUMS07] संख्याओं की तुलना: छोटी संख्या / बड़ी संख्या/आरोही /अवरोही क्रम

    [NUMS07] संख्याओं की तुलना: छोटी संख्या / बड़ी संख्या/आरोही /अवरोही क्रम

    संख्याओं की तुलना: छोटी संख्या / बड़ी संख्या

    संख्याओं की तुलना करना और उन्हें छोटी या बड़ी के रूप में पहचानना, गणित का एक बुनियादी और महत्वपूर्ण हिस्सा है।


    1. छोटी संख्या (Smaller Number):

    • वह संख्या जो दूसरी संख्या से कम होती है।
    • इसे <(कम) चिन्ह से दर्शाया जाता है।
    • उदाहरण:
      • 25<30 (25 छोटी संख्या है)।
      • 0.5<1.2 (0.5 छोटी संख्या है)।

    2. बड़ी संख्या (Larger Number):

    • वह संख्या जो दूसरी संख्या से अधिक होती है।
    • इसे > (अधिक) चिन्ह से दर्शाया जाता है।
    • उदाहरण:
      • 50>45 (50 बड़ी संख्या है)।
      • 2.7>1.9 (2.7 बड़ी संख्या है)।

    संख्या की तुलना करने के नियम:

    (a) पूर्णांक संख्या (Whole Numbers):

    1. अधिक अंक वाली संख्या बड़ी होती है।
      • 456>78 (क्योंकि 456 में 3 अंक हैं और 78 में 2 अंक)।
    2. यदि अंकों की संख्या समान हो, तो बाएं से दाएं अंकों की तुलना करें।
      • 345>325 (क्योंकि 3 और 3 समान हैं, लेकिन 4 > 2)।

    (b) दशमलव संख्या (Decimal Numbers):

    1. पूर्णांक भाग की तुलना करें।
      • 5.6>4.9 (क्योंकि 5 > 4)।
    2. यदि पूर्णांक भाग समान हो, तो दशमलव भाग की तुलना करें।
      • 3.45>3.40 (क्योंकि 45 > 40)।

    (c) ऋणात्मक संख्या (Negative Numbers):

    1. ऋणात्मक संख्या में बड़ी संख्या छोटी मानी जाती है।
      • −5<−3 (क्योंकि ऋणात्मक संख्या में -5 अधिक ऋणात्मक है)।

    छोटी और बड़ी संख्या की पहचान के तरीके:

    1. संख्या रेखा (Number Line):
      • संख्या रेखा पर बाईं ओर की संख्या छोटी होती है।संख्या रेखा पर दाईं ओर की संख्या बड़ी होती है।
      उदाहरण:−3,−2,−1,0,1,2,3
      • −3<−2<0<2<3
    2. अंकों की गिनती:
      • अधिक अंकों वाली संख्या बड़ी होती है।
      • 789>78
    3. दशमलव के बाद के अंकों की तुलना:
      • 0.56>0.55

    उदाहरण प्रश्न:

    (a) पूर्णांक:

    • कौन बड़ी है: 245 या 529 ?
      उत्तर: 529>245

    (b) दशमलव:

    • कौन छोटी है: 2.34 या 2.3 ?
      उत्तर: 2.3<2.34

    (c) ऋणात्मक:

    • कौन छोटी है: −7 या −5 ?
      उत्तर: −7<−5

    आरोही क्रम (Ascending Order):

    • परिभाषा:
      संख्याओं या वस्तुओं को छोटे से बड़े क्रम में व्यवस्थित करना।
    • इसे बढ़ते हुए क्रम (Increasing Order) के रूप में भी जाना जाता है।

    उदाहरण:

    • संख्याएँ: 2,5,8,12,15
    • दशमलव: 0.2,0.5,1.1,1.8
    • अक्षर: A,B,C,D
    • ऋणात्मक संख्या: −10,−5,0,5,10

    2. अवरोही क्रम (Descending Order):

    • परिभाषा:
      संख्याओं या वस्तुओं को बड़े से छोटे क्रम में व्यवस्थित करना।
    • इसे घटते हुए क्रम (Decreasing Order) के रूप में भी जाना जाता है।

    उदाहरण:

    • संख्याएँ: 15,12,8,5,2
    • दशमलव: 1.8,1.1,0.5,0.2
    • अक्षर: D,C,B,A
    • ऋणात्मक संख्या: 10,5,0,−5,−10

    संख्याओं को क्रम में व्यवस्थित करने के नियम:

    (a) पूर्णांक (Whole Numbers):

    1. आरोही क्रम: छोटे से बड़े।
      • 45,67,89,123
    2. अवरोही क्रम: बड़े से छोटे।
      • 123,89,67,45

    (b) दशमलव संख्या (Decimal Numbers):

    1. आरोही क्रम: पूर्णांक भाग और फिर दशमलव भाग की तुलना।
      • 0.1,0.2,1.1,1.2
    2. अवरोही क्रम: पूर्णांक भाग और फिर दशमलव भाग की तुलना।
      • 1.2,1.1,0.2,0.1

    (c) ऋणात्मक संख्या (Negative Numbers):

    1. आरोही क्रम: सबसे अधिक ऋणात्मक संख्या सबसे छोटी होती है।
      • −10,−5,0,5,10
    2. अवरोही क्रम: सबसे कम ऋणात्मक संख्या सबसे बड़ी होती है।
      • 10,5,0,−5,−10

    उदाहरण प्रश्न:

    प्रश्न 1:

    संख्याओं को आरोही क्रम में व्यवस्थित करें:
    45,12,78,5,89
    उत्तर: 5,12,45,78,89

    प्रश्न 2:

    संख्याओं को अवरोही क्रम में व्यवस्थित करें:
    3.5,1.2,4.8,0.9
    उत्तर: 4.8,3.5,1.2,0.9

    प्रश्न 3:

    ऋणात्मक संख्याओं को आरोही क्रम में व्यवस्थित करें:
    −3,−8,2,−1,0
    उत्तर: −8,−3,−1,0,2

    प्रश्न 4:

    दशमलव संख्याओं को अवरोही क्रम में व्यवस्थित करें:
    0.3,2.1,1.5,0.9
    उत्तर: 2.1,1.5,0.9,0.3

    संख्याओं की तुलना: महत्वपूर्ण प्रश्न

    निम्न में से सबसे छोटी संख्या कौन-सी है?

    a. 7413
    b. 7130
    c. 7985
    d. 7545

    6 अंकीय छोटी से छोटी संख्या तथा 4 अंकीय बड़ी से बड़ी संख्या में अंतर है?

    अंको 7, 2, 4, 8 तथा 0 से बनने वाली बड़ी से बड़ी पांच अंकीय संख्या, जब एक अंक एक ही बार प्रयोग हो, है?

    5 अंकीय बड़ी से बड़ी विषम संख्या, जो अंको 3, 5, 7, 9 तथा 0 से बनाई जा सकती है, है?

    7 विभिन्न अंको से बनी न्यूनतम संख्या और 6 विभिन्न अंको से बनी अधिकतम संख्या का अंतर है?

    5 अंको वाली बड़ी से बड़ी तथा छोटी से छोटी संख्या जो अंको 0, 3, 6, 8 तथा 9 से बनती है, (प्रत्येक अंक केवल एक बार प्रयोग करने पर) का अंतर है?

    दो अंको की बड़ी से बड़ी अभाज्य संख्या है?

    5 अंको वाली बड़ी से बड़ी संख्या जो अंकों 9, 6, 3 तथा 0 (कोई अंक एक अंक दो बार प्रयोग हो सकता है) से बनती है?

    1, 3, 0, 9, 7 अंको की सहायता से बनने वाली बड़ी से बड़ी संख्या, जब एक अंक का प्रयोग केवल एक बार करना हो, है?

    बड़ी से बड़ी 7 अंकों की संख्या तथा छोटी से छोटी 8 अंको की संख्या अंतर है?

    निम्नलिखित संख्याओं में से सबसे बड़ी संख्या कौन सी है?

    a. 7122
    b. 7211
    c. 7212
    d. 7221

    चार अंकों की सबसे बड़ी तथा सबसे छोटी संख्याओं का योगफल है?

    6 अंको की छोटी से छोटी संख्या तथा 4 अंको की बड़ी से बड़ी संख्या में अंतर है?

    7 अंको की बड़ी से बड़ी संख्या तथा 4 अंको की छोटी से छोटी संख्या में कितना अंतर है?

    6 अंको की बड़ी से बड़ी संख्या तथा 5 अंको की बड़ी से बड़ी संख्या का अंतर क्या है?

    निम्न में कौन सा कथन सत्य है?

    a. शून्य एक विषम संख्या है।
    b. शून्य एक सम संख्या है।
    c. शून्य एक अभाज्य संख्या है।
    d. शून्य न तो विषम और न सम संख्या है।

    बड़ी से बड़ी तथा छोटी से छोटी 5 अंको की संख्याएं जो अंको 0, 3, 6, 7 तथा 9 से बनती है, जब कोई अंक दोबारा नही आए, का अंतर है?

    5 अंकीय बड़ी से बड़ी तथा छोटी से छोटी संख्याओं, जिनमें सभी अंक भिन्न हो, का अंतर है?

    विभिन्न अंको का प्रयोग 4 अंकीय सबसे छोटी संख्या जिसमें 9 दहाई के स्थान पर हो, है?

    अंको 5, 1, 6 में से किन्ही दो अंको को दो बार प्रयोग में लाकर बनने वाली 5 अंको वाली छोटे से छोटे संख्या कौन सी है?

    7, 0, 1, 2 तथा 3 से बनने वाली छोटी से छोटी सम संख्या क्या है?

    चार अंकों की सबसे बड़ी संख्या कौन सी है जिसमें प्रत्येक अंक अलग अलग हैं?

    a. 9876
    b. 9768
    c. 9867
    d. 9786

    84650, 86450, 85604, 80654 में कौन सी संख्या सबसे बड़ी है?

    5 अंकीय छोटी से छोटी संख्या जो 4, 0 तथा 9 से बनाई जा सकती है (तीनों अंको का प्रयोग हो)

    सबसे बड़ी चार अंकीय संख्या तथा सबसे छोटी चार अंकीय संख्या का योग है?

    अंक 1, 0, 3, 4 और 5 से बनी सबसे छोटी विषम संख्या होगी?

  • [NUMS08] संख्या के प्रकार / Types of Numbers

    [NUMS08] संख्या के प्रकार / Types of Numbers

    संख्या के प्रकार/ Types of Numbers

    प्राकृत संख्याएँ (Natural Number) :-

    • गिनती में उपयोग की जाने वाली सभी संख्याएँ प्राकृतिक संख्या कहलाती हैं।
    • Ex :- 1, 2, 3, 4, 5,………

    सम संख्याएँ (Even Number) :-

    • ऐसी प्राकृतिक संख्या जो 2 से पूर्णतः विभाजित होती हैं, उन्हें सम संख्या कहा जाता हैं।
    • Ex :- 2, 4, 6, 8, 10,………

    विषम संख्याएँ (Odd Numbers) :-

    • ऐसी प्राकृतिक संख्या जो 2 से पूर्णतः से विभाजित न हो उन्हें विषम संख्या कहते हैं।
    • Ex :- 1, 3, 5, 7, 9,………

    पूर्णांक संख्याएँ :-

    • धनात्मक त्रणात्मक और जीरों से मिलकर बनी हुई संख्याएँ पूर्णांक संख्या होती हैं।
    • Ex :- -3, -2, -1, 0, 1, 2,………

    पूर्णांक संख्याएँ तीन प्रकार की होती हैं।

    धनात्मक संख्याएँ :- एक से लेकर अनंत तक की सभी धनात्मक संख्याएँ धनात्मक पूर्णांक हैं।
    Ex : +1, +2, +3, +4, +5,………
    त्रणात्मक संख्याएँ :- 1 से लेकर अनंत तक कि सभी त्रणात्मक संख्याएँ त्रणात्मक पूर्णांक हैं।
    Ex : -1, -2, -3, -4, -5,………
    उदासीन पूर्णांक :- ऐसा पूर्णांक जिस पर धनात्मक और त्रणात्मक चिन्ह का कोई प्रवाह ना पड़े। और यह जीरो होताा हैं।
    Ex : -3, -2, -1, 0, 1, 2, 3,………

    पूर्ण संख्याएँ (Whole Numbers) :-

    • प्राकृतिक संख्याएँ में 0 से सामिल कर लेने से पूर्ण संख्या बनती हैं।
    • Ex :- 0, 1, 2, 3, ………

    भाज्य संख्या (Composite Numbers) :-

    • ऐसी प्राकृत संख्या जो स्वंय और 1 से विभाजित होने के अतिरिक्त कम से कम किसी एक अन्य संख्या से विभाजित हो उन्हें भाज्य संख्या कहते हैं।
    • Ex :- 4, 6, 8, 9, 10, 12, ………

    अभाज्य संख्याएँ (Prime Numbers) :-

    • ऐसी प्राकृतिक संख्याएँ जो सिर्फ स्वंय से और 1 से विभाजित हो और किसी भी अन्य संख्या से विभाजित न हो उन्हें अभाज्य संख्याएँ कहेंगे।
    • Ex :- 2, 3, 5, 11, 13, 17, ………

    सह अभाज्य संख्या (Co-Prime Numbers) :-

    • कम से कम 2 अभाज्य संख्याओ का ऐसा समूह जिसका (HCF) 1 हो सह अभाज्य संख्या कहलाती हैं।
    • Ex :- (5, 7), (2, 3)

    परिमेय संख्याएँ (Rational Numbers) :-

    • ऐसी सभी संख्याएँ जिन्हें p/q के रूप में लिखा जा सकता हैं। उन्हें परिमेय संख्या कहते है (q हर का मान जीरो नहीं होना चाहिए)
    • Ex :- 5, 2/3, 11/4, √25

    अपरिमेय संख्याएँ (Irrational Numbers) :-

    • ऐसी संख्याएँ जिन्हें p/q के रूप में नही लिखा जा सकता और मुख्यतः उन्हें (√) के अंदर लिखा जाता हैं और कभी भी उनका पूर्ण वर्गमूल नहीं निकलता अपरिमेय संख्या कहते हैं।
    • Ex :- √3, √105, √11, √17,
    • नोट : π एक अपरिमेय संख्या हैं।

    वास्तविक संख्या (Real Numbers) :-

    • परिमेय और अपरिमेय संख्याओ को सम्मलित रूप से लिखने पर वास्तविक संख्या प्राप्त होती हैं।
    • Ex :- √3, 2/5, √15, 4/11,

    अवास्तविक संख्या (Imaginary Numbers) :-

    • ऋणात्मक संख्याओं का वर्गमूल लेने पर जो संख्याएँ बनती हैं, उन्हें काल्पनिक संख्या या अवास्तविक संख्या कहते हैं।
    • जैसे :- √-2, √-5
  • [NUMS09] सम संख्या और विषम संख्या / Even Number and Odd Number

    [NUMS09] सम संख्या और विषम संख्या / Even Number and Odd Number

    सम संख्या और विषम संख्या / Even Number and Odd Number

    सम संख्या और विषम संख्या

    सम संख्या (Even Number) :-

    वह संख्या जो दो बराबर भागों में बंट जाए वह सम संख्या कहलाता है। जैसे – 2, 4, 6, 8, 10, 12 आदि। सम संख्या को आसानी हम पहचान सकते हैं। जिसके इकाई में 0, 2, 4, 6, 8 अंक हो वह सम संख्या होता है। जैसे – 6754892

    वे संख्याएं जो 2 से पूर्णत विभाजित हो जाती हैं, सम संख्या कहलाती है। जैसे 2,4,6,8,10

    जिस संख्या के अन्त में 2,4,6,8,0 आयेगा वे सभी सम संख्या हैं

    विषम संख्या (Odd Number) :-

    वह संख्या जो बराबर दो भागों में नही बंटता है वह विषम संख्या है जैसे – 1, 3, 5, 7, 9, 11, 13 आदि। विषम संख्या को हम आसानी से पहचान सकते हैं जिस संख्या के इकाई में 1, 3, 5, 7, 9 आये वह विषम संख्या होता है। जैसे – 562491

    वे संख्याएं जो 2 से पूर्णत विभाजित नहीं होती है, विषम संख्याएं कहलाती है। जैसे 1,3,5,7,9

    जिस संख्या के अन्त में 1,3,5,7,9 आयेगा वे विषम संख्या हैं।

    सम और विषम संख्या

    महत्वपूर्ण बिंदु

    दो सम संख्याओं का योगफल, अंतर, गुणनफल सम संख्या होता है।

    दो विषम संख्या के योगफल और अंतर से सम संख्या प्राप्त होता है। जबकि दो विषम संख्या के गुणा से गुणनफल विषम संख्या होता है।
     

    1. दो सम संख्याओं का योगफल सदैव सम संख्या होता है।

    उदाहरण = 2+6 = 8, 0+4 = 4, 4+2=6

    2. सम और विषम संख्याओं का योगफल सदैव विषम संख्याएं होता है।

    उदाहरण = 4+3=7

    3. दो विषम संख्याओं का योगफल सदैव सम होता है।

    उदाहरण = 9+5 = 14, 7+3 = 10

    महत्वपूर्ण प्रश्न

    ● दो अंको के सबसे बड़े सम संख्या और तीन अंको के सबसे छोटे विषम संख्या का योगफल कितना होता है?

    ● अंक 2, 4, 8, 1, 0 के प्रयोग (दोबारा प्रयोग नही) करके पांच अंकीय सबसे छोटे विषम संख्या बनाओ?

    ● 30 और 35 के मध्य सम संख्याओं के गुणनफल कितना होगा?

    ● दो विषम संख्या को गुणा करने पर गुणनफल कौन सा संख्या होगा?

    ● एक अंकीय विषम संख्या का योगफल कितना होगा?

    ● चार अंक के सबसे छोटे विषम संख्या और तीन अंक सबसे बड़े सम संख्या के बीच अंतर कितना होगा?

    ● अंक 1, 4, 0, 9, 6 से प्रयोग (दोबारा प्रयोग नही) से बने पांच अंकीय सबसे बड़े विषम संख्या और सबसे सम संख्या का योगफल होगा?

    ● अंक 8 व 9 के प्रयोग करके तीन अंक सबसे बड़े सम संख्या और सबसे छोटे सम संख्या के बीच कितना अंतर है? (कोई एक अंक का दोबारा प्रयोग कर सकते हो)

    ● दो अंक सबसे छोटे सम संख्या और एक अंक सबसे बड़े सम संख्या का गुणनफल कितना है?

    ● 4352 में कम से कम कितना जोड़े तो विषम संख्या प्राप्त होगा?

  • [NUMS10] संख्या का इकाई अंक ज्ञात करना (Unit Digit)

    [NUMS10] संख्या का इकाई अंक ज्ञात करना (Unit Digit)

    किसी संख्या का इकाई अंक ज्ञात करने करने के लिए दी हुई संख्याओं के इकाई के अंकों की गुणा करते हैं।

    उदाहरण के लिए :-
    128 x 297 x 562 x 34 में इकाई का अंक क्रमशः 8, 7, 2, 4 हैं जिनका गुणा करने पर हमें 448 प्राप्त होता है जिसके इकाई का अंक 8 हैं। अतः 128 x 297 x 562 x 34 का गुणा करने पर गुणनफल में इकाई का अंक 8 होगा।

    Question :- 128 x 297 x 562 x 34 में इकाई का अंक क्या है?

    =8 x 7 x2 x 4 (128 x 297 x 562 x 34 में इकाई का अंक लेने पर)
    = 56 x 2 x 4 (प्रथम दो का गुणा करने पर)
    = 6 x 2x 4 (56 में इकाई का अंक लेने पर)
    = 12 x 4 (प्रथम दो का गुना करने पर)
    =2 x 4 (12 में इकाई का अंक लेने पर)
    =8 (यही 128 x 297 x 562 x 34 में इकाई का अंक है)

    घातांक वाली संख्याओं में इकाई का अंक ज्ञात करना

    Rule 1.

    यदि घातांक के रूप दी हुई किसी संख्या के इकाई का अंक ज्ञात करना हो तो दी हुई संख्या के आधार में इकाई का अंक यदि 0, 1, 5, 6, हों तो उसका मान निकालने पर इकाई का अंक परिवर्तित नहीं होता। अर्थात उनमें इकाई के अंक क्रमशः 0,1, 5, 6 ही होंगे।

    उदाहरण के लिए :-
    1019 में इकाई का अंक = 0
    586211923 में इकाई का अंक = 1
    2965300 में इकाई का अंक = 5

    Rule 2.

    दी हुई संख्या के आधार में इकाई का अंक यदि 0, 1, 5, 6 नहीं है यानि कि 2, 3, 4, 7, 8, 9 हो तो
    इनका इकाई का अंक निकलने के लिए उनके घात में 4 से भाग देते हैं। और प्राप्त शेषफल को घात के स्थान
    पर रखकर हल करते हैं। उदाहरण के लिए :-

    Question :- 5621999 में इकाई का अंक क्या होगा?

    = 1999 में 4 से भाग देने पर शेषफल 3 प्राप्त होगा
    = 5623
    =23
    = 8 (यही 5621999 में इकाई का अंक है)

    Rule 3.

    किसी भी संख्या की घात में भाग देनें पर जब शेषफल शून्य (0) प्राप्त हो इकाई के अंक इस प्रकार निर्धारित होंगे :-

    1. संख्या के आधार का इकाई का अंक यदि 2, 4, 8 तब इकाई का अंक = 6
    2. संख्या के आधार का इकाई का अंक यदि 3,7, 9 तब इकाई का अंक = 1

    Question :- 2992 में इकाई का अंक क्या होगा?

    = यहॉ घातांक में भाग देने पर शेषफल शून्य प्राप्त होता है।
    = आधार के इकाई का अंक 9 है।
    = जैसा कि आप जान चुके हैं कि भागफल शून्य प्राप्त होने पर, संख्या के आधार का इकाई का अंक
    यदि 3,7, 9 तब इकाई का अंक = 1
    = 1 (यही 2992 में इकाई का अंक है)

    Rule 4.

    यदि घटाने में पहले वाली संख्या छोटी है उस संख्या में 10 जोड़ देंगे, ना कि उत्तर ऋणात्मक होगा।
    जैसे :-

    Question :- 16925529 – 853714 में इकाई का अंक क्या होगा?

    = 5-72
    = 5-9 (यहाँ 5, 9 से छोटा है अतः 5 में 10 जोड़ेंगे।)
    =15-9
    = 6 (यही 16925529 – 853714 में इकाई का अंक है)

    Rule 5.

    यदि किसी संख्या का गुणा करने में उसके मध्य में किसी भी रूप में पांच (5) और दो (2) आता है तो
    उस संख्या के गुणनफल के अंत में शून्य अवश्य प्राप्त होगा। अर्थात इकाई का शून्य (0) होगा।
    इस प्रकार हम कह सकते हैं यदि किसी संख्या के मध्य में पांच (5) और दो (2) आता है तो उस संख्या के
    गुणनफल में इकाई का अंक शून्य होगा।

    Question :- 1 से 25 तक सभी संख्याओं का गुणा किया जाये तब इकाई का अंक क्या होगा?

