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Author: Mani Sir

  • [DECN10] दशमलव को भिन्न में बदलने का तरीका

    दशमलव को भिन्न में बदलने का तरीका
    दशमलव को भिन्न में बदलने के लिए निम्नलिखित विधि अपनाई जाती है:


    विधि:

    1. दशमलव संख्या को बिना दशमलव के पूर्ण संख्या के रूप में लिखें।
    2. उसके नीचे 10, 100, 1000, आदि लिखें, जो दशमलव के स्थानों की संख्या पर निर्भर करेगा।
    3. भिन्न को उसके सरलतम रूप में ले आएं।

    उदाहरण 1:

    दशमलव संख्या: 0.5

    चरण 1: 0.5 को 5/10 के रूप में लिखें।
    चरण 2: 5/10 को सरल करें:

    5/10=1/2

    अतः 0.5=1/2


    उदाहरण 2:

    दशमलव संख्या: 0.75

    चरण 1: 0.75 को 75/100 के रूप में लिखें।
    चरण 2: 75/100 को सरल करें:

    75/100

    =3/4

    अतः 0.75=3/4


    उदाहरण 3:

    दशमलव संख्या: 0.125

    चरण 1: 0.125 को 125/1000 के रूप में लिखें।
    चरण 2: 125/1000 को सरल करें:

    125/1000

    =1/8​

    अतः 0.125=1/8


    उदाहरण 4:

    दशमलव संख्या: 2.4

    चरण 1: 2.4 को 24/10 के रूप में लिखें।
    चरण 2: 24/10 को सरल करें:

    24/10

    =12/5

    अतः 2.4=12/5


    विशेष नोट:

    1. दशमलव के बाद जितने अंक होंगे, उतने ही शून्य 10 , 100 , 1000 आदि के रूप में हर (Denominator) में जोड़े जाएंगे।
      • 0.3=3/10
      • 0.06=6/100/
      • 0.009=9/1000
    2. यदि दशमलव संख्या में पूर्णांक भी शामिल हो, तो उसे मिश्रित भिन्न (Mixed Fraction) में बदल सकते हैं।
      • 2.75=2 सही 3/4
  • [DECN09] भिन्न को दशमलव में बदलने का तरीका

    भिन्न को दशमलव में बदलने का तरीका
    भिन्न को दशमलव में बदलने के लिए भिन्न के अंश (Numerator) को हर (Denominator) से भाग देना होता है। इसे निम्नलिखित उदाहरणों से समझा जा सकता है:


    उदाहरण 1:

    भिन्न: 1/2
    भाग करें:

    1÷2=0.5


    उदाहरण 2:

    भिन्न: 3/4
    भाग करें:

    3÷4=0.75


    उदाहरण 3:

    भिन्न: 7/8
    भाग करें:

    7÷8=0.875


    उदाहरण 4:

    भिन्न: 22/7
    भाग करें:

    22÷7=3.142857…(अनंत आवर्ती दशमलव) के रूप में लिखा जा सकता है।


    विशेष नोट:

    1. यदि भाग पूरा हो जाए, तो यह समाप्त दशमलव (Terminating Decimal) कहलाता है।
      जैसे: 1/2=0.5, 3/4=0.75
    2. यदि भाग कभी समाप्त न हो और बार-बार दोहराए, तो इसे आवर्ती दशमलव (Repeating Decimal) कहते हैं।
      जैसे: 1/3=0.3333⋯
  • [TIME05] औसत चाल की गणना

    औसत चाल की गणना

    यदि कोई वस्तु निश्चित दूरी को x किलोमीटर/घण्टा तथा पुनः उसी दूरी को y किलोमीटर/घण्टा की चाल से तय करती हैं, तो पूरी यात्रा के दौरान उसकी

    औसत चाल = (2 × x × y) / (x + y) किलोमीटर/घण्टा होगी।

    एक बस A से B तक 30 किलोमीटर/घण्टे की गति से तथा B से A तक 20 किलोमीटर प्रति घण्टे की गति से चलती हैं, यदि A से B और B से C तक कि दूरी 50 किलोमीटर हो तो बस की औसत चाल कितनी हैं?

    मोहन A से B तक 10 किलोमीटर/घण्टे की गति से तथा B से C तक 15 किलोमीटर/घण्टे की गति से तथा C से D तक 25 किलोमीटर/घण्टे की गति से चलता हैं तो बताइए उसकी औसत चाल क्या है?

    श्यामू 10 किलोमीटर की दूरी 5 किलोमीटर/घण्टे की गति से, 12 किलोमीटर की दूरी 4 किलोमीटर/घण्टे की गति से तथा 15 किलोमीटर की दूरी 3 किलोमीटर/घण्टे की गति से चलता हैं तो पूरी यात्रा में उसकी औसत चाल बताइए?

  • [TIME02] समय दूरी और चाल [Time Distance and Speed ]

    समय दूरी और चाल [Time Distance and Speed ]

    चाल (Speed) :-

    किसी व्यक्ति/यातायात के साधन द्वारा इकाई समय में चली गई दूरी, चाल कहलाती हैं।

    • चाल का सूत्र = चाल = दूरी / समय

    एक बस 120 किलोमीटर/घण्टा की दूरी 5/3 घण्टे में तय करती हैं बताइए उसकी चाल कितनी है?

    दूरी (Distance) :-

    किसी व्यक्ति/यातायात के साधन द्वारा स्थान परिवर्तन को तय की गई दूरी कहा जाता हैं।

    • दूरी का सूत्र :- दूरी = चाल × समय

    सोहन 12 किलोमीटर/घण्टा की गति से कोई यात्रा 3 घण्टे में तय करता हैं तो कुल दूरी क्या है ?

    समय (Time) :-

    किसी व्यक्ति/यातायात के साधन द्वारा इकाई चाल से चली गई दूरी, उसके समय को निर्धारित करती हैं।

    • समय का सूत्र :- समय = दूरी / चाल

    60 किलोमीटर/घण्टे की गति से चलती हुई एक गाड़ी 1440 किलोमीटर की दूरी 16 घण्टे में तय करती हैं, उसी गति से 480 किलोमीटर की दूरी को कितने समय मे तय करेगी?

    चाल का मात्रक (Unit of Speed):

    चाल का मात्रक मीटर/सेंटीमीटर अथवा किलोमीटर/घण्टा होता हैं।

    यदि चाल मीटर/सेंटीमीटर में हैं, तो किलोमीटर/घण्टा = 18/5 × मीटर/सेंटीमीटर
    यदि चाल किलोमीटर/घण्टा में हैं, तो मीटर/सेंटीमीटर = 5/18 × किलोमीटर/घण्टा

    प्रश्न: यदि एक वाहन की चाल 72 किलोमीटर/घंटा है, तो उसकी चाल मीटर/सेंटीमीटर में कितनी होगी?

    हल:

    समय का अनुपात

    A और B की गति का अनुपात 3:2 है। यदि A एक दूरी को 6 घंटे में तय करता है, तो B उसी दूरी को कितने समय में तय करेगा?

    यदि A तथा B चाल में अनुपात a : b हो तो एक ही दूरी तय करने में इनके द्वारा लिया गया समय का अनुपात b : a होगा।

    A और B के बीच की दूरी

    जब एक व्यक्ति A से B तक x किलोमीटर/घण्टे की चाल से जाता हैं तथा t₁ समय देर से पहुँचता हैं तथा जब वह y किलोमीटर/घण्टे की चाल से चलता हैं, तो t₂ समय पहले पहुँच जाता हैं, तो

    A तथा B के बीच की दूरी = (चालों का गुणनफल) × (समयान्तर) / (चालों में अंतर)

    (X × Y) × (T₁ + T₂) / (Y – X) किलोमीटर

    प्रश्न:
    एक व्यक्ति A से B तक 6 किमी/घंटा की चाल से चलता है और 30 मिनट देर से पहुँचता है। जब वह 10 किमी/घंटा की चाल से चलता है, तो वह 20 मिनटपहले पहुँच जाता है। A और B के बीच की दूरी ज्ञात कीजिए।

  • [MCQ08] द्विविमीय आकृतियों से संबंधित MCQ

    द्विविमीय आकृतियों से संबंधित उदाहरण

    प्रश्न1. एक आयताकार मैदान की लंबाई और चौड़ाई का अनुपात 5 : 3 हैं यदि मैदान का क्षेत्रफल 960 मीटर² हो तो मैदान के चारों और तीन बार लपेटने में कुल कितना तार लपेटना पड़ेगा?
    A. 150 मीटर
    B. 240 मीटर
    C. 241 मीटर
    D. 284 मीटर

    हल:- आयताकार मैदान की लंबाई = 5x मीटर
    तथा आयताकार मैदान की चौड़ाई = 3x मीटर
    आयताकार मैदान का क्षेत्रफल = लम्बाई × चौड़ाई
    630 = (5x) × (3x)
    630 = 15 x²
    x² = 630/15
    x² = 64
    x = 8 मीटर
    अतः लम्बाई = 5x
    5 × 8 = 40 मीटर
    तथा चौड़ाई = 3x
    3 × 8 = 24 मीटर
    आयताकार मैदान का परिमाप = 2 (लम्बाई + चौड़ाई)
    = 2(40 + 24)
    = 2 × 64
    = 128 मीटर
    अतः तीन चक्कर में लपेटा गया कुल तार = 3 × परिमाप
    = 3 × 128
    Ans. 384 मीटर

    प्रश्न2. एक आयत की लम्बाई 15 सेंटीमीटर और इसके विकर्ण की लम्बाई 17 सेंटीमीटर हो तो आयत का क्षेत्रफल कितना होगा?
    A. 120 वर्ग सेंटीमीटर
    B. 220 वर्ग सेंटीमीटर
    C. 60 वर्ग सेंटीमीटर
    D. 180 वर्ग सेंटीमीटर

    हल:- विकर्ण = 17 सेंटीमीटर
    लम्बाई = 15 सेंटीमीटर
    आयत का विकर्ण =√(l² + b²)
    17 = √l² + (15)²
    (17)² = l² + (15)²
    (17)² – (15)² = l²
    289 – 225 = l²
    L² = 64
    L = 8
    आयत का क्षेत्रफल = l × b
    = 8 × 15
    Ans. 120 वर्ग सेंटीमीटर।

    प्रश्न3. एक आयताकार खेत के चारों और अंदर से सीमा से लगा हुआ 8 मीटर चौड़ा रास्ता बना हैं यदि खेत को लम्बाई और चौड़ाई क्रमशः 220 मीटर और 180 मीटर हो तो रास्ता का क्षेत्रफल क्या होगा?
    A. 2,014 वर्ग मीटर
    B. 3,024 वर्ग मीटर
    C. 4,879 वर्ग मीटर
    D. 6,144 वर्ग मीटर

    हल:- क्षेत्रफल = लम्बाई × चौड़ाई
    = 220 × 180
    = 39,600 वर्ग मीटर
    लम्बाई = 220 – 16
    लम्बाई = 204
    चौड़ाई = 180 – 16
    चौड़ाई = 164
    क्षेत्रफल = लम्बाई × चौड़ाई
    = 204 × 164
    = 33,456 वर्ग मीटर
    रास्ते का क्षेत्रफल = 39,600 – 33,456
    = 6,144
    Ans. 6,144 वर्ग मीटर।

    प्रश्न4. एक आयत का क्षेत्रफल 252 वर्ग सेंटीमीटर हैं। इसकी लम्बाई तथा चौड़ाई 9 : 7 हैं, इसका परिमाप क्या हैं?
    A. 87 सेंटीमीटर
    B. 56 सेंटीमीटर
    C. 87 सेंटीमीटर
    D. 64 सेंटीमीटर

    हल:- आयत का क्षेत्रफल = 252
    लम्बाई = 9
    चौड़ाई = 7
    9x × 7x = 252
    63x² = 252
    x² = 4
    x = 2
    9 × 2 = 18
    7 × 2 = 14
    आयत का परिमाप = 2(l + b)
    = 2(18 + 14)
    = 2 × 32
    = 64
    Ans. 64 सेंटीमीटर।

    प्रश्न5. उस वर्ग का क्षेत्रफल कितना होगा जिसके विकर्ण की लंबाई 8 सेंटीमीटर हैं?
    A. 28 सेंटीमीटर
    B. 32 सेंटीमीटर
    C. 8 सेंटीमीटर
    D. 18 सेंटीमीटर

    हल:- क्षेत्रफल = d²/2
    क्षेत्रफल = 8²/2
    = (8 × 8)/2
    = 8 × 4
    = 32
    Ans. 32 सेंटीमीटर।

    प्रश्न6. एक त्रिभुज की भुजाएं क्रमशः 3 सेंटीमीटर, 4 सेंटीमीटर, और 5 सेंटीमीटर हैं इसका क्षेत्रफल क्या होगा?
    A. 6 वर्ग सेंटीमीटर
    B. 8 वर्ग सेंटीमीटर
    C. 10 वर्ग सेंटीमीटर
    D. 12 वर्ग सेंटीमीटर

    हल:- प्रश्ननानुसार,
    a = 3 सेंटीमीटर
    b = 4 सेंटीमीटर
    c = 5 सेंटीमीटर
    त्रिभुज की तीनों भुजाओं का योग = (a + b + c)/2
    s = (3 + 4 + 5)/2
    s = 12/2
    s = 6
    त्रिभुज का क्षेत्रफल = √s(s – a)(s – b)(s – c)
    ∆ = √6(6 – 3)(6 – 4)(6 – 5)
    ∆ = √6 × 3 × 2 × 1
    ∆ = √36
    ∆ = 6
    Ans. 6 वर्ग सेंटीमीटर।

    प्रश्न7. किसी त्रिभुज PQR की भुजाएँ 5 सेमी. 12 सेमी. तथा 13 सेमी. हैं त्रिभुज में एक अन्तः वृत्त बनाया गया हैं उस वृत्त का क्षेत्रफल (वर्ग सेमी.) में हैं?
    A. 4π
    B. 3π/4
    C. π
    D. 4

    हल:- माना,
    वृत्त की त्रिज्या r सेमी. हैं
    r = √1/15(15 – 5)(15 – 12)(15 – 13)
    r = √1/15 × 10 × 3 × 2
    r = √4
    r = 2 सेमी.
    वृत्त का क्षेत्रफल = πr²
    = π2²
    = 4π
    Ans. 4π

  • [HIND07] अनुच्छेद पढ़ते और उत्तर देते समय ध्यान देने योग्य बातें

    अनुच्छेद पढ़ते और उत्तर देते समय ध्यान देने योग्य बातें

    अनुच्छेद पढ़ते और उत्तर देते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:

    अनुच्छेद पढ़ते समय:

    1. ध्यानपूर्वक पढ़ें: पूरे अनुच्छेद को बिना जल्दबाजी के पढ़ें ताकि उसकी पूरी संरचना और भाव को समझा जा सके।
    2. मुख्य विचार पहचानें: यह जानने की कोशिश करें कि लेखक क्या कहना चाहता है। अनुच्छेद का मुख्य उद्देश्य और विचार स्पष्ट होना चाहिए।
    3. कीवर्ड और मुख्य वाक्य: महत्वपूर्ण शब्दों और वाक्यों को नोट करें जो अनुच्छेद का सार प्रस्तुत करते हैं।
    4. संभावित प्रश्न: पढ़ते समय सोचें कि इस अनुच्छेद से किस प्रकार के प्रश्न पूछे जा सकते हैं।

    उत्तर देते समय:

    1. सीधे और स्पष्ट उत्तर दें: अनुच्छेद के आधार पर प्रश्न का उत्तर दें और अपने विचारों को इसमें शामिल करने से बचें।
    2. संदर्भ का ध्यान रखें: उत्तर में अनुच्छेद के मुख्य बिंदुओं का उल्लेख करें ताकि उत्तर प्रासंगिक और सटीक हो।
    3. भाषा सरल रखें: भाषा का स्तर पाठक या श्रोता के अनुसार रखें।
    4. संक्षेप में उत्तर दें: अधिक शब्दों का प्रयोग करने के बजाय संक्षेप में और सटीक उत्तर देने का प्रयास करें।
    5. उदाहरण दें (यदि संभव हो): उत्तर को बेहतर समझाने के लिए उदाहरण का प्रयोग करें।
    6. प्रश्न का पूरा उत्तर दें: यह सुनिश्चित करें कि प्रश्न के हर हिस्से का उत्तर दिया गया है।

    सामान्य सुझाव:

    • अनुच्छेद का उद्देश्य और भावना समझें।
    • उत्तर में अनुच्छेद की भाषा शैली और विषय वस्तु के अनुसार ही लिखें।
    • विवादास्पद विषयों पर उत्तर देते समय संतुलित दृष्टिकोण अपनाएं।
    • यदि आवश्यक हो, तो उत्तर देने से पहले अनुच्छेद को दोबारा पढ़ें।

    इन बातों का पालन करने से अनुच्छेद को सही ढंग से समझने और उसके उत्तर देने में आसानी होगी।

    Points to Keep in Mind While Reading a Passage and Responding:

    While Reading the Passage:

    1. Read Carefully: Go through the entire passage without rushing to understand its structure and essence.
    2. Identify the Main Idea: Focus on what the author is trying to convey. Understand the central purpose and theme of the passage.
    3. Note Key Words and Sentences: Highlight important words and sentences that summarize the passage’s core message.
    4. Anticipate Questions: While reading, think about the types of questions that could be asked based on the passage.