    =1x2x3x4x5x 6……….25
    = 10x1x3x 4x 6………..25 (5 और 2 का गुणा करने पर)
    =0 (10 में इकाई का अंक 0 है, जब शून्य का अन्य संख्या में गुणा करेंगे तो शून्य ही प्राप्त होगा)
    अर्थात गुणा में यदि किसी संख्या के इकाई का अंक शून्य है तो उस संख्या के गुणनफल में इकाई का अंक
    भी शून्य ही होगा।

     संख्याओं का इकाई अंक  पर आधारित MCQ (बहुविकल्पीय प्रश्न)

    ·  संख्या 2735 का इकाई अंक क्या है?

    • (A) 3
    • (B) 5
    • (C) 7
    • (D) 2

    ·  जब 5678 को 10 से विभाजित किया जाता है, तो शेषफल के रूप में कौन सा अंक आता है?

    • (A) 5
    • (B) 6
    • (C) 8
    • (D) 7

    ·  संख्या 7542 के घन का इकाई अंक क्या होगा?

    • (A) 2
    • (B) 4
    • (C) 8
    • (D) 6

    ·  किस संख्या का वर्गमूल 7 के साथ समाप्त होगा?

    • (A) 47
    • (B) 49
    • (C) 23
    • (D) 25

    ·  यदि किसी संख्या का इकाई अंक 9 हो, तो उसकी घात संख्या (किसी भी शक्ति पर) का इकाई अंक क्या होगा?

    • (A) 1
    • (B) 9
    • (C) 3
    • (D) 7

    संख्या 2 की घात 10 (210) का इकाई अंक क्या होगा?   

    A) 0 

    B) 2 

    C) 4 

    D) 8 

     उत्तर:  A) 0

    संख्या 7 की घात 3 (73) का इकाई अंक क्या होगा?   

    A) 1 

    B) 3 

    C) 7 

    D) 9 

     उत्तर:  D) 9

    संख्या 9 की घात 5 (95) का इकाई अंक क्या होगा?   

    A) 1 

    B) 5 

    C) 9 

    D) 3 

     उत्तर:  C) 9

    संख्या 4 की घात 7 (47) का इकाई अंक क्या होगा?   

    A) 4 

    B) 6 

    C) 8 

    D) 2 

     उत्तर:  B) 6

    संख्या 3 की घात 8 (38) का इकाई अंक क्या होगा?   

    A) 9 

    B) 1 

    C) 3 

    D) 7 

     उत्तर:  B) 1

    संख्या 5 की किसी भी घात का इकाई अंक क्या होगा?   

    A) 0 

    B) 2 

    C) 5 

    D) 8 

     उत्तर:  C) 5

    6782 की घात 4 का इकाई अंक क्या होगा?   

    A) 4 

    B) 6 

    C) 8 

    D) 2 

     उत्तर:  B) 6

    12345 की घात 2 का इकाई अंक क्या होगा?   

    A) 5 

    B) 0 

    C) 1 

    D) 2 

     उत्तर:  A) 5

    437 की घात 3 का इकाई अंक क्या होगा?   

    A) 7 

    B) 1 

    C) 3 

    D) 9 

     उत्तर:  D) 9

    संख्या 8 की घात 6 (86) का इकाई अंक क्या होगा?   

    A) 2 

    B) 4 

    C) 6 

    D) 8 

     उत्तर:  C) 6

    ये प्रश्न संख्याओं के इकाई अंक पर आधारित गणना के लिए उपयोगी हैं।

  • [NUMS11] अंकों के मान : जातीय और स्थानीय मान एवं संख्या का विस्तृत रूप

    [NUMS11] अंकों के मान : जातीय और स्थानीय मान एवं संख्या का विस्तृत रूप

    अंकों के मान (Digits’ Value) में दो मुख्य घटक होते हैं: जातीय मान (Face Value) और स्थानीय मान (Place Value)।

    अंकों के मान : जातीय मान और स्थानीय मान

    1. जातीय मान (Face Value)

    • परिभाषा: किसी अंक का जातीय मान वह संख्या होती है जो अंक के रूप में होती है। यह अंक की वास्तविक मान को दर्शाता है, चाहे वह किसी भी स्थान पर हो।
    • उदाहरण:
      • संख्या 4327 में अंक 4 का जातीय मान 4 है, 3 का जातीय मान 3 है, 2 का जातीय मान 2 है और 7 का जातीय मान 7 है।

    2. स्थानीय मान (Place Value)

    • परिभाषा: किसी अंक का स्थानीय मान वह मान होता है जो अंक की स्थिति के अनुसार होता है। यह अंक की स्थिति (एकाई, दस, सैकड़ा आदि) पर निर्भर करता है।
    • उदाहरण:
      • संख्या 4327 में:
        • 4 का स्थानीय मान = 4 × 1000 = 4000
        • 3 का स्थानीय मान = 3 × 100 = 300
        • 2 का स्थानीय मान = 2 × 10 = 20
        • 7 का स्थानीय मान = 7 × 1 = 7

    संख्या का विस्तृत रूप: : 703408

    • 7 का स्थान: लाख (Lakhs) → 700000
    • 0 का स्थान: हजार (Thousands) → 0000
    • 3 का स्थान: सैकड़े (Hundreds) → 300
    • 4 का स्थान: दहाई (Tens) → 40
    • 8 का स्थान: इकाई (Units) → 8

    विस्तृत रूप:
    703408=700000+0+300+40+8

    सारांश

    • स्थानीय मान अंक की स्थिति के अनुसार उसका मान दर्शाता है।
    • जातीय मान केवल अंक के वास्तविक मान को दर्शाता है।

    इकाई (Unit Place):

    • इकाई स्थान सबसे दाईं ओर का अंक होता है। उदाहरण: संख्या 345 में, इकाई स्थान पर 5 है।

    दहाई (Tens Place):

    • दहाई स्थान इकाई स्थान के बाईं ओर का दूसरा अंक होता है। उदाहरण: संख्या 345 में, दहाई स्थान पर 4 है।

    उदाहरण: संख्या 345 में:

    5 का स्थानीय मान = 5 × 1 = 5

    4 का स्थानीय मान = 4 × 10 = 40

    3 का स्थानीय मान = 3 × 100 = 300

    संख्या 5724 को लें:

    • इकाई स्थान पर 4 है।
    • दहाई स्थान पर 2 है।
    • सैकड़ा (Hundreds Place) पर 7 है, जिसका स्थानीय मान = 7 × 100 = 700
    • हजार (Thousands Place) पर 5 है, जिसका स्थानीय मान = 5 × 1000 = 5000

    इस प्रकार, संख्या 5724 में:

    • 4 का स्थानीय मान 4 है (इकाई)
    • 2 का स्थानीय मान 20 है (दहाई)
    • 7 का स्थानीय मान 700 है (सैकड़ा)
    • 5 का स्थानीय मान 5000 है (हजार)

    इस तरह से, इकाई, दहाई और स्थानीय मान का उपयोग करके किसी भी संख्या का विश्लेषण किया जा सकता है।

    किसी संख्या में शून्य का स्थानीय मान

    शून्य किसी भी स्थान पर हो, उसका स्थानीय मान ‘शून्य’ ही होता है।

  • [MULT01] विभाज्यता के नियम (Divisibility Rule)

    [MULT01] विभाज्यता के नियम (Divisibility Rule)

    विभाज्यता के नियम (divisibility rule) उन विधियों को कहते हैं जो सरलता से बता देते हैं कि कोई प्राकृतिक संख्या किसी दूसरी संख्या से विभाजित हो सकती है या नहीं।

    विभाज्यता के नियम (Divisibility Rule)

    विभाजकविभाजन की शर्त/शर्तेंउदाहरण
    1स्वत:सभी पूर्णांक 1 से विभाज्य हैं।
    2संख्या का अन्तिम अंक सम (0, 2, 4, 6, or 8) हो।1,294: इसमें अन्तिम अंक 4 सम है।
    3दी हुई संख्या के सभी अंकों का योग 3 से विभाजित हो। बहुत बड़ी संख्याओं (जिनके अंकों का योग भी बड़ी संख्या हो) के लिये यह नियम अंकों के योग पर भी लागू किया जाता है।405:6+3+6=15 जो कि 3 से विभाज्य है। 16,499,205,854,376 के अंकों का योग 69 है; 6 + 9 = 15, 1 + 5 = 6, जो स्पष्टत: 3 से विभाज्य है।
    4संख्या के इकाई स्थान के अंक में दहाई स्थान के अंक का दो गुना जोड़िये। (दहाई स्थान के बांये के सारे अंकों का इसके लिये कोई महत्व नहीं है।)5,096: 6 + (2 × 9) = 24
    अन्तिम दों अंकों से बनी संख्या 4 से विभाज्य हो।40832: 32 is divisible by 4.
    यदि दहाई स्थान पर स्थित अंक सम हो तथा इकाई स्थान पर 0, 4, या 8 हो।यदि दहाई स्थान का अंक विषम हो तथा इकाई स्थान पर 2, या 6.40832: 3 विषम है, तथा अन्तिम अंक 2 है।
    5अन्तिम अंक 0 या 5.490: अतिम अंक 0 है।
    6संख्या 2 और 3 दोनो से विभक्त होती हो।1,458: 1 + 4 + 5 + 8 = 18, 1 + 8 = 9, अत: संख्या 3 से विभाज्य है और साथ ही अन्तिम अंक सम होने के कारण 2 से भी विभाज्य है। इसलिये यह संख्या 6 से विभाज्य है।
    अन्तिम अंक में अन्य अंकों के योग का चौगुना जोड़ें।198: (1 + 9) × 4 + 8 = 48
    7निम्नलिखित प्रक्रिया करने के बाद प्राप्त संख्या 7 से विभाज्य होनी चाहिये:
    दायें से बायें तरफ संख्या के अंकों का तीन-तीन का समूह बनाकर इनका एकान्तर योग निकालिये।1,369,851: 851 – 369 + 1 = 483 = 7 × 69
    अन्तिम अंक का दोगुना, बाकी संख्या से घटाइये और जांचिये कि परिणाम 7 से विभाज्य है या नहीं।483: 48 – (3 × 2) = 42 = 7 x 6.
    या, अन्तिम संख्या के पाँच गुने में बाकी बची संख्या को जोड़िये.483: 48 + (3 × 5) = 63 = 7 x 9.
    8निम्नलिखित प्रक्रिया करने के बाद प्राप्त संख्या 8 से विभाज्य होनी चाहिये:
    यदि ‘सैकड़ा’ के स्थान वाला अंक सम है तो अन्तिम दो अंकों से बनी संख्या की परीक्षा कीजिये कि यह 8 से विभाज्य है या नहीं।624: 24.
    यदि सैकड़ा के स्थान पर वाला अंक विषम है तो अन्तिम दो अंकों से बनी संख्या में 4 जोड़कर परीक्षा कीजिये कि यह 8 से विभाज्य है या नहीं।.352: 52 + 4 = 56.
    इकाई स्थान के अंक को छोड़कर जो संख्या बचती है उसके दोगुने में इकाई वाला अंक जोड़िये और परीक्षा कीजिये कि यह 8 से विभाज्य है या नहीं।56: (5 × 2) + 6 = 16.
    संख्या के केवल अन्तिम तीन अंकों से बनी संख्या की परीक्षा कीजिये और देखिये कि यह 8 से विभाज्य है या नहीं।34152: केवल 152 के विभाज्यता की परीक्षा कीजिये: 19 x 8
    9सभी अंकों का योगफल 9 से विभाज्य होना चाहिये। बड़ी संख्याओं के लिये यह क्रिया बार-बार की जा सकती है अर्थात अंकों का योग भी बड़ा हो तो उसकी भी इसी रीति से परीक्षा की जाती है। अन्तिम परिणाम 9 आना चाहिये।2,880: 2 + 8 + 8 + 0 = 18: 1 + 8 = 9.
    10अन्तिम अंक शून्य (0) होना चाहिये।130: अन्तिम अंक 0 है।
    11निम्नलिखित प्रक्रियाओं के परिणामस्वरूप प्राप्त संख्या 11 से विभाज्य होनी चाहिये:
    एकानतर अंकों (एक-एक अंक छोड़कर) का योग-घटाना कीजिये और देखिये कि यह 11 से विभाजित होता है या नहीं।918,082: 9 – 1 + 8 – 0 + 8 – 2 = 22.
    दायें से बायें तरफ संख्या के अंकों को दो-दो के समूह में योग कीजिये और देखिये कि यह 11 से विभाजित होता है या नहीं।627: 6 + 27 = 33.
    अन्तिम अंक को बाकी बचे अंकों से बनी संख्या से घटाइये और देखिये कि यह 11 से विभाजित होता है या नहीं।627: 62 – 7 = 55.
    12जो संख़्या,3 और 4 दोनो से विभाज्य़ हो324: it is divisible by 3 and by 4.
    अंतिम अंक को शेष के दोगुने से घटाएं।324: (32 × 2) − 4 = 60.
    13इन उदाहरणों से प्राप्त संख्या 13 से विभाज्य होनी चाहिए, इस प्रकार:
    अंकों को दाएं से बाएं तीन के वैकल्पिक ब्लॉक में जोड़ें, फिर दो योग घटाएं।2,911,272: − (2 + 272) + 911 = 637
    शेष में अंतिम अंक का 4 गुना जोड़ें।637: 63 + (7 × 4) = 91, 9 + (1 × 4) = 13.
    14यह 2 और 7 से विभाज्य है।224: it is divisible by 2 and by 7.
    अंतिम दो अंकों को शेष के दोगुने में जोड़ें। उत्तर 14 से विभाज्य होना चाहिए।364: (3 × 2) + 64 = 70.

    विभाज्यता नियम 1

    प्रत्येक संख्या 1 से विभाज्य है। 1 के लिए विभाज्यता नियम में कोई शर्त नहीं है। किसी भी संख्या को 1 से विभाजित करने पर संख्या स्वयं प्राप्त होगी, चाहे वह संख्या कितनी भी बड़ी क्यों न हो। उदाहरण के लिए, 3, 1 से विभाज्य है और 3000 भी 1 से पूर्णतः विभाज्य है।

    2 का विभाज्यता नियम

    यदि कोई संख्या सम है या ऐसी संख्या जिसका अंतिम अंक सम संख्या है यानी 0 सहित 2,4,6,8, तो वह हमेशा 2 से पूर्णतः विभाज्य होती है।

    उदाहरण: 508 एक सम संख्या है और 2 से विभाज्य है, लेकिन 509 एक सम संख्या नहीं है, इसलिए यह 2 से विभाज्य नहीं है। 508 2 से विभाज्य है या नहीं, इसकी जांच करने की प्रक्रिया इस प्रकार है:

    • संख्या 508 पर विचार करें
    • बस अंतिम अंक 8 लें और इसे 2 से विभाजित करें
    • यदि अंतिम अंक 8, 2 से विभाज्य है तो संख्या 508 भी 2 से विभाज्य है।

    3 के लिए विभाज्यता नियम

    3 के लिए विभाज्यता नियम कहता है कि कोई संख्या 3 से पूर्णतः विभाज्य होती है यदि उसके अंकों का योग 3 से विभाज्य हो।

    308, 3 से विभाज्य है या नहीं ?

    अंकों का योग लें (अर्थात् 3+0+8= 11)। अब जांचें कि योग 3 से विभाज्य है या नहीं। यदि योग 3 का गुणज है, तो मूल संख्या भी 3 से विभाज्य है। यहाँ, चूँकि 11, 3 से विभाज्य नहीं है, 308 भी 3 से विभाज्य नहीं है।

    इसी प्रकार, 516 पूर्णतः 3 से विभाज्य है क्योंकि इसके अंकों का योग अर्थात 5+1+6=12, 3 का गुणज है।

    4 का विभाज्यता नियम

    यदि किसी संख्या के अंतिम दो अंक 4 से विभाज्य हैं, तो वह संख्या 4 का गुणज है और 4 से पूर्णतः विभाज्य है।

    उदाहरण: संख्या 2308 लें।

    अंतिम दो अंकों यानी 08 पर विचार करें। चूँकि 08, 4 से विभाज्य है, मूल संख्या 2308 भी 4 से विभाज्य है।

    5 का विभाज्यता नियम

    वे संख्याएँ, जिनके अंतिम अंक 0 या 5 हैं, हमेशा 5 से विभाज्य होती हैं।
    उदाहरण: 10, 10000, 10000005, 595, 396524850, आदि।

    6 का विभाज्यता नियम

    जो संख्याएँ 2 और 3 दोनों से विभाज्य हैं, वे 6 से भी विभाज्य हैं। अर्थात्, यदि दी गई संख्या का अंतिम अंक सम है और उसके अंकों का योग 3 का गुणज है, तो दी गई संख्या भी 6 का गुणज है।

    उदाहरण: 630, संख्या 2 से विभाज्य है क्योंकि अंतिम अंक 0 है।
    अंकों का योग 6+3+0 = 9 है, जो 3 से भी विभाज्य है।
    इसलिए, 630, 6 से विभाज्य है।

    7 के लिए विभाज्यता नियम

    उदाहरण: क्या 1073, 7 से विभाज्य है?

    • बताए गए नियम से संख्या में से 3 हटाकर उसे दोगुना कर दें, जो 6 हो जाए।
    • शेष संख्या 107 हो जाती है, अत: 107-6 = 101।
    • प्रक्रिया को एक बार और दोहराने पर, हमारे पास 1 x 2 = 2 है।
    • शेष संख्या 10 – 2 = 8.
    • चूँकि 8, 7 से विभाज्य नहीं है, इसलिए संख्या 1073, 7 से विभाज्य नहीं है।

    8 का विभाज्यता नियम

    यदि किसी संख्या के अंतिम तीन अंक 8 से विभाज्य हैं, तो वह संख्या 8 से पूर्णतः विभाज्य है।

    उदाहरण: संख्या 24344 लें। अंतिम दो अंकों यानी 344 पर विचार करें। चूँकि 344 8 से विभाज्य है, मूल संख्या 24344 भी 8 से विभाज्य है।

    9 का विभाज्यता नियम

    9 से विभाज्यता का नियम 3 से विभाज्यता नियम के समान है। अर्थात, यदि संख्या के अंकों का योग 9 से विभाज्य है, तो संख्या स्वयं 9 से विभाज्य है।

    उदाहरण: 78532 पर विचार करें, क्योंकि इसके अंकों (7+8+5+3+2) का योग 25 है, जो 9 से विभाज्य नहीं है, इसलिए 78532, 9 से विभाज्य नहीं है।

    10 का विभाज्यता नियम

    10 के लिए विभाज्यता नियम कहता है कि कोई भी संख्या जिसका अंतिम अंक 0 है, वह 10 से विभाज्य है।

    उदाहरण: 10, 20, 30, 1000, 5000, 60000, आदि।

    11 के लिए विभाज्यता नियम

    यदि किसी संख्या के वैकल्पिक अंकों के योग का अंतर 11 से विभाज्य है, तो वह संख्या 11 से पूर्णतः विभाज्य है।

    अर्थात, विषम स्थानों के अंकों का योग – सम स्थानों के अंकों का योग = 0 या 11 का गुणज

    यह जांचने के लिए कि क्या 2143 जैसी संख्या 11 से विभाज्य है, नीचे निम्नलिखित प्रक्रिया दी गई है।

    • वैकल्पिक अंकों को समूहित करें अर्थात जो अंक विषम स्थानों पर हैं उन्हें एक साथ और सम स्थानों के अंकों को एक साथ रखें। यहां 24 और 13 दो समूह हैं।
    • प्रत्येक समूह के अंकों का योग अर्थात 2+4=6 और 1+3= 4 लें
    • अब योगों का अंतर ज्ञात करें; 6-4=2
    • यदि अंतर 11 से विभाज्य है, तो मूल संख्या भी 11 से विभाज्य है। यहां 2 वह अंतर है जो 11 से विभाज्य नहीं है।
    • इसलिए, 2143 11 से विभाज्य नहीं है।

    किसी संख्या की 11 से विभाज्यता का परीक्षण करने के लिए कुछ और शर्तें हैं। उन्हें यहां उदाहरणों की सहायता से समझाया गया है:

    यदि किसी संख्या के अंकों की संख्या सम है तो शेष संख्या में से पहला अंक जोड़ें और अंतिम अंक घटा दें। 

    उदाहरण: 3784

    अंकों की संख्या = 4

    अब, 78 + 3 – 4 = 77 = 7 × 11

    इस प्रकार, 3784 11 से विभाज्य है।

    यदि किसी संख्या के अंकों की संख्या विषम है तो शेष संख्या में से पहला और अंतिम अंक घटा दें। 

    उदाहरण: 82907

    अंकों की संख्या = 5

    अब, 290 – 8 – 7 = 275 × 11

    इस प्रकार, 82907 11 से विभाज्य है।

    संख्या के दाएँ सिरे से बाएँ सिरे तक दो अंकों के समूह बनाएँ और परिणामी समूहों को जोड़ें। यदि योग 11 का गुणज है, तो संख्या 11 से विभाज्य है।

    उदाहरण: 3774 := 37 + 74 = 111 := 1 + 11 = 12 

    3774 11 से विभाज्य नहीं है.

    253 := 2 + 53 = 55 = 5 × 11

    253 11 से विभाज्य है.

    संख्या के अंतिम अंक को शेष संख्या से घटाएं। यदि परिणामी मान 11 का गुणज है, तो मूल संख्या 11 से विभाज्य होगी।

    उदाहरण: 9647

    9647 := 964 – 7 = 957

    957 := 95 – 7 = 88 = 8 × 11

    इस प्रकार, 9647 11 से विभाज्य है।

    12 का विभाज्यता नियम

    यदि संख्या 3 और 4 दोनों से विभाज्य है, तो वह संख्या 12 से पूर्णतः विभाज्य है। 

    उदाहरण: 5864

    अंकों का योग = 5 + 8 + 6 + 4 = 23 (3 का गुणज नहीं)

    अंतिम दो अंक = 64 (4 से विभाज्य)

    दी गई संख्या 5864 4 से विभाज्य है लेकिन 3 से नहीं; इसलिए, यह 12 से विभाज्य नहीं है।

    13 के लिए विभाज्यता नियम

    किसी भी संख्या के लिए, यह जांचने के लिए कि क्या वह 13 से विभाज्य है, हमें संख्या के अंतिम अंक का चार गुना शेष संख्या में जोड़ना होगा और प्रक्रिया को तब तक दोहराना होगा जब तक आपको दो अंकों की संख्या नहीं मिल जाती। अब जांचें कि वह दो अंकों की संख्या 13 से विभाज्य है या नहीं। यदि यह विभाज्य है, तो दी गई संख्या 13 से विभाज्य है।

    उदाहरण के लिए: 2795  → 279 + (5 x 4) 

    → 279 + (20) 

    → 299 

    → 29 + (9 x 4) 

    → 29 + 36 

    →65

    संख्या 65, 13 से विभाज्य है, 13 x 5 = 65.

    यहाँ विभाज्यता के नियमों (Divisibility Rules) से संबंधित कुछ MCQs दिए गए हैं:

    MCQ:

    1. 123456 संख्या को किससे विभाजित करने के लिए विभाज्यता का नियम है: “अंतिम अंक 2, 4, 6, 8 या 0 होना चाहिए”?

       (a) 2

       (b) 3

       (c) 5

       (d) 9

        उत्तर : a) 2

    2. किसी संख्या को 3 से विभाजित करने के लिए कौन-सा विभाज्यता नियम है?

       (a) अंतिम अंक 0 या 5 होना चाहिए।

       (b) सभी अंकों का योग 3 से विभाज्य होना चाहिए।

       (c) अंतिम दो अंक 4 से विभाज्य होने चाहिए।

       (d) संख्या का अंतिम अंक 2, 4, 6, 8 या 0 होना चाहिए।

        उत्तर : b) सभी अंकों का योग 3 से विभाज्य होना चाहिए।

    3. 5432 संख्या को 5 से विभाजित करने के लिए कौन-सा नियम लागू होगा?

       (a) सभी अंकों का योग 5 होना चाहिए।

       (b) अंतिम अंक 0 या 5 होना चाहिए।

       (c) अंतिम दो अंक 25 से विभाज्य होने चाहिए।

       (d) संख्या 4 से विभाज्य होनी चाहिए।

        उत्तर : b) अंतिम अंक 0 या 5 होना चाहिए।

    4. संख्या 1236 को 4 से विभाजित करने के लिए कौन-सा विभाज्यता नियम है?

       (a) अंतिम दो अंक 4 से विभाज्य होने चाहिए।

       (b) अंतिम तीन अंक 4 से विभाज्य होने चाहिए।

       (c) सभी अंकों का योग 4 से विभाज्य होना चाहिए।

       (d) अंतिम अंक 4 होना चाहिए।

        उत्तर : a) अंतिम दो अंक 4 से विभाज्य होने चाहिए।

    5. संख्या 176 को 8 से विभाजित करने के लिए कौन-सा विभाज्यता नियम लागू होता है?

       (a) अंतिम दो अंक 8 से विभाज्य होने चाहिए।

       (b) अंतिम तीन अंक 8 से विभाज्य होने चाहिए।

       (c) सभी अंकों का योग 8 से विभाज्य होना चाहिए।

       (d) अंतिम अंक 0 या 8 होना चाहिए।

        उत्तर : b) अंतिम तीन अंक 8 से विभाज्य होने चाहिए।

    6. 396 को 9 से विभाजित करने का नियम क्या है?

       (a) सभी अंकों का योग 9 से विभाज्य होना चाहिए।

       (b) अंतिम अंक 9 होना चाहिए।

       (c) अंतिम दो अंक 9 से विभाज्य होने चाहिए।

       (d) संख्या का अंतिम अंक 0 या 9 होना चाहिए।

        उत्तर : a) सभी अंकों का योग 9 से विभाज्य होना चाहिए।

    7. संख्या 132 को 6 से विभाजित करने के लिए कौन-सा नियम लागू होता है?

       (a) संख्या 2 और 3 दोनों से विभाज्य होनी चाहिए।

       (b) अंतिम अंक 6 होना चाहिए।

       (c) सभी अंकों का योग 6 होना चाहिए।

       (d) अंतिम दो अंक 6 से विभाज्य होने चाहिए।

        उत्तर : a) संख्या 2 और 3 दोनों से विभाज्य होनी चाहिए।

    8. संख्या 3725 को 25 से विभाजित करने के लिए कौन-सा विभाज्यता नियम है?

       (a) अंतिम अंक 0 या 5 होना चाहिए।

       (b) अंतिम दो अंक 25 से विभाज्य होने चाहिए।

       (c) सभी अंकों का योग 25 से विभाज्य होना चाहिए।

       (d) अंतिम तीन अंक 25 से विभाज्य होने चाहिए।

        उत्तर : b) अंतिम दो अंक 25 से विभाज्य होने चाहिए।

    9. किसी संख्या को 11 से विभाजित करने का विभाज्यता नियम क्या है?

       (a) सभी अंकों का योग 11 से विभाज्य होना चाहिए।

       (b) अंतिम अंक 11 होना चाहिए।

       (c) वैकल्पिक अंकों के योग का अंतर 11 से विभाज्य होना चाहिए।

       (d) अंतिम दो अंक 11 से विभाज्य होने चाहिए।

        उत्तर : c) वैकल्पिक अंकों के योग का अंतर 11 से विभाज्य होना चाहिए।

    10. संख्या 17250 को 10 से विभाजित करने का नियम क्या है?

        (a) अंतिम अंक 5 होना चाहिए।

        (b) अंतिम अंक 0 होना चाहिए।

        (c) अंतिम दो अंक 10 से विभाज्य होने चाहिए।

        (d) संख्या का अंतिम अंक 2 या 5 होना चाहिए।

         उत्तर : b) अंतिम अंक 0 होना चाहिए।

    ये MCQs छात्रों को विभाज्यता के नियमों को समझने में मदद करेंगे।

  • [MULT02] बोडमास नियम से सरलीकरण

    [MULT02] बोडमास नियम से सरलीकरण

    किसी गणितीय व्यंजक को साधारण भिन्न या संख्यात्मक रूप में बदलने की प्रक्रिया ‘सरलीकरण’ कहलाती है।

    बोडमास नियम से सरलीकरण

    BODMAS में कोष्ठक (Bracket), का (of), भाग (Division), गुणा (Multiplication), जोड़ (Addition), तथा घटाव (Subtraction) की क्रिया एक साथ की जाती हैं।

    B → कोष्ठक ( Bracket )

    कोष्ठक के चार प्रकार

    कोष्ठक चार प्रकार के होते हैं –

    ― → रेखा कोष्ठक (Line Bracket)

    ( ) → छोटा कोष्ठक (Simple or Small Bracket)

    { } → मझला कोष्ठक (Curly Bracket)

    [ ] → बड़ा कोष्ठक (Square Bracket)

    इनको इसी क्रम में सरल करते हैं ।

    यदि कोष्ठक के पहले ऋण चिह्न हो, तो सरल करने पर अन्दर के सभी चिह्न बदल जाते हैं।

    O → का ( Of )

    D → भाग ( Division )

    M → गुणा ( Multiplication )

    A → योग ( Addition )

    S → अन्तर ( Subtraction )

    यहाँ कुछ BODMAS नियम पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQ) दिए गए हैं:

    BODMAS के अनुसार निम्नलिखित में से सही गणना क्या है?
    8+6÷2×3

    (A) 21

    (B) 17

    (C) 22

    (D) 19


    BODMAS नियम का पालन करते हुए इस समीकरण को हल करें: 7+3×(4−2)÷2

    (A) 10

    (B) 12

    (C) 13

    (D) 14


    BODMAS के अनुसार निम्नलिखित में सही उत्तर क्या होगा?
    18÷3×2+5

    (A) 17

    (B) 13

    (C) 16

    (D) 15


    BODMAS का उपयोग करके इस समीकरण को हल करें: 6+(12÷4)×3

    (A) 15

    (B) 21

    (C) 18

    (D) 24


    निम्नलिखित में BODMAS के अनुसार सही हल क्या है?
    10×(6+2)÷4

    (A) 16

    (B) 20

    (C) 14

    (D) 15


    BODMAS नियम को ध्यान में रखते हुए यह समीकरण हल करें: (5+10)÷5+2×4

    (A) 11

    (B) 14

    (C) 12

    (D) 13


  • [MULT03] अपवर्त्य या गुणज (Multiple): लघुत्तम समापवर्त्य निकालने का तरीका

    [MULT03] अपवर्त्य या गुणज (Multiple): लघुत्तम समापवर्त्य निकालने का तरीका

    दो या दो से अधिक संख्याओं का लघुत्तम समापवर्त्य वह छोटी से छोटी संख्या हैं जो उन संख्याओं से पूरी तरह विभाजित हो जाती हैं।

    जैसे:- 4, 8, 12 का लघुत्तम समापवर्त्य = 2 × 2 × 2 × 3 = 24

    अतः अभीष्ट लघुत्तम समापवर्त्य 24 वह छोटी से छोटी संख्या हैं जो 4, 8, 12 तीनों से पूरी-पूरी तरह विभाजित हो जाती हैं।

    अपवर्त्य या गुणज (Multiple): लघुत्तम समापवर्त्य निकालने का तरीका

    अपवर्त्य या गुणज (Multiple)

    अपवर्त्य या गुणज (Multiple) :- किसी संख्या का अपवर्त्य वे सभी संख्याएँ होती हैं जिसमें उस संख्या से पूर्ण भाग किया जाता हैं।

    3 और 6 संख्या 18 के गुणनखंड है । यहाँ 18, संख्या 3 और 6 का गुणज अथवा अपवर्त्य (Multiple) है। इसी प्रकार 48 = 4 x 12 यह दर्शाता है कि 4 और 12, संख्या 48 के अपवर्तक हैं तथा 48, 4 और 12 का एक अपवर्त्य है। अपवर्त्य को गुणज भी कहते हैं।

    किसी संख्या में प्राकृतिक संख्याओं (1, 2, 3, …… ) से गुणा करने पर उस संख्या के विभिन्न गुणज अथवा अपवर्त्य प्राप्त होते हैं।

    • 2 के गुणज अथवा अपवर्त्य-2, 4, 6, ……
    • 3 का अपवर्त्य = 3, 6, 9, 12, 15, 18, 21, 24, 27, 30
    • 4 का अपवर्त्य = 4, 8, 12, 16, 20, 24, 27, 32, 36, 40
    • 5 के गुणज अथवा अपवर्त्य-5,10, 15, ……
    • 16 के अपवर्त्य- 16,32,48, 64, …… आदि।

    समापवर्त्य (Common Multiple) की अवधारणा

    संख्याअपवर्त्य
    3
    6
    9
    3,6,9,12,15,18 ……
    6,12,18, ……
    9,18,27, ……

    तीनों संख्याओं में संख्या 18 समान अपवर्त्य है। अतः उपरोक्त संख्या का समापवर्त्य 18 है। संख्याओं के समान अपवर्त्यों को उनका समापवर्त्य कहते हैं।

    उपरोक्त सारणी से,

    • कोई संख्या अपने प्रत्येक अपवर्तक का अपवर्त्य होती है।
    • किसी संख्या का प्रत्येक अपवर्त्य उस संख्या से बड़ा या उसके बराबर होता है।
    • प्रत्येक संख्या स्वयं का एक अपवर्त्य है।
    • किसी संख्या के अपवर्त्यों की संख्या असीमित होती है।

    जब आप 8 में 5 का गुणा करते हैं तो गुणनफल 40 प्राप्त होता है।

    यहाँ 8 x 5 = 40 में, 8 गुण्य, 5 गुणक तथा 40 गुणनफल है। 8 व 5 को 40 का गुणनखंड कहते हैं।

    लघुत्तम समापवर्त्य निकालने का तरीका

    • अभाज्य गुणनखण्ड विधि द्वारा
    • भाग विधि द्वारा

    (a). अभाज्य गुणनखण्ड विधि द्वारा

    सर्वप्रथम दी गई संख्या को अभाज्य गुणनखण्डों के रूप में व्यक्त करें। फिर इन संख्याओं के सभी अभाज्य गुणनखण्डों के सबसे बड़े घातांकों वाली संख्याओं का प्राप्त गुणनखण्ड ही लघुत्तम समापवर्त्य हैं।

    उदाहरण 1. 32, 64 तथा 128 का लघुत्तम समापवर्त्य ज्ञात कीजिए?

    हल:- प्रश्नानुसार,
    32 ⇒ 2 × 2 × 2 × 2 × 2 = 2⁵
    64 ⇒ 2 × 2 × 2 × 2 × 2 × 2 = 2⁶
    48 ⇒ 2 × 2 × 2 × 2 × 3 = 2⁴ × 3¹
    लघुत्तम समापवर्त्य = 2, 3 की सबसे बड़े घातांकों वाली संख्याओं का गुणनफल = 2⁶ × 3¹
    लघुत्तम समापवर्त्य = 96

    उदाहरण 2. 12, 48, 72 तथा 120 का लघुत्तम समापवर्त्य ज्ञात कीजिए?

    हल:- प्रश्नानुसार,
    12 = 2 × 2 × 3 = 2² × 3¹
    48 = 2 × 2 × 2 × 2 × 3 = 2⁴ × 3¹
    72 = 2 × 2 × 2 × 3 × 3 = 2³ × 3²
    120 = 2 × 2 × 2 × 3 × 5 = 2³ × 3¹ × 5¹
    लघुत्तम समापवर्त्य = 2, 3 तथा 5 की सबसे बड़ी घातों वाली संख्याओं का गुणनफल = 2⁴ × 3² × 5¹
    लघुत्तम समापवर्त्य = 16 × 9 × 5
    लघुत्तम समापवर्त्य = 720
    Ans. 720

    (b). भाग विधि द्वारा

    उदाहरण 3. 24, 48, 96, 192 का लघुत्तम समापवर्त्य ज्ञात कीजिए?

    LCM

    लघुत्तम समापवर्त्य = 2 × 2 × 2 × 2 × 2 × 2 × 3 = 2⁶ × 3¹
    लघुत्तम समापवर्त्य = 192

    उदाहरण 4. 32, 56, 78, 120 का लघुत्तम समापवर्त्य ज्ञात कीजिए?

    LCM

    लघुत्तम समापवर्त्य = 2 × 2 × 2 × 2 × 2 × 3 × 5 × 7 × 13
    लघुत्तम समापवर्त्य = 32 × 15 × 91
    लघुत्तम समापवर्त्य = 43,680

    भिन्नों का लघुत्तम समापवर्त्य

    भिन्नों का लघुत्तम समापवर्तक (L.C.M.) = अंशों का लघुत्तम समापवर्त्य / हरों का महत्तम समापवर्तक

    उदाहरण 5. 7/9, 14/15 तथा 7/10 का लघुत्तम समापवर्त्य ज्ञात कीजिए?

    हल:- प्रश्ननानुसार,
    दी गई भिन्नों का लघुत्तम समापवर्त्य = 7, 14, 7 का लघुत्तम समापवर्त्य / 9, 15, 10 का महत्तम समापवर्तक
    = 14/1
    = 14

    उदाहरण 6. 2/5, 3/4, 1/9 तथा 7/10 का लघुत्तम समापवर्त्य ज्ञात कीजिए?

    हल:- प्रश्ननानुसार,
    दी गई भिन्नों का लघुत्तम समापवर्त्य = 2, 3, 1, 7 का लघुत्तम समापवर्त्य / 5, 4, 9, 10 का महत्तम समापवर्तक
    = 42/1
    = 42

    घातांक का लघुत्तम समापवर्त्य

    (a). जब दी गयी संख्याओं का आधार समान हो, तो सर्वाधिक घात वाली संख्या ही दिए गए संख्याओं का लघुत्तम समापवर्त्य होगा।

    उदाहरण 7. 5¹, 5², 5⁴, 5⁶ तथा 5¹² का ल स ज्ञात कीजिए?

    हल:- समान आधार पर 5 हैं। तथा अधिकतम घात 5¹² का हैं।
    लघुत्तम समापवर्त्य = 5¹²

    उदाहरण 8. 5⁻¹, 5⁻², 5⁻⁴, 5⁻⁶ तथा 5⁻¹² का ल. स. ज्ञात कीजिए?

    हल:- आधार 5 समान हैं तथा अधिकतम घात 5⁻¹ की हैं।
    लघुत्तम समापवर्त्य = 5⁻¹

    (b). जब आधार समान नहीं हो तथा आधार में कोई उभयनिष्ठ गुणन खण्ड नहीं हो, तो दिए गए संख्याओं का गुणनखण्ड ही लघुत्तम समापवर्त्य होगा।

    उदाहरण 9. 5³ तथा 2³ का लघुत्तम समापवर्त्य = 5³ × 2³

    लघुत्तम समापवर्त्य = 5 × 5 × 5 × 2 × 2 × 2
    लघुत्तम समापवर्त्य = 125 × 8
    लघुत्तम समापवर्त्य = 1000

    दशमलव संख्याओं का लघुत्तम समापवर्त्य

    (a). सबसे पहले दशमलव के बाद अधिकतम अंकों वाली संख्या का पता लगाइए।

    (b). यदि दशमलव के बाद अधिकतम दो अंक हो, तो सभी अंकों में 100 से गुणा करके उसे पूर्ण संख्या में बदल देगें।

    अगर दशमलव के बाद अधिकतम तीन, चार या पाँच अंक हो, तो उसमें क्रमशः 1000, 10000 या 100000 से गुणा करके उसे पूर्ण संख्या में बदल देगें।

    (c). प्राप्त पूर्ण संख्याओं का लघुत्तम समापवर्त्य ज्ञात करेंगें। उसके बाद प्राप्त लघुत्तम समापवर्त्य में 100, 1000, 10000 से गुणा किया गया था। भाग देने के बाद जो संख्या प्राप्त होगी वही दी गई संख्याओं का लघुत्तम समापवर्त्य होगा।

    उदाहरण 10. 0.12, 4.8, 0.72 तथा 1.20 का लघुत्तम समापवर्त्य ज्ञात कीजिए?

    हल:- यहाँ दशमलव के बाद अधिकतम दो अंक हैं। इसलिए सभी संख्याओं को 100 से गुणा करने पर प्राप्त संख्या = 12, 480, 72, 120

    इन संख्याओं का लघुत्तम समापवर्त्य = 1440
    अभीष्ट लघुत्तम समापवर्त्य = 1440/100
    लघुत्तम समापवर्त्य = 14.40

  • [MULT04] अपवर्तक या गुणनखण्ड (Factor): महत्तम समापवर्तक निकालने का तरीका

    [MULT04] अपवर्तक या गुणनखण्ड (Factor): महत्तम समापवर्तक निकालने का तरीका

    दो से अधिक संख्याओं का महत्तम समापवर्तक वह बड़ी से बड़ी संख्या हैं जिसमें वह सभी संख्याएँ पूरी-पूरी विभाजित हो जाती हैं। जैसे:- 4, 8, 12 का महत्तम समापवर्तक 4 हैं।

    अपवर्तक या गुणनखण्ड (Factor): महत्तम समापवर्तक निकालने का तरीका

    अपवर्तक या गुणनखण्ड (Factor) 

    किसी संख्या का अपवर्तक वे सभी संख्याएँ हैं जो उस संख्या को पूर्णतः विभाजित कर देती हैं। जैसे :-

    42 का अपवर्तक = 1, 2, 3, 6, 7, 14, 21, 42
    48 का अपवर्तक = 1, 2, 3, 4, 6, 8, 12, 16, 24, 48

    कोई संख्या जिन-जिन संख्याओं से पूरी-पूरी विभाजित हो जाती है वे संख्याएं उस संख्या की अपवर्तक कहलाती है।

    संख्या अपवर्तक
    2
    8
    15
    70
    84
    1,2
    1,2,4,8
    1,3,5,15
    1,2,5,7,70
    1, 2, 3, 4, 6, 7, 12, 14, 21, 28, 42, 84

    समापवर्तक (Common Factor) की अवधारणा

    तीनों संख्याओं में 2, 4 तथा 8 समान अपवर्तक है। इस प्रकार समान अपवर्तक को ही समापवर्तक कहते हैं।
    अतः उपरोक्त संख्या का समापवर्तक 2,4 व 8 है।

    उपर्युक्त सारिणी से,

    • 1 प्रत्येक संख्या का अपवर्तक है।
    • प्रत्येक संख्या स्वयं का अपवर्तक होती है।
    • किसी संख्या का प्रत्येक अपवर्तक उस संख्या का एक पूर्ण विभाजक है।
    • किसी दी हुई संख्या के अपवर्तकों की संख्या सीमित होती है।
    • किसी संख्या का प्रत्येक अपवर्तक उस संख्या से छोटा या उसके बराबर होता है।

    महत्तम समापवर्तक निकालने का तरीका

    • अभाज्य गुणनखण्ड विधि
    • द्वारा भाग विधि द्वारा

    (a). अभाज्य गुणनखण्ड विधि द्वारा

    सर्वप्रथम दी गई प्रत्येक संख्या को अभाज्य गुणनखण्डों के गुणनफल के रूप में लिखिए।

    उभयनिष्ठ अभाज्य गुणनखण्डों की छोटी से छोटी घातों वाले गुणनखण्डों का गुणनफल ही प्राप्त संख्याओं का महत्तम समापवर्तक होगा।

    उदाहरण 1. 8, 36 तथा 72 का महत्तम समापवर्तक ज्ञात कीजिए?

    हल:- प्रश्ननानुसार,
    8 ⇒ 2 × 2 × 2 = 2³
    36 ⇒ 2 × 2 × 3 × 3 = 2² × 2²
    72 ⇒ 2 × 2 × 2 × 3 × 3 = 2³ × 2²
    उभयनिष्ट अभाज्य गुणनखण्ड = 2
    महत्तम समापवर्तक = सबसे छोटी घातांकों वाली संख्याओं का गुणनफल = 2²
    महत्तम समापवर्तक = 4

    उदाहरण 2. 48, 36 तथा 72 का महत्तम समापवर्तक ज्ञात कीजिए?

    हल:- प्रश्नानुसार,
    48 ⇒ 2 × 2 × 2 × 2 × 3 = 2⁴ × 3¹
    36 ⇒ 2 × 2 × 3 × 3 = 2² × 3²
    72 ⇒ 2 × 2 × 2 × 3 × 3 = 2³ × 3²
    उभयनिष्ट अभाज्य गुणनखण्ड = 2, 3
    महत्तम समापवर्तक = 2, 3 तथा 5 की सबसे छोटी घातों वाली संख्याओं का गुणनफल = 2² × 3¹
    महत्तम समापवर्तक = 4 × 3
    महत्तम समापवर्तक = 12
    Ans. 12

    (b). भाग विधि द्वारा

    माना दो संख्याओं x और y का महत्तम समापवर्तक ज्ञात करना हैं। जबकि (y > x) → y, x से बड़ा हैं। बड़ी संख्याओं में छोटी संख्या से भाग देगें।

    उदाहरण 3. 8, 36 और 72 का महत्तम समापवर्तक ज्ञात कीजिए?

    महत्तम समापवर्तक

    उदाहरण 4. 48, 36 और 72 का महत्तम समापवर्तक ज्ञात कीजिए?

    महत्तम समापवर्तक

    भिन्नों का महत्तम समापवर्तक

    भिन्नों का महत्तम समापवर्तक (L.C.M.) = अंशों का महत्तम समावतर्क / हरों का लघुत्तम समापवर्त्य

    उदाहरण 5. 5/6, 5/8, 10/21 तथा 2/3 का महत्तम समापवर्तक ज्ञात कीजिए?

    हल:- प्रश्ननानुसार,
    दी गई भिन्नों का महत्तम समापवर्तक = 5, 5, 10 और 2 का महत्तम समापवर्तक / 6, 8, 21 और 3 का लघुत्तम समापवर्त्य
    महत्तम समापवर्तक = 1/168

    उदाहरण 6. 1/7, 2/3, 4/5 तथा 5/7 का लघुत्तम समापवर्त्य ज्ञात कीजिए?

    हल:- प्रश्ननानुसार,
    दी गई भिन्नों का महत्तम समापवर्तक = 1, 2, 4 और 5 का महत्तम समापवर्तक / 7, 3, 5 और 7 का लघुत्तम समापवर्त्य
    महत्तम समापवर्तक = 1/105

    घातांक का महत्तम समापवर्तक

    (a). जब दी गयी संख्याओं का आधार समान हो, तो सर्वाधिक घात वाली संख्या ही दिए गए संख्याओं का महत्तम समापवर्तक होगा।

    उदाहरण 7. 7², 7⁹, 7¹⁴ तथा , 7³² का महत्तम समापवर्तक ज्ञात कीजिए?