    While Responding:

    1. Provide Direct and Clear Answers: Respond to the question based solely on the content of the passage. Avoid adding unrelated opinions.
    2. Maintain Context: Refer to the main points of the passage to ensure your response remains relevant and accurate.
    3. Use Simple Language: Tailor your language to the audience for better clarity and understanding.
    4. Be Concise: Avoid lengthy responses; focus on being precise and to the point.
    5. Use Examples (if applicable): Illustrate your answers with examples to enhance clarity and impact.
    6. Answer the Entire Question: Ensure that all parts of the question are addressed in your response.

    General Tips:

    • Understand the purpose and tone of the passage.
    • Match the language and style of your response with the passage’s content.
    • Maintain a balanced approach when addressing sensitive topics.
    • If needed, reread the passage before formulating your answer.

    Following these steps will help in comprehending the passage thoroughly and crafting effective responses.

  • [TIME04] रैलगाड़ी को पार करने में लगा समय की गणना करना

    रेलगाड़ी और प्लेटफॉर्म

    जब कोई रेलगाड़ी किसी लम्बी वस्तु/स्थान/प्लेटफार्म/पुल दूसरी रेलगाड़ी को पार करती हैं तो रेलगाड़ी को अपनी लम्बाई के साथ-साथ उस वस्तु की लम्बाई के बराबर अतिरिक्त दूरी भी तय करनी पड़ती हैं।

    अर्थात कुल दूरी = रेल की लम्बाई + प्लेटफॉर्म/पुल की लम्बाई

  • [TIME03] एक ही दिशा / विपरीत दिशा के सापेक्षिक चाल की गणना

    सापेक्ष चाल

    दोनों समान दिशा में हो, तो

    यदि दो वस्तु एक ही दिशा में a किलोमीटर/घण्टा तथा b किलोमीटर/घण्टा की चाल से गति कर रही हैं, जिनका गति प्रारम्भ करने का स्थान तथा समय समान हैं, तो उनकी सापेक्ष चाल (a – b) किलोमीटर/घण्टा होगी।

    • सापेक्ष चाल = (a – b) किलोमीटर/घण्टा

    दोनों विपरीत दिशा में हो, तो

    यदि दो वस्तु विपरीत दिशा में a किलोमीटर/घण्टा तथा b किलोमीटर/घण्टा की चाल से गति कर रही हैं, जिनका गति प्रारम्भ करने का स्थान व समय समान हैं, तो उनकी सापेक्षिक चाल (a + b) किलोमीटर/घण्टा होगी।

    • सापेक्ष चाल = (a + b) किलोमीटर/घण्टा
  • [WPT] कार्य, व्यक्ति और समय की अवधारणा (Work, Person, and Time Concept)

    कार्य, व्यक्ति और समय की अवधारणा (Work, Person, and Time Concept)

    कार्य, व्यक्ति, और समय की अवधारणा गणित में एक महत्वपूर्ण विषय है, जिसका उपयोग यह निर्धारित करने के लिए किया जाता है कि एक कार्य को पूरा करने में कितने व्यक्ति या कितना समय लगेगा। यह अनुपात और समानुपात के नियमों पर आधारित है।


    मूलभूत नियम:

    1. कार्य और व्यक्ति का संबंध:
      • अधिक व्यक्ति = कम समय में कार्य पूरा।
      • कम व्यक्ति = अधिक समय में कार्य पूरा।
      • यह व्युत्क्रमानुपाती (Inverse Proportion) का उदाहरण है।
        व्यक्ति×समय=स्थिर कार्य
    2. कार्य और समय का संबंध:
      • कार्य अधिक = समय अधिक।
      • कार्य कम = समय कम।
      • यह सीधा अनुपात (Direct Proportion) का उदाहरण है।
    3. एक दिन का कार्य:
      • यदि कोई व्यक्ति किसी कार्य को n दिनों में पूरा करता है, तो उसका एक दिन का कार्य होता है:
        1/n
    4. समूह का कार्य:
      • यदि A और B मिलकर किसी कार्य को करते हैं, तो उनका एक दिन का कार्य होता है:
        A का एक दिन का कार्य+B का एक दिन का कार्य

    प्रमुख सूत्र:

    1. कार्य का संबंध:
      व्यक्ति1×समय1=व्यक्ति2×समय2
    2. समूह कार्य का समय:
      यदि A और B किसी कार्य को क्रमशः a और b दिनों में पूरा करते हैं, तो दोनों मिलकर कार्य को पूरा करेंगे:
      समय=a×b/a+b
    3. कार्य का विभाजन:
      यदि A और B मिलकर कार्य करते हैं और कार्य का विभाजन उनकी दक्षता (efficiency) के अनुपात में होता है, तो:
      A का कार्य:B का कार्य=A की दक्षता:B की दक्षता

    उदाहरण प्रश्न:

    1. व्यक्ति और समय का संबंध:

    • 5 व्यक्ति एक कार्य को 10 दिनों में पूरा करते हैं। 8 व्यक्ति वही कार्य कितने दिनों में पूरा करेंगे?
      • समाधान:
        5×10=8×x
        x=5×10/8=6.25 दिन।

    2. समूह कार्य का समय:

    • A अकेले किसी कार्य को 12 दिनों में और B 18 दिनों में पूरा करता है। दोनों मिलकर कार्य कितने दिनों में पूरा करेंगे?
      • समाधान:
        समय=12×18/12+18=216/30=7.2 दिन।

    3. कार्य का विभाजन:

    • A और B मिलकर एक कार्य 5 दिनों में पूरा करते हैं। यदि A अकेले कार्य को 8 दिनों में करता है, तो B अकेले कार्य को कितने दिनों में करेगा?
      • समाधान:
        A का एक दिन का कार्य=1/8 ​
        दोनों का एक दिन का कार्य=1/5
        B का एक दिन का कार्य=1/5−1/8=8−5/40=3/40
        B अकेले कार्य को 1/3/40=13.33 दिनों में पूरा करेगा।

    महत्वपूर्ण अवधारणाएँ:

    1. कार्य की दक्षता (Efficiency):
      • यदि एक व्यक्ति 1 दिन में 5 इकाई कार्य करता है और दूसरा 3 इकाई कार्य करता है, तो उनकी कुल दक्षता = 5+3=8 इकाई।
    2. समान कार्य:
      • यदि A और B मिलकर कार्य करते हैं और A का कार्य B के कार्य का दोगुना है, तो कार्य का विभाजन 2:1 के अनुपात में होगा।
    3. मिश्रित प्रश्न:
      • A,B और C मिलकर कार्य करते हैं। यदि A और B 5 दिन में, B और C 6 दिन में, और C और A 7 दिन में कार्य करते हैं, तो पूरा कार्य तीनों मिलकर कितने दिनों में करेंगे?
        • समाधान: यह प्रश्न दक्षता और समानुपात के उपयोग से हल किया जाता है।
  • [NUMS16] दिए गए अंकों से ऐच्छिक संख्या प्राप्त करना

    संख्या बनाने के तरीके:

    1. अधिकतम संख्या प्राप्त करना (Largest Number):
      • दिए गए अंकों को आरोही क्रम (Ascending Order) में व्यवस्थित करें।
      • उसके बाद अंकों को उलटकर लिखें (Descending Order)।
      • उदाहरण:
        अंकों का समूह: 3,5,1
        अधिकतम संख्या: 531
    2. न्यूनतम संख्या प्राप्त करना (Smallest Number):
      • दिए गए अंकों को आरोही क्रम में व्यवस्थित करें।
      • यदि पहला अंक 0 है, तो उसे दूसरे स्थान पर रखें।
      • उदाहरण:
        अंकों का समूह: 3,5,1
        न्यूनतम संख्या: 135
  • [MENSUR3] त्रिविमीय आकृति: घन और घनाभ का आयतन

    घन / घनाभ के फलक शीर्ष और किनारे

    • फलक – एक घनाभ के 6 फलक होते हैं
    • शीर्ष- एक घनाभ में 8 शीर्ष होते हैं
    • किनारे- एक घनाकार में 12 किनारे होते हैं
    घन
    घन
    घनाभ
    घनाभ

    घन और घनाभ के बीच अंतर

    • घन के सभी किनारे (भुजाएँ) समान लंबाई के होते हैं, लेकिन घनाभ के किनारे अलग- अलग लंबाई के होते हैं।
    • घन की सभी भुजाएँ वर्गाकार हैं, जबकि घनाभ की सभी भुजाएँ आयताकार हैं।
    • एक घन के सभी फलकों का क्षेत्रफल बराबर होता है, लेकिन एक घनाभ में केवल विपरीत फलकों का क्षेत्रफल बराबर होता है।
    • एक घन के सभी विकर्ण बराबर होते हैं, जबकि एक घनाभ की केवल समानांतर भुजाओं के विकर्ण बराबर होते हैं।

    घन और घनाभ का आयतन (Volume of Cube and Cuboid)


    1. घन (Cube):

    घन एक ऐसा ठोस आकृति है जिसके सभी 6 फलक समान आकार के वर्ग होते हैं।

    आयतन का सूत्र:आयतन=भुजा3

    जहाँ,

    • भुजा = घन की किसी एक भुजा की लंबाई।

    उदाहरण: यदि घन की भुजा a=4 cm है, तोआयतन=43=64 cm3


    2. घनाभ (Cuboid):

    घनाभ एक ऐसा ठोस आकृति है जिसके सभी फलक आयत होते हैं।

    आयतन का सूत्र:आयतन=लंबाई×चौड़ाई×ऊँचाई

    जहाँ,

    • लंबाई (l) , चौड़ाई (b) , और ऊँचाई (h) घनाभ के आयाम हैं।

    उदाहरण: यदि घनाभ की लंबाई l=5 cm , चौड़ाई b=3 cm , और ऊँचाई h=2 cm है, तोआयतन=5×3×2=30 cm3


    मुख्य अंतर:

    विशेषताघन (Cube)घनाभ (Cuboid)
    भुजाएँसभी भुजाएँ समान होती हैं।भुजाएँ भिन्न हो सकती हैं।
    आयतन का सूत्रa3l×b×h
    इकाईcm3,m3cm3,m3
  • [DECN07] प्रतिशत को भिन्न में बदलना

    प्रतिशत को भिन्न में बदलना (Converting Percentages to Fractions)

    प्रतिशत (%) का अर्थ है “सौ में से”। इसे भिन्न में बदलने का अर्थ है, इसे 100 के हर (denominator) के साथ व्यक्त करना और फिर इसे सरलतम रूप में लिखना।


    प्रतिशत को भिन्न में बदलने का सूत्र:

    भिन्न=प्रतिशत/100


    कदम (Steps to Convert):

    1. प्रतिशत को भिन्न में लिखें:
      • प्रतिशत को 100 के हर के साथ लिखें।
      • उदाहरण: 25% को भिन्न में लिखें: 25/100
    2. भिन्न को सरलतम रूप में लाएं:
      • 25%= 25/ 100=1/4
    3. यदि दशमलव हो:
      • दशमलव को हटाने के लिए 10,100,1000 आदि से गुणा करें।
      • उदाहरण: 12.5%= 12.5/100 = 125/1000 =1/8

    उदाहरण:

    1. सरल प्रतिशत:
      • 50%= 50/100=1/2
      • 75%= 75/100=3/4
    2. दशमलव प्रतिशत:
      • 12.5%= 12.5/100 =125/1000=1/8
    3. असामान्य प्रतिशत:
      • 200% = 200/100=2
      • 1.5% = 1.5/100=15/1000=3/200

    सारणी (Common Percentage to Fraction Conversion):

    प्रतिशत (Percentage)भिन्न (Fraction)
    25% 1/4
    50% 1/2
    75% 3/4
    33.33% 1/3
    66.67% 2/3
    20% 1/5
    12.5% 1/8
    37.5% 3/8
  • [DECN06] भिन्न को प्रतिशत में बदलना

    भिन्न को प्रतिशत में बदलना (Converting Fractions to Percentages)

    भिन्न को प्रतिशत में बदलने का अर्थ है भिन्न को 100 के आधार पर व्यक्त करना। प्रतिशत का अर्थ होता है “सौ में से” और इसे % चिह्न से दर्शाया जाता है।


    उदाहरण:

    सारणी (Common Fraction to Percentage Conversion):

    भिन्न (Fraction)प्रतिशत (Percentage)
    1/250%
    1/333.33%
    1/425%
    3/475%
    1/520%
    2/540%
  • [DECN02] दशमलव भिन्न : घटक व प्रकार

    दशमलव भिन्न वह संख्या होती है जिसमें पूर्णांक और भिन्न (Fraction) का संयोजन होता है और भिन्न को दशमलव बिंदु (.) के बाद प्रदर्शित किया जाता है। यह प्रणाली दशमलव आधार 10 पर आधारित होती है।


    दशमलव भिन्न के घटक (Components of a Decimal Fraction):

    1. पूर्णांक भाग (Whole Part): दशमलव बिंदु से पहले का भाग।
      उदाहरण: 12.34 में 12 पूर्णांक भाग है।
    2. दशमलव भाग (Decimal Part): दशमलव बिंदु के बाद का भाग।
      उदाहरण: 12.34 में 34 दशमलव भाग है।

    दशमलव भिन्न की विशेषताएँ:

    1. दशमलव भिन्न का मान 10 , 100 , 1000 , आदि के आधार पर विभाजित होता है।
      • 0.1=1/10
      • 0.01=1/100
      • 0.001=1/1000
    2. दशमलव भिन्नों का उपयोग सटीक मान प्रदर्शित करने और भिन्नों को सरल रूप में व्यक्त करने के लिए किया जाता है।

    दशमलव भिन्न के प्रकार (Types of Decimal Fractions):

    1. समाप्त दशमलव भिन्न (Terminating Decimal):
      ऐसे दशमलव भिन्न जो एक निश्चित संख्या के बाद समाप्त हो जाते हैं।
      • उदाहरण: 0.5,1.25,3.75
    2. असमाप्त दशमलव भिन्न (Non-Terminating Decimal):
      ऐसे दशमलव भिन्न जो कभी समाप्त नहीं होते।
      • दो प्रकार:
        • दोहराव वाले (Repeating): दशमलव भाग में कोई संख्या बार-बार दोहराई जाती है।
          • उदाहरण: 0.333 , 1.666
        • अदोहराव वाले (Non-Repeating): दशमलव भाग में कोई संख्या दोहराई नहीं जाती।
          • उदाहरण: π=3.14159
  • [DECN04] दशमलव भिन्न का निकटतम मान

    दशमलव के पहले स्थान तक निकटतम मान (Nearest to One Decimal Place):

    • 3.46
      दशमलव के बाद 4 है और उसके बाद 6 है। 6>5 , इसलिए 3.46≈3.5
    • 7.34
      दशमलव के बाद 3 है और उसके बाद 4 है। 4<5 , इसलिए 7.34≈7.3

    दशमलव के दूसरे स्थान तक निकटतम मान (Nearest to Two Decimal Places):

    • 4.567 :
      दूसरे स्थान के बाद का अंक 7>5 है। इसलिए 4.567≈4.57
    • 2.453 :
      दूसरे स्थान के बाद का अंक 3<5 है। इसलिए 2.453≈2.45 ।

    संख्याओं को निकटतम पूर्णांक तक गोल करना (Nearest Whole Number):

    • 6.7
      दशमलव के बाद 7>5 है। इसलिए 6.7≈7
    • 8.3 :
      दशमलव के बाद 3<5 है। इसलिए 8.3≈8

    सारणीबद्ध उदाहरण:

    संख्यानिकटतम 1 स्थाननिकटतम 2 स्थाननिकटतम पूर्णांक
    5.4785.55.485
    3.1423.13.143
    9.8769.99.8810
  • [DECN03] दशमलव भिन्न की तुलना

    दशमलव भिन्न की तुलना (Comparison of Decimal Fractions)