    हल:- समान आधार पर 7 हैं। तथा न्यूनतम घात 7² का हैं।
    महत्तम समापवर्तक = 7²

    उदाहरण 8. 5⁻¹, 5⁻², 5⁻⁴, 5⁻⁶ तथा 5⁻¹² का महत्तम समापवर्तक ज्ञात कीजिए?

    हल:- आधार 8 समान हैं तथा न्यूनतम घात 8⁻¹² की हैं।
    महत्तम समापवर्तक = 8⁻¹²

    (b). जब आधार समान नहीं हो तथा आधार में कोई उभयनिष्ठ गुणन खण्ड नहीं हो, तो दिए गए संख्याओं का गुणनखण्ड ही महत्तम समापवर्तक 1 होगा।

    उदाहरण 9. 2³, 4² और 8² का महत्तम समापवर्तक ज्ञात कीजिए?

    चूँकि आधार (2) समान हैं इसलिए महत्तम समापवर्तक 1 नहीं होगा। इसका महत्तम समापवर्तक 8 होगा।

    दशमलव संख्याओं का महत्तम समापवर्तक

    (a). सबसे पहले दशमलव के बाद अधिकतम अंकों वाली संख्या का पता लगाइए।

    (b). यदि दशमलव के बाद अधिकतम दो अंक हो, तो सभी अंकों में 100 से गुणा करके उसे पूर्ण संख्या में बदल देगें।

    अगर दशमलव के बाद अधिकतम तीन, चार या पाँच अंक हो, तो उसमें क्रमशः 1000, 10000 या 100000 से गुणा करके उसे पूर्ण संख्या में बदल देगें।

    (c). प्राप्त पूर्ण संख्याओं का महत्तम समापवर्तक ज्ञात करेंगें। उसके बाद प्राप्त महत्तम समापवर्तक में 100, 1000, 10000 से गुणा किया गया था। भाग देने के बाद जो संख्या प्राप्त होगी वही दी गई संख्याओं का महत्तम समापवर्तक होगा।

    उदाहरण10. 0.05, 0.10, तथा 0.025 का महत्तम समापवर्तक ज्ञात कीजिए?

    हल:- यहाँ दशमलव के बाद अधिकतम तीन अंक हैं। इसलिए सभी संख्याओं को 1000 से गुणा करने पर प्राप्त संख्या = 50, 100, तथा 25

    इन संख्याओं का महत्तम समापवर्तक = 25
    अभीष्ट लघुत्तम समापवर्त्य = 25/1000
    लघुत्तम समापवर्त्य = 0.025

  • [ANGLE1] कोण: नामकरण एवं मापन

    [ANGLE1] कोण: नामकरण एवं मापन

    कोण: नामकरण एवं मापन

    अभ्यास

    चाँदे की सहायता से निम्न कोण बनाएं-
    (i)45° (ii)75° (iii) 90° (iv) 120° (v)155° (vi) 210°

    6 बजे घड़ी की दोनों सुईयों (घंटा एवं मिनट) के बीच कितना कोण बनेगा।

  • [ANGLE3] कोण के प्रकार

    [ANGLE3] कोण के प्रकार

    कोण के प्रकार

    (1) शून्य कोण: वह कोण जिसका माप 0° हो शून्य कोण कहलाता है।


    (2) सरल कोण: वह कोण जिसका माप 180° हो सरल कोण कहलाता है।


    (3) न्यूनकोण: वह कोण जो 0° से बड़ा तथा 90° से छोटा हो, न्यूनकोण कहलाता है।


    (4) समकोण: वह कोण जिसकी माप 90° हो समकोण कहलाता है। समकोण में एक भुजा दूसरी भुजा पर लम्ब होती है।

    (5)अधिक कोण: एक कोण जिसका माप 90° से अधिक परन्तु 180° से कम हो अधिक कोण कहलाता है।


    (6) प्रतिवर्ती कोण (वृहत् कोण): वह कोण जिसका माप समकोण 180° से अधिक तथा 360° से कम हो, प्रतिवर्ती कोण कहलाता है।

    (7) सम्पूर्ण कोण: यदि कोई किरण अपने प्रारम्भिक बिन्दु के चारों ओर एक पूरा चक्कर लगाने के बाद अपने प्रारम्भिक स्थिति से सम्पाती हो जाए तो इस प्रकार बना कोण सम्पूर्ण कोण कहलाता है। यह कोण 360° का होता है।

  • [ANGLE4] आंतरिक कोणों से सम्बंधित प्रश्न

    [ANGLE4] आंतरिक कोणों से सम्बंधित प्रश्न

    आंतरिक कोणों से सम्बंधित प्रश्न

    प्रश्न 1: दिए गए त्रिभुज ABC के लिए अज्ञात कोण x ज्ञात कीजिए, जहाँ ∠A = 25° और ∠B = 90° है

    समाधान:

    दिया गया है कि ∠A = 25° और ∠B = 90°

    मान लीजिए ∠C = x

    हम जानते हैं कि त्रिभुज के आंतरिक कोणों का योग 180° होता है

    इसलिए,

    ∠A + ∠B + ∠C = 180°

    25°+ 90° + x = 180°

    115° + x = 180°

    x = 180° – 115°

    x = 65°

    अतः अज्ञात कोण का मान 65° है

    प्रश्न 2:  चतुर्भुज ABCD में अज्ञात कोण ज्ञात कीजिए, जहाँ ∠A = 120 ° , ∠B = 60 ° , ∠C = 45 ° है। अज्ञात कोण D ज्ञात कीजिए। 

    दिया गया:

    ∠ए = 120 °

    ∠बी = 60 °

    ∠सी = 45 °

    ∠D ज्ञात करने के लिए ,

    हम जानते हैं कि चतुर्भुज के आंतरिक कोणों का योग 360 ° के बराबर होता है ।

    इसलिए, 

    ∠A + ∠B + ∠C + ∠D = 360 ° ….(1)

    अब समीकरण (1) में ज्ञात मान प्रतिस्थापित करने पर हमें प्राप्त होता है

    120 ° + 60 ° + 45 ° + ∠D = 360 ° 

    225 ° + ∠D = 360 ° 

    ∠D = 360 ° – 225 °

    ∠डी = 135 °

    इसलिए, अज्ञात कोण, ∠D 135 ° है

  • [RAPP01] अनुपात: सारणी समझ और अभ्यास

    [RAPP01] अनुपात: सारणी समझ और अभ्यास

    समान प्रकार की दो राशियों / वस्तुओं के बीच सम्बन्ध को अनुपात कहते हैं। दो राशियों का अनुपात एक भिन्न के बराबर होता है , अतः यह प्रदर्शित करता है कि एक राशि दूसरी राशि से कितनी गुनी कम या अधिक है। माना, एक राशि x तथा दूसरी राशि y है, तब इनके बीच अनुपात = x : y

    अनुपात: सारणी समझ और अभ्यास

    अनुपात: सारणी

    पूर्वपद (Antecedent):

    अनुपात में पहले स्थान पर आने वाले पद को पूर्वपद कहा जाता है। उदाहरण के लिए, यदि अनुपात 3:5 है, तो यहाँ 3 पूर्वपद है। यह उस वस्तु या संख्या को दर्शाता है जिसकी पहले तुलना की जा रही है।

    उत्तरपद (Consequent):

    अनुपात में दूसरे स्थान पर आने वाले पद को उत्तरपद कहा जाता है। उदाहरण के लिए, यदि अनुपात 3:5 है, तो 5 उत्तरपद है। यह दूसरी संख्या या वस्तु है जिसकी तुलना की जा रही है।

    अनुपात का उदाहरण:

    यदि किसी कक्षा में 10 लड़के और 15 लड़कियाँ हैं, तो लड़के और लड़कियों का अनुपात 10:15 होगा। इसमें:

    • पूर्वपद (Antecedent) = 10 (लड़के)
    • उत्तरपद (Consequent) = 15 (लड़कियाँ)

    अनुपात: समझ

    50 पुस्तकों एवं 10 पुस्तकों के मध्य अनुपात = 50:10 = 5:1
    राम की उम्र 20 वर्ष एवं श्याम की उम्र 30 वर्ष है। दोनों के उम्र के मध्य अनुपात =20:30=2:3
    400 किलो गेहूं एवं 100 किलो गेहूं के मध्य अनुपात = 400: 100 = 4:1
    राशि a तथा राशि b के मध्य अनुपात = a : b

    अनुपात: अभ्यास

    एक स्कूल में कुल विद्यार्थियों की संख्या 1500 है। उसमें से लड़कियों की संख्या 600 है। लड़कों तथा लड़कियों की संख्या का अनुपात ज्ञात कीजिए?

    20 गुब्बारों को दो बच्चों के बीच 2: 3 के अनुपात में बांटिए। बताइए दोनों को कितने-कितने गुब्बारे मिले ?

    राजेश और जावेद ने मिलकर एक दुकान खोली। दुकान में राजेश ने 45000 रु तथा जावेद ने 36000 रु लगाए। बताइए राजेश और जावेद द्वारा लगाई पूंजियों का मूल अनुपात क्या है ?

    किसी परीक्षा में 117 परीक्षार्थियों में से 65 असफल हो गए तो सफल और असफल परीक्षार्थियों की संख्या में क्या अनुपात है ?

    रत्ना और शीला ने मिलकर अपने चाचा के बगीचे से 18 आम तोड़े। दोनों अब इस आम को आपस में बाँटना चाहते हैं। रत्ना चाहती है कि उम्र के अनुपात में आमों को बांटना चाहिए। अब बताइए कि ऐसे बाँटने पर रत्ना और शीला को कितने-कितने आम मिलेंगे जबकि रत्ना की उम्र 15 वर्ष तथा शीला की उम्र 12 वर्ष है।

    तीन कॉपियों की कीमत 16.50 रू. है। तो 7 कॉपियों की कीमत ज्ञात कीजिए।

    किसी मज़दूर की 25 दिनों की आय 1500 रु. है। उसकी 30 दिनों की आय ज्ञात कीजिए।

    यदि 22 मीटर कपड़े का मूल्य 704 रु है तो 20 मीटर कपड़े का मूल्य क्या होगा ?

    हमने सीखा

    • दो समान राशियों का अनुपात यह दर्शाता है कि एक राशि दूसरी राशि से कितनी गुनी है।
    • दो राशियों का अनुपात प्रायः उनके सरलतम रूप में व्यक्त किया जाता है। जैसे na : nb को a :b लिखा जाता है।
    • दी गई राशियों से पहले एक राशि का इकाई मान ज्ञात कर फिर वांछित संख्या में राशियों का मान ज्ञात करने की विधि को ऐकिक विधि कहा जाता है।
  • [DECN01] दशमलव संख्या : सामान्य जानकारी

    [DECN01] दशमलव संख्या : सामान्य जानकारी

    दशमलव को (.) द्वारा दर्शाया जाता है।

    दशमलव युक्त संख्याओं को कैसे पढ़ा जाये

    दशमलव युक्त संख्याओं में दशमलव के दाई ओर की संख्याओं को हमेशा अलग-अलग करके पढ़ा जाता हैं।

    जैसे:-

    2.345 को इस प्रकार पढ़ा जाएगा –
    दो दशमलव तीन चार पाँच

    4.678 को इस प्रकार पढ़ा जाएगा –
    चार दशमलव छः सात आठ

    342.570 को इस प्रकार पढ़ा जाएगा –
    तीन सौ बयालीस दशमलव पाँच सात शून्य

    दशमलव के दाईं तथा बाईं ओर शून्यों का महत्व

    दशललव के दाईं अथवा बाईं ओर रखें शून्यों के बाद अगर कोई अंक नहीं हो, तो उन शून्यों का कोई महत्व नहीं होता हैं।

    जैसे:- 00000.512 → .512
    234.30000 → 234.3
    0000.678 → .678
    89.800000000 → 89.8

    लेकिन बाईं ओर के शून्य के पहले या दाईं ओर के शून्य के बाद कोई अंक हो, तो उन सभी शून्य का महत्व होता हैं।

    जैसे:- 40000.87625
    621.0000082
    7864.000076
    3478.098000

    दो दशमलव संख्याओं की आपस में तुलना

    दो दशमलव संख्याओं की आपस में तुलना की जा सकती है। तुलना संख्या के पूर्ण भाग (जो कि दशमलव बिंदु की बाईं ओर के अंक होते हैं) से शुरू की जाती है। यदि पूर्ण भाग समान हैं तो दशांश स्थान के अंकों की तुलना की जाती है और यदि ये भी समान हों तो अगले अंक को देखें यह क्रम आगे बढ़ता रहता है।

    दशमलवों का प्रयोग

    दशमलवों का प्रयोग धन, लंबाई और भार (वज़न) की इकाइयों को दर्शाने के लिए किया जाता है।

    1 पैसा= 0.01 रुपया

    1 ग्राम = 0.001 किग्रा ।

    1 मिली = 0.001 लीटर।

    1 सेमी = 0.01 मीटर ।

    1मीटर=0.001किमी।

  • [DECN05] दशमलव संख्याओं पर संक्रियाएं

    [DECN05] दशमलव संख्याओं पर संक्रियाएं

    दशमलव संख्याओं पर संक्रियाएं

    दशमलव संख्याओं को जोड़ना

    प्रश्न 1. 45.7 + 67.9 = ?

    उत्तर:- 113.6


    प्रश्न 2. 67.98 + 54.5 + 65.9 = ?

    उत्तर:- 188.38


    प्रश्न 3. 435.7 + 45.32 + 43.23 = ?

    उत्तर:- 524.25


    प्रश्न 4. 3457.89 + 4578.98 + 7655.34 = ?

    उत्तर:- 15,692.21


    प्रश्न 5. 32.005 + 0.005 + 0.2 + 756.76 = ?
    उत्तर:- 788.97

    दशमलव संख्याओं को घटाना

    प्रश्न 6. 34455.89 – 1287.90 = ?

    उत्तर:- 33,167.99


    प्रश्न 7. 4567.980 – 2234.78 = ?

    उत्तर:- 2,333.2


    प्रश्न 8. 675.98 – 87.98 = ?

    उत्तर:- 588


    प्रश्न 9. 324.0357 – 287.976 = ?
    उत्तर:- 36.0597


    प्रश्न 10. 9566.8988 – 455.777 = ?

    उत्तर:- 9,111.1218

    दशमलव संख्याओं को गुणा करना

    उदाहरण :- 2.54 × 3.656

    दशमलव भिन्नों के गुणा के नियम

    (a). दोनों संख्याओं में दशमलव का स्थान
    गिनती कर लेते हैं तथा जोड़ लेते हैं।
    2.54 = 2 स्थान
    3.656 = 3 स्थान

    Note :- गिनती हमेशा दाईं ओर से करते हैं।


    (b). अब सभी संख्याओं में से दशमलव को निकालकर साधारण ढंग से गुणा कर देते हैं।
    जैसे:- 254 × 3656 = 928624


    (c). अब प्राप्त गुणनफल में दाईं ओर से पाँच स्थान बाद दशमलव लगा देंगे।
    अतः 2.54 × 3.656 = 9.28624
    उत्तर:- 9.28624


    प्रश्न 11. 24.6 × 4.5 = ?

    उत्तर:- 110.7


    प्रश्न 12. 67.9 × 67.9 = ?

    उत्तर:- 4,610.41


    प्रश्न 13. 675.8 × 34.8 = ?

    उत्तर:- 23,517.84


    प्रश्न 14. 786.7 × 988.9 × 643.6 = ?

    उत्तर:- 500,699,966.66


    प्रश्न 15. 3456.54 × 567.56 = ?
    उत्तर:- 1,961,793.8424

    दशमलव संख्याओं को दशमलव संख्याओं से भाग देना

    Example :- 9.36/0.004 = ?

    दशमलव भिन्नों के भाग के नियम :-

    (a). हर (दशमलव का स्थान) = 3
    अंश (दशमलव का स्थान) = 2

    (b). हर – अंश = 3 – 1 = 2


    (c). दशमलव हटाकर साधारण विधि से हल करें।

    जैसे:- 936/4 = 234


    Note: (हर में दशमलव का स्थान – अंश में दशमलव का स्थान) अगर धनात्मक आता हैं तो प्राप्त संख्या पर शून्य लिखेगें।

      (d). अब (+1) के लिए 234 पर एक शून्य रखें अतः परिणाम 2340 आया।


      QUES:-2.4/0.0006 = ?
      यहाँ, 4 – 1 = 3 फिर, 24/6 = 4
      2.4/0.0006 = 4000

      Note:- +3 के लिए तीन शून्य रखा गया।


      1. लेकिन अगर ऋणात्मक आता हैं तो उतना ही अंक पहले दशमलव पर लिखा जाएगा।

      जैसे:-

      0.00024/0.6 = ?
      यहाँ, 1- 5 = -4
      फिर, 24/6 = 4
      0.00024/0.6 = 0.0004

      Note: 4 के लिए चार अंक पहले दशमलव लिखा जाएगा।


      Example :- (3.43 × 0.216 × 25.6)/(0.07 × 0.08 × 12)

      Step1. दशमलव की गिनती करके
      हर – अंश = 5 – 6 = -1

      Step2. (343 × 216 × 256)/(7 × 8 × 12) = 28224

      Step3. (3.43 × 0.216 × 25.6)/(0.07 × 0.08 × 1.2) = 2822.4

      Note:- (-1) के लिए एक अंक पहले दशमलव लगाएगें ।


      प्रश्न 16. यदि 1/36.18 = 0.0276 हो, तो 1/0.0003618 का मान क्या होगा?

      हल:- यहाँ 1/36.18 में दशमलव का स्थान (हर – अंश) = 2 – 0 = 2
      फिर 1/0.0003618 में दशमलव का स्थान
      = 7 – 0 = 7
      अतः (+5) के लिए पाँच शून्य और रखे जाएंगे।
      1/0.0003618
      = 0.0276 × 100000
      = 2760
      उत्तर:- 2760


      प्रश्न 17. यदि 1/36.18 = 0.0276 हो, तो 1/3618 का मान ज्ञात करें?
      हल: यहाँ 1/36.18 में दशमलव का स्थान (हर – अंश) = 2 – 0 = 2
      और फिर 1/3618 = 0 – 2 = -2
      (-2) के लिए हम परिणाम में 2 अंक पहले दशमलव बैठा देंगे।
      1/3618 = 0.000276
      उत्तर:- 0.000276

    1. [FRAC01]भिन्न संख्या : समझ , छोटी और बड़ी भिन्न

      [FRAC01]भिन्न संख्या : समझ , छोटी और बड़ी भिन्न

      भिन्न संख्या : समझ , छोटी और बड़ी भिन्न

      ऐसी पूर्णांक संख्या जिसमें अंश और हर होता था वह संख्या भिन्न कहलाती है।

      छोटी और बड़ी भिन्न

      भिन्न को आरेख से जोड़ना

      भिन्न के भाग

      भिन्न के दो भाग होते हैं

      अंश :- भिन्न में ऊपर लिखा जाने वाला हिस्सा या भाज्य भाग, अंश कहलाता है। 

      हर :- भिन्न में नीचे लिखा जाने वाला हिस्सा या भाजक भाग, हर कहलाता है।

      जैसे :  7/9 में 7 ऊपर लिखा हुआ हिस्सा 7 इस भिन्न का अंश है और 9 हर है क्योंकि यह अंश के नीचे लिखा हुआ है।

    2. [FRAC02]भिन्न और उनके प्रकार / Fraction And His Types

      [FRAC02]भिन्न और उनके प्रकार / Fraction And His Types

      भिन्न के प्रकार (Types of fractions)

      भिन्न के प्रकार निम्नलिखित है-

      • संक्षिप्त भिन्न
      • उचित भिन्न
      • अनुचित भिन्न
      • मिश्रित भिन्न
      • मिश्र भिन्न
      • व्युत्क्रम भिन्न
      • दशमलव भिन्न
      • सतत् भिन्न

      संक्षिप्त भिन्न

      यदि अंश और हर परस्पर अभाज्य हो अर्थात भिन्न के अंश और हर को एक के अलावा किसी और संख्या से भाज्य न हो, संक्षित भिन्न कहलाती है।

      उचित भिन्न

      यदि किसी भिन्न का अंश हर से काम हो तो उसे उचित भिन्न  कहते है।

      अनुचित भिन्न

      यदि किसी भिन्न का अंश और हर से बड़ा या बराबर हो तो उस भिन्न को अनुचित भिन्न कहते है।

      मिश्रित भिन्न

      यदि किसी भिन्न के अंश और हर दोनों में हो तो उस भिन्न को मिश्रित भिन्न कहते है।

      मिश्र भिन्न

      यदि कोई भिन्न पूर्णांक तथा भिन्न से मिलकर बना होगा तो उस भिन्न को मिश्र भिन्न कहते है।

      व्युत्क्रम भिन्न

      यदि किसी बभन के अंश और हर को आपस में बदल दिया जाये तो प्राप्त नया भिन्न व्युत्क्रम भिन्न कहलाता है।

      दशमलव भिन्न

      यदि किसी भिन्न के हर में 10 100, 1000 इत्यादि हो तो वह भिन्न दशमलव भिन्न कहलाता है।

      सतत् भिन्न

      सतत भिन्न को नीचे से ऊपर की ओर हल करते है

    3. [FRAC03] समतुल्य भिन्न/ भिन्नों का क्रमण / भिन्नों की तुलना

      [FRAC03] समतुल्य भिन्न/ भिन्नों का क्रमण / भिन्नों की तुलना

      समतुल्य भिन्न/ भिन्नों का क्रमण / भिन्नों की तुलना

      प्राप्त समतुल्य भिन्न

      भिन्नों का क्रमण / भिन्नों की तुलना:

      • यदि भिन्नों का अंश बराबर हो तो छोटी हर वाली भिन्न बड़ी भिन्न होगी।
      • यदि भिन्नों का हर बराबर हो तो बड़े अंश वाली भिन्न बड़ी होगी।

      भिन्नों की तुलना हर का लघुत्तम समापवर्त्तक लेकर सभी भिन्नों को समान हर भिन्न बनाकर किया जा सकता है।

      किसी भी भिन्न को अनेक समतुल्य भिन्नों में बदला जा सकता है। इसके लिए भिन्न के अंश व हर को समान संख्या से गुणा या भाग किया जाता है।

      जिन भिन्नों का हर, अंश से छोटा हो उन्हें विषम या अनुचित भिन्न कहते है।

      जिन भिन्नों का हर अंश से बड़ा हो उन्हें उचित भिन्न कहते है।

      जब दो भिन्नों का गुणा करते हैं, तब अंश का अंश से एवं हर का हर से गुणा हो जाता है।

      भिन्न से भाग देने में भाजक भिन्न संख्या उलट जाती है एवं भाग की जगह गुणन चिहन लग जाता है।

    4. [FRAC04] भिन्नों का परिवर्तन

      [FRAC04] भिन्नों का परिवर्तन

      भिन्नों का परिवर्तन

      1.अनुचित भिन्न को मिश्र भिन्न में बदलना

      जब अनुचित भिन्न के अंश को हर से भाग दिया जाता है, तब प्राप्त भागफल को पूर्णांक संख्या, शेषफल को अंश और भाजक को हर के रूप में लिखा जाता है। तो इस प्रकार से प्राप्त भिन्न को मिश्र भिन्न कहते हैं।