    1. पूर्ण भाग (Whole Number) की तुलना करें:
      • सबसे पहले दशमलव से पहले के अंकों (पूर्ण भाग) की तुलना करें।जिस संख्या का पूर्ण भाग बड़ा होता है, वह संख्या बड़ी होती है।
      उदाहरण:
      3.45 और 2.89 में, 3>2, इसलिए 3.45>2.89

    1. दशमलव के बाद के अंकों की तुलना करें:
      • यदि पूर्ण भाग समान हो, तो दशमलव के बाद के अंकों की तुलना करें।सबसे पहले, दशमलव के ठीक बाद का अंक देखें। यदि वह समान हो, तो उसके बाद के अंक की तुलना करें।
      उदाहरण:
      4.56 और 4.59 में, पूर्ण भाग समान है। दशमलव के बाद 5=5 , लेकिन 6<9 , इसलिए 4.56<4.59 ।

    1. समान दशमलव स्थान सुनिश्चित करें:
      • यदि दशमलव स्थान अलग-अलग हो, तो दोनों दशमलव भिन्नों को समान स्थानों तक बढ़ाएँ।ऐसा करने के लिए, दशमलव के बाद शून्य (0) जोड़ें।
      उदाहरण:
      3.4 और 3.45 में, 3.4 को 3.40 लिखें। अब 3.40<3.45

    1. अंतर को समझें:
      • यदि दो दशमलव भिन्नों में कोई स्थान भिन्न है, तो उनके अंकों का स्थानिक मान देखें।
      • सबसे बड़ा स्थानिक मान वाली संख्या बड़ी होगी।

    प्रश्न और उत्तर:


    प्रश्न 1:
    2.345 और 2.35 में कौन-सी संख्या बड़ी है?
    हल:

    2.345 को 2.350 लिखें।

    अब तुलना करें: 2.345<2.35 ।

    उत्तर: 2.35 बड़ी है।


    प्रश्न 2:
    5.7 , 5.70 , और 5.67 को बढ़ते क्रम में लिखें।
    हल:

    5.7=5.70 , 5.67<5.70 ।

    बढ़ते क्रम में: 5.67<5.7=5.70 ।

    उत्तर: 5.67,5.7,5.70 ।


    प्रश्न 3:
    0.005 , 0.05 और 0.5 में सबसे छोटी संख्या कौन-सी है?
    हल:

    0.005<0.05<0.5

    उत्तर: 0.005 सबसे छोटी है।

  • [ PROLOS2] लाभ और हानि प्रतिशत

    लाभ प्रतिशत (Profit Percentage)

    • यदि किसी वस्तु को खरीदने के बाद उसे अधिक मूल्य पर बेचा जाए, तो लाभ होता है।लाभ प्रतिशत का सूत्र: लाभ प्रतिशत=(लाभ/क्रय मूल्य)×100जहाँ:
      • लाभ = विक्रय मूल्य (Selling Price) – क्रय मूल्य (Cost Price)
    उदाहरण:
    यदि एक वस्तु ₹100 में खरीदी गई और ₹120 में बेची गई, तो लाभ=120−100=₹20

    लाभ प्रतिशत=(20/100)×100=20%

    हानि प्रतिशत (Loss Percentage):

    • यदि किसी वस्तु को खरीदने के बाद उसे कम मूल्य पर बेचा जाए, तो हानि होती है।

    • हानि प्रतिशत का सूत्र: हानि प्रतिशत=(हानि/क्रय मूल्य)×100
      • हानि = क्रय मूल्य (Cost Price) – विक्रय मूल्य (Selling Price)
    उदाहरण:
    यदि एक वस्तु ₹150 में खरीदी गई और ₹120 में बेची गई, तो हानि=150−120=₹30

    हानि प्रतिशत=(30/150)×100=20%/


    सारणी: लाभ और हानि प्रतिशत का सरल विश्लेषण

    स्थितिलाभ/हानिफॉर्मूला
    वस्तु अधिक मूल्य पर बेची गईलाभलाभ प्रतिशत=(लाभ/क्रय मूल्य)×100
    वस्तु कम मूल्य पर बेची गईहानिहानि प्रतिशत=(हानि/क्रय मूल्य)×100

    महत्वपूर्ण नोट्स:

    1. लाभ और हानि प्रतिशत हमेशा क्रय मूल्य (Cost Price) के आधार पर ही निकाला जाता है।
    2. यदि क्रय मूल्य और विक्रय मूल्य बराबर हो, तो न लाभ होता है और न हानि।
    3. लाभ प्रतिशत और हानि प्रतिशत का उपयोग प्रतियोगी परीक्षाओं और दैनिक जीवन में वित्तीय गणनाओं के लिए किया जाता है।
  • [ANGLE2] कोणों की पहचान – पूरक और संपूरक कोण

    कोणों की पहचान: पूरक और संपूरक कोण

    1. पूरक कोण (Complementary Angles):
      • यदि दो कोणों का योग 90 होता है, तो वे पूरक कोण कहलाते हैं।
      • सरल शब्दों में, पूरक कोण मिलकर एक समकोण (90) बनाते हैं।
      • उदाहरण:
        • 60+30=90, इसलिए 60 और 30 पूरक कोण हैं।
        • 45+45=90, ये भी पूरक कोण हैं।
    2. संपूरक कोण (Supplementary Angles):
      • यदि दो कोणों का योग 180 होता है, तो वे संपूरक कोण कहलाते हैं।
      • सरल शब्दों में, संपूरक कोण मिलकर एक रेखीय कोण (180) बनाते हैं।
      • उदाहरण:
        • 120+60=180, इसलिए 120 और 60 संपूरक कोण हैं।
        • 90+90=180, ये भी संपूरक कोण हैं।

    मुख्य अंतर

    विशेषतापूरक कोणसंपूरक कोण
    योगफल90180
    कोणों का प्रकारसमकोण बनाते हैंरेखीय कोण बनाते हैं
    उदाहरण50,40110,70
  • [MULT09] बीजीय व्यंजक के सूत्र से सरलीकरण

    बीजीय व्यंजक के सूत्र से सरलीकरण

    23² – 17² को सरलीकृत करें

    a2−b2 = (a+b) (a−b)

    हल:
    23² – 17² = (23+17) (23−17)

    =40 x 6

    उत्तर: 240

    (a-b)(a−b) =a2-2ab+b2

    98² को सरलीकृत करें

    यहाँ 982 = (100−2) 2 मान सकते हैं।
    अर्थात, a=100 और b=2

    (100−2)2

    =1002−2(100)(2)+22

    =10000−400+4

    =10004−400

    =9604

    अत: 98 का वर्ग 9604 है।

    (a+b) (a+b) =a2+2ab+b2

    108² को सरलीकृत करें

    यहाँ 1082 = (100+8) 2 मान सकते हैं।
    अर्थात, a=100 और b=8

    (100+8) 2

    =1002+2(100)(8)+82

    =10000+1600+64

    =11664

    अत: 108 का वर्ग 11664 है।

  • [MULT06] घातांक नियम से सरलीकरण

    घातीय संकेतन

    किसी संख्या का उसी संख्या के साथ बार-बार गुणा कर संक्षिप्त रूप लेखन को हम घातीय संकेतन भी कहते हैं। जैसे :-
    3 x 3 x 3 x 3 = 34. यहाँ 3 आधार है तथा 4 घात है।

    घातांक के नियम: (rules of exponent in hindi)

    घातांक के नियम निम्न है :

    नियम 1: a = 1

    शून्य के अलावा अगर कोई भी संख्या के ऊपर अगर 0 घात है तो उसका मान 1 हो जाएगा।

    उदाहरण :

    • 8 = 1

    किसी संख्या का घात शून्य (0) हो तो मान एक (1) होगा कैसे

    नियम 2: a-m = 1/am

    अगर किसी संख्या की घात में ऋणात्मक चिन्ह है तो फिर वह संख्या 1 के भाग में चली जायेगी एवं उसकी घात धनात्मक हो जायेगी।

    उदाहरण :

    3-3

    = 1/33 

    = 1/27

    नियम 3: am x a= am+n

    अगर किन्हीं ऐसी दो संख्याएं जिनका मूल समान है लेकिन घात अलग है उन्हें गुना किया जाता है अगर उन दो संख्याओं को गुना किया जाता है तो उनकी घात का योग हो जाता है।

    उदाहरण:

    22 x 23 

    = 22+3 

    = 25

    = 2x2x2x2x2 = 32

    नियम 4 : am/an = am-n

    अगर किन्हीं ऐसी दो संख्याओं का भाग दिया जाता हैं जिनका मूल ह्या आधार समान है तो उन दोनों संख्याओं की घात घटा हो जाती हैं एवं हम एक ही आधार लेते हैं।

    उदाहरण:

    25/23 

    = 25-3 

    = 22 

    = 4

    नियम 5 : (am)n : amxn

    अगर कोई संख्या घात के साथ कोष्ठक में होती है एवं कोष्ठक के बाहर भी कोई घात होती है तो दोनों घाटों का गुना होता है। गुना होने बाद जो घात आती है वाही घात उस संख्या कि घात होती है। फिर हम उस संख्या को उतनी बार गुना करके उसका हल निकालते हैं।

    उदाहरण :

    (22)3 

    = 26 

    = 64

    -1 का सम व विषम घात का मान

    -1 का सम और विषम घात का मान इस प्रकार होता है:

    • सम (Even): (-1)2 = 1
    • विषम (Odd): (-1)3 = -1

    इसलिए, -1 का सम घात का मान 1 होता है और विषम घात का मान -1 होता है।

  • [NUMS15] सन्निकट या निकटतम मान (Approximation or Nearest Value)

    सन्निकट या निकटतम मान (Approximation or Nearest Value):

    सन्निकट मान का अर्थ है किसी संख्या को उसके सबसे पास के मान तक घेरना। यह गणना में आसानी के लिए किया जाता है, ताकि बहुत बड़े या छोटे अंशों से बचा जा सके। सन्निकट मान आमतौर पर दशमलव स्थानों या पूर्णांकों तक सीमित किया जाता है।


    1. सन्निकट मान की प्रक्रिया:

    जब किसी संख्या का सन्निकट मान निकालते हैं, तो हम उस संख्या को एक निश्चित दशमलव स्थान या पूर्णांक तक घेरते हैं।

    सन्निकट पूर्णांक (Nearest Integer):

    यदि संख्या दशमलव के बाद किसी अंक के पास होती है, तो उसे निकटतम पूर्णांक में बदल देते हैं।

    उदाहरण:

    • 3.4 का सन्निकट पूर्णांक 3 होगा (क्योंकि 3.4 से पास है)।
    • 3.6 का सन्निकट पूर्णांक 4 होगा (क्योंकि 3.6, 4 से पास है)।

    सन्निकट दशमलव मान (Nearest Decimal Value):

    किसी संख्या को कुछ दशमलव स्थानों तक घेरने की प्रक्रिया होती है।

    उदाहरण:

    • 3.14159 को 3.14 तक सन्निकट किया जाता है, यदि हम इसे 2 दशमलव स्थानों तक घेरें।
    • 7.897 को 7.90 तक सन्निकट किया जाता है, यदि हम इसे 2 दशमलव स्थानों तक घेरें।

    2. सन्निकट मान निकालने की प्रक्रिया:

    सन्निकट मान निकालने के लिए, हम निम्नलिखित नियमों का पालन करते हैं:

    1. दशमलव स्थानों के लिए सन्निकट मान:
      • यदि दशमलव के बाद की पहली संख्या 5 या उससे अधिक है, तो हम अंतिम दशमलव अंक को 1 बढ़ा देते हैं।
      • यदि दशमलव के बाद की पहली संख्या 4 या उससे कम है, तो हम अंतिम दशमलव अंक को जस का तस रखते हैं।
      उदाहरण:
      • 6.275 को 2 दशमलव स्थानों तक सन्निकट करें: 6.28 (क्योंकि 5 से अधिक है)।
      • 8.742 को 1 दशमलव स्थान तक सन्निकट करें: 8.7 (क्योंकि 4 से कम है)।
    2. पूर्णांक के लिए सन्निकट मान:
      • यदि दशमलव अंक 5 या उससे अधिक है, तो पूर्णांक को 1 बढ़ा दिया जाता है।
      • यदि दशमलव अंक 4 या उससे कम है, तो पूर्णांक जस का तस रहता है।
      उदाहरण:
      • 12.6 का सन्निकट पूर्णांक 13होगा।
      • 8.2 का सन्निकट पूर्णांक 8 होगा।

    दहाई, सैकड़ा और हजार का सन्निकट मान:

    जब हम किसी संख्या को दहाई, सैकड़ा या हजार तक सन्निकट करते हैं, तो इसका मतलब है कि हम उस संख्या को निकटतम दहाई, सैकड़ा या हजार तक घेरते हैं। यह प्रक्रिया संख्या को सरल बनाने के लिए की जाती है।


    1. दहाई का सन्निकट (Nearest Ten):

    दहाई का सन्निकट मान निकालने के लिए हम संख्या को सबसे पास के 10 तक घेरते हैं। यदि अंतिम अंक 5 या उससे अधिक है, तो हम दहाई को 1 बढ़ा देते हैं, और यदि वह 4 या उससे कम है, तो दहाई को जस का तस रखते हैं।

    उदाहरण:

    • 34 का दहाई का सन्निकट मान 30 होगा (क्योंकि 4 से कम है)।
    • 3 8 का दहाई का सन्निकट मान 40 होगा (क्योंकि 8 से अधिक है)।
    • 52 का दहाई का सन्निकट मान 50 होगा (क्योंकि 2 से कम है)।

    2. सैकड़ा का सन्निकट (Nearest Hundred):

    सैकड़ा का सन्निकट मान निकालने के लिए हम संख्या को सबसे पास के 100 तक घेरते हैं। यदि अंतिम दो अंक 50 या उससे अधिक होते हैं, तो हम सैकड़ा को 1 बढ़ा देते हैं, और यदि वे 49 या उससे कम होते हैं, तो सैकड़ा को जस का तस रखते हैं।

    उदाहरण:

    • 438 का सैकड़ा का सन्निकट मान 400 होगा (क्योंकि 38 से कम है)।
    • 563 का सैकड़ा का सन्निकट मान 600 होगा (क्योंकि 63 से अधिक है)।
    • 249 का सैकड़ा का सन्निकट मान 200 होगा (क्योंकि 49 से कम है)।

    3. हजार का सन्निकट (Nearest Thousand):

    हजार का सन्निकट मान निकालने के लिए हम संख्या को सबसे पास के 1000 तक घेरते हैं। यदि अंतिम तीन अंक 500 या उससे अधिक होते हैं, तो हम हजार को 1 बढ़ा देते हैं, और यदि वे 499 या उससे कम होते हैं, तो हजार को जस का तस रखते हैं।

    उदाहरण:

    • 2,348 का हजार का सन्निकट मान 2,000 होगा (क्योंकि 348 से कम है)।
    • 3,752 का हजार का सन्निकट मान 4,000 होगा (क्योंकि 752 से अधिक है)।
    • 1,249 का हजार का सन्निकट मान 1,000 होगा (क्योंकि 249 से कम है)।
  • [WHOLN10] n के गुणज का योगफल (Sum of Multiples of n)

    n के गुणज का योगफल (Sum of Multiples of n):

    यदि किसी संख्या n के गुणजों का योगफल निकालना हो, तो यह निम्नलिखित प्रक्रिया से किया जा सकता है:


    1. गुणज (Multiples) क्या होते हैं?

    किसी संख्या n के गुणज वे संख्याएँ हैं, जो n के साथ किसी पूर्ण संख्या को गुणा करने पर प्राप्त होती हैं।
    उदाहरण: n=3 के गुणज हैं: 3,6,9,12,…


    2. n के पहले k गुणज का योगफल:

    यदि n के पहले k गुणज चाहिए, तो वे होंगे:n,2n,3n,…,kn

    इनका योगफल:योगफल=n+2n+3n+⋯+kn

    सामान्य रूप में:योगफल=n×(1+2+3+⋯+k)

    और 1+2+3+⋯+k का योग:

    1+2+3+⋯+k =k×(k+1)/2

    अतः:योगफल=n×k×(k+1)/2

  • [NUMS14] द्विआधारी संख्या और प्रतिलोम संख्या (Binary and Reciprocal Number)

    द्विआधारी संख्या (Binary Number):

    द्विआधारी संख्या प्रणाली (Binary Number System) वह प्रणाली है जिसमें केवल दो अंक, 0 और 1, का उपयोग होता है। यह संख्या प्रणाली कंप्यूटर और डिजिटल सिस्टम में सबसे अधिक उपयोगी है।

    विशेषताएँ:

    1. केवल दो अंक: 0 और 1
    2. प्रत्येक अंक का मान (Weight) 2 के घात पर आधारित होता है।
    3. यह दशमलव संख्या प्रणाली (Decimal System) का एक विकल्प है।

    उदाहरण:

    • द्विआधारी संख्या: 10102
    • इसे दशमलव में बदलें: 10102=(1×23)+(0×22)+(1×21)+(0×20)=8+0+2+0=1010

    प्रतिलोम संख्या (Reciprocal Number):

    प्रतिलोम संख्या किसी संख्या का वह मान है जिसे उस संख्या के साथ गुणा करने पर परिणाम 1 आता है।

    परिभाषा:

    यदि a एक संख्या है, तो उसका प्रतिलोम 1/a​ होगा।

    उदाहरण:

    1. a=2, प्रतिलोम 1/2
    2. a=3/4 का प्रतिलोम 4/3

    महत्वपूर्ण बिंदु:

    1. शून्य (0) का प्रतिलोम परिभाषित नहीं होता क्योंकि 1/0 अनंत होता है।
    2. यदि कोई संख्या ऋणात्मक हो, तो उसका प्रतिलोम भी ऋणात्मक होगा।
  • [NUMS13] सह-अभाज्य संख्या और जुड़वाँ अभाज्य संख्याएँ

    सह-अभाज्य संख्या

    मान लीजिए कि x और y दो धनात्मक पूर्णांक हैं जैसे कि उन्हें सह-अभाज्य संख्याएँ कहा जाता है यदि और केवल यदि उनका एकमात्र सामान्य गुणनखंड 1 है और इस प्रकार HCF(x, y) = 1 है।

    दो संख्याओं में 1 के अलावा कोई धनात्मक पूर्णांक नहीं है जो दोनों को विभाजित कर सके, तो संख्याओं का जोड़ा सह-अभाज्य है।

    सह-अभाज्य संख्याएँ बनाने के लिए यह आवश्यक है कि दो संख्याएँ हों।

    उदाहरण 1: 21 और 22

    21 और 22 के लिए:

    • 21 के गुणनखंड 1, 3, 7 और 21 हैं।
    • 22 के गुणनखंड 1, 2, 11 और 22 हैं।

    यहां 21 और 22 में केवल एक उभयनिष्ठ गुणनखंड है जो कि 1 है। इसलिए, उनका महत्तम समापवर्तक 1 है और सह-अभाज्य हैं।

    उदाहरण 2: 21 और 27

    21 और 27 के लिए:

    • 21 के गुणनखंड 1, 3, 7 और 21 हैं।
    • 27 के गुणनखंड 1, 3, 9 और 27 हैं।

    यहां 21 और 27 में दो सामान्य गुणनखंड हैं; वे 1 और 3 हैं। महत्तम समापवर्तक 3 है और वे सह-अभाज्य नहीं हैं।

    जुड़वाँ अभाज्य संख्याएँ (Twin Prime Numbers):

    जुड़वाँ अभाज्य संख्याएँ दो ऐसी अभाज्य संख्याओं की जोड़ी होती हैं जिनके बीच का अंतर 2 होता है।


    परिभाषा (Definition):

    यदि p और q अभाज्य संख्याएँ हैं और q−p=2

    तो p और q को जुड़वाँ अभाज्य संख्या कहते हैं।


    उदाहरण (Examples):

    कुछ जुड़वाँ अभाज्य संख्याओं की जोड़ी:

    1. (3,5)
    2. (5,7)
    3. (11,13)
    4. (17,19)
    5. (29,31)
    6. (41,43)
    7. (59,61)
  • [WHOLN08] पूर्ण संख्या के भाग संक्रिया और भागफल की जाँच

    भाग का अर्थ है किसी संख्या को दूसरी संख्या से इस प्रकार विभाजित करना कि यह पता चले कि पहली संख्या में दूसरी संख्या कितनी बार समाहित हो सकती है।

    उदाहरण: 12÷3=4
    यह बताता है कि 12 में 3 , चार बार समाहित होता है।

    पूर्ण संख्याओं में भाग की विशेषताएँ:

    1. शून्य का भाग (Division of Zero):
      • यदि शून्य को किसी गैर-शून्य संख्या से विभाजित किया जाए, तो परिणाम हमेशा 0 होता है।
      • उदाहरण: 0÷5=0
    2. शून्य से भाग (Division by Zero):
      • किसी भी संख्या को 0 से विभाजित करना अपरिभाषित (Undefined) होता है।
      • उदाहरण: 5÷0 अपरिभाषित है।
    3. स्वयं से भाग (Division by Itself):
      • किसी भी संख्या को उसी संख्या से विभाजित करने पर परिणाम 1 होता है।
      • उदाहरण: 7÷7=1
    4. 1 से भाग (Division by One):
      • किसी भी संख्या को 1 से विभाजित करने पर परिणाम वही संख्या होती है।
      • उदाहरण: 9÷1=9
    5. भागफल पूर्ण संख्या नहीं हो सकता (Quotient May Not Be a Whole Number):
      • यदि विभाज्य (Dividend) विभाजक (Divisor) से पूरी तरह विभाजित नहीं होता, तो भागफल पूर्ण संख्या नहीं होगा।
      • उदाहरण: 7÷2=3 शेषफल 1 (यह पूर्ण संख्या नहीं है)।

    भाग की प्रक्रिया (Steps for Division):

    1. विभाज्य (Dividend): वह संख्या जिसे विभाजित किया जा रहा है।
    2. विभाजक (Divisor): वह संख्या जिससे विभाजन किया जा रहा है।
    3. भागफल (Quotient): विभाजन का परिणाम।
    4. शेषफल (Remainder): बची हुई संख्या जो विभाजित नहीं हो सकी।

    उदाहरण:
    13÷4

    • 13 = विभाज्य
    • 4 = विभाजक
    • भागफल = 3
    • शेषफल = 1

    उदाहरण:

    उदाहरण 1:

    15÷3=5
    यह बताता है कि 15 में 3, पाँच बार समाहित होता है।

    उदाहरण 2:

    20÷4=5
    यह बताता है कि 20 में 4, पाँच बार समाहित होता है।

    उदाहरण 3:

    10÷0
    यह अपरिभाषित है।

    उदाहरण 4:

    0÷6=0
    क्योंकि शून्य को किसी भी संख्या से विभाजित करने पर परिणाम 000 होता है।


    भाग से जुड़े प्रश्न:

    प्रश्न 1:

    24÷6 का मान ज्ञात करें।
    उत्तर: 24÷6=4

    प्रश्न 2:

    35÷5 का मान ज्ञात करें।
    उत्तर: 35÷5=7

    प्रश्न 3:

    18÷4 का भागफल और शेषफल ज्ञात करें।
    उत्तर:

    • भागफल = 4
    • शेषफल = 2

    भागफल की जाँच (Verification of Division):

    भागफल की जाँच करने का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि विभाजन सही तरीके से किया गया है या नहीं। इसे विभाजन का सत्यापन भी कहा जाता है।


    विभाजन का सूत्र (Division Formula):

    विभाजन के लिए उपयोग किया जाने वाला मुख्य सूत्र है:विभाज्य=(विभाजक×भागफल)+शेषफल


    चरणबद्ध प्रक्रिया (Step-by-Step Process):

    1. विभाजन का परिणाम प्राप्त करें:
      • भागफल और शेषफल निकालें।
    2. सूत्र का उपयोग करें:
      • विभाजक और भागफल को गुणा करें।
      • प्राप्त परिणाम में शेषफल जोड़ें।
    3. विभाज्य से तुलना करें:
      • यदि अंतिम परिणाम विभाज्य के बराबर है, तो विभाजन सही है।
      • यदि परिणाम विभाज्य से मेल नहीं खाता, तो विभाजन में त्रुटि है।

    उदाहरण:

    मान लें:विभाज्य=25, विभाजक=4, भागफल=6, शेषफल=1

    जाँच करें:विभाज्य=(विभाजक×भागफल)+शेषफल

    25=(4×6)+1

    25 = 24 + 1

    25=25(सत्य)

    निष्कर्ष: विभाजन सही है।


    उदाहरण (त्रुटि की जाँच):

    मान लें:विभाज्य=50, विभाजक=6, भागफल=8, शेषफल=3

    जाँच करें:विभाज्य=(विभाजक×भागफल)+शेषफल

    50=(6×8)+3

    50 = 48 + 3

    50≠51 (त्रुटि

    निष्कर्ष: विभाजन गलत है। सही भागफल और शेषफल निकालें।

  • [WHOLN07] पूर्ण संख्या के गुणन संक्रिया (Multiplication)

    गुणन का अर्थ है एक संख्या को दूसरी संख्या के साथ कई बार जोड़ने के बराबर।
    उदाहरण: 3×4 का अर्थ है 3+3+3+3=12


    पूर्ण संख्याओं के गुणन की विशेषताएँ:

    1. किसी भी संख्या का शून्य से गुणा (Multiplication by Zero):
      • किसी भी संख्या का शून्य से गुणा करने पर परिणाम हमेशा 0 होता है।
      • उदाहरण: 5×0=0
    2. किसी भी संख्या का 1 से गुणा (Multiplication by One):
      • किसी भी संख्या का 1 से गुणा करने पर परिणाम वही संख्या होती है।
      • उदाहरण: 7×1=7
    3. क्रमविनिमय गुण (Commutative Property):
      • पूर्ण संख्याओं के गुणन में संख्याओं के क्रम को बदलने पर परिणाम नहीं बदलता।
      • उदाहरण: 4×3=3×4=12
    4. संचय गुण (Associative Property):
      • यदि तीन या अधिक पूर्ण संख्याओं का गुणन किया जाए, तो उन्हें किसी भी क्रम में समूहित किया जा सकता है।
      • उदाहरण: (2×3)×4=2×(3×4)=24
    5. वितरण गुण (Distributive Property):
      • गुणा जोड़ने या घटाने पर वितरित होता है।
      • उदाहरण: 2×(3+4)=(2×3)+(2×4)=6+8=14

    उदाहरण:

    उदाहरण 1:

    5×3=15
    यह 5 का 3 बार जोड़ने के बराबर है: 5+5+5=15

    उदाहरण 2:

    7×0=0
    क्योंकि किसी भी संख्या का शून्य से गुणा 0 होता है।

    उदाहरण 3:

    8×1=8
    क्योंकि किसी भी संख्या का 1 से गुणा वही संख्या होती है।

    उदाहरण 4:

    4×(2+3)=(4×2)+(4×3)=8+12=20


    गुणन से जुड़े प्रश्न:

    प्रश्न 1:

    6×4 का मान ज्ञात करें।
    उत्तर: 6×4=24

    प्रश्न 2:

    0×25 का मान क्या होगा?
    उत्तर: 0×25=0

    प्रश्न 3:

    10×(5+2) का मान ज्ञात करें।
    उत्तर: 10×(5+2)=(10×5)+(10×2)=50+20=70

  • [WHOLN06] पूर्ण संख्याओं के बीच का अंतर (Subtraction)

    पूर्ण संख्याओं के बीच का अंतर उन संख्याओं को घटाकर (Subtraction) प्राप्त किया जाता है।
    अंतर = बड़ी संख्या – छोटी संख्या


    विशेषताएँ:

    1. अंतर हमेशा एक पूर्ण संख्या होता है।
    2. यदि दोनों पूर्ण संख्याएँ समान हैं, तो उनका अंतर शून्य (0) होता है।
    3. पूर्ण संख्याओं का अंतर ऋणात्मक नहीं होता जब बड़ी संख्या से छोटी संख्या घटाई जाती है।

    उदाहरण:

    उदाहरण 1:

    दो पूर्ण संख्याएँ 15 और 8 हैं।
    अंतर = 15−8=7

    उदाहरण 2:

    दो पूर्ण संख्याएँ 20 और 20 हैं।
    अंतर = 20−20=0

    उदाहरण 3:

    दो पूर्ण संख्याएँ 50 और 25 हैं।
    अंतर = 50−25=25

    पूर्ण संख्याओं के अंतर से संबंधित कुछ प्रश्न:

    प्रश्न 1:

    100 और 45 के बीच का अंतर ज्ञात करें।
    उत्तर: 100−45=55

    प्रश्न 2:

    यदि एक संख्या 75 है और दूसरी संख्या 50 है, तो उनका अंतर क्या होगा?
    उत्तर: 75−50=25

    प्रश्न 3:

    0 और 36 के बीच का अंतर क्या है?
    उत्तर: 36−0=36

  • [STATIS01] सांख्यिकी (Statistics): औसत, माध्यिका ,बहुलक , आवृति एवं अन्तराल

    सांख्यिकी गणित की एक शाखा है जो डेटा के संग्रह, विश्लेषण, प्रस्तुति और व्याख्या से संबंधित है। नवोदय प्रवेश परीक्षा में सांख्यिकी के आधारभूत विषयों से जुड़े सरल और तर्कसंगत प्रश्न पूछे जाते हैं।


    सांख्यिकी के मुख्य विषय

    1. औसत (Average/Mean):
      • औसत = (सभी मानों का योग) ÷ (कुल मानों की संख्या)।
    2. मध्यिका (Median):
      • यह वह मान है जो डेटा को दो बराबर भागों में बाँटता है।
    3. बहुलक (Mode):
      • यह वह मान है जो डेटा में सबसे अधिक बार आता है।
    4. आवृत्ति (Frequency):
      • किसी विशेष मान के आने की संख्या।
    5. अन्तराल (Range):
      • अधिकतम और न्यूनतम मान का अंतर।

    सांख्यिकी पर संभावित प्रश्न

    1. औसत से संबंधित प्रश्न

    Q1: पाँच संख्याओं का औसत 24 है। यदि छठी संख्या 30 जोड़ दी जाए, तो नया औसत क्या होगा?
    उत्तर:

    • औसत = (कुल मानों का योग) ÷ (कुल संख्याएँ)
    • कुल मानों का योग = 24×5=120
    • छठी संख्या जोड़ने पर = 120+30=150
    • नया औसत = 150÷6=25

    2. मध्यिका से संबंधित प्रश्न

    Q2: डेटा: 7, 9, 15, 10, 8। इस डेटा की मध्यिका क्या होगी?
    उत्तर:

    • पहले डेटा को क्रम में लगाएँ: 7, 8, 9, 10, 15
    • मध्यिका = बीच का मान = 9

    3. बहुलक से संबंधित प्रश्न

    Q3: डेटा: 4, 6, 8, 6, 9, 10, 6, 4। इस डेटा का मोड ज्ञात करें।
    उत्तर:

    • डेटा में सबसे अधिक बार आने वाला मान: 6

    4. आवृत्ति तालिका (Frequency Table) पर आधारित प्रश्न

    Q4: किसी कक्षा में 10 छात्रों के अंक इस प्रकार हैं:
    5, 7, 5, 10, 8, 5, 9, 10, 8, 9
    आवृत्ति तालिका बनाएँ।

    अंकआवृत्ति (Frequency)
    53
    71
    82
    92
    102

    5. अंतराल (Range) पर आधारित प्रश्न

    Q5: किसी डेटा सेट के अधिकतम मान 50 और न्यूनतम मान 20 हैं। अंतराल ज्ञात करें।
    उत्तर:

    • अंतराल = अधिकतम मान – न्यूनतम मान
    • अंतराल = 50−20=30

    महत्वपूर्ण टिप्स

    1. औसत, मध्यिका और मोड के बीच के अंतर को समझें।
    2. आवृत्ति तालिका बनाने का अभ्यास करें।
    3. डेटा का क्रम में व्यवस्थित करना न भूलें।
    4. सरल तर्क के माध्यम से उत्तर निकालने की कोशिश करें।

    नवोदय प्रवेश परीक्षा में सांख्यिकी से जुड़े सवाल प्रायः सरल होते हैं, लेकिन डेटा का सही तरीके से विश्लेषण करना अनिवार्य है।

  • [STATIS02] सांख्यिकी : बार आरेख (Bar Graph)

    [STATIS02] सांख्यिकी : बार आरेख (Bar Graph)

    सांख्यिकी ( Statistics): आँकड़े, आरेख

    कोई भी निर्णय लेते समय आपको कुछ न कुछ जानकारियों की आवश्यकता होती है। इन आवश्यक संख्यात्मक जानकारियों को ही आँकड़े कहते हैं।

    प्रत्येक मान के लिए एक खड़ी लकीर खींचने की प्रक्रिया को टैली (Tally) लगाना कहते हैं तथा इस विधि को टैली विधि (Tally method) द्वारा आंकड़ों का संकलन (Collection of Data) कहते हैं एवं इससे प्राप्त सारणी को बारम्बारता सारणी (Frequency Table) कहते हैं। इससे गिनने में सरलता होती है।