      2. मिश्र भिन्न को अनुचित भिन्न में बदलना

      इसमें मिश्र भिन्न की पूर्णांक संख्या को हर से गुणा करने के बाद प्राप्त संख्या को अंश से जोड़ देते हैं जोड़ने के बाद प्राप्त संख्या को अंश तथा हर का मान पहले वाला रहता है। तो इस प्रकार से लिखी संख्या को अनुचित भिन्न कहते हैं।

    5. [FRAC05]भिन्नों पर संक्रियाएँ

      [FRAC05]भिन्नों पर संक्रियाएँ

      भिन्नों पर संक्रियाएँ

      भिन्नों का जोड़ / Addition of fraction

      अगर भिन्नों का हर समान हो

      किसी भी  भिन्न का जोड़ करने से पहले हमें यह देखना होगा कि उनका हर समान है या नहीं। यदि दोनों भिन्नों का हर समान है तो हम हर को वैसा ही रखकर अंशों को जोड़ देंगे। जैसे –

      3/5 + 3/5 ( इन दोनों भिन्नों का हर समान है तब )
      = 3 + 3/5 = 6/5 उत्तर

      अगर हर समान ना हो तो

      भिन्नों का जोड़ करते समय यदि भिन्नों का हर समान नहीं है तब हम उन भिन्नों के हर का लघुत्तम समापवर्त्य LCM लेते हैं फिर LCM को दूसरी भिन्न के हर से भाग करके जो उत्तर आएगा उसको पहली भिन्न के अंश से गुणा करके लिख देंगे तथा पहली भिन्न के हर से LCM को भाग करके जो उत्तर आएगा उसे दूसरी भिन्न के अंश से गुणा करके लिख देंगे और प्राप्त दोनों अंशो को जोड़ देंगे तथा हर की जगह Lcm लिख देंगे।

      भिन्नों का घटाना / Subtraction of fraction

      अगर भिन्नों का हर समान हो

      किसी भी भिन्न की घटा करने से पहले हमें यह देखना होगा कि उनका हर समान है या नहीं। यदि दोनों भिन्नों का हर समान है तो हम हर को वैसा ही रखकर अंशों को घटा देंगे। जैसे –

      3/5 – 2/5 ( इन दोनों भिन्नों का हर समान है तब )
      = 3 – 2/5 = 1/5 उत्तर

      अगर हर समान ना हो तो

      भिन्नों की घटा करते समय यदि भिन्नों का हर समान नहीं है तब हम उन भिन्नों के हर का लघुत्तम समापवर्त्य LCM लेते हैं फिर LCM को दूसरी भिन्न के हर से भाग करके जो उत्तर आएगा उसको पहली भिन्न के अंश से गुणा करके लिख देंगे तथा पहली भिन्न के हर से LCM को भाग करके जो उत्तर आएगा उसे दूसरी भिन्न के अंश से गुणा करके लिख देंगे और प्राप्त दोनों अंशो को घटा देंगे तथा हर की जगह Lcm लिख देंगे। जैसे-

      भिन्नों को गुणा / Multiplication of fraction

      दो भिन्नों की गुणा करने के लिए हमें किसी विशेष नियम का पालन नहीं करना होता। दो भिन्नों की गुणा करने के लिए दोनों भिन्नों के अंश को आपस मे गुणा करके लिख देंगे तथा दोनों भिन्नों के हर को आपस मे गुणा करके लिख देंगे।

      3/5 × 6/7

      जैसा कि हम देख सकते हैं कि आने वाली भिन्न का हर 35 होगा। अब हम आने वाली भिओंन के अंश को ज्ञात करने के लिए दोनों भिन्नों के अंशों को गुना कर देंगे।

      3 × 6 = 18

      हम देख सकते हैं अब हमने अंश भी ज्ञात कर लिया है। अब हम अंश एवं हर को एक दुसरे के ऊपर लिख देंगे। अतः

      इन भिन्नों के गुना का हल होगा : 18/35

      भिन्नों का भाग / Division of fraction

      दो भिन्नों का भाग करने के लिए सबसे पहले दूसरी भिन्न को उल्टा करके लिख देते हैं जैसे दूसरी भिन्न के अंश को उसके हर की जगह लिख देंगे तथा हर को अंश की जगह लिख देंगे। ऐसा करने से भाग का निशान बदलकर गुणा का निशान हो जाएगा। उसके बाद भिन्नों की गुणा कर देंगे। जैसा अभी हमने किया था।

      इन्हें याद रखें

      • प्रत्येक भिन्न में अंश ऊपर और हर नीचे होता है।
      • ऐसी सभी भिन्नें जो किसी इकाई के एक ही हिस्से को प्रदर्शित करती हैं, उन्हें तुल्य भिन्नें कहते हैं।
      • समान हर वाली भिन्नों को जोड़ने के लिए भिन्नों के अंशों को जोड़कर अंश में लिखते हैं और हर को एक ही बार हर में लिखते हैं।
      • समान हर वाली भिन्नों को घटाने के लिए भिन्नों के अंशों को घटाकर अंश में लिखते हैं और हर को एक ही बार हर में लिखते हैं।
      • दो भिन्नों का गुणा करने के लिए अंशों का गुणा कर अंश में लिखते हैं तथा हरों का गुणा कर हर में लिखते हैं इस तरह मिलने वाली भिन्न ही दोनों भिन्नों का गुणनफल है।
      • भिन्नों का भाग करने के लिए भाजक के अंश को हर के स्थान पर तथा हर को अंश के स्थान पर रखकर भाज्य से गुणा करना चाहिए।
    6. [SQUARE2] घन संख्या 1 से 30 तक

      1 से 30 तक के घनों में 1 से 30 तक की सभी संख्याओं के घनों की सूची है। 1 से 30 तक के घनों का मान 1 से 27000 तक है। इन मानों को याद करने से छात्रों को समय लेने वाले समीकरणों को जल्दी से सरल बनाने में मदद मिलेगी। घातीय रूप में किसी भी संख्या x का घन (x) 3 के रूप में व्यक्त किया जाता है ।

      • प्रतिपादक रूप: (x) 3
      • उच्चतम मूल्य: 30 3 = 30 × 30 × 30 = 27000
      • निम्नतम मान: 1 3 = 1 × 1 × 1 = 1

      घन संख्या तालिका [Cube Number Table]

      सीखने वाले क्यूब्स 1 से 30 छात्रों को 1 से 27000 तक सभी सही क्यूब्स को पहचानने में मदद कर सकते हैं और ज्ञात क्यूब्स के बीच इंटरपोलेट करके क्यूब रूट का अनुमान लगा सकते हैं। 1 से 30 तक के घनों के मान नीचे दी गई तालिका में सूचीबद्ध हैं।

      1 से 30 तक सभी क्यूब्स की सूची
      3 = 13 = 8
      3 = 273 = 64
      3 = 1253 = 216
      3 = 3433 = 512
      3 = 72910 3 = 1000
      11 3 = 133112 3 = 1728
      13 3 = 219714 3 = 2744
      15 3 = 337516 3 = 4096
      17 3 = 491318 3 = 5832
      19 3 = 685920 3 = 8000
      21 3 = 926122 3 = 10648
      23 3 = 1216724 3 = 13824
      25 3 = 1562526 3 = 17576
      27 3 = 1968328 3 = 21952
      29 3 = 2438930 3 = 27000

      छात्रों को सलाह दी जाती है कि गणित में तेजी से गणना करने के लिए इन घन संख्याओं 1 से 30 तक के मानों को अच्छी तरह से याद कर लें।

      घन 1 से 30 – सम संख्याएँ

      नीचे दी गई तालिका सम संख्याओं के लिए 1 से 30 तक के घनों के मान दर्शाती है।

      3 = 83 = 64
      3 = 2163 = 512
      10 3 = 100012 3 = 1728
      14 3 = 274416 3 = 4096
      18 3 = 583220 3 = 8000
      22 3 = 1064824 3 = 13824
      26 3 = 1757628 3 = 21952
      30 3 = 27000 

      घन 1 से 30 – विषम संख्याएँ

      नीचे दी गई तालिका विषम संख्याओं के लिए 1 से 30 तक के घनों के मान दर्शाती है।

      3 = 13 = 27
      3 = 1253 = 343
      3 = 72911 3 = 1331
      13 3 = 219715 3 = 3375
      17 3 = 491319 3 = 6859
      21 3 = 926123 3 = 12167
      25 3 = 1562527 3 = 19683
      29 3 = 24389 

      1 से 30 तक के घनों की गणना कैसे करें?

      1 से 30 तक के घनों के मान की गणना करने के लिए , हम नीचे दी गई विधि का उपयोग कर सकते हैं:

      गुणन अपने आप में:

      इस विधि में, एक ही संख्या को तीन बार गुणा किया जाता है और परिणामी गुणनफल हमें उस संख्या का घन देता है। उदाहरण के लिए, 7 का घन = 7 × 7 × 7 = 343। यहाँ, परिणामी उत्पाद “343” हमें संख्या “7” का घन देता है। यह तरीका छोटी संख्या के लिए अच्छा काम करता है।

      संख्याओं से पूर्ण घन संख्या की पहचान व निर्माण

      बताइये कि संख्या 23625 पूर्ण घन है अथवा नहीं?

      वह छोटी से छोटी संख्या ज्ञात कीजिए जिसे 68600 में गुणा करने पर गुणनफल पूर्ण घन संख्या हो?

      वह छोटी से छोटी संख्या ज्ञात कीजिए जिसे 408375 में भाग करने पर भागफल पूर्ण घन हो जाए?

    7. [NUMS17] संख्या श्रृंखला/ दी गई श्रृंखला के आधार पर रिक्त स्थानों को भरना

      [NUMS17] संख्या श्रृंखला/ दी गई श्रृंखला के आधार पर रिक्त स्थानों को भरना

      किसी विशेष समूह में स्थित संख्या के सुव्यवस्थित क्रम को संख्या श्रृंखला कहते हैं. संख्या श्रृंखला के अंतर्गत कुछ संख्याएँ एक विशेष क्रम में दी होती हैं. दिए गए क्रम में किसी विशेष स्थान को रिक्त छोड़ दिया जाता है. दी गई श्रृंखला के रिक्त स्थानों को दिए गए विकल्पों में से चुना जाता है. संख्या शृंखला में होने वाले परिवर्तनों के कुछ महत्वपूर्ण नियम निम्नलिखित हैं-

      संख्या श्रृंखला/ दी गई श्रृंखला के आधार पर रिक्त स्थानों को भरना

      जोड़ संख्या श्रृंखला-

      जब संख्याएँ, एक निश्चित जोड़ के साथ बढ़ती है. जैसे-
      (i) +1,+2,+3.+4,+5,+6 ….
      (ii) +3,+3,+3, +3. +3, +3,

      घटाव संख्या श्रृंखला-

      जब संख्याएँ, एक निश्चित घटाव से घटती हैं. जैसे-
      (i) -1 .- 2,-3,-4,-5,-6,
      (ii) -3,-3,-3,-3,-3,-3,

      गुणा संख्या श्रृंखला-

      जब संख्याएँ, एक-दूसरे को किसी निश्चित संख्या से गुणा करने पर प्राप्त होती हैं. जैसे-
      (i) x1,x 2, x 3, x4, x 5, x 6,
      (ii) x3, x 3, x 3, x 3, x 3, x 3.

      भाग संख्या श्रृंखला-

      जब संख्याएँ, एक-दूसरे को किसी निश्चित संख्या से भाग देने पर प्राप्त होती हैं. जैसे-
      (i) + 1,+2. +3, +4, +5, +6,
      (ii) +3,+3, +3. + 3, + 3, + 3,

      वर्ग संख्या श्रृंखला-

      जब संख्याएँ, एक निश्चित वर्ग संख्या से बढ़ती या घटती हैं. जैसे-
      (i) +(1)2,+(2)2,+(3)3,+(4)2,+(5)2,+(6)2,
      (ii) -(1)2,-(2)2,-(3)3,-(4)2,-(5)2,-(6)2,

      घन संख्या श्रृंखला-

      जब संख्याएँ एक निश्चित घन संख्या से बढ़ती या घटती हैं जैसे-
      (i) +(1)3,+(2)3,+(3)3,+(4)3,+(5)3,+(6)3 …
      (ii) – (1)3,- (2)3,-(3)3,-(4)3,-(5)3,-(6)3,.

      जोड़ और गुणा संख्या श्रृंखला-

      जब संख्या श्रृंखला में परिवर्तन जोड़-गुणा या गुणा-जोड़ के कारण होता है. जैसे-
      (i) +1 x2, +2 x 2, +3 x 2, +4 x 2, +5 x 2, +6 x2.
      (ii) x2+1,x2+2, x2+3,x2+4, x 2+5, x 2+6 ……….

      घटाव और गुणा संख्या श्रृंखला-

      जब संख्या श्रृंखला में परिवर्तन घटाव-गुणा या गुणा-घटाव के कारण होता है. जैसे-
      (i) -1×2,-2×2,-3×2,-4×2,-5x 2,-6x 2,
      (ii) x2-1,x2-2,x2-3,x2-4,x2-5,x 2-6,

      जोड़ और भाग संख्या श्रृंखला-

      जब संख्या श्रृंखला में परिवर्तन जोड़-भाग या भाग-जोड़ के कारण होता है. जैसे-
      (i) + 1 + 2. + 2 + 2, + 3 + 2, + 4 + 2, + 5 + 2,
      (ii) +2+1,+2+2,+2+3,+2+4,+2+5, +2+6 …

      घटाव और भाग संख्या श्रृंखला-

      जब संख्या श्रृंखला में परिवर्तन घटाव-भाग या गुणा-भाग के कारण होता है. जैसे-
      (i) -1+2,-2+2,-3+2 .- 4+2,-5 +2,-6+2,
      (ii) +2-1,+2-2,+2-3,+2-4,+2-5,+2-6,


      संख्या श्रृंखला

    8. [MULT05] गणितीय चिह्न के गुणा से सरलीकरण

      [MULT05] गणितीय चिह्न के गुणा से सरलीकरण

      गणितीय चिह्न के गुणा से सरलीकरण

      ऋण ( – )× ऋण ( – )= धन( + )

      3 -(- 3 ) + 4 = ?

      कोष्ठक के अंदर भी ऋण चिह्न है और बाहर भी ऋण चिह्न है । तब चिह्न का आपस मे गुणा होता है वहा पर धन (+) चिह्न बन जाता है

      3 – (- 3 ) + 4 =  3 + 3 + 4 = 10

      धन ( + )× धन ( + ) = धन( + )

      5 + (4) = ?

      हम धन चिह्न का धन चिह्न से गुणा करते है तब भी धन (+) ही बनता है ।

      5 + (4) = 9

      धन ( + )× ऋण ( – ) = ऋण ( – )

      5 + (-4) =?

      अब हमारे पास दो चिह्न साथ में है जो कि एक धन (+) ओर एक  ऋण (-) चिह्न है ।   तब इनका आपस मे गुणा करने पर ऋण (-) चिह्न बनता है ।

      = 5 – 4 = 1

      ऋण ( – ) × धन( + ) = ऋण ( – )

      11 – (+3 ) =  ?

      इस उदाहरण में पहले धन चिह्न था फिर ऋण चिह्न था अगर इसका ठीक उलट हो तो जैसे पहले ऋण चिह्न फिर धन चिह्न तब भी आपस मे गुणा करने पर हमें ऋण चिह्न ही मिलेगा ।

      11 – (+3 ) = 8

    9. [MULT10] पहाड़ा Multiplication Pdf Download

      [MULT10] पहाड़ा Multiplication Pdf Download

      यहाँ 40 तक के पहाड़े (multiplication) दिए गए हैं:

      2 से 10 तक के पहाड़े (Multiplication)

      Tables 2 to 10

      Table of 2Table of 3Table of 4Table of 5Table of 6Table of 7Table of 8Table of 9Table of 10
      2×‌1=23×1=34×1=45×1=56×1=67×1=78×1=89×1=910×1=10
      2×‌2=43×2=64×2=85×2=106×2=127×2=148×2=169×2=1810×2=20
      2×3=63×3= 94×3=125×3=156×3=187×3=218×3=249×3=2710×3=30
      2×4=83×4=124×4=165×4=206×4=247×4=288×4=329×4=3610×4=40
      2×5=103×5=154×5=205×5=256×5=307×5=358×5=409×5=4510×5=50
      2×6=123×6=184×6=245×6=306×6=367×6=428×6=489×6=5410×6=60
      2×7=143×7=214×7=285×7=356×7=427×7=498×7=569×7=6310×7=70
      2×8=163×8=244×8=325×8=406×8=487×8=568×8=649×8=7210×8=80
      2×9=183×9=274×9=365×9=456×9=547×9=638×9=729×9=8110×9=90
      2×10=203×10=304×10=405×10=506×10=607×10=708×10=809×10=9010×10=100

      11 से 20 तक के पहाड़े (Multiplication)

      Tables 11 to 20

      Table of 11Table of 12Table of 13Table of 14Table of 15Table of 16Table of 17Table of 18Table of 19Table of 20
      11×‌‌1=1112×‌1=1213×‌1=1314×‌1=1415×‌1=1516×‌1=1617×‌1=1718×‌1=1819×‌1=1920×‌1=20
      11×‌‌2=2212×‌2=2413×‌2=2614×‌2=2815×‌2=3016×‌2=3217×‌2=3418×‌2=3619×‌2=3820×‌2=40
      11×‌‌3=3312×‌3=3613×‌3=3914×‌3=4215×‌3=4516×‌3=4817×‌3=5118×‌3=5419×‌3=5720×‌3=60
      11×‌4=4412×‌4=4813×‌4=5214×‌4=5615×‌4=6016×‌4=6417×‌4=6818×‌4=7219×‌4=7620×‌4=80
      11×‌5=5512×‌5=6013×‌5=6514×‌5=7015×‌5=7516×‌5=8017×‌5=8518×‌5=9019×‌5=9520×‌5= 100
      11×‌6=6612×‌6=7213×‌6=7814×‌6=8415×‌6=9016×‌6=9617×‌6=10218×‌6=10819×‌6=11420×‌6=120
      11×‌7=7712×‌7=8413×‌7=9114×‌7=9815×‌7=10516×‌7=11217×‌7=11918×‌7=12619×‌7=13320×‌7=140
      11×‌8=8812×‌8=9613×‌8=10414×‌8=11215×‌8=12016×‌8=12817×‌8=13618×‌8=14419×‌8=15220×‌8=160
      11×‌9=9912×‌9=10813×‌9=11714×‌9=12615×‌9=13516×‌9=14417×‌9=15318×‌9=16219×‌9=17120×‌9=180
      11×‌10=11012×‌10=12013×‌10=13014×‌10=14015×‌10=15016×‌10=16017×‌10=17018×‌10=18019×‌10=19020×‌10=200

      21 से 30 तक के पहाड़े

      Tables 21 to 30

      Table of 21Table of 22Table of 23Table of 24Table of 25Table of 26Table of 27Table of 28Table of 29Table of 30
      21×‌1=2122×‌1=2223×‌1=2324×‌1=2425×‌1=2526×‌1=2627×‌1=2728×‌1=2829×‌1=2930×‌1=30
      21×‌2=4222×‌2=4423×‌2=4624×‌2=4825×‌2=5026×‌2=5227×‌2=5428×‌2=5629×‌2=5830×‌2=60
      21×‌3=6322×‌3=6623×‌3=6924×‌3=7225×‌3=7526×‌3=7827×‌3=8128×‌3=8429×‌3=8730×‌3=90
      21×‌4=8422×‌4=8823×‌4=9224×‌4=9625×‌4=10026×‌4=10427×‌4=10828×‌4=11229×‌4=11630×‌4=120
      21×‌5=10522×‌5=11023×‌5=11524×‌5=12025×‌5=12526×‌5=13027×‌5=13528×‌5=14029×‌5=14530×‌5=150
      21×‌6=12622×‌6=13223×‌6=13824×‌6=14425×‌6=15026×‌6=15627×‌6=16228×‌6=16829×‌6=17430×‌6=180
      21×‌7=14722×‌7=15423×‌7=16124×‌7=16825×‌7=17526×‌7=18227×‌7=18928×‌7=19629×‌7=20330×‌7=210
      21×‌8=16822×‌8=17623×‌8=18424×‌8=19225×‌8=20026×‌8=20827×‌8=21628×‌8=22429×‌8=23230×‌8=240
      21×‌9=18922×‌9=19823×‌9=20724×‌9=21625×‌9=22526×‌9=23427×‌9=24328×‌9=25229×‌9=26130×‌9=270
      21×‌10=21022×‌10=22023×‌10=23024×‌10=24025×‌10=25026×‌10=26027×‌10=27028×‌10=28029×‌10=29030×‌10=300

      21 से 30 तक के पहाड़े

      Tables 31 to 40

      Table of 31Table of 32Table of 33Table of 34Table of 35Table of 36Table of 37Table of 38Table of 39Table of 40
      31×‌1=3132×‌1=3233×‌1=3334×‌1=3435×‌1=3536×‌1=3637×‌1=3738×‌1=3839×‌1=3940×‌1=40
      31×‌2=6232×‌2=6433×‌2=6634×‌2=6835×‌2=7036×‌2=7237×‌2=7438×‌2=7639×‌2=7840×‌2=80
      31×‌3=9332×‌3=9633×‌3=9934×‌3=10235×‌3=10536×‌3=10837×‌3=11138×‌3=11439×‌3=11740×‌3=120
      31×‌4=12432×‌4=12833×‌4=13234×‌4=13635×‌4=14036×‌4=14437×‌4=14838×‌4=15239×‌4=15640×‌4=160
      31×‌5=15532×‌5=16033×‌5=16534×‌5=17035×‌5=17536×‌5=18037×‌5=18538×‌5=19039×‌5=19540×‌5=200
      31×‌6=18632×‌6=19233×‌6=19834×‌6=20435×‌6=21036×‌6=21637×‌6=22238×‌6=22839×‌6=23440×‌6=240
      31×‌7=21732×‌7=22433×‌7=23134×‌7=23835×‌7=24536×‌7=25237×‌7=25938×‌7=26639×‌7=27340×‌7=280
      31×‌8=24832×‌8=25633×‌8=26434×‌8=27235×‌8=28036×‌8=28837×‌8=29638×‌8=30439×‌8=31240×‌8=320
      31×‌9=27932×‌9=28833×‌9=29734×‌9=30635×‌9=31536×‌9=32437×‌9=33338×‌9=34239×‌9=35140×‌9=360
      31×‌10=31032×‌10=32033×‌10=33034×‌10=34035×‌10=35036×‌10=36037×‌10=37038×‌10=38039×‌10=39040×‌10=400

      पहाड़ा से संबंधित MCQ

      यहाँ कुछ पहाड़ा (मल्टीप्लिकेशन टेबल) से संबंधित बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQ) दिए गए हैं:

      5 का पहाड़ा: 5 × 6 = ?

      (A) 25

      (B) 30

      (C) 35

      (D) 40

      8 × 9 का परिणाम क्या है?

      (A) 64

      (B) 72

      (C) 81

      (D) 90

      12 का पहाड़ा: 12 × 7 = ?

      (A) 72

      (B) 84

      (C) 96

      (D) 108

      9 × 5 का परिणाम क्या है?