    आंकड़ों का चित्र : आरेख

    • चित्र संकेतों द्वारा सांख्यिकीय आंकड़ों का ग्राफीय निरूपण आंकड़ों का चित्र आरेख कहलाता है।
    • दण्ड आरेख बराबर दूरी पर लिए गए एक समान चौड़ाई वाले क्षैतिज या उर्ध्वाधर दण्डों (आयतों) द्वारा संख्यात्मक आंकड़ों का चित्रीय निरूपण होता है।
    • दण्ड आरेख को देखकर बहुत से निष्कर्ष आसानी से निकाले जा सकते हैं।

    उर्ध्वाधर दण्ड आारेख (Vertical Bar Graph)

    आंकड़ों को प्रदर्शित करने में दण्ड को उर्ध्वाधर बनाया गया है इसे उर्ध्वाधर दण्ड आारेख (Vertical Bar Graph) कहते हैं।

    क्षैतिज दण्ड आरेख (Horizontal Bar Graph)

    दण्डों को क्षैतिज रूप में प्रदर्शित करें तो उसे क्षैतिज दण्ड आरेख (Horizontal Bar Graph) कहते हैं।

    ग्राफ एवं चित्रालेख

  • [ PROLOS1] लाभ और हानि: Profit and Loss Formula

    [ PROLOS1] लाभ और हानि: Profit and Loss Formula

    लाभ और हानि: Profit and Loss Formula

    क्रय मूल्य :-

    जिस मूल्य पर कोई वस्तु खरीदी जाती हैं, उस मूल्य को उस वस्तु का क्रय मूल्य कहते हैं।

    विक्रय मूल्य :-

    जिस मूल्य पर कोई वस्तु बेची जाती हैं, उस मूल्य को उस वस्तु का विक्रय मूल्य कहते हैं।

    लाभ :-

    यदि किसी वस्तु का विक्रय मूल्य उसके क्रय मूल्य से अधिक हो, तो उनके अंतर से प्राप्त धनराशि को लाभ कहते हैं।

    हानि :-

    यदि किसी वस्तु का विक्रय मूल्य उसके क्रय मूल्य से कम हो,तो उनके अंतर से प्राप्त धनराशि को हानि कहते हैं।

    प्रतिशत लाभ या प्रतिशत हानि:-

    100 रुपए पर जितना लाभ अथवा हानि होती हैं उसे प्रतिशत लाभ अथवा हानि कहते हैं। लाभ अथवा हानि का प्रतिशत हमेशा क्रय मूल्य पर ही ज्ञात किया जाता हैं।

    लाभ और हानि के सूत्र :-

    लाभ = विक्रय मूल्य – क्रय मूल्य
    हानि = क्रय मूल्य – विक्रय मूल्य
    विक्रय मूल्य = लाभ + क्रय मूल्य
    विक्रय मूल्य = क्रय मूल्य – हानि
    क्रय मूल्य = विक्रय मूल्य – लाभ
    क्रय मूल्य = हानि + विक्रय मूल्य
    लाभ% = (लाभ × 100)/क्रय मूल्य
    हानि% = (हानि × 100)/क्रय मूल्य
    विक्रय मूल्य = क्रय मूल्य(1 + लाभ/100)
    क्रय मूल्य = विक्रय मूल्य / (1 + लाभ/100)
    विक्रय मूल्य = क्रय मूल्य(1 – हानि/100)क्रय मूल्य = विक्रय मूल्य/(1 – हानि/100)

    लाभ के सूत्र

    यदि किसी वस्तु का विक्रय मूल्य उसके क्रय मूल्य से ज्यादा हो तो उनके अंतर से प्राप्त धनराशि को लाभ कहते हैं।

    • लाभ = विक्रय मूल्य – क्रय मूल्य
    • विक्रय मूल्य = क्रय मूल्य + लाभ
    • क्रय मूल्य = मूल्य विक्रय – लाभ
    • प्रतिशत लाभ = लाभ/क्रय मूल्य × 100

    हानि के सूत्र

    यदि किसी वस्तु का विक्रय मूल्य उसके क्रय मूल्य से कम हो तो उनके अंतर से प्राप्त धनराशि को हानि कहते हैं।

    • हानि = क्रय मूल्य – विक्रय मूल्य
    • या विक्रय मूल्य = क्रय मूल्य – हानि
    • या क्रय मूल्य = विक्रय मूल्य + हानि
    • प्रतिशत हानि = हानि/क्रय मूल्य × 100

    उपरिव्यय की परिभाषा :- खरीदी हुई वस्तु को बिक्री केंद्र तक लाने तथा उसके रख-रखाव में किए गए खर्च को उपरिव्यय कहते हैं।

    लागत मूल्य की परिभाषा :- क्रयमूल्य तथा उपरिव्यय के योगफल को लागत मूल्य कहा जाता हैं।

    Note :-

    • लाभ या हानि हमेशा क्रय मूल्य पर होते हैं।
    • बट्टा हमेशा अंकित मूल्य पर होता हैं।

    लाभ और हानि के सूत्र

    • लाभ = (लाभ %/100 + लाभ) × विक्रय मूल्य
    • हानि = (हानि %/100 – हानि) × विक्रय मूल्य
    • विक्रय मूल्य = क्रय मूल्य (1 + लाभ/100)
    • क्रय मूल्य = विक्रय मूल्य / (1 + लाभ/100)
    • विक्रय मूल्य = क्रय मूल्य (1 – हानि/100) क्रय मूल्य = विक्रय मूल्य/(1 – हानि/100)
    • बट्टा = लिखित मूल्य – विक्रय मूल्य
    • लिखित मूल्य = बट्टा + विक्रय मूल्य
    • विक्रय मूल्य = लिखित मूल्य – बट्टा
    • बट्टा % = (बट्टा/लिखित मूल्य) × 100
    • बट्टा = (बट्टा %/लिखित मूल्य) × 100
    • N वर्ष पश्चात जनसंख्या = वर्तमान जनसंख्या × (1 + दर/100) समय
    • N वर्ष पूर्व जनसंख्या = वर्तमान जनसंख्या / (1 + दर/100 ) समय
    • मिश्रधन = मूलधन + ब्याज
    • सरल ब्याज = मूलधन × दर × समय/100
    • मूलधन =100 × ब्याज/दर × समय
    • समय =100 × ब्याज/दर × मूलधन
    • दर =100 × ब्याज/समय × मूलधन
    • ब्याज = मिश्रधन – मूलधन
    • चक्रवृद्धि मिश्रधन = मूलधन × (1 + दर/100) समय
    • चक्रवृद्धि ब्याज = मूलधन × (1 + दर/100) समय – मूलधन

    Note :- ब्याज अर्धवार्षिक देय हो तो : दर = R/2, समय = T×2

  • [FRMULA03] लाभ और हानि : Profit and Loss Solution Tricks

    [FRMULA03] लाभ और हानि : Profit and Loss Solution Tricks

    लाभ और हानि : Profit and Loss Solution Tricks

    1. प्रतिशत लाभ या प्रतिशत हानि

    100 रुपए पर जितने प्रतिशत लाभ अथवा हानि होती हैं उसे प्रतिशत लाभ अथवा प्रतिशत हानि कहाँ जाता हैं।

    लाभ अथवा हानि का प्रतिशत हमेशा क्रय मूल्य पर ज्ञात किया जाता हैं।

    • प्रतिशत लाभ = लाभ × 100 / क्रय मूल्य
    • प्रतिशत हानि = हानि × 100 / क्रय मूल्य

    उदाहरण 1. 250 रु. की वस्तु को 150 रु. में बेचने पर प्रतिशत लाभ क्या होगा?

    हल:- प्रतिशत लाभ = (विक्रय मूल्य – क्रय मूल्य)/क्रय मूल्य × 100
    प्रतिशत लाभ = (150 – 120)/120 × 100
    प्रतिशत लाभ = 30/120 × 100
    Ans. 25%

    2. लाभ एवं हानि की स्थिति में विक्रय मूल्य निकालना

    (a). यदि x रु. की वस्तु को y% लाभ पर बेचा जाता हैं तो विक्रय मूल्य = (100 + y)/100 × x

    उदाहरण 2. 500 रु. की वस्तु को कितने में बेचा जाए कि 10% का लाभ हो?

    हल:- विक्रय मूल्य = (100 + 10)/100 × 500
    110/100 × 500
    Ans. 550

    (b). यदि x रु. की वस्तु y% हानि पर बेचने पर विक्रय मूल्य = (100 – y)/100 × x

    उदाहरण 3. 500 रु. की वस्तु को 5% हानि पर बेचा जाता हैं। तो वस्तु का विक्रय मूल्य क्या हैं?

    हल:- विक्रय मूल्य = (100 – 5)/100 × 500
    विक्रय मूल्य = 95/100 × 500
    = 475 रु.
    Ans. 475 रु.

    3. लाभ अथवा हानि होने पर क्रय मूल्य ज्ञात करना।

    (a). किसी वस्तु को x रु. में बेचने पर y% का लाभ होता हैं। तो क्रय मूल्य = 100/(100 + y) × x

    उदाहरण 4. 600 रु. में किसी वस्तु को बेचने पर 20% का लाभ होता हैं। वस्तु का क्रय मूल्य क्या हैं?

    हल:- क्रय मूल्य = 100/(100 + 20) × 600
    = 100/120 × 600
    = 500 रु.
    Ans. 500 रु.

    (b). किसी वस्तु को x में बेचने पर यदि y% की हानि होती हैं तो क्रय मूल्य = 100/(100 – y) × x

    उदाहरण 5. किसी वस्तु को 300 रु. में बेचने पर 25% की हानि होती हैं। वस्तु का क्रय मूल्य क्या हैं?

    हल:- क्रय मूल्य = 100/(100 – 25) × 300
    = 100/75 × 300
    = 400 रु.
    Ans. 400 रु.

    4. (a). किसी वस्तु को x रु. में बेचने पर y% की हानि होती हैं। तो z% लाभ पर बेचने के लिए

    विक्रय मूल्य = (100 + z)/(100 – y) × x

    उदाहरण 6. किसी वस्तु को 480 रु. में बेचने पर 20% की हानि होती हैं। उसे कितने में बेचा जाए ताकि 30% का लाभ हो?

    हल:- विक्रय मूल्य = 130/80 × 480
    = 780 रु.
    Ans. 780 रु.

    (b). किसी वस्तु को x रु. में बेचने पर y% का लाभ होता हैं। तो z% हानि पर बेचने के लिए

    विक्रय मूल्य = (100 – z)/(100 + y) × x

    उदाहरण 7. किसी वस्तु को 375 रु. में बेचने पर 25% का लाभ होता हैं। तो उसे कितने में बेचा जाए ताकि 20% की हानि हो?

    हल:-
    Tricks :- विक्रय मूल्य = 80/125 × 375
    = 240 रु.
    Ans. 240 रु.

    5. (a). यदि A किसी वस्तु को B को x% लाभ पर B, C को Y% लाभ पर C, D को z% लाभ पर बेचें तो D का क्रय मूल्य

    A का क्रय मूल्य × (100 + x)/100 × (100 + y)/100 × (100 + z)/100

    उदाहरण 8. यदि राम 500 रु. की किसी वस्तु को श्याम को 20% लाभ पर, श्याम मोहन को 10% लाभ पर बेचता हैं। तो मोहन का क्रय मूल्य क्या हैं?

    हल:- Tricks:- ? = 500 × 120/100 × 110/100
    = 660 रु.
    Ans. 660 रु.

    (b). (a) में दी गई परिस्थिति में A का क्रय मूल्य
    = D का क्रय मूल्य × 100/(100 + x) × 100/(100 + y) + 100/(100 + z)

    उदाहरण 9. यदि उमेश किसी वस्तु को 20% लाभ पर श्याम को, श्याम उसे 10% लाभ पर उमेश को बेचता हैं। यदि उमेश का क्रय मूल्य 660 रु. हैं। तो पंकज का क्रय मूल्य क्या होगा?

    हल:- प्रश्नानुसार,
    A का क्रय मूल्य = D का क्रय मूल्य × 100/(100 + x) × 100/(100 + y) + 100/(100 + z)
    क्रय मूल्य = 6600 × 100/(100 + 10) × 100/(100 + 20)
    क्रय मूल्य = 6600 × 100/110 × 100/120
    क्रय मूल्य = 6600 × 10/11 × 5/6
    क्रय मूल्य = 100 × 50
    क्रय मूल्य = 5000 रु.
    Ans. 5000 रु.

    उदाहरण 10. मोहन किसी वस्तु को 40% लाभ पर ओमप्रकाश को बेचता हैं और ओमप्रकाश उस वस्तु को 20% लाभ पर मोहन को बेचता हैं। यदि मोहन का क्रय मूल्य 1000 रु. हैं। तो दुर्गेश का क्रय मूल्य क्या होगा?

    हल:- प्रश्नानुसार,
    A का क्रय मूल्य = D का क्रय मूल्य × 100/(100 + x) × 100/(100 + y) + 100/(100 + z)
    क्रय मूल्य = 1000 × 100/(100 + 40) × 100/(100 + 20)
    क्रय मूल्य = 1000 × 100/140× 100/120
    क्रय मूल्य = 1000 × 5/7× 5/6
    क्रय मूल्य = 2500/42
    क्रय मूल्य = 59.52 रु.
    Ans. 59.52 रु.

  • [ MCQ3] लाभ और हानि Profit and Loss MCQ

    लाभ और हानि Profit and Loss MCQ

    Q.1

    रमेश ने एक मिक्सी 2000 रु. की खरीद कर 2200 रु. में बेच दी बताइए उसे कितने प्रतिशत लाभ हुआ?
    A. 10%
    B. 20%
    C. 30%
    D. 50%

    लाभ = विक्रय मूल्य – क्रय मूल्य
    लाभ = 2200 – 2000
    लाभ = 200
    लाभ% = (लाभ × 100)/क्रय मूल्य
    = (200 × 100)/2000
    = 20%
    Ans. 20%

    Q.2

    विवेक ने एक कार 10,00000 रु. की खरीद कर 11,50,000 रु. में बेच दी बताइए उसे कितने प्रतिशत लाभ हुआ?
    A. 10%
    B. 15%
    C. 30%
    D. 60%

    लाभ = विक्रय मूल्य – क्रय मूल्य
    लाभ = 11,50,000 – 10,00000
    लाभ = 1,50,000
    लाभ% = (लाभ × 100)/क्रय मूल्य
    = (1,50,000 × 100)/10,00000
    = 15%
    Ans. 15%

    Q.3

    एक साइकिल को 1960 रुपए में खरीद कर 1862 रुपये में बेच दिया गया बताए कितने प्रतिशत हानि हुई?
    A. 2%
    B. 5%
    C. 7%
    D. 9%

    हानि = क्रय मूल्य – विक्रय मूल्य
    हानि = 1960 – 1862
    हानि = 98
    प्रतिशत हानि = हानि × 100 / क्रय मूल्य
    = 98 × 100/1960
    = 5%
    Ans. 5%

    Q.4

    एक सब्जी वाले ने 15000 की सब्जी खरीदकर 12000 में बेची बताइए सब्जी वाले को कितने प्रतिशत की हानि हुई?
    A. 20%
    B. 50%
    C. 70%
    D. 90%

    हानि = क्रय मूल्य – विक्रय मूल्य
    हानि = 15000 – 12000
    हानि = 3000
    प्रतिशत हानि = हानि × 100 / क्रय मूल्य
    = 3000 × 100/15000
    = 20%
    Ans. 20%

    Q.5

    किसी वस्तु का क्रय मूल्य 4000 हैं, और उस वस्तु का विक्रय मूल्य 4200 रुपए हैं वस्तु का लाभ बताइए?
    A. 5% लाभ
    B. 7% लाभ
    C. 5% हानि
    D. 7% हानि

    हल:- प्रश्नानुसार,
    लाभ = विक्रय मूल्य – क्रय मूल्य
    लाभ = 4200 – 4000
    = 200
    लाभ = लाभ / क्रय मूल्य × 100
    200 / 4000 × 100
    5% लाभ
    Ans. 5% लाभ

    Q.6

    एक पुस्तक का क्रय मूल्य 500 रुपए हैं, और विक्रय मूल्य 650 रुपये हैं, तो बेचने पर कितने रुपये और कितने प्रतिशत का लाभ होगा?
    A. 20%
    B. 30%
    C. 10%
    D. 40%

    हल:- प्रश्नानुसार,
    लाभ = विक्रय मूल्य – क्रय मूल्य
    लाभ = 650 – 500
    लाभ = 150
    लाभ = लाभ / क्रय मूल्य × 100
    लाभ = 150/500 × 100
    = 30%
    Ans. 30%