      (A) 40

      (B) 45

      (C) 50

      (D) 55

      7 × 8 का उत्तर क्या होगा?

      (A) 54

      (B) 56

      (C) 64

      (D) 66

      4 × 4 का परिणाम क्या है?

      (A) 12

      (B) 14

      (C) 16

      (D) 18

    10. [NVS01] OMR SHEET कैसे भरें

      [NVS01] OMR SHEET कैसे भरें

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    11. [DECN08] प्रतिशत भिन्न दशमलव तथा अनुपात में सम्बन्ध

      प्रतिशत भिन्न दशमलव तथा अनुपात में सम्बन्ध

      प्रतिशत का अर्थ "प्रति सैंकड़ा" से है।
      प्रतिशत को भिन्न, दशमलव तथा अनुपात में व्यक्त कर सकते हैं एवं भिन्न, दशमलव तथा अनुपात को भी प्रतिशत में व्यक्त कर सकते हैं।

      किसी भिन्न का हर यदि 100 हो तो वह भिन्न, अंश के प्रतिशत के बराबर होता है।

      480 किलोग्राम का 15% कितना होगा।

      सीता को 500 में से 250 अंक प्राप्त हुए। उसके प्राप्तांक का प्रतिशत ज्ञात कीजिए।

      राम को 10 रु. की गणित की पुस्तक में 10% छूट मिलती है तो वह पुस्तक उसे कितने में मिलेगी?

      एक शाला में 15 अगस्त के दिन कुल 300 टॉफियाँ लायी गयी। उनमें से 99% टॉफियाँ छात्रों में बाँटी गयी। बची हुई टॉफियों की संख्या ज्ञात कीजिए।

      यदि किसी रबर को खींचकर दुगुना लम्बा कर दिया जाता है, तो लम्बाई में वृद्धि प्रतिशत ज्ञात कीजिए।

      किसी शहर की कुल जनसंख्या का 40% पुरुष 35% महिलाएँ और शेष बच्चे हैं। यदि बच्चों की संख्या 18,000 हो तो पुरुषों और महिलाओं की संख्या ज्ञात कीजिए।

      किसी गाँव की जनसंख्या 3000 है, पहले वर्ष 10% बढ़ती है। एक वर्ष बाद उसमें 10% की कमी आती है तो जनसंख्या में होने वाली प्रतिशत बढ़ोतरी या कमी ज्ञात कीजिए।

    12. [MENSU2] त्रिभुज एवं चतुर्भुज आकृति सम्बंधित तथ्य

      त्रिभुज एवं चतुर्भुज आकृति सम्बंधित तथ्य

      त्रिभुज तीन भुजाओं से घिरा क्षेत्र है।

      त्रिभुज एक बन्द आकृति है। यदि तीनों भुजाएँ मिलकर बन्द आकृति नहीं बनाती तो त्रिभुज नहीं बन सकता।

      शीर्ष, भुजा एवं कोण त्रिभुज के भाग हैं।

      त्रिभुज में तीन कोण होते हैं।

      त्रिभुज के तीनों अंतःकोणों के मापों का योग दो समकोण (1800) के बराबर होता है।

      त्रिभुज की एक भुजा बढ़ाने पर बना हुआ बहिष्कोण, त्रिभुज में स्थित दूरस्थ अंतःकोणों के मापों के योग के बराबर होता है।

      भुजाओं की माप के आधार पर त्रिभुजों को समबाहु, समद्विबाहु तथा विषमबाहु त्रिभुज में वर्गीकृत किया जाता है।

      कोणों के आधार पर त्रिभुजों को न्यूनकोण, समकोण तथा अधिक कोण त्रिभुज में वर्गाणीकृत किया जाता है।

      विषमबाहु त्रिभुज के तीनों भुजाओं की माप तथा तीनों काणों के माप अलग अलग होती है।

      समद्विबाहु त्रिभुज में दो भुजाएँ एवं दो कोण बराबर होते हैं।

      समबाहु त्रिभुज में तीनों भुजाएँ और तीनों कोण बराबर होते है।

      त्रिभुज में दो भुजाओं का योग, तीसरी भुजा से अधिक हो तभी त्रिभुज बन सकता है।

      चार भुजाओं से घिरी बंद आकृति चतुर्भुज कहलाती है।

      चतुर्भुज के अंगों में शीर्ष, भुजा, विकर्ण व कोण सम्मिलित हैं।

      चतुर्भुज के चारों अन्तःकोणों की मापों का योग 360° होता है।

      वह चतुर्भुज जिसकी सम्मुख भुजाएँ परस्पर समान्तर एवं बराबर हों, समान्तर चतुर्भुज कहलाता है।

      वह समातंर चतुर्भुज जिसका प्रत्येक कोण 90° का हो, आयत कहलाता है।

      ऐसा चतुर्भुज जिसकी भुजाएँ अलग-अलग माप की हों तथा सम्मुख भुजाएँ समान्तर न हों विषमबाहु चतुर्भुज कहलाता है।

      ऐसा चतुर्भुज जिसकी सम्मुख भुजाओं का एक युग्म समान्तर हो, समलम्ब चतुर्भुज कहलाता है।

      वह समान्तर चतुर्भुज जिसकी सभी भुजाएँ बराबर हों समचतुर्भुज कहलाता है।

      ऐसा सम चतुर्भुज जिसका प्रत्येक कोण 90° का हो, वर्ग कहलाता है।

      पतंगाकार चतुर्भुज में दो आसन्न भुजाओ के युग्म बराबर होते हैं।

      त्रिविमीय आकृति

    13. [MENSU5]वृत्त सम्बंधित तथ्य

      वृत्त सम्बंधित तथ्य

      परकार की सहायता से वृत्त खींचना-

      अपने ज्यामिति बॉक्स में रखी परकार परकार में पेंसिल लगाकर उसको थोड़ा सा फैलाइए। परकार की नोंक को कॉपी के बीचों-बीच रखकर पेंसिल वाले सिरे को चारों ओर घुमाइए। ध्यान रहे परकार की नोंक कॉपी पर अपनी जगह से नहीं हटनी चाहिए। इस प्रकार बनी आकृति वृत्त कहलाती है।


      जिस स्थान पर परकार की नोक आपने रखी थी वहाँ पेंसिल की सहायता से एक बिंदु बनाकर “O”लिखें यह बिन्दु “O” वृत्त का केन्द्र है। अब वृत्त पर कई बिंदु A,B,C एवं D बनाकर निम्न दूरियों को मापें

      OA =
      OB =
      OC =
      OD =

      OA,OB, OC एवं OD की लम्बाई समान है। ये सभी वृत की “त्रिज्या” हैं।

      आपने वृत्त पर स्थित दो बिंदुओं को मिलाते हुए कई रेखाखण्डों को जीवा या चापकर्ण कहते हैं। सबसे बड़ी जीवा केन्द्र से होकर जाती है, व्यास कहलाती है केन्द्र से जाने वाली प्रत्येक जीवा सबसे लम्बी जीवा है और आप यह भी जानते हैं कि किसी बिन्दु से असंख्य रेखाखण्ड खींचे जा सकते हैं, इसलिए किसी वृत्त में भी असंख्य व्यास खींचे जा सकते हैं।
      किसी वृत्त का व्यास, त्रिज्या का दुगुना होता है। अर्थात् त्रिज्या व्यास की आधी होती है।’
      किसी भी बन्द आकृति के घेरे की लम्बाई ही उस आकृति का परिमाप है।

      प्रत्येक वृत्त का परिमाप तथा व्यास का अनुपात एक ही (स्थिरांक) होता है। इस स्थिरांक को ग्रीक अक्षर  (π) (पाई) से दर्शाते हैं तथा इसका मान लगभग 2 या 3.14 के बराबर होता है।

      अभ्यास

      3.2 सेमी त्रिज्या के वृत्त में 6.4 सेमी की एक जीवा खीचिए।

      एक वृत्त की रचना कीजिए जिसकी सबसे बड़ी जीवा की लम्बाई 8 सेमी है।

      किसी वृत्त की त्रिज्या 7 सेमी है तो उसका परिमाप क्या होगा?

    14. [MENSU1]रेखाखण्ड सम्बंधित तथ्य

      रेखाखण्ड सम्बंधित तथ्य

      प्रश्न-1 नीचे दिये गये कथन सत्य हैं अथवा असत्य पहचानिए –
      एक बिन्दु से असंख्य रेखाखंड खींचे जा सकते हैं।
      दो बिन्दु से गुजरने वाली असंख्य सरल रेखाएँ खींची जा सकती हैं।
      रेखाखंड की केवल लम्बाई होती है, चौड़ाई नहीं।
      एक रेखाखंड में यदि चार बिन्दु लिए जाएं तो ये सभी बिन्दु संरेख बिन्दु होते हैं।
      तीन असंरेख बिन्दु से अधिकतम दो रेखाखंड खींचे जा सकते हैं।

      किरण

      किरण का एक प्रारंभिक बिंदु होता है और वह किसी एक दिशा में लगातार बढ़ती रहती है।

      सरल रेखा

      सरल रेखा दोनों दिशाओं में लगातार बढ़ती रहती है।

      रेखाखंड

      रेखाखंड सरल रेखा का एक निश्चित भाग है जिसका प्रारंभिक एवं अंतिम बिन्दु निश्चित होता है, तथा रेखाखंड को नापा जा सकता है।

      सरल रेखा एवं किरण की लंबाई को मापा नहीं जा सकता।

      दो रेखाएँ एक दूसरे को अधिकतम एक ही बिंदु पर काटती हैं।

      एक बिन्दु से होकर असंख्य रेखाएँ खींची जा सकती हैं तथा एक बिंदु से असंख्य किरणें खींची जा सकती है।

    15. [ MSR06] मुद्रा के मात्रक (unit of CURRENCY)

      [ MSR06] मुद्रा के मात्रक (unit of CURRENCY)

      1. समीर पेन खरीदना चाहता है। पेन का मूल्य 5 रुपये है। समीर को 50 पैसे वाले कितने सिक्के देने होंगे?
        • 1 रुपये=2 सिक्के(50 पैसेवाले)
        • 5 रुपये=5×2=10 सिक्के
          उत्तर: 10 सिक्के

      1. सुमन के पास 25 पैसे वाले 8 सिक्के हैं। उसे 1 रुपये वाला एक चाकलेट लेना है। वह दुकानदार को कितने सिक्के देगी?
        • 1 रुपये=4 सिक्के(25 पैसेवाले)
          उत्तर: 4 सिक्के

      1. गुलशन ने 50 पैसे वाला रबर खरीदा। उसने 10 रुपये का सिक्का दिया। बताओ दुकानदार कितने पैसे वापस करेगा?
        • 10 रुपये−0.50 रुपये=9.50 रुपये
        • 9.50 रुपये=9 रुपये 50 पैसे
          उत्तर: 9 रुपये 50 पैसे

      1. 10 रुपये के एक नोट के बदले में 2 रुपये वाले कितने सिक्के मिलेंगे?
        • 10 रुपये=2×5=5 सिक्के
          उत्तर: 5 सिक्के

      1. एक गेंद का मूल्य 12 रुपये है। शौर्य के पास 5 रुपये हैं। गेंद खरीदने के लिए उसे और कितने रुपये चाहिए?
        • 12 रुपये−5 रुपये=7 रुपये
          उत्तर: 7 रुपये

      1. सोनू के पास 10 रुपये का एक नोट और 5 रुपये के तीन नोट हैं। कितने रुपये और मिलाने पर उसके पास 30 रुपये हो जायेंगे?
        • सोनू के पास कुल रुपये:
          10 रुपये+(5×3)=10+15=25 रुपये
        • 30 रुपये−25 रुपये=5 रुपये
          उत्तर: 5 रुपये

      1. राजा के पास 50 पैसे के तीन सिक्के, गौरी के पास 25 पैसे के पाँच सिक्के और करण के पास 20 पैसे के चार सिक्के हैं। सबको मिलाने पर कुल कितनी राशि होगी?
        • राजा: 3×50=150 पैसे=1.50 रुपये
        • गौरी: 5×25=125 पैसे=1.25 रुपये
        • करण: 4×20=80 पैसे=0.80 रुपये
        • कुल राशि:
          1.50+1.25+0.80=3.55 रुपये
          उत्तर: 3 रुपये 55 पैसे

      1. एक पेंसिल का मूल्य 2 रुपये है। 7 पेंसिल खरीदने पर कितने रुपये देने होंगे?
        • 2×7=14 रुपये
          उत्तर: 14 रुपये

      1. सागर के पास 20 पैसे वाले 10 सिक्के हैं। 3 सिक्के खर्च करने पर उसके पास कितने रुपये और कितने पैसे बचे?
        • कुल पैसे: 10×20=200 पैसे=2 रुपये
        • खर्च किए गए पैसे: 3×20=60 पैसे
        • शेष पैसे: 200−60=140 पैसे=1 रुपये 40 पैसे
          उत्तर: 1 रुपये 40 पैसे

      1. गाजर का मूल्य 30 रुपये किलो है। आधा किलो गाजर खरीदने के लिए तुम कितने रुपये दोगे?
        • 30÷2=15 रुपये
          उत्तर: 15 रुपये
    16. [SQUARE3] वर्गमूल एवं घनमूल

      वर्गमूल

      किसी संख्या का वर्गमूल ज्ञात करने के लिए हमने उसके अभाज्य गुणनखण्डों में से समान गुणनखण्डों के दो-दो के जोड़े बनायेंगे । प्रत्येक जोड़े में से एक-एक संख्या लेकर उनका गुणनफल ज्ञात कर लेंगे। यही दी गई संख्या का वर्गमूल होगा।

      512 का वर्गमूल ज्ञात कीजिए।

      यदि एक वर्गाकार चित्र का क्षेत्रफल 2025 वर्ग सेमी हो तब चित्र की एक भुजा की लम्बाई ज्ञात कीजिए।

      एक व्यक्ति अपने बाग में 11025 आम के पौधे इस प्रकार लगाता है कि हर पंक्ति में उतने ही पौधे हैं जितनी पंक्तियाँ हैं तो बाग में कितनी पंक्तियाँ हैं?

      भाग विधि से वर्गमूल ज्ञात करना

      • संख्या के इकाई की ओर से आरंभ करते हुए संख्याओं के जोड़े बनाइए। जोड़े बनाने के लिए संख्याओं के ऊपर एक छोटी सी आड़ी रेखा खींच सकते हैं। संख्या को भाग चिह्न के भीतर रखिए। अब ऐसा बड़ा से बड़ा भाजक ढूँढ़िए जिसका वर्ग संख्या के पहले जोड़े से बड़ा न हो।
      • भाजक और भागफल में वर्ग संख्या को रखते हुए उनके गुणनफल जोड़े के नीचे रखकर घटाइए।
      • भाजक में उतनी ही संख्या जोड़िए। योगफल को उसके नीचे लिखिए।
      • जो शेष बचा है , उसके आगे पूरी एक जोड़ी संख्या उतारकर रखिए। यह नया भाज्य बनेगा।
      • अब हमें भाजक के योगफल के आगे और भागफल के आगे एक ऐसी संख्या रखनी है जिससे उस संख्या और नए भाजक का गुणनफल अधिक न हो। यदि हम भागफल में जितनी संख्या रखें तो भाजक में भी उतनी ही संख्या रखेंगे, जिससे नया भाजक का निर्माण होगा।
      • क्रमशः भागफल में वर्ग संख्या को रखते हुए उनके गुणनफल जोड़े के नीचे रखकर घटाइए।
      • भाजक में उतनी ही संख्या जोड़िए। योगफल को उसके नीचे लिखिए। जब तक कि शेष 0 ना बच जाये।

      भाग विधि से 625 का वर्गमूल ज्ञात करें।


      घनमूल ज्ञात करना

      किसी संख्या का घनमूल निकालने के लिए उसके अभाज्य गुणनखंण्डों में से समान गुणनखंण्डों के तीन-तीन के त्रिक (तिकड़ी) बनाएँगे तथा ऐसी प्रत्येक तिकड़ी से एक-एक संख्या लेकर उनका गुणनफल ज्ञात कर लेंगे। यही दी गई संख्या का घनमूल होगा।
      512 का घनमूल ज्ञात कीजिए।

      हमने सीखा (We Have Learnt)

      • यदि n कोई संख्या है तब nxn या n2 इसका वर्ग कहलाएगा और nxnxn या n3 इसका घन।
      • जिन संख्याओं के इकाई में 2,3,7 या 8 हो वे पूर्ण वर्ग संख्याएँ नहीं हो सकती हैं।
      • यदि पूर्ण वर्ग संख्या के अन्त में सम संख्या में शून्य हो तो वे भी पूर्ण वर्ग संख्या होगी।
      • सम संख्याओं के वर्ग एवं घन सदैव सम संख्याएँ एवं विषम संख्याओं के वर्ग एवं घन सदैव विषम संख्याएँ होती हैं।
      • किसी प्राकृत संख्या n का वर्ग, प्रारम्भिक n विषम संख्याओं के योगफल के बराबर होता है।
      • यदि तीन संख्याएँ इस प्रकार हो कि बड़ी संख्या का वर्ग शेष दोनों संख्याओं के वर्गों के योग के बराबर हो तब संख्याएँ पाइथागोरिय त्रिक कहलाती है। जैसे 32+ 42 = 52 अतः (3,4,5) पाइथोगोरीय त्रिक है।
      • वर्गमूल को ‘√ ‘चिह्न के द्वारा प्रदर्शित करते हैं। इस चिह्न को करणी चिह्न कहते हैं।
    17. [MENSUR1] क्षेत्रमिति : तल ,रेखा व वृत्त

      ज्यामिति : प्राम्भिक स्तर

      समतल

      पुस्तक और पासे की सतह सपाट है, जिसके कारण हम इन्हें एक दूसरे के ऊपर जमाकर रख सकते हैं तथा ये लुढ़कती भी नहीं है। ऐसी सतह को समतल कहते हैं।

      वक्रतल

      गेंद की सतह गोलाकार है जिसके कारण हम इन्हें एक दूसरे के ऊपर नहीं जमा सकते। ये लुढ़कती हैं। ऐसी सतह को वक्रतल कहते हैं।

    18. [MULT07] चर राशि से समीकरण बनाकर सरलीकरण

      चर संख्या : चर संख्या वह संख्या होती है जिसका मान बदल सकता है या जो किसी निश्चित मान को प्रदर्शित नहीं करती है।

      उदाहरण:

      • x, y, z जैसी संख्याएँ चर संख्याएँ हैं, क्योंकि इनका मान बदल सकता है।
      • समीकरण 2x+3=7 में x एक चर संख्या है, जिसका मान समीकरण के समाधान से प्राप्त किया जा सकता है।

      समीकरण : ऐसे कथन जिनमें चरांक शामिल हों और दोनों पक्ष बराबर हों, समीकरण कहलाते हैं। इसमें बराबर के बायीं ओर के समस्त पदों को समीकरण का “बायाँ पक्ष” और दायें ओर के समस्त पदों को समीकरण का “दायाँ पक्ष” कहते हैं।

      कथन को गणितीय व्यंजक के रूप में लिखना और हल करना

      निम्नलिखित कथनों में चर संख्या का प्रयोग करके समीकरण में बदलिए-

      • किसी संख्या के दुगुने में से 3 कम करने पर 17 आता है।
      • किसी संख्या का छठा भाग 7 है।
      • किसी संख्या एवं 5 का अन्तर 8 है।
      • किसी संख्या में 7 का गुणा कर 5 घटाने से 9 बचता है।
      • एक वृत्त का व्यास उसकी त्रिज्या से दोगुना है।
      • एक आयत का क्षेत्रफल उसकी लम्बाई एवं चौड़ाई के गुणनफल के बराबर है।
      • विक्रय मूल्य, क्रय मूल्य तथा लाभ के योगफल के बराबर होता है।
      • किसी संख्या में दूसरी संख्या को जोड़ा गया है।
      • किसी संख्या में से 7 निकाले गए।
      • मिश्रधन, मूलधन तथा ब्याज के योगफल के बराबर होता है।

      किसी संख्या का दोगुना 10 है संख्या क्या होगी?

      किसी संख्या के दुगने में 35 जोड़ा जाए तब 85 प्राप्त होता है। वह संख्या क्या होगी ?

      25 पैसे के कितने सिक्के 10 रु. के बराबर होगें ?

      उमा के पास कुछ मीटर कपड़ा है। उसमें से 2-2 मीटर कपड़े के वह 4 पर्दे बना देती है उसके बाद भी उसके पास 5 मीटर कपड़े बचे रहते है तब प्रारंभ में उसके पास कितने मीटर कपड़े थे ?

      किसी संख्या के आधे में से यदि 4 घटाये तब 6 प्राप्त होता है संख्या क्या होगी ?