    Q.7

    किसी वस्तु को 250 रुपए में बेचने से 25 प्रतिशत लाभ होता हैं उसे कितने रुपए में बेचे ताकि 20 प्रतिशत की हानि हो?
    A. 160 रुपए
    B. 150 रुपए
    C. 170 रुपए
    D. 180 रुपए

    विक्रय मूल्य = (100 – z)/(100 + y) × x
    विक्रय मूल्य = (100 – 20)/(100 + 25) × 250
    विक्रय मूल्य = 80/125 × 250
    विक्रय मूल्य = 80 × 2
    विक्रय मूल्य = 160
    Ans. 160 रुपए

    Q.8

    एक व्यापारी 7.5 पैसा/किलोग्राम चीनी बेच कर 25 प्रतिशत हानि उठता हैं 10 प्रतिशत लाभ कमाने हेतु चीनी कितने रुपए में बेची जानी चाहिए?
    A. 11 रुपए/किलोग्राम
    B. 15 रुपए/किलोग्राम
    C. 17 रुपए/किलोग्राम
    D. 19 रुपए/किलोग्राम

    विक्रय मूल्य = (100 + z)/(100 – y) × x
    विक्रय मूल्य = (100 + 10)/(100 – 25) × 7.5
    विक्रय मूल्य = 110/75 × 75/10
    विक्रय मूल्य = 11
    Ans. 11 रुपए/किलोग्राम

    Q.9

    एक बेईमान व्यापारी अपने सामानों को 4% हानि पर बेचने का दावा करता हैं। लेकिन 1 किलोग्राम के स्थान पर 840 ग्राम बाट का प्रयोग करता हैं। बताइए उसे कितना प्रतिशत लाभ होगा?
    A. 14 ²⁄₇ %
    B. 15 ⁴⁄₅ %
    C. 12 ⁶⁄₇ %
    D. 18 ⁹⁄₁₁ %

    हल:- प्रश्नानुसार,
    1000 का 4%
    100 × 4/100
    4 ग्राम
    1000 – 40 = 960 ग्राम
    लाभ % = (960 – 840)/840 × 100
    = 120/840 × 100
    = 100/7
    = 14 ²⁄₇ %

    Q.10

    एक आदमी ने एक घोड़ा 12000 रु में बेचा जिससे उसे घोड़े पर 20% लाभ हुआ तथा उसने एक गाय 12000 रु में बेची जिससे गाय पर 20% की हानि हुई तो पूरे लेने देन में उस आदमी को क्या मिला?
    A. 1000 रु. हानि
    B. 1000 रु. लाभ
    C. 2000 रु. लाभ
    D. ना लाभ हुआ न हानि।

    हल:- प्रश्नानुसार,
    हानि % = (20/10)²
    = 4%
    कुल विक्रय मूल्य = 24000
    हानि = 4%
    क्रय मूल्य = 100/96 × 24000
    = 25000 रु.
    हानि = 1000 रु.
    Ans. 1000 रु.

    Q.11

    एक दुकानदार 26 किलोग्राम चाय जिसका भाव 20 रु. प्रति किलोग्राम हैं। के साथ 30 किलोग्राम चाय जिसका भाव 36 रु. प्रति किलोग्राम हैं मिलाता हैं। वह मिश्रण को 30 रु. प्रति किलोग्राम के भाव से बेचता हैं उसका लाभ प्रतिशत हैं?
    A. 5%
    B. 6%
    C. 7%
    D. 8%

    हल:- प्रश्नानुसार,
    दोनों प्रकार के चाय का कुल मूल्य = (26 × 20) + (30 × 36)
    = 1600 रु.
    तथा मिश्रण का विक्रय मूल्य
    = 30 × (26 + 30)
    = 1680 रु.
    लाभ प्रतिशत = (1680 – 1600)/1600 × 100
    = 5%
    Ans. 5%

    Q.12

    किसी खिलौने को 450 रु. में बेचने से हुआ लाभ 320 रु. में बेचने पर हुई हानि से 30 रु. अधिक हैं। खिलौने का क्रय मूल्य क्या हैं?
    A. 350 रु.
    B. 370 रु.
    C. 390 रु.
    D. 410 रु.

    माना कि क्रय मूल्य = x रु.
    प्रश्नानुसार,
    (450 – x) – (x – 320) = 30
    770 – 2x = 30
    x = 370 रु.
    Ans. 370 रु.

    Q.13

    श्यामू ने एक पुराना स्कूटर 4700 रुपए में खरीदा और 800 रुपए उसकी मरम्मत में खर्च किया यदि वह स्कूटर को 5,800 रुपए में बेचता हैं तो श्यामू को कितने प्रतिशत लाभ हुआ?
    A. 60/11 लाभ
    B. 68/13 लाभ
    C. 60/11 हानि
    D. 63/7 हानि

    हल:- प्रश्नानुसार,
    क्रय मूल्य = 4700
    विक्रय मूल्य = 5800
    = 4700 + 800 = 5500 – 5800
    = 300 रुपए लाभ
    लाभ प्रतिशत = 300/5500 × 100
    = 60/11 लाभ
    Ans. 60/11 लाभ

    Q.14

    मैंने एक चित्र 225 रुपए में खरीदा उसकी सजावट में 15 रुपए खर्च किए यदि मैंने उसे 300 रुपए में बेचा मुझे कितने प्रतिशत का लाभ हुआ?
    A. 10%
    B. 20%
    C. 25%
    D. 40%

    हल:- प्रश्नानुसार,
    क्रय मूल्य = 225
    सजावट में खर्च किए रुपए = 225 + 15
    = 240
    विक्रय मूल्य = 300 – 240
    = 60 रुपए लाभ
    लाभ प्रतिशत = 60/300 × 100
    = 20
    Ans. 20% लाभ

    Q.15

    20 वस्तुओं का क्रय मूल्य 30 वस्तुओं के विक्रय मूल्य के समान हैं, तो लाभ/हानि% क्या होगा?
    A.50/3 %
    B. 200/3 %
    C. 100/3 %
    D. 221/13 %

    हल:- प्रश्नानुसार,
    30 – 20 = 10
    P/L% = 10/30 × 100
    = 100/3 % loss
    Ans. 100/3 %

    Q.16

    20 वस्तुओं का विक्रय मूल्य, 30 वस्तुओं के क्रय मूल्य के समान हैं, तो लाभ/हानि% क्या होगा?
    A. 20% लाभ
    B. 25% लाभ
    C. 35% लाभ
    D. 50% लाभ

    हल:- प्रश्नानुसार,
    30 – 20 = 10
    P/L% = 10/20 × 100
    = 50 %
    Ans. 50% लाभ

    Q.17

    जब 12 वस्तुओं का क्रय मूल्य 16 वस्तुओं के विक्रय मूल्य के बराबर हो तो कितने प्रतिशत हानि होगी?
    A. 10% हानि
    B. 15% हानि
    C. 25% हानि
    D. 35% हानि

    हल:- प्रश्नानुसार,
    16 – 12 = 4
    P/L% = 4/16 × 100
    = 4%
    Ans.25% हानि

    Q.18

    जब 25 वस्तुओं का क्रय मूल्य 20 वस्तुओं के विक्रय मूल्य के बराबर हो तो कितने प्रतिशत लाभ होगा?
    A. 15% लाभ
    B. 25% लाभ
    C. 35% लाभ
    D. 55% लाभ

    हल:- प्रश्नानुसार,
    25 – 20 = 5
    P/L% = 5/20 × 100
    = 25%
    Ans. 25% लाभ

    Q.19

    एक दुकानदार जब किसी वस्तु को खरीदता हैं, तब 12 प्रतिशत बेईमानी करता हैं, जब वस्तुओं को बेचता हैं, तब भी 12 प्रतिशत की बेईमानी करता हैं, तो बताइए उसने कुल कितने प्रतिशत लाभ किया?
    A. 25.44
    B. 22.55
    C. 12.60
    D. 28.90

    हल:- प्रश्नानुसार,
    112 × 112 / 100
    = 12544 / 100
    = 125.44 – 100
    = 25.44
    Ans. 25.44

    Q.20

    एक दुकानदार जब वस्तु को खरीदता हैं, तब 5 प्रतिशत का लाभ कमाता हैं, और जब वस्तु को बेचता हैं, तो 20 प्रतिशत लाभ कमाता हैं?
    A. 20%
    B. 30%
    C. 26%
    D. 40%

    हल:- प्रश्नानुसार,
    105 × 105/100
    = 126
    = 126 – 100
    लाभ = 26%
    Ans. 26%

    Q.21

    एक व्यक्ति जब वस्तु को खरीदता हैं, तब वह 15 प्रतिशत बेहमानी करता हैं, जब वस्तु को बेचता हैं, तब 20 प्रतिशत बेहमनी करता हैं?
    A. 20%
    B. 30%
    C. 38%
    D. 48%

    हल:- प्रश्नानुसार,
    115 × 120/100
    = 23 × 6
    = 138
    = 138 – 100
    = 38%
    Ans. 38% लाभ

    Q.22

    यदि दो गाय में प्रत्येक को 4,675 रुपए में बेचा गया तथा एक पर 15 प्रतिशत लाभ और दूसरे 15 पर प्रतिशत हानि हुई, तो बताइए कि कुल कितने प्रतिशत हानि हुई?
    A. 20.09% हानि
    B. 2.25% हानि
    C. 22.5% हानि
    D. 125.5% हानि

    हल:- प्रश्नानुसार,
    15 × 15/100
    = 225/100
    = 2.25%
    Ans. 2.25% हानि

    Note:- यदि इस प्रकार के प्रश्न में X% का लाभ और X% का ही हानि हो तब (x²/100) करेंगे, और ऐसी अवस्था में सदैव हानि ही होती हैं।

    Q.23

    यदि दो पंखों में से प्रत्येक का विक्रय मूल्य समान हैं, तथा एक को 10 प्रतिशत हानि और 5 प्रतिशत लाभ पर बेचा जाए तो कुल कितने प्रतिशत लाभ या हानि होगी?
    A. 3.5%
    B. 5.5%
    C. 4.8%
    D. 6.2%

    हल:- प्रश्नानुसार,
    90 × 105/100
    = 189/2
    = 94.5 – 100
    हानि = 5.5%
    Ans. 5.5%

    Q.24

    एक दुकानदार दो T. V. सेट को एक समान मूल्य पर बेचता हैं, एक पर 20 प्रतिशत लाभ और दूसरे पर 20 प्रतिशत हानि होती हैं?
    A. 2% हानि
    B. 3% हानि
    C. 4% हानि
    D. 5% हानि

    हल:- प्रश्नानुसार,
    (20 × 20)/100
    = 400/100
    = 4.00%
    Ans. 4% हानि

    Q.25

    एक व्यक्ति दो वस्तुओं में से प्रत्येक को 99 रुपए में बेचता हैं एक पर उसे 10 की हानि और दूसरी पर उसे 10 प्रतिशत लाभ हुआ ?
    A. 2% हानि
    B. 1% हानि
    C. 3% हानि
    D. 5% हानि

    हल:- प्रश्नानुसार,
    10 × 10/100
    = 100/100
    = 1%
    Ans. 1% हानि

    Q.26

    एक व्यक्ति दो वस्तुएं एक सामान मूल्य पर बेचता हैं पहली वस्तु पर उसे 20 प्रतिशत लाभ और दूसरी वस्तु पर 25 प्रतिशत लाभ होता हैं, यदि पहली वस्तु को 10000 रुपए में खरीदा गया था तो बताइए दूसरी वस्तु को कितने रुपए में खरीदा?
    A. 2400
    B. 4800
    C. 9600
    D. 6400

    हल:- प्रश्नानुसार,
    क्रय मूल्य = 100% = 10,000
    120% = 10,000/100 × 120
    = 12,000
    विक्रय मूल्य = 12000 = 125
    = 100 × 12000/125 = 100%
    = 9600
    Ans. 9600

    Q.27

    मोहन अपनी दो गाय समान मूल्य पर बेचता हैं एक गाय पर उसे 10 प्रतिशत की हानि और दूसरी पर उसे 5 प्रतिशत की हानि होती हैं, यदि पहली गाय को 9,500 रुपए में खरीद गया तो दूसरी गाय को कितने रुपए में खरीदा?
    A. 12000
    B. 6000
    C. 9000
    D. 18000

    हल:- प्रश्नानुसार,
    पहली वस्तु का क्रय मूल्य / दूसरी वस्तु का क्रय मूल्य = दूसरी वस्तु के विक्रय मूल्य/पहली वस्तु के विक्रय मूल्य
    9500/x = 95/90
    95x = 8550
    x = 8550/95
    x = 9000
    Ans. 9000

    Q.28

    राजेश अपनी दो कार एक समान मूल्य पर बेचता हैं एक पर उसे 10 प्रतिशत लाभ और 20 प्रतिशत हानि हैं, यदि दूसरी कार 1,21000 में खरीद तो बताइए दूसरी को कितने रुपए में खरीद?
    A. 44,000
    B. 66,000
    C. 88,000
    D. 99,000

    हल:- प्रश्नानुसार,
    पहली वस्तु का क्रय मूल्य / दूसरी वस्तु का क्रय मूल्य = दूसरी वस्तु के विक्रय मूल्य/पहली वस्तु के विक्रय मूल्य
    1,21000/x = 110/80
    110 x = 1,21000 × 80
    x = 1,21000 × 80/110
    x = 1100 × 80
    x = 88,000
    Ans. 88,000

    Q.29

    ब्रिजेश ने दो साइकिल एक समान मूल्य पर बेची पहली उसे 20 हानि और 25 लाभ हुआ यदि पहली साइकिल 6250 में खरीदी तो दूसरी साइकिल कितने में खरीदी?
    A. 4,000
    B. 6,000
    C. 8,000
    D. 10,000

    हल:- प्रश्नानुसार,
    पहली वस्तु का क्रय मूल्य / दूसरी वस्तु का क्रय मूल्य = दूसरी वस्तु के विक्रय मूल्य/पहली वस्तु के विक्रय मूल्य
    6250/x = 125/80
    125 x = 6250 × 80
    x = 6250 × 80/125
    x = 80 × 40
    x = 4,000
    Ans. 4,000

    Q.30

    राम ने एक वस्तु 1000 रुपए में खरीदी और उस वस्तु को 20 प्रतिशत लाभ के साथ श्याम को बेचा श्याम ने 10 प्रतिशत हानि के साथ मोहन को बेचा मोहन ने इसे कितने में खरीद?
    A. 1260
    B. 1580
    C. 1690
    D. 1080

    हल:- प्रश्नानुसार,
    मूल्य × (100 ± %) /100 × (100 ± %) /100+ ……….
    = 1000 × 120/100 × 90/100
    = 1080
    Ans. 1080

    Q.31

    मोहन ने एक वस्तु 1080 रुपए में खरीदी और उस वस्तु को 20 प्रतिशत लाभ के साथ श्याम को बेचा श्याम ने 10 प्रतिशत हानि के साथ मोहन को बेचा मोहन ने इसे कितने में खरीदा?
    A. 100
    B. 1000
    C. 2000
    D. 2003

    हल:- प्रश्नानुसार,
    = 1080 × 100/120 × 100/90
    = 1000
    Ans. 1000

    Q.32

    रीता अपना मकान 400000 रुपए में खरीदकर 25 प्रतिशत लाभ के साथ रीता को बेचता हैं सीता ने 10 प्रतिशत लाभ पर गीता को यदि गीता 5 प्रतिशत लाभ लेकर संगीता को बेचती हैं तो बताइए संगीता को मकान के कितने पैसे मिले?
    A. 5,77,500
    B. 3,77,500
    C. 2,67,900
    D. 4,98,800

    हल:- प्रश्नानुसार,
    = A का क्रय मूल्य × (100 + x)/100 × (100 + y)/100 × (100 + z)/100
    = 400000 × (100 + 25)/100 × (100 + 10)/100 × (100 + 5)/100
    = 400000 × 125/100 × 110/100 × 105/100
    = 125 × 105 × 11 × 4
    = 5,77,500
    Ans. 5,77,500

    Q.33

    A ने एक कंप्यूटर 40,000 में खरीदा और B को 4 प्रतिशत हानि पर बेचा और C को 5 प्रतिशत लाभ के साथ बेचा, लाभ प्रतिशत बताइए?
    A. 55, 500
    B. 40,320
    C. 25, 900
    D. 58, 800

    हल:- प्रश्नानुसार,
    = A का क्रय मूल्य × (100 + x)/100 × (100 + y)/100
    = 40,000 × (100 – 4)/100 × (100 + 5)/100
    = 40,000 × 96/100 × 105/100
    = 4 × 105 × 96
    = 40,320
    Ans. 40,320

    Q.34

    एक व्यक्ति किसी वस्तु को 10 प्रतिशत लाभ पर बेचता हैं, यदि वह 15 प्रतिशत लाभ पर बेचे तो उसे 200 रूपए अधिक प्राप्त होते हैं, उस वस्तु का क्रय मूल्य क्या हैं?
    A. 1000
    B. 2000
    C. 3000
    D. 4000

    हल:- प्रश्नानुसार,
    110% – 115% = 200
    5% = 200
    100% = 200/5 × 100
    = 4000
    Ans. 4000

    Q.35

    महेश ने एक घड़ी 10 प्रतिशत हानि पर बेची यदि उसे 5 प्रतिशत हानि पर बेचता तो उसे 60 रुपए अधिक प्राप्त होते महेश ने घड़ी कितने में खरीदी?
    A. 900
    B. 1800
    C. 1200
    D. 700

    हल:- प्रश्नानुसार,
    95% – 90% = 200
    5% = 60
    100% = 60/5 × 100
    = 1200
    Ans. 1200

    Q.36

    दो वस्तुओं का सम्मिलित क्रय मूल्य 1500 रु. हैं तथा विक्रय मूल्य समान हैं। यदि एक को 20% हानि पर तथा दूसरे को 30% हानि पर बेचा गया। 30% हानि पर बेचे जाने वाले वस्तु का क्रय मूल्य ज्ञात कीजिए?
    A. 500 रु.
    B. 800 रु.
    C. 1300 रु.
    D. 1500 रु.