    19. [TIME02] चाल, समय तथा दूरी (Speed, Time and Distance)

      समय का सूत्र :-

      किसी व्यक्ति या यातायात के साधन द्वारा इकाई चाल से चली गई दूरी उसके समय को निर्धारित करती हैं।

      • समय = दूरी / चाल

      दूरी का सूत्र :-

      किसी व्यक्ति या यातायात के साधन द्वारा स्थान परिवर्तन को तय की गई दूरी कहते हैं।

      • दूरी = चाल × समय

      चाल का सूत्र :-

      किसी व्यक्ति या यातायात के साधन द्वारा इकाई समय में चली गई दूरी, चाल कहलाती हैं।

      • चाल = दूरी / समय

      चाल का मात्रक मीटर/सेंटीमीटर अथवा किलोमीटर/घण्टा होता हैं।

      यदि चाल मीटर/सेंटीमीटर में हो तो,

      • किलोमीटर/घण्टा = 18/5 × मीटर/सेंटीमीटर

      यदि चाल किलोमीटर/घण्टा में हो तो,

      • मीटर/सेंटीमीटर = 5/18 × किलोमीटर/घण्टा

      समय, दूरी और चाल के सूत्र

      • समय = दूरी / चाल
      • दूरी का सूत्र : दूरी = चाल × समय
      • चाल का सूत्र : चाल = दूरी / समय
      • किलोमीटर/घण्टा = 18/5 × मीटर/सेंटीमीटर
      • मीटर/सेंटीमीटर = 5/18 × किलोमीटर/घण्टा
      • दोनों विपरीत दिशा में हो, तो सापेक्ष चाल = (a + b) किलोमीटर/घण्टा
      • दोनों समान दिशा में हो, तो सापेक्ष चाल = (a – b) किलोमीटर/घण्टा
      • दूरी = रेल की लम्बाई + प्लेटफॉर्म/पुल की लम्बाई
      • औसत चाल = (कुल चली गई दूरी) / (कुल लगा समय)
      • औसत चाल = (2 × x × y) / (x + y)
      • A तथा B के बीच की दूरी = (चालों का गुणनफल) × (समयान्तर) / (चालों में अंतर)

      समय, दूरी और चाल से संबंधित महत्वपूर्ण बिंदु

      • चाल को किलोमीटर/घण्टा से मीटर/सेकेण्ड में बदलने के लिए 5/18 से गुणा तथा चाल को मीटर/सेकेंड से किलोमीटर/घण्टा में बदलने के लिए 18/5 से गुणा करते हैं।
      • औसत चाल = (कुल चली गई दूरी) / (कुल लगा समय)
      • यदि कोई वस्तु निश्चित दूरी को x किलोमीटर/घण्टा तथा पुनः उसी दूरी को y किलोमीटर/घण्टा की चाल से तय करती हैं, तो पूरी यात्रा के दौरान उसकी औसत चाल = (2 × x × y) / (x + y) किलोमीटर/घण्टा होगी।
      • यदि दो वस्तु एक ही दिशा में a किलोमीटर/घण्टा तथा b किलोमीटर/घण्टा की चाल से गति कर रही हैं, जिनका गति प्रारम्भ करने का स्थान तथा समय समान हैं, तो उनकी सापेक्ष चाल (a – b) किलोमीटर/घण्टा होगी।
      • यदि दो वस्तु विपरीत दिशा में a किलोमीटर/घण्टा तथा b किलोमीटर/घण्टा की चाल से गति कर रही हैं, जिनका गति प्रारम्भ करने का स्थान व समय समान हैं, तो उनकी सापेक्षिक चाल (a + b) किलोमीटर/घण्टा होगी।
      • यदि A तथा B चलो में अनुपात a : b हो तो एक ही दूरी तय करने में इनके द्वारा लिया गया समय का अनुपात b : a होगा।
      • जब एक व्यक्ति A से B तक x किलोमीटर/घण्टे की चाल से जाता हैं तथा t₁ समय देर से पहुँचता हैं तथा जब वह y किलोमीटर/घण्टे की चाल से चलता हैं तो t₂ समय पहले पहुँच जाता हैं तो A तथा B के बीच की दूरी = (चालों का गुणनफल) × (समयान्तर) / (चालों में अंतर)
        (X × Y) × (T₁ + T₂) / (Y – X) किलोमीटर।

      समय, दूरी और चाल के सवाल

      Q.1

      सोहन 12 किलोमीटर/घण्टा की गति से कोई यात्रा 3 घण्टे में तय करता हैं तो कुल दूरी क्या है?
      A. 12
      B. 24
      C. 36
      D. 48

      हल:- प्रश्नानुसार,
      दूरी = चाल × समय
      दूरी = 12 × 3
      दूरी = 36
      दूरी = 36
      Ans. 36

      Q.2

      एक बस 120 किलोमीटर/घण्टा की दूरी 5/3 घण्टे में तय करती हैं बताइए उसकी चाल कितनी है?
      A. 60
      B. 72
      C. 85
      D. 90

      हल:- प्रश्नानुसार,
      चाल = दूरी / समय
      चाल = (120)/(5/3)
      चाल = (120 × 3)/5
      चाल = 24 × 3
      Ans. 72

      Q.3

      60 किलोमीटर/घण्टे की गति से चलती हुई एक गाड़ी 1440 किलोमीटर की दूरी 16 घण्टे में तय करती हैं, उसी गति से 480 किलोमीटर की दूरी को कितने समय मे तय करेगी?
      A. 48/9
      B. 24/5
      C. 34/3
      D. 57/6

      हल:- प्रश्नानुसार,
      D₁/T₁ = D₂/T₂
      1440/16 = 480/T₂
      T₂ × 1440 = 480 × 16
      T₂ = (480 × 16)/1440
      T₂ = 48/9
      Ans. 48/9

      Q.4

      एक व्यक्ति 77/5 किलोमीटर, 9/2 घण्टे में जाता हैं तो 67/11 घण्टे में वह कितनी दूरी तय करेगा?
      A. 240/65
      B. 378/24
      C. 938/45
      D. 1240/87

      हल:- प्रश्नानुसार,
      D₁/T₁ = D₂/T₂
      (77/5) / (9/2) = D₂ / (67/11)
      (77/5) × (2/9) = D₂ × (11/67)
      D₂ = (77 × 2 × 67) / (5 × 9 × 11)
      D₂ = 938/45
      Ans. 938/45

      Q.5

      एक साइकिल 4 घण्टे में 14 किलोमीटर/घण्टे की गति से 56 किलोमीटर की दूरी तय करती हैं, उतने ही समय मे वह अपनी गति 7 किलोमीटर/घण्टा बढ़ा दे तो वह कितनी दूरी तय करेगी?
      A. 80
      B. 84
      C. 96
      D. 104

      हल:- प्रश्नानुसार,
      D₁/S₁ = D₂/S₂
      56/14 = D₂/(14+7)
      56/14 = D₂/21
      (56 × 21)/14 = D₂
      D₂ = 84
      Ans. 84

      Q.6

      एक व्यक्ति A से B तक कि दूरी को कार के द्वारा 45 किलोमीटर/घण्टे की गति से तय करता हैं जिसमें 9 घण्टा का समय लगता हैं, उतनी ही दूरी को वह 36 किलोमीटर/घण्टे में कितने समय मे पूरी करेगा?
      A. 24/7
      B. 29/3
      C. 49/4
      D. 5713

      हल:- प्रश्नानुसार,
      S₁ × T₁ = S₂ × T₂
      (45 × 9) = (36 × T₂)
      (49 × 9)/36 = T₂
      T₂ =49/4
      Ans. 49/4

      Q.7

      एक बस A से B तक 30 किलोमीटर/घण्टे की गति से तथा B से A तक 20 किलोमीटर/घण्टे की गति से चलती हैं, यदि A से B और B से C तक कि दूरी 50 किलोमीटर हो तो बस की औसत चाल कितनी हैं?
      A. 20
      B. 22
      C. 24
      D. 28

      हल:- प्रश्नानुसार,
      औसत चाल = (2 × x × y) / (x + y)
      औसत चाल = (2 × 30 × 20) / (30 + 20)
      औसत चाल = (2 × 30 × 20) / 50
      औसत चाल = 120 / 5
      औसत चाल = 24
      Ans. 24

      Q.8

      मोहन A से B तक 10 किलोमीटर/घण्टे की गति से तथा B से C तक 15 किलोमीटर/घण्टे की गति से तथा C से D तक 25 किलोमीटर/घण्टे की गति से चलता हैं तो बताइए उसकी औसत चाल क्या है?
      A. 230/65
      B. 450/31
      C. 240/23
      D. 320/25

      हल:- प्रश्नानुसार,
      औसत = (3 × x ×y × z) / (xy + yz + zx)
      औसत = (3 × 10 × 15 × 25) / (10× 15 + 15 × 25 + 25 10)
      औसत = (3 × 10 × 15 × 25) / (150 + 375 + 250)
      औसत = (30 × 375) / 775
      औसत = 450 / 31
      Ans. 450 / 31

      Q.9

      श्यामू 10 किलोमीटर की दूरी 5 किलोमीटर/घण्टे की गति से, 12 किलोमीटर की दूरी 4 किलोमीटर/घण्टे की गति से तथा 15 किलोमीटर की दूरी 3 किलोमीटर/घण्टे की गति से चलता हैं तो पूरी यात्रा में उसकी औसत चाल बताइए?
      A. 6.9
      B. 5.7
      C. 3.7
      D. 4.8

      हल:- प्रश्नानुसार,
      10 किलोमीटर = 5 किलोमीटर/घण्टा
      10/5 = 2
      12 किलोमीटर = 4 किलोमीटर/घण्टा
      12/4 = 3
      15 किलोमीटर = 3 किलोमीटर/घण्टा
      15/3 = 5
      कुल दूरी = (10 + 12 + 15) = 37
      कुल समय = (2 + 3 + 5) = 10
      औसत = (कुल दूरी) / (कुल समय)
      औसत = 37/10
      Ans. 3.7

      Q.10

      एक छात्र अपनी वास्तविक गति के 7/6 गति से चलकर अपने स्कूल 26 मिनिट पहले पहुँचता हैं तो वास्तविक समय कितना लगेगा?
      A. 2 घण्टे 4 मिनिट
      B. 3 घण्टे 2 मिनिट
      C. 1 घण्टे 2 मिनिट
      D. 4 घण्टे 6 मिनिट

      हल:- प्रश्नानुसार,
      7/6 की गति से जाता हैं 26 मिनिट में
      26 × 7 = 182
      7 – 6 = 1
      = 182/1
      = 182/60
      Ans. 3 घण्टे 2 मिनिट।

      Q.11

      एक लड़का जब 20 किलोमीटर/घण्टे की गति से चलता हैं तब एक स्थान पर 5 मिनिट पहले पहुंच जाता हैं लेकिन जब 30 किलोमीटर/घण्टे की गति से चलता हैं, तब 11 मिनिट पहले पहुँच जाता हैं, उस स्थान की दूरी क्या हैं?
      A. 3 किलोमीटर/घण्टा
      B. 6 किलोमीटर/घण्टा
      C. 8 किलोमीटर/घण्टा
      D. 11 किलोमीटर/घण्टा

      हल:- प्रश्नानुसार,
      दूरी = [(S₁ × S₂) / (S₁ – S₂)] × (T₁ – T₂) / 60
      = (30 × 20) / 10 × [(11 – 5) / 60]
      = 600 × 6 / 10 × 60
      Ans. 6 किलोमीटर/घण्टा

      Q.12

      एक साइकिल सवाल एक निश्चित दूरी का आधा हिस्सा 6 किलोमीटर/घण्टे की गति से और बचा हुआ आधा हिस्सा 5 किलोमीटर/घण्टे की गति से चलकर कुल 11 घण्टे का समय लेता है दूरी ज्ञात कीजिए?
      A. 10
      B. 20
      C. 30
      D. 40

      हल:- प्रश्नानुसार,
      x/6 + x/5 = 11
      (5x + 6x) / 30 = 11
      11x/30 = 11
      x = 30
      Ans. 30

      Q.13

      A और B की गति का अनुपात 5 : 4 हैं यदि किसी दूरी को तय करने में B, A से 2 घण्टे अधिक समय लेता हैं, तो बताइए दोनों वह दूरी कितने समय मे तय करेंगे?
      A. 3 घण्टे, 10 घण्टे
      B. 5 घण्टे, 7 घण्टे
      C. 8 घण्टे, 10 घण्टे
      D. 2 घण्टे, 5 घण्टे

      हल:- प्रश्नानुसार,
      A : B
      गति = 5 : 4
      समय = 4 : 5
      1 = 2 घण्टे
      4 × 2 = 8 घण्टे
      5 × 2 = 10 घण्टे
      Ans. 8 घण्टे, 10 घण्टे।

      Q.14

      यदि एक साइकिल का पहिया 5.5 किलोमीटर चलने में 2500 चक्कर पूरा करता हैं तो पहिए का व्यास कितना हैं?
      A. 50
      B. 60
      C. 70
      D. 80

      हल:- प्रश्नानुसार,
      दूरी = परिधि × चक्कर
      5.5 = 2πr × 2500
      2πr = (5.5 × 100000) / 2500
      2πr = 550000/2500
      2 × 22/7 × r = 220
      r = (220 × 7) / (2 × 22)
      r = 35 सेंटीमीटर
      D = 2r
      D = 35 × 2
      D = 70
      Ans. 70 सेंटीमीटर
    20. [TIME01] समय और घड़ी / Time and Clock

      घड़ी में 1 से 12 तक कि संख्याएँ लिखी होती हैं। घड़ी में 3 सुईयां होती हैं। इसमें एक छोटी सुई होती हैं जो घण्टा को दर्शाती हैं। एक बड़ी सुई होती हैं जो मिनट को दर्शाती हैं। और एक सेकंड की सुई होती हैं जो घड़ी के सेकण्ड दर्शाती हैं।

      एक संख्या से अगली संख्या तक जाने की अवधि को 1 घण्टा कहते हैं। तथा घण्टा सुई के द्वारा डायल का पूरा चक्कर लगाने में 12 घण्टे का समय लगता हैं।

      • 1 दिन = 24 घण्टे
      • 1 घण्टा = 60 मिनट
      • 1 मिनिट = 60 सेकण्ड
      घड़ी
      घड़ी

      समय और घड़ी / Time and Clock

      घड़ी एक ऐसा यंत्र हैं, जो घण्टे, मिनिट तथा सेकण्ड में समय के अंतराल को व्यक्त करता हैं घड़ी गोल आकृति की होती हैं जिसमें समय बताने के लिए सुइयाँ लगी होती हैं।

      घड़ी के अवयव

      सुईयों का मार्ग वर्त्ताकार होता हैं और यह 60 बराबर भागों में बटा होता हैं मिनट की सुई जितने भागों को पार करती हैं उतने ही मिनट का समय लेती हैं। जब मिनट की सुई 60 मिनट की दूरी तय करती हैं तब घण्टे की सुई 5 मिनट की दूरी तय करती हैं तथा इस दौरान 60 मिनट का समय लगता हैं। इस प्रकार मिनट की सुई 60 मिनट में घण्टे की सुई से 55 मिनट की अधिक दूरी तय करती हैं, अतः मिनट की सुई घण्टे की सुई से 1 मिनट की अधिक दूरी 60/55 मिनट में तय करेगी।

      घड़ी के मुख्यतः चार अवयव होते हैं।

      • डायल (Dial)
      • घण्टे की सुई (Hour hand)
      • मिनिट की सुई (Minute hand)
      • सेकण्ड की सुई (Second hand)

      घण्टों में समय

      घड़ी

      समय जब पूर्ण घण्टों में होता हैं तब मिनट की सुई 12 पर होती हैं।

      आधे घण्टों में समय

      घड़ी

      जब समय आधे घण्टे (साढ़े) में होता हैं तो मिनट की सुई 6 पर होती हैं।

      चौथाई घण्टों में समय

      घड़ी

      जब समय चौथाई घण्टे में होता हैं तो मिनट की सुई या तो 3 पर होगी या 9 पर होगी। जब मिनट की सुई 3 पर होती हैं तब समय सवा होता हैं। और जब मिनट की सुईं 9 पर होती हैं तब समय पौने नौ कहलाता हैं।

      मिनटों में समय

      घड़ी

      मिनट की सुई अगली संख्या पर जाते हूए 5 छोटे भागों से गुजरती हैं। बीच की अवधि को मिनट कहते हैं। मिनट की सुई को घड़ी का पूरा चक्कर लगाने में 60 मिनट का समय लगता हैं।

      घड़ी के सम्बन्धित महत्वपूर्ण बिंदु

      1. घण्टे की सुई 1 घण्टे में 5 मिनट की दूरी तय करती हैं तथा 1 घण्टे में 30° का कोण बनाती हैं।

      2. मिनट की सुई 1 मिनट में 1 मिनट की दूरी तय करती हैं तथा 1 मिनट में 6° का कोण बनाती हैं, मिनट की सुई 5 मिनट में 30° का कोण बनाती हैं।

      3. प्रत्येक घण्टे में मिनट की सुई, घण्टे की सुई से 55 मिनट की अधिक दूरी तय करती हैं और यह दूरी घण्टे की सुई से दक्षिणावर्त (Clock wise) दिशा में मिनट की सुई तक मापी जाती हैं।

      4. घण्टे तथा मिनट की सई के बीच प्रत्येक 5 मिनट की दूरी पर 30° का कोण बनता हैं।

      5. घण्टे की सुई 12 घण्टे में 360° का कोण पूरा करती हैं।

      6. मिनट की सुई 60 मिनट में 360° का कोण पूरा करती हैं।

      7. घड़ी की सुइयाँ जब अपने वृत्ताकार मार्ग पर एक पूर्ण चक्कर लगाती हैं, तब उन्हें 360° घूमना पड़ता हैं, एक मिनिट की दूरी 6° के बराबर होती हैं।

      8. प्रत्येक घण्टे में सुइयाँ एक ही दिशा के एक बार मिलती हैं, लेकिन 13 घण्टे में 11 बार तथा 24 घण्टे में 22 बार मिलती हैं।

      9. प्रत्येक घण्टे में दोनों सुइयाँ दो बार समकोण बनाती हैं, लेकिन 12 घण्टे में 22 बार तथा 24 घण्टे में 44 बार समकोण बनाती हैं।

      10. जब मिनट की सुई एक मिनट की दूरी तय करती हैं, तो घण्टे की सुई 1/2° के बराबर आगे बढ़ जाती हैं।

      11. घड़ी की सुइयों की आपसी स्थिति में परिवर्तन तभी होगा जब उनके बीच की दूरी 60/13 मिनट हो।

      12. प्रत्येक घण्टे में घड़ी की दोनों सुइयाँ आपस में एक बार मिलती हैं।

      13. जब दोनों सुइयाँ एक दूसरे के साथ समकोण या 90° बना रही हों, तो एक-दूसरे से 15 मिनट-अंतराल की दूरी पर होती हैं और यह प्रति घण्टे में दो बार होता हैं।

      14. जब दोनों सुइयाँ एक दूसरे की विपरीत दिशा में हो ये 30 मिनट अन्तराल से अलग होती हैं और यह प्रति घण्टा में एक बार होता हैं।

      15. दोनों सुइयाँ एक सरल रेखा में होती हैं जब एक दूसरे को ढकने या एक दूसरे की विपरीत दिशा में होती हैं।

      16. यदि ठीक 8 बजे हैं तथा घड़ी में उस समय 8 : 20 बज रहे है, तो हम कहते है कि घड़ी 20 मिनट तेज हैं।

      17. यदि ठीक 8 बजे हैं तथा घड़ी में उस समय 7 : 40 बज रहे है, तो हम कहते है कि घड़ी 20 मिनट सुस्त हैं।

      18. जब घड़ी की सुइयाँ सीधी घूमती हैं तो उसे clock-wise तथा जब वे उल्टी दिशा में घूमती हैं तब उन्हें anti-clockwise कहते हैं।

      19. यदि मिनट की सुई घण्टे की सुई से पीछे रहे, तो अभीष्ट डिग्री = मिनिट और घण्टे के बीच की संख्या में अंतर × 30 + (मिनट/2)°

      20. यदि मिनट की सुई घण्टे की सुई से आगे रहे, तो अभीष्ट डिग्री = मिनट और घण्टे के बीच की संख्या में अंतर × 30 – (मिनट/2)°

      21. जब घड़ी में पूछा गया समय 12 बजे से कम हो तब उसे 11 : 60 से घटा कर उत्तर बताया जाएगा, और यदि समय में सेकण्ड का उपयोग भी किया गया हो तब उसे 11 : 59 : 60 से घटा कर उत्तर बताया जाएगा।

      22. जब पूछा गया समय 12 बजे से अधिक हो तब उसे 23 : 60 से घटाकर उत्तर बताया जाएगा और यदि समय सेकण्ड के साथ हो तो उसे 23 : 59 : 60 से घटाकर उत्तर बताया जाएगा।

      23. जब घड़ी में दिए गए किसी समय को क्षैतिज दर्पण में देखना हो तो उसे 17 : 90 से घटा कर उत्तर देंगे और समय सेकण्ड के साथ हो तो उसे 17 : 89 : 60 से घटा कर उत्तर देंगे।

      घड़ी के सवाल

      Q.1

      दर्पण में देखने पर एक घड़ी 4 : 40 समय दर्शाती हैं, सही समय क्या हैं?
      A. 7 : 20
      B. 5 : 25
      C. 4 : 30
      D. 8 : 20

      हल:- (11 : 60) – (4 : 40)
      Ans. 7 : 20

      Q.2

      लम्बवत दर्पण में देखने पर एक घड़ी 12 : 16 : 28 समय दर्शाती हैं, सही समय क्या हैं?
      A. 7 : 20 : 24
      B. 11 : 43 : 32
      C. 14 : 30 : 30
      D. 8 : 20 : 18

      हल:- (23 : 59 : 60) – (12 : 16 : 28)
      Ans. 11 : 43 : 32

      Q.3

      7 : 20 पर घड़ी में घण्टे और मिनिट के बीच में कितने डिग्री का कोण बनेगा?
      A. 100°
      B. 60.8°
      C. 120°
      D. 78.5°

      हल:- प्रश्नानुसार,
      30H – 11/2 M
      30 × 7 – (11/2) × 20
      210 – 110
      Ans. 100°

      Q.4

      2 बजकर 20 मिनट पर घड़ी की दोनों सुइयों के बीच कितना कोण बनेगा?
      A. 100°
      B. 60°
      C. 50°
      D. 150°

      हल:- प्रश्नानुसार,
      20 मिनट में मिनट की सुई द्वारा बनाया गया कोण = 20 × 6°
      120°
      2 घण्टे 20 मिनट में घण्टे की सुई द्वारा बनाया गया कोण = 2 (20/60) × 30°
      70°
      दोनों सुइयों के बीच का अभीष्ट कोण = 120° – 70°
      50°
      Ans. 50°

      Q.5

      एक घड़ी क्रमशः एक बजे एक बार, दो बजे दो बार, तीन बजे तीन बार अर्थात जितना बजता हैं, घड़ी भी उतनी ही बार बजती हैं एक दिन में घड़ी कितनी बार बजेगी?
      A. 100 बार
      B. 160 बार
      C. 150 बार
      D. 156 बार

      हल:- प्रश्नानुसार,
      12 घण्टे में घड़ी के बजने की संख्या = 1 + 2 + 3 + 4 + 5 + 6 + 7 + 8 + 9 + 10 + 11 + 12
      78 बार
      78 × 2
      Ans. 156 बार।

      Q.6

      3 बजकर 35 मिनट पर दोनों सुइयों के बीच कितना कोण बनेगा?
      A. 72.5°
      B. 67.5°
      C. 102.5
      D. 150.8°

      हल:- प्रश्नानुसार,
      35 मिनट में मिनट की सुई द्वारा बनाया गया कोण = 35 × 6°
      = 210°
      3 घण्टे 35 मिनट में घण्टे की सुई द्वारा बनाया गया कोण = 3 + 35/60 × 30°
      = 3/1 + 7/12 × 30°
      = (36 + 7)/12 × 30°
      = 43/12 × 30
      = (43 × 5)/2
      = 215/2
      = 107.5°
      दोनों सुइयों के बीच का अभीष्ट कोण = 210° – 107.5°
      = 102.5°
      Ans. 102.5

      Q.7

      4 : 20 पर घड़ी की दोनों सुइयों के बीच कितना कोण बनेगा?
      A. 10
      B. 20
      C. 50
      D. 100

      हल:- प्रश्नानुसार,
      30H – 11/2 M
      30 × 4 – (11/2) × 20
      120 – 110
      Ans. 10

      Note:- ऐसे किसी भी प्रश्न में दिए गए समय में शुरुआत का समय ध्यान रखना और किसी भी प्रश्न के पूछे जाने पर उसी समय से उसका सम्बन्ध देखें, और ऐसा करने पर घड़ी में जो भी अंक निर्धारित किया जाएगा, उस की मिनट की स्थिति से 12/11 का गुणा करें।

      Q.8

      4 और 5 के बीच घड़ी की दोनों सुइयाँ कब सम्पाती होंगी?
      A. 10 : 135/6
      B. 6 : 121/7
      C. 5 : 120/21
      D. 4 : 240/11

      हल:- 4 : 20 × 12/11
      Ans. 4 : 240/11

      Q.9

      4 और 5 के बीच घड़ी की दोनों सुइयाँ कब विपरीत होंगी?
      A. 6 : 500/21
      B. 4 : 600/11
      C. 5 : 400/7
      D. 15 : 100/19

      हल:- 4 : 50×(12/11)
      Ans. 4 : 600/11

      Q.10

      4 और 5 के बीच घड़ी की दोनों सुइयाँ कब 60° का कोण बनाएंगी?
      A. 4 : 120/11
      B. 4 : 360/11
      C. 4 : 120/11 , 4 : 360/11
      D. 6 : 130/17

      हल:- 4 : 10 × (12/11) , 4 : 30 × (12/11)
      Ans. 4 : 120/11 , 4 : 360/11

      Q.11

      14 और 9 बजे के बीच घण्टे तथा मिनट की सुइयाँ कब एक-दूसरे के विपरीत होगी?
      A. 15 : 121/23
      B. 10 : 110/17
      C. 8 : 120/11
      D. 6 : 135/19

      हल:- जब दोनों सुइयाँ एक-दूसरे के विपरीत होंगी तो 180° का कोण बनेगा।
      सूत्र:- M = (2/11)(H1 × 30 – A)
      प्रश्नानुसार,
      H1 = 8 , A° = 180
      अतः M = (2/11)(8 × 30 – 180)
      M = (2/11)(240 – 180)
      M = (480 – 360)/11
      M = 120/11
      Ans. 8 : 120/11

      Q.12

      एक सही घड़ी सुबज के 8 बजे दर्शाती हैं, घड़ी को घण्टा की सुई दोपहर बाद 2 बजे तक कितनी डिग्री का कोण बनाती हैं?
      A. 100°
      B. 60°
      C. 180°
      D. 90°

      हल:- प्रश्नानुसार,
      चूँकि घण्टा की सुई 12 घण्टे में 360° का कोण बनाती हैं।
      अतः सुबह 8 बजे से लेकर दोपहर 2 बजे तक 6 घण्टे हुए।
      अतः घण्टे की सुई इस 6 घण्टे में 180° का कोण बनाएगी।
      उत्तर:- 180°

      Q.13

      घड़ी A प्रत्येक दिन 1 मिनट लेट हो जाती हैं, जबकि घड़ी B प्रत्येक दिन 3/2 मिनट फास्ट हो जाती हैं, यदि घड़ी B घड़ी A की अपेक्षा 30 मिनट आगे हो, तो घड़ी B को घड़ी A की अपेक्षा 45 मिनट आगे होने में कितने दिन लगेंगे?
      A. 6 दिन
      B. 8 दिन
      C. 4 दिन
      D. 10 दिन

      हल:- प्रश्नानुसार,
      घड़ी B घड़ी A से प्रति घण्टा आगे निकला समय = (1/24 + 1/16)
      5/48 मिनट
      घड़ी B को 15 मिनट आगे बढ़ने में लगा समय = (48/5) × (15/24)
      6 दिन
      Ans. 6 दिन

      Q.14

      एक दिन में घड़ी की दोनों सुइयाँ एक साथ होगीं?
      A. 12 बार
      B. 24 बार
      C. 22 बार
      D. 48 बार

      हल:- प्रश्नानुसार
      दोनों सुइयों एक साथ होंगी
      55/60 × 24 = 22
      Ans. 22 बार

      Q.15

      रमेश की घड़ी रविवार को दोपहर 3 बजे सही समय से 5 मिनट पीछे थी और मंगलवार को दोपहर 3 बजे सही समय से 3 मिनट आगे थी, तो बताइए कि इस घड़ी ने सही समय कब दिखाया?
      A. सोमवार रात 9 बजे
      B. सोमवार सुबह 9 बजे
      C. मंगलवार दोपहर 3 बजे
      D. रविवार रात 9 बजे

      हल:- प्रश्नानुसार,
      घड़ी रविवार दोपहर 3 बजे पीछे थी और मंगलवार दोपहर 3 बजे 3 मिनट आगे थी।
      इस प्रकार घड़ी कुल मिलाकर (5 + 3) = 8 मिनट आगे हुई।
      रविवार दोपहर 3 बजे से मंगलवार दोपहर 3 बजे तक कुल 48 घण्टे हुए।
      48 घण्टे के अंदर = 8 मिनट तेज हुई
      1 मिनट तेज होने में लिया समय = 6 घण्टे
      प्रारम्भ में घड़ी 5 मिनट पीछे थीं
      घड़ी सही समय तब बताएगी जब यह 5 मिनट आगे या तेज हो जाये।
      2 मिनट तेज चलने में 6 घण्टे का समय लेती हैं।
      5 मिनट तेज चलने में घड़ी द्वारा लिया गया समय = 6 × 5
      30 घण्टे।
      अर्थात 30 घण्टे पर घड़ी जो 5 मिनट पीछे थी वह पूरा कर लेगी और सही समय बताएगी?
      अतः सोमवार रात 9 बजे घड़ी सही समय बताएगी।
      Ans. सोमवार रात 9 बजे।

      Q.16

      एक घड़ी क्रमशः एक बजे एक बार, दो बजे दो बार अर्थात जितना समय होता हैं घड़ी भी उतनी बार बजती हैं 24 घण्टे में घड़ी कितनी बार बजेगी?
      A. 156 बार
      B. 178 बार
      C. 124 बार
      D. 148 बार

      हल:- प्रश्नानुसार,
      12 घण्टे में घड़ी के बजने की संख्या
      1 + 2 + 3 + 4 + 5 + 6 + 7 + 8 + 9 + 10 + 11 + 12
      78 बार
      24 घण्टे में घड़ी 78 × 2
      156 बार बजेगी।
      Ans. 156 बार।

      Q.17

      दो घड़िया एक साथ 10 बजे बजना प्रारम्भ करती हैं, पहली घड़ी 18 सेकण्ड में तथा दूसरी घड़ी 27 सेकण्ड में बजती हैं, बताइए पहली घड़ी के छठे प्रहार तथा दूसरी घड़ी के चौथे प्रहार में कितने समय का अंतर होगा?
      A. 1 सेकण्ड
      B. 2 मिनट
      C. 5 सेकण्ड
      D. 6 मिनट

      हल:- प्रश्नानुसार,
      10 बजे प्रत्येक घड़ी के 10 स्ट्रोक के बीच 9 समय अंतराल होंगे।
      प्रथम घड़ी का प्रति समय अंतराल लगा समय = 18/9 सेकण्ड = 2 सेकेण्ड
      दूसरी घड़ी का प्रति समय अंतराल लगा समय = 27/9 सेकण्ड = 3 सेकण्ड
      प्रथम घड़ी के 6 प्रहार में लगा समय = 2 × (6 – 1) = 10 सेकण्ड
      दूसरी घड़ी के 4 प्रहार में लगा समय = 3 × (4 – 1) = 9 सेकण्ड
      अभीष्ट अंतर = (10 – 9) सेकण्ड
      1 सेकण्ड
      Ans. 1 सेकण्ड

      Q.18

      एक बस स्टैण्ड से हर 30 मिनट पर दिल्ली के लिए एक बस रवाना होती हैं, एक पूछताछ क्लर्क ने एक यात्री को बताया कि एक बस 10 मिनट पहले ही छुटी हैं और अगली बस 9 : 35 पूर्वाह्न छूटेगी, पूछताछ क्लर्क ने यात्री को सूचना कितने बजे दी हैं?
      A. 9 : 10 पूर्वाह्न
      B. 8 : 55 पूर्वाह्न
      C. 9 : 08 पूर्वाह्न
      D. 9 : 15 पूर्वाह्न

      हल:- प्रश्नानुसार,
      सूचना देने का समय
      (9 : 35 – 0 : 30) + 0 : 10
      9 : 05 + 0 : 10
      9 : 15 पूर्वाह्न
      Ans. 9 : 15 पूर्वाह्न।

      Q.19

      घड़ी A प्रत्येक दिन 1 मिनट लेट हो जाती हैं, जबकि घड़ी B प्रत्येक दिन 1½ मिनट फास्ट हो जाती हैं यदि घड़ी B घड़ी A की अपेक्षा 30 मिनट आगे हो, तो घड़ी B को घड़ी A की अपेक्षा 45 मिनट आगे होने में कितने दिन लगेंगे?
      A. 10 दिन
      B. 6 दिन
      C. 4 दिन
      D. 12 दिन

      हल:- प्रश्नानुसार,
      घड़ी B, घड़ी A से प्रति घण्टा आगे निकला समय = (1/24 + 1/16)
      = (2 + 3)/48
      = 5/48 मिनट
      घड़ी B को 15 मिनट आगे बढ़ने में लगा समय = 48/5 × 15/24
      = 2 × 3
      = 6 दिन
      Ans. 6 दिन

      Q.20

      3 और 4 बजे के बीच कब मिनट वाली सुई घण्टे वाली सुई से 4 मिनट पीछे होंगी?
      A. 3 : 12 बजे
      B. 3 : 10 बजे
      C. 3 : 25 बजे
      D. 3 : 15 बजे

      हल:- प्रश्नानुसार,
      जब मिनट की सुई 11 मिनट की अधिक दूरी तय करेगी, तो वह घण्टे की सुई से 4 मिनट पीछे होंगी।
      अभीष्ट समय = 11 × 60/55
      = 11 × 12/11
      = 12 मिनट
      3 बजकर 12 मिनट पर मिनट वाली सुई 4 मिनट पीछे होगी।
      Ans. 3 : 12 बजे
    21. [SQUARE1] वर्ग संख्या [Square number]

      1 से 50 तक की संख्याओं का वर्ग संख्या/Square number

      वर्ग 1 से 50, 1 से 50 तक की सभी संख्याओं के वर्गों (Square number) की सूची है। 1 से 50 तक के वर्गों का मान 1 से 2500 के बीच है। इन मानों को याद करने से छात्रों को समय लेने वाले समीकरणों को जल्दी से सरल बनाने में मदद मिलेगी। घातीय रूप में वर्ग 1 से 50 को (x) 2 के रूप में व्यक्त किया जाता है ।

      वर्ग 1 से 50 :

      • प्रतिपादक रूप: (x) 2
      • उच्चतम मूल्य: 50 2 = 2500
      • न्यूनतम मान: 1 2 = 1

      वर्ग 1 से 50 सीखने से छात्रों को 1 से 2500 तक के सभी पूर्ण वर्गों को पहचानने में मदद मिल सकती है और ज्ञात वर्गों के बीच अंतर्वेश करके एक वर्गमूल का अनुमान लगा सकते हैं। वर्ग 1 से 50 तक के मान नीचे तालिका में सूचीबद्ध हैं।

      1 से 50 तक सभी वर्गों की सूची
      12 = 122 = 432 = 942 = 1652 = 25
      62 = 3672 = 4982 = 6492 = 81102 = 100
      112 = 121122 = 144132 = 169142 = 196152 = 225
      162 = 256172 = 289182 = 324192 = 361202 = 400
      212 = 441222 = 484232 = 529242 = 576252 = 625
      262 = 676272 = 729282 = 784292 = 841302 = 900
      312 = 961322 = 1024332 = 1089342 = 1156352 = 1225
      362 = 1296372 = 1369382 = 1444392 = 1521402 = 1600
      412 = 1681422 = 1764432 = 1849442 = 1936452 = 2025
      462 = 2116472 = 2209482 = 2304492 = 2401502 = 2500

      वर्ग 1 से 50 – सम संख्याएँ

      नीचे दी गई तालिका सम संख्याओं के वर्ग 1 से 50 तक के मानों को दर्शाती है।

      22 = 442 = 1662 = 3682 = 64102 = 100
      122 = 144142 = 196162 = 256182 = 324202 = 400
      222 = 484242 = 576262 = 676282 = 784302 = 900
      322 = 1024342 = 1156362 = 1296382 = 1444402 = 1600
      422 = 1764442 = 1936462 = 2116482 = 2304502 = 2500

      वर्ग 1 से 50 – विषम संख्याएँ

      नीचे दी गई तालिका विषम संख्याओं के लिए 1 से 50 तक के वर्गों का मान दर्शाती है।

      12 = 132 = 952 = 2572 = 4992 = 81
      112 = 121132 = 169152 = 225172 = 289192 = 361
      212 = 441232 = 529252 = 625272 = 729292 = 841
      312 = 961332 = 1089352 = 1225372 = 1369392 = 1521
      412 = 1681432 = 1849452 = 2025472 = 2209492 = 2401

      वर्ग 1 से 50 के मानों की गणना कैसे करें?

      1 से 50 तक के वर्गों की गणना करने के लिए, हम निम्नलिखित विधियों में से किसी एक का उपयोग कर सकते हैं:

      विधि 1: स्वयं से गुणा करना।

      विधि 2: बुनियादी बीजगणितीय सर्वसमिकाओं का उपयोग करना:

      34 का वर्ग ज्ञात करने के लिए, हम 34 को इस प्रकार व्यक्त कर सकते हैं:

      • विकल्प 1: (30 + 4)
      • विकल्प 2: (40 – 6)

      अगले चरण में, हम बुनियादी बीजगणितीय पहचान सूत्र का उपयोग करते हैं और

      विकल्प 1: [30² + 4² + (2 × 30 × 4)] या

      विकल्प 2: [40² + 6² – (2 × 40 × 6)] प्राप्त करते हैं। 

      व्यंजकों को और हल करने पर, हमें विकल्प 1: (900 + 16 + 240) = 1156 या

      विकल्प 2: (1600 + 36 – 480) = 1156 मिलता है। 

      विषम संख्याओं का पूर्ण वर्ग = विषम
      सम संख्याओं का पूर्ण वर्ग =सम

      अभाज्य गुणनखंड विधि से पूर्ण वर्ग संख्या की पहचान व निर्माण

      बताइये कि संख्या 121 पूर्णवर्ग है अथवा नहीं?

      वह छोटी से छोटी संख्या ज्ञात कीजिये जिसका 180 से गुणा करने पर गुणनफल पूर्ण वर्ग बन जाए।


      वह छोटी से छोटी संख्या ज्ञात कीजिये जिसका 2352 में भाग देने पर भागफल पूर्ण वर्ग बन जाए।

    22. [ PROLOS5] प्रतिशत की अवधारणा

      प्रतिशत के सूत्र [Percentage Formula]

      प्रतिशत का अर्थ (प्रति + शत) प्रत्येक सौ पर या 100 में से x प्रतिशत का अर्थ 100 में से x

      x% = x/100

      भिन्न x/y को प्रतिशत में बदलने के लिए भिन्न को 100 से गुणा करते है।

      किसी वस्तु का x/y भाग = उस वस्तु का (x/y) × 100

      • x का y प्रतिशत = x × y 100
      • x, y का कितना प्रतिशत है = x/y × 100
      • y, x से कितना प्रतिशत अधिक है = (y – x)/x × 100
      • y, x से कितना प्रतिशत कम है = (x – y)/x × 100
      • प्रतिशत वृद्धि = वृद्धि/प्रारंभिक मान × 100
      • प्रतिशत कमी = कमी/प्रारंभिक मान × 100
      • x को R % बढ़ाने पर, x(1 + R/100) प्राप्त होगा
      • x को R % घटाने पर, x(1 – R/100) प्राप्त होगा

      अन्य महत्वपूर्ण सूत्र :

      • x में y % की वृद्धि होने पर नई संख्या ज्ञात करना = (100 + y)/100 × x
      • यदि x का मान y से R% अधिक है तो y का मान x से R % में कम हैं = R/(100 + R × 100)%
      • यदि x का मान y से R% कम है तो y का मान x से R % में अधिक हैं = R/(100 – R × 100)%
      • किसी वस्तु के मूल्य में R% वृद्धि होने पर भी वस्तु पर कुल खर्च ना बढ़े इसके लिए वस्तु की खपत में R% कमी = R/(100 + R × 100)%
      • किसी वस्तु के मूल्य में R% कमी होने पर भी वस्तु पर कुल खर्च ना घटे इसके लिए वस्तु की खपत में R% वृद्धि = ( R/(100 – R× 100)%
      • यदि A = x × y तो x में m% परिवर्तन एवं y में n% परिवर्तन के कारण A में प्रतिशत परिवर्तन = m + n + mn/100, जहाँ वृद्धि के लिए + एवं कमी के लिए – चिन्ह का उपयोग किया जाएगा ।
    23. [MENSUR2] द्विविमीय आकृतियाँ: वर्ग आयत और त्रिभुज का परिमाप व क्षेत्रफल

      द्विविमीय आकृतियाँ को 2D आकृति भी कहाँ जा सकता हैं। 2D आकृति की क्षेत्रफल और परिमाप की गणना की जा सकती हैं। 2D आकृतियों में मोटाई नहीं होती हैं इसे दो तरफ से मापा जा सकता हैं।

      द्विविमीय आकृति की परिभाषा, सूत्र और उदाहरण

      ज्यामिति में द्वी-आयामी आकृति एक समतल आकृति होती हैं जिसमें लम्बाई और चौड़ाई के दो आयाम होते हैं।

      द्विविमीय आकृतियों के अंर्तगत आयत, वर्ग, त्रिभुज आदि आते हैं।

      द्विविमीय आकृति

      1. आयत

      चार भुजाओं से घिरी आकृति जिसमें आमने सामने की भुजाएँ समान्तर और बराबर होती हैं तथा प्रत्येक कोण समकोण होता है आयत कहलाता हैं।

      AC तथा BD को विकर्ण कहते हैं तथा ये विकर्ण आपस में बराबर होते हैं अर्थात AC = BD

      आयत
      • आयत का परिमाप = 2(लम्बाई + चौड़ाई)
      • आयत का क्षेत्रफल = लंबाई ×चौड़ाई
      • आयत का विकर्ण =√(लंबाई² + चौड़ाई²)

      2. वर्ग

      चार भुजाओं से घिरी वह आकृति जिसकी चारों भुजाएँ बराबर हों तथा प्रत्येक कोण समकोण हो अर्थात 90° का हो, उसे वर्ग कहते हैं।

      AC तथा BD को विकर्ण कहते हैं तथा विकर्ण आपस में एक दूसरे के बराबर होते हैं अर्थात AC = BD

      वर्ग
      • वर्ग का क्षेत्रफल = (एक भुजा)² = a²
      • वर्ग का क्षेत्रफल = ½ × (विकर्णो का गुणनफल) = ½ × AC × BD
      • वर्ग की परिमिति = 4 × a
      • वर्ग का विकर्ण = एक भुजा × √2 = a × √2
      • वर्ग का विकर्ण = √2 × वर्ग का क्षेत्रफल

      3. त्रिभुज

      तीन भुजाओं से घिरा समतल क्षेत्र त्रिभुज कहलाता हैं किसी भी त्रिभुज में तीन भुजाएं, तीन शीर्ष तथा तीन कोण होते हैं त्रिभुज के तीनों कोणों का योग 180° होता हैं। त्रिभुज के लिए ‘∆’ चिन्ह का प्रयोग किया जाता हैं।

      त्रिभुज

      त्रिभुज का क्षेत्रफल = 1/2 × आधार × ऊँचाई

      त्रिभुज के प्रकार:

      1. समबाहु त्रिभुज (Equilateral Triangle):
        • जिन त्रिभुजों की तीनों भुजाएँ बराबर लंबाई की होती हैं, उन्हें समबाहु त्रिभुज कहते हैं।
        • इसमें तीनों कोण भी बराबर (60°) होते हैं।
      2. समद्विबाहु त्रिभुज (Isosceles Triangle):
        • जिन त्रिभुजों की दो भुजाएँ बराबर लंबाई की होती हैं, उन्हें समद्विबाहु त्रिभुज कहते हैं।
        • इसमें समान भुजाओं के सम्मुख कोण भी बराबर होते हैं।
      3. विषमबाहु त्रिभुज (Scalene Triangle):
        • जिन त्रिभुजों की सभी भुजाएँ अलग-अलग लंबाई की होती हैं, उन्हें विषमबाहु त्रिभुज कहते हैं।
        • इसमें तीनों कोण भी अलग-अलग होते हैं।
      4. न्यूनकोण त्रिभुज (Acute-angled Triangle):
        • जिन त्रिभुजों के तीनों कोण 90° से छोटे होते हैं, उन्हें न्यूनकोण त्रिभुज कहते हैं।
      5. समकोण त्रिभुज (Right-angled Triangle):
        • जिस त्रिभुज में एक कोण 90° का होता है, उसे समकोण त्रिभुज कहते हैं।
      6. अधिक कोण त्रिभुज (Obtuse-angled Triangle):
        • जिस त्रिभुज में एक कोण 90° से बड़ा होता है, उसे अधिक कोण त्रिभुज कहते हैं।
    24. [UNITARY] ऐकिक नियम

      ऐकिक नियम (Unitary Method)

      ऐकिक नियम गणित की एक सरल विधि है, जिसका उपयोग किसी वस्तु की एक इकाई का मान ज्ञात करके कई इकाइयों का मान ज्ञात करने या इसके विपरीत करने के लिए किया जाता है। यह नियम अनुपात और समानुपात की अवधारणा पर आधारित है।


      ऐकिक नियम के प्रकार:

      1. सीधा अनुपात (Direct Proportion):
        • जब दो परिमाण (quantities) एक-दूसरे के साथ समान अनुपात में बढ़ते या घटते हैं।
        • उदाहरण: यदि 1 किलोग्राम चावल की कीमत ₹50 है, तो 5 किलोग्राम चावल की कीमत कितनी होगी?
          • समाधान:
            1 किलोग्राम = ₹50
            5 किलोग्राम = 5×50=₹250
      2. व्युत्क्रमानुपाती (Inverse Proportion):
        • जब एक परिमाण बढ़ता है और दूसरा घटता है।
        • उदाहरण: यदि 4 मजदूर एक काम को 6 दिनों में पूरा करते हैं, तो 8 मजदूर वही काम कितने दिनों में करेंगे?
          • समाधान:
            मजदूर और दिन व्युत्क्रमानुपाती हैं।
            4×6=8×x
            x=4×6/8=3 दिन।

      ऐकिक नियम का उपयोग:

      1. वस्तु की कीमत से संबंधित प्रश्न:

      • उदाहरण:
        यदि 12 सेब की कीमत ₹240 है, तो 8 सेब की कीमत कितनी होगी?
        • समाधान:
          12 सेब = ₹240
          1 सेब = 240/12=₹20
          8 सेब = 20×8=₹160

      2. दूरी, समय और गति से संबंधित प्रश्न:

      • उदाहरण:
        यदि एक वाहन 2 घंटे में 60 किमी चलता है, तो 5 घंटे में वह कितनी दूरी तय करेगा?
        • समाधान:
          2 घंटे = 60 किमी
          1 घंटे = 60/2=30 किमी
          5 घंटे = 30×5=150किमी

      3. कार्य और समय से संबंधित प्रश्न:

      • उदाहरण:
        यदि 6 मजदूर एक काम को 10 दिनों में पूरा करते हैं, तो 15 मजदूर वही काम कितने दिनों में करेंगे?
        • समाधान:
          मजदूर और दिन व्युत्क्रमानुपाती हैं।
          6×10=15×x
          x=6×10/15=4दिन।

      4. अनुपात और समानुपात:

      • उदाहरण:
        यदि 5 पेन की कीमत ₹100 है, तो 8 पेन की कीमत ज्ञात करें।
        • समाधान:
          5 पेन = ₹100
          1 पेन = 100/5=₹20
          8 पेन = 20×8=₹160
    25. [ PROLOS3] साधारण ब्याज

      साधारण ब्याज का सूत्र:

      SI=P×R×T/100

      जहाँ:

      • SI = साधारण ब्याज (Simple Interest)
      • P = मूलधन (Principal Amount)
      • R = वार्षिक ब्याज दर (Rate of Interest per year)
      • T = समय (Time in years)