    हल:- प्रश्नानुसार,
    x = -20, y = -30
    क्रय मूल्य = 100 + x/(100 + x + y) × z
    = 100 – 20/(200 – 30 – 20) × 1500
    = 80/150 × 1500
    = 800
    Ans. 800

    Q37.

    यदि राम 10 रु. में 15 के भाव से कुछ आम खरीद कर 15 रु. में 100 के भाव से बेच देता हैं। प्रतिशत लाभ अथवा हानि ज्ञात करें?
    A. 110%
    B. 150%
    C. 225%
    D. 250%

    प्रतिशत लाभ = (y² – x²)/x² × 100
    = (15)² – (10)²/(10)² × 100
    = 225 – 100/100 × 100
    = 125/100 × 100
    = 125%
    Ans. 125%

    Q.38

    4 रुपए में 5 बटन खरीद कर 5 रुपए में 4 बटन बेचे जाते है, बताइए कितने प्रतिशत लाभ या हानि हुई?
    A. 11.60%
    B. 45.90%
    C. 56.25%
    D. 87.56%

    प्रतिशत लाभ = (y² – x²)/x² × 100
    = (5)² – (4)²/(4)² × 100
    = 25 – 16/16 × 100
    = 9/16 × 100
    = 56.25%
    Ans. 56.25 प्रतिशत लाभ

    Q.39

    रीता ने 10 रुपए में 15 खिलौने खरीद कर 15 रुपए में 10 खिलौने बेंच दिए बताइए उसे कितने प्रतिशत लाभ हुआ?
    A. 120 प्रतिशत लाभ
    B. 125 प्रतिशत लाभ
    C. 135 प्रतिशत लाभ
    D. 140 प्रतिशत लाभ

    प्रतिशत लाभ = (y² – x²)/x² × 100
    = (15)² – (10)²/(10)² × 100
    = 225 – 100/100 × 100
    = 125/100 × 100
    = 125%
    Ans. 125 प्रतिशत लाभ

    Q.40

    1 रुपये में 12 टाफियां बेचने से 1 व्यक्ति को 20 प्रतिशत की हानि होती हैं, तो 20 प्रतिशत का लाभ प्राप्त करने के लिए 1 रुपए में कितनी टाफियां बेची जाएगी?
    A. 2 टाफियां
    B. 5 टाफियां
    C. 8 टाफियां
    D. 10 टाफियां

    हल:- प्रश्नानुसार,
    1/12 × 120/80
    = 1/8
    = 8 टाफियां
    Ans. 8 टाफियां

    Q.41

    किसी वस्तु के विक्रय मूल्य और क्रय मूल्य का अनुपात 5:4 हैं, बताइए वस्तु को बेचने पर कितने प्रतिशत लाभ हुआ?
    A. 25% लाभ
    B. 27% लाभ
    C. 25% हानि
    D. 27% हानि

    हल:- प्रश्नानुसार,
    विक्रय मूल्य = 5
    क्रय मूल्य = 4
    लाभ = 1/4 × 100
    लाभ = 25%
    Ans. 25% लाभ

    Q.42

    120 वस्तु को बेचने पर उसके 30 वस्तुओं के विक्रय मूल्य के बराबर लाभ प्राप्त होता हैं बताइए कितने प्रतिशत लाभ प्राप्त होता हैं?
    A. 20% लाभ
    B. 27% लाभ
    C. 20% हानि
    D. 27% हानि

    हल:- प्रश्नानुसार,
    L% = y/x – y × 100
    हानि% = 30/150 × 100
    हानि = 20%
    Ans. 20% हानि

    Q.43

    क्रय मूल्य पर 20% लाभ विक्रय मूल्य पर कितने प्रतिशत लाभ के समान होगा?
    A. 25%
    B. 16 2/3%
    C. 40%
    D. 80%

    हल:- प्रश्नानुसार,
    विक्रय मूल्य पर प्रतिशत लाभ = 20/120 × 100
    = 16 2/3%

    Q.44

    विक्रय मूल्य पर 30% का लाभ क्रय मूल्य पर कितने प्रतिशत लाभ के समान होगा?
    A. 42 6/7%
    B. 47 2/7%
    C. 30 %
    D. 16 2/3 %

    हल:- प्रश्नानुसार,
    विक्रय मूल्य पर प्रतिशत लाभ = 30/70 × 100
    300/7
    = 42 6/7%

    Q.45

    8 किताबें प्रत्येक 200 से 250 रु. के मूल्य पर खरीदे जाते हैं तथा 300 से 425 रु. तक बेचे जाते हैं। तो अधिक से अधिक प्राप्त लाभ होगा?
    A. 250 रु.
    B. 400 रु.
    C. 1600 रु.
    D. 1800 रु.

    अधिकतम लाभ = 425 – 200
    = 225 रु.
    8 किताबों को बेचने पर अधिकतम लाभ = 225 × 8
    = 1800 रु.

    Q.46

    एक वस्तु का क्रय मूल्य विक्रय मूल्य का 40% हैं। विक्रय मूल्य क्रय मूल्य का कितना प्रतिशत हैं?
    A. 40%
    B. 60%
    C. 240%
    D. 250%

    माना कि विक्रय मूल्य = 100 रु.
    क्रय मूल्य = 40 रु.
    वि.मू. क्रय मूल्य का प्रतिशत = 100/40 × 100
    = 250%
    Ans. 250%

    Q.47

    एक आदमी ने कुछ संतरे 2.85 रुपए में मोल खरीदे। उनमें से कुछ संतरे 1.52 रु. में बिना लाभ के बेच दिए। अब उस आदमी के पास कम से कम कितने संतरे हैं?
    A. 2
    B. 3
    C. 5
    D. 7

    2.85 रु. और 1.52 रु. का महत्तम समापवर्तक = 0.19
    एक संतरे का मूल्य = 0.19 रु.
    शेष संतरे की संख्या = (2.85 – 1.52)/0.19
    = 7
    Ans. 7

    Q.48

    यदि किसी वस्तु का क्रय मूल्य, विक्रय मूल्य का 5/7 भाग हैं। तो प्रतिशत लाभ या हानि होगी?
    A. 40% लाभ
    B. 30% हानि
    C. 25% लाभ
    D. 20% हानि

    माना क्रय मूल्य = 100 रु.
    क्रय मूल्य = 5/7 × विक्रय मूल्य
    विक्रय मूल्य = 7 × क्रय मूल्य/5
    = 7 × 100/5
    = 7 × 20
    = 140
    = 40% लाभ
    Ans. 40%
  • [ PROLOS4] बट्टा के सूत्र

    [ PROLOS4] बट्टा के सूत्र

    बट्टा के सूत्र [Discount formula]

    जब सामान्यतः कोई व्यापारी अपने ग्राहक को कोई समान बेचता हैं, तो अंकित मूल्य पर कुछ छूट देता हैं, इसी छूट को बट्टा कहते हैं बट्टे का सामान्य अर्थ छूट से हैं।

    Note : बट्टा सदैव अंकित मूल्य पर दिया जाता हैं।

    विक्रय मूल्य = अंकित मूल्य – बट्टा

    यदि किसी वस्तु को बेचने पर r% का बट्टा दिया जा रहा हो, तो

    वस्तु का विक्रय मूल्य = अंकित मूल्य × (100-r)/100

    बट्टा के महत्वपूर्ण तथ्य :

    1. यदि किसी वस्तु के अंकित मूल्य पर क्रमशः r% व R% का बट्टा दिया जा रहा हो, तो

    वस्तु का विक्रय मूल्य = अंकित मूल्य × (100 – r) / 100 × (100 – R) / 100)

    1. यदि दो बट्टा श्रेणी r% तथा R% हो, तो

    इनके समतुल्य बट्टा (r + R – rR/100)% होगा।

    1. यदि किसी वस्तु पर r% छूट देकर भी R% का लाभ प्राप्त करना हो, तो

    वस्तु का अंकित मूल्य = क्रय मूल्य × [(100 + R) / (100 – r)

    1. यदि किसी वस्तु पर r% छूट देने के उपरान्त भी R% का लाभ प्राप्त करना हो, तो

    वस्तु का अंकित मूल्य [(r + R / 100 – r) × 100] बढ़ाकर अंकित किया जाएगा।

    1. अंकित मूल्य = विक्रय मूल्य × 100 / (100% – %)
    2. विक्रय मूल्य = अंकित मूल्य × (100% – %)/100

    ब्याज / बट्टा / जनसंख्या आधारित प्रश्न

    बट्टा के सूत्र

    बट्टा = लिखित मूल्य – विक्रय मूल्य

    लिखित मूल्य = बट्टा + विक्रय मूल्य

    विक्रय मूल्य = लिखित मूल्य – बट्टा

    बट्टा % = (बट्टा/लिखित मूल्य) × 100

    बट्टा = (बट्टा %/लिखित मूल्य) × 100

    जनसंख्या आधारित प्रश्न के सूत्र

    N वर्ष पश्चात जनसंख्या = वर्तमान जनसंख्या × (1 + दर/100) समय

    N वर्ष पूर्व जनसंख्या = वर्तमान जनसंख्या / (1 + दर/100 ) समय

  • [AVERG1]औसत की समझ

    [AVERG1]औसत की समझ

    औसत एक ऐसी गणितीय मान या संख्या हैं जो दी गयी संख्याओं के योगफल तथा दी गयी संख्याओं की संख्या के अनुपात से बनता हैं।

    • औसत वह माप है, जो संख्याओं के किसी समूह की विशेषता एक संख्या द्वारा बताता है।
    • औसत हमेशा अधिकतम मापों के लिए प्राप्त किया जाता है।
    • औसत हमेशा अधिकतम मापों एवं न्यूनतम मापों के बीच कहीं भी स्थित होता है।
    • यह आवश्यक नहीं कि प्राप्त किया गया औसत दिए गए मापों में से ही एक होगा।

    [AVERG2]औसत की समझ

    औसत को निम्न सूत्र के रूप में व्यक्त किया जा सकता हैं।

    औसत = राशियों का योग / राशियों की संख्या

    इसे इस प्रकार प्रदर्शित किया जाता हैं।

    औसत = ∑{N}/N

    ∑{N} = मानों का योग

    N मानों की संख्या = x₁, x₂, x₃, x₄,….…………. xn, n राशियां हो तो दिए गए डेटा का औसत या माध्य इसके बराबर होगा।

    औसत = (x₁ + x₂ + x₃ + x₄ + …………………..+ xn)/n

    Note :- औसत को मध्यमान या माध्य भी कहा जाता हैं।
  • [FRMULA02] औसत के सूत्र [Formula for Average]

    [FRMULA02] औसत के सूत्र [Formula for Average]

    औसत मान = सभी राशियों का योगफल ÷ राशियों की कुल संख्या
    सभी राशियों का योगफल = औसत मान × राशियों की कुल संख्या
    राशियों की कुल संख्या = सभी राशियों का योगफल ÷ राशियों की कुल संख्या

    औसत के सूत्र [Formula for Average]

    दो या दो से अधिक सजातीय पदों का ‘औसत’ वह संख्या है, जो दिए गए पदों के योगफल को उन पदों की संख्या से भाग देने पर प्राप्त होती है। इसे ‘मध्यमान’ भी कहा जाता है।

    औसत = सभी राशियों का योग/राशियों की संख्या

    सभी राशियों का योग = औसत × राशियों की संख्या

    जैसे :- x1 , x2 , x3 , . . . . . . xn पदों का औसत = x1 + x2 + x3 + . . . . . . xn/n

    प्रथम n प्राकृतिक संख्याओं का औसत = (n+1)/2
    n तक की प्राकृत संख्याओं का औसत = (n+1)/2
    लगातार n तक की पूर्ण संख्याओं का औसत = n/2
    n तक की सम संख्याओं का औसत = (n+2)/2
    लगातार n तक की प्राकृत विषम संख्याओं का औसत = (n+1)/2
    n तक विषम संख्याओं का औसत = n
    लगातार n तक सम संख्याओं का औसत = n+1
    प्रथम n प्राकृत संख्याओं के वर्गों का औसत = (n+1) (2n+1)/6
    प्रथम n प्राकृतिक संख्याओं के घनों का औसत = n(n+1)² / 4
    औसत = (पहली संख्या+अंतिम संख्या) / 2
    नए व्यक्ति की आयु = (नया औसत × नयी संख्या) – (पुराना औसत × पुरानी संख्या)
    G₁ तथा G₂ राशियों का औसत क्रमशः A₁ तथा A₂ हो तो (G₁+G₂) राशियों का औसत = (G₁×A₁) + (G₂×A₂) / (G₁ + G₂) होगा।
    G₁ तथा G₂ राशियों का औसत क्रमशः A₁ तथा A₂ हो, तो (G₁ – G₂) राशियों का औसत = (G₁×A₁) – (G₂×A₂) / (G₁ – G₂) होगा।
    औसत के गुण :
    यदि सभी संख्याओं में ‘a’ की वृद्धि होती है तो उनके औसत में भी ‘a’ की वृद्धि होगी।
    यदि सभी संख्याओं में ‘a’ की कमी होती है तो उनके औसत में भी ‘a’ की कमी होगी।
    यदि सभी संख्याओं में ‘a’ की गुणा की जाती है तो उनके औसत में भी ‘a’ की गुणा होगी।
    यदि सभी संख्याओं को ‘a’ से भाग दिया जाता है तो उनके औसत में भी ‘a’ से भाग होगा।

    औसत पर आधारित महत्वपूर्ण बिंदु


    यदि सभी संख्याओं में x से गुणा किया जाता हैं, तो उनके औसत में x गुणा की कमी होती हैं।
    यदि किसी संख्या में x से भाग किया जाता हैं। तो उनके औसत में भी x से भाग होता हैं।
    अगर सभी संख्याओं में x की वृद्धि होती है, तो उनके औसत में भी x की वृद्धि होती हैं।
    यदि सभी संख्याओं में x की कमी होती है, तो उनके औसत में भी x की कमी होती हैं।
    दो क्रमागत पदों या संख्याओं का अन्तर समान हो, तो औसत = पहली संख्या + अन्तिम संख्या / 2

  • [MCQ05]औसत पर आधारित प्रश्न

    [MCQ05]औसत पर आधारित प्रश्न

    औसत पर आधारित प्रश्न


    Q.1

    4, 3, 2 तथा 7 का औसत क्या हैं?
    A. 2
    B. 3
    C. 4
    D. 5

    हल:- प्रश्नानुसार,
    औसत = राशियों का योग / राशियों की संख्या
    = (4 + 3 + 2 + 7)/4
    = 16/4
    = 4
    Ans. 4

    Q.2

    6, 5, 4, 3, 8, 7 तथा 9 का औसत बताइए?
    A. 2
    B. 4
    C. 6
    D. 8

    हल:- प्रश्नानुसार,
    औसत = राशियों का योग / राशियों की संख्या
    = (6 + 5 + 4 + 3 + 8 + 7 + 9)/7
    = 42/7
    = 6
    Ans. 6

    Q.3

    2.5, 3.7, 4.8 तथा 5.2 का औसत बताइए?
    A. 2.05
    B. 4.05
    C. 40.5
    D. 4.80

    हल:- प्रश्नानुसार,
    औसत = राशियों का योग / राशियों की संख्या
    = (2.5 + 3.7 + 4.8 + 5.2)/4
    = 16.2/4
    = 4.05
    Ans. 4.05

    Q.4

    1.5, 2.7, 3.8, 4.3, 5, 12.7 का औसत बताइए?
    A. 2
    B. 3
    C. 5
    D. 7

    हल:- प्रश्नानुसार,
    औसत = राशियों का योग / राशियों की संख्या
    = (1.5 + 2.7 + 3.8 + 4.3 + 5 + 12.7)/6
    = 30/6
    = 5
    Ans. 5

    Q.5

    यदि a, b, c, d, e पाँच क्रमागत प्राकृत संख्याएँ हों, तो उनका औसत क्या होगा?
    A. 5(a + 4)
    B. (abcde)/5
    C. 5(a + b + c + d + e)
    D. a + 4

    हल:- प्रश्नानुसार,
    b = a + 2,
    c = a + 4,
    d = a + 6, तथा
    e = a + 8
    दी गई संख्याओं का औसत = राशियों का योग / राशियों की संख्या
    = (a + a + 2 + a + 4 + a + 6 + a + 8)/5
    = 5a + 20
    = 5(a + 4)
    Ans. 5(a + 4)

    Q.6

    1 से 11 तक की प्राकृत संख्याओं का औसत क्या होगा?
    A. 4
    B. 5
    C. 6
    D. 7

    हल:- प्रश्नानुसार,
    n = 11
    लगातार n तक की प्राकृत संख्याओं का औसत = (n + 1)/2
    औसत = (11 + 1)/2
    = 12/2
    = 6
    Ans. 6

    Q.7

    1 से 25 तक की प्राकृत संख्याओं का औसत क्या होगा?
    A. 10
    B. 11
    C. 12
    D. 13

    हल:- प्रश्नानुसार,
    n = 25
    लगातार n तक की प्राकृत संख्याओं का औसत = (n + 1)/2
    औसत = (25 + 1)/2
    = 26/2
    = 13
    Ans. 13

    Q.8

    1 से 30 तक कि पूर्ण संख्याओं का औसत क्या होगा?
    A. 10
    B. 12
    C. 14
    D. 15

    हल:- प्रश्नानुसार,
    n = 30
    लगातार लगातार n तक की पूर्ण संख्याओं का औसत = n/2
    औसत = 30/2
    = 15
    Ans. 15

    Q.9

    2, 4, 6, 8, 10, 12, 14, 16, 18 तथा 20 का औसत क्या होगा?
    A. 11
    B. 13
    C. 15
    D. 17

    हल:- प्रश्नानुसार,
    n = 20
    लगातार n तक की सम संख्याओं का औसत = (n + 2)/2
    औसत = (20 + 2)/2
    = 22/2
    = 11
    Ans. 11

    Q.10

    1, 3, 5, 7, 9, 11, 13, तथा 15 का औसत क्या होगा?
    A. 8
    B. 10
    C. 12
    D. 15

    हल: प्रश्नानुसार,
    n = 15
    लगातार n तक की प्राकृत विषम संख्याओं का औसत = (n + 1)/2
    = ( 15 + 1 ) / 2
    = 16 / 2
    = 8
    Ans. 8

    Q.11

    लगातार 11 विषम संख्याओं का औसत क्या होगा?
    A. 9
    B. 11
    C. 13
    D. 15

    हल:- प्रश्नानुसार,
    n = 11
    लगातार n तक विषम संख्याओं का औसत = n
    Ans. 11

    Q.12

    लगातार 10 सम संख्याओं का औसत क्या होगा?
    A. 9
    B. 11
    C. 13
    D. 15

    हल:- प्रश्नानुसार,
    n = 10
    लगातार n तक सम संख्याओं का औसत = n + 1
    औसत = 10 + 1
    औसत = 11
    Ans. 11

    Q.13

    2, 5, 8, 11, 14, 17 और 20 औसत क्या होगा?
    A. 9
    B. 11
    C. 13
    D. 15

    हल:- प्रश्नानुसार,
    औसत = (पहली संख्या + अंतिम संख्या) / 2
    औसत = (2+20)/2
    औसत = 22/2
    औसत = 11
    Ans. 11

    Q.14

    8 अभाज्य संख्याओं का औसत क्या हैं?
    A. 4.890
    B. 8.984
    C. 9.625
    D. 10.789

    हल:- प्रश्नानुसार,
    प्रथम 8 अभाज्य संख्याएँ 2, 3, 5, 7, 11, 13, 17, 19 हैं।
    औसत = (2 + 3 + 5 + 7 + 11 + 13 + 17 + 19)/8
    = 77/8
    = 9.625
    Ans. 9.625

    Q.15

    7 क्रमिक संख्याओं का औसत 20 हैं, इनमें सबसे बड़ी संख्या होगी?
    A. 20
    B. 23
    C. 26
    D. 29

    हल:- प्रश्नानुसार,
    7 क्रमिक संख्याओं में चौथी संख्या 20 होगी।
    अतः सबसे बड़ी (अर्थात सातवीं) संख्या = 20 + 3
    Ans. 23

    Q.16

    एक साइकिल वाला 3 घण्टे में 30 किलोमीटर दूरी तय करता हैं तो उसकी औसत चाल होगी?
    A. 10
    B. 20
    C. 15
    D. 25

    हल:- औसत चाल = 30/3
    औसत चाल = 10
    Ans. 10 किलोमीटर/घण्टा

    Q.17

    प्रथम 25 प्राकृत संख्याओं के वर्गों का औसत बताइए?
    A. 5,525
    B. 7,895
    C. 9,453
    D. 6,965

    हल:- प्रश्नानुसार,
    n = 25
    प्रथम n प्राकृत संख्याओं के वर्गों का औसत = (n + 1) (2n + 1)/6
    = 25 (25 + 1) (2 × 25 + 1)/6
    = 25 × 26 × (50 + 1)/6
    = (25 × 26 × 51)/6
    = 25 × 13 × 17
    = 5,525
    Ans. 5,525

    Q.18

    प्रथम 50 प्राकृत संख्याओं के वर्गों का औसत बताइए?
    A. 42,952
    B. 42,925
    C. 42,295
    D. 42,592

    हल:- प्रश्नानुसार,
    n = 50
    प्रथम n प्राकृत संख्याओं के वर्गों का औसत = (n + 1) (2n + 1)/6
    = 50 (50 + 1) (2 × 50 × 1)/6
    = 50 × 51 × (100 + 1) / 6
    = (50 × 51 × 101)/6
    = 25 × 17 ×101
    Ans. 42,925

    Q.19

    प्रथम 20 प्राकृत संख्याओं के घनों का औसत ज्ञात कीजिए?
    A. 1,254
    B. 2,205
    C. 2,678
    D. 3,245

    हल:- प्रश्नानुसार,
    n = 20
    प्रथम n प्राकृतिक संख्याओं के घनों का औसत = n(n + 1)²/4
    = n(n + 1)²/4
    = 20(20 + 1)²/ 4
    = 20(21)²/4
    = 20 × 21 × 21/4
    = 5 × 21 × 21
    = 2,205
    Ans. 2,205

    Q.20

    प्रथम 70 प्राकृत संख्याओं के घनों का औसत ज्ञात कीजिए?
    A. 34,856.8
    B. 76,654.9
    C. 32,512.5
    D. 88,217.5

    हल:- प्रश्नानुसार,
    n = 70
    प्रथम n प्राकृतिक संख्याओं के घनों का औसत = n(n + 1)²/4
    = 70(70 + 1)²/4
    = 70(71)²]/4
    = (70 × 71 × 71)/4
    = (35 × 71 × 71)/2
    = 1,76,435/2
    Ans. 88,217.5

    Q.21

    6 संख्याओं का औसत 12 हैं। यदि प्रत्येक संख्या में से 2 घटा दिया जाए तो नया औसत होगा
    A. 10
    B. 12
    C. 14
    D. 18

    हल:- प्रश्नानुसार,
    6 संख्याओं का औसत = 12
    अभीष्ट औसत = 12 – 2
    = 10
    Ans. 10

    Q.22

    दस संख्याओं 22, 20, 18, 16, 14, 12, 10, 8, 6 और 4 का औसत 13 हैं। यदि प्रत्येक संख्या में 4 जोड़ दिया जाए, तो नया औसत होगा?
    A. 19
    B. 17
    C. 52
    D. 53

    हल:- प्रश्नानुसार,
    अभीष्ट औसत = 13 + 4
    = 17
    Ans. 17

    Q.23

    7 संख्याओं का औसत 7 हैं। यदि प्रत्येक संख्या को 7 से गुणा कर दे तो नई संख्याओं का औसत हैं?
    A. 10
    B. 12
    C. 14
    D. 18

    हल:- प्रश्नानुसार,
    अभीष्ट औसत = 7 × 7
    = 49
    Ans. 49

    Q.24

    8 संख्याओं का औसत 21 हैं। यदि प्रत्येक संख्या को 8 से गुणा कर दिया जाए तो नई संख्याओं का औसत होगा?
    A. 160
    B. 162
    C. 164
    D. 168

    हल:- प्रश्नानुसार,
    अभिष्ट औसत = 21 × 8
    = 168
    Ans. 168

    Q.25

    दो संख्याओं का औसत M हैं। इनमें से एक संख्या N हो, तो दूसरी संख्या क्या होगी?
    A. 2N
    B. 2M
    C. M – N
    D. 2M – N

    हल:- माना, कि दूसरी संख्या = x
    तब (x + N)/2 = M
    x = 2M – N
    Ans. 2M – N

    Q.26

    25 शिक्षकों की औसत उम्र 50 वर्ष हैं, 10 शिक्षकों को और सम्मिलित हो जाने पर औसत उम्र 45 वर्ष हो जाती हैं, नए शिक्षकों की औसत उम्र क्या हैं?
    A. 24.8
    B. 30.5
    C. 32.5
    D. 40.8

    हल:- प्रश्नानुसार,
    25 शिक्षकों की कुल उम्र = 25 × 50
    = 1250 वर्ष
    10 शिक्षकों को और सम्मिलित होने पर कुल उम्र = 35 × 45
    = 1575 वर्ष
    नए शिक्षकों की कुल उम्र = 1575 – 1250
    = 325 वर्ष
    10 शिक्षकों की औसत उम्र = 325/10
    Ans. 32.5

    Q.27

    8 संख्याओं का औसत 56 हैं, तीन संख्याएँ क्रमशः 49, 57 तथा 72 हैं, तो शेष 5 संख्याओं का औसत बताइए?
    A. 50
    B. 54
    C. 60
    D. 65

    हल:- प्रश्नानुसार,
    8 संख्याओं का औसत = 56
    8 संख्याओं का कुल योग = 56 × 8
    = 448 रूपए
    तीन संख्याओं का योग = 49 + 57 + 72
    = 178 रूपए
    शेष पाँच संख्याओं का योग = 448 – 178
    = 270
    अतः शेष पाँच संख्याओं का औसत = 270/5
    Ans. 54

    Q.28

    जब 17 संख्याएँ क्रमवार लगायी गई, तो उनका औसत 19 होता हैं, इनमें से प्रथम 9 संख्याओं का औसत 17 होता हैं, जबकि अंतिम 9 संख्याओं का औसत 21 होता हैं उनमें से 9 वां अंक कौन-सा हैं?
    A. 19
    B. 23
    C. 25
    D. 27

    हल:- प्रश्नानुसार,
    17 संख्याओं का योग = 17 × 19
    = 323
    प्रथम 9 संख्याओं का योग = 9 × 17
    = 153
    अंतिम 9 संख्याओं का योग = 9 × 21
    = 189
    9 वीं संख्या = 153 + 189 – 323
    = 342 – 323
    Ans. 19

    Q.29

    एक क्रिकेट खिलाड़ी की 10 परियों के रनों का औसत 32 था, खिलाड़ी अगली पारी में कितने रन बनाए, ताकि उसके रनों का औसत 4 अधिक हो जाए?
    A. 72
    B. 76
    C. 78
    D. 80

    हल:- प्रश्नानुसार,
    10 पारियों के रनों का औसत = 32
    10 परियों के रनों का योग = 32 × 10
    = 320
    माना,
    11 वीं पारी में x रन बनाए गए
    (320 + x)/11 = 36
    320 + x = 36 × 11
    320 + x = 396
    x = 396 – 320
    x = 76
    Ans. 76

    Q.30

    आठ संख्याओं का औसत 20 हैं, पहली दो संख्याओं का औसत 31/2 तथा अगली तीन संख्याओं का औसत 64/3 हैं, यदि 6 वी संख्या 7 वीं से 4 कम तथा 8 वीं से 7 कम हो, तो 8 वीं संख्या क्या होगी?
    A. 20
    B. 25
    C. 30
    D. 35

    हल:- प्रश्नानुसार,
    8 संख्याओं का औसत = 20
    8 संख्याओं का योग = 160
    2 संख्याएँ का योग = (31/2) × 2
    = 31
    3 संख्याओं का योग = (64/3) × 3
    = 64
    माना,
    छठी संख्या= x
    सातवीं संख्या = x + 4
    आठवीं संख्या = x + 7
    3x + 11 + 31 + 64 = 160
    x = 54/3
    x = 18
    आठवीं संख्या = 18 + 7
    Ans. 25

    Q.31

    एक कक्षा में 30 छात्र हैं, इनमें से 10 छात्रों की औसत आयु 12.5 वर्ष हैं तथा शेष 20 छात्रों की औसत आयु 13.1 वर्ष हैं, पूरी कक्षा के छात्रों की औसत आयु कितनी हैं?
    A. 10.8
    B. 11.9
    C. 12.9
    D. 14.8

    हल:- प्रश्नानुसार,
    10 छात्रों की औसत आयु = 12.5 वर्ष
    10 छात्रों की कुल आयु = 125 वर्ष
    20 छात्रों की औसत आयु = 13.1 वर्ष
    20 छात्रों की कुल आयु = 262 वर्ष
    30 छात्रों की कुल आयु = 125 + 262
    कुल आयु = 387 वर्ष
    30 छत्रों की औसत आयु = 387/30
    Ans. 12.9 वर्ष

    Q.32

    छः संख्याओं का औसत 30 हैं, यदि प्रथम चार संख्याओं का औसत 25 तथा अंतिम तीन संख्याओं का औसत 35 हो, तो चौथी संख्या क्या हैं?
    A. 20
    B. 25
    C. 30
    D. 35

    हल:- प्रश्नानुसार,
    6 संख्याओं का औसत = 30
    6 संख्याओं का योग = 30 × 6
    = 180
    प्रथम चार संख्याओं का औसत = 25
    प्रथम चार संख्याओं का योग = 25 × 4
    = 100
    अंतिम तीन संख्याओं का औसत = 35
    अंतिम तीन संख्याओं का योग = 35 × 3
    = 105
    चौथी संख्या = 100 + 105 – 180
    Ans. 25

    Q.33

    एक व्यक्ति एक स्थान से दूसरे स्थान तक 8 किलोमीटर/घण्टा की चाल से जाता हैं और 12 किलोमीटर/घण्टा की चाल से वापस आता हैं तो बताएं कि पूरी यात्रा की औसत चाल क्या होगी?
    A. 9.6
    B. 7.8
    C. 9.7
    D. 9.5

    हल:- प्रश्नानुसार,
    औसत चाल = (2 x y) / (x + y)
    औसत चाल = (2 × 8 × 12) / (8 + 12)
    औसत चाल = 192 / 20
    Ans. 9.6 किलोमीटर/घण्टा

    Q.34

    5 बच्चों की औसत आयु 8 वर्ष हैं, यदि बच्चों की उम्र में पिता की आयु जोड़ दी जाती हैं, तो उनकी औसत उम्र 15 वर्ष हो जाती हैं, पिता की आयु कितनी हैं?
    A. 25
    B. 50
    C. 75
    D. 100

    हल:- प्रश्नानुसार,
    नए व्यक्ति की आयु = (नया औसत × नयी संख्या) – (पुराना औसत × पुरानी संख्या)
    पिता की आयु = (15 × 6) – (8 × 5)
    = 90 – 40
    Ans. 50 वर्ष

    Q.35

    यदि 10 आदमियों की औसत आयु 30 वर्ष तथा 30 आदमियों की औसत आयु 40 वर्ष हो तो कुल आदमियों की औसत आयु होगी?
    A. 45.8
    B. 78.9
    C. 37.5
    D. 86.9

    हल:- प्रश्नानुसार,
    G1 = 10
    G2 = 30
    A1 = 30
    A2 = 40
    अभीष्ट औसत = (G₁ × A₁) + (G₂ × A₂) / (G₁ + G₂)
    = (10 × 30 + 30 × 40) / (10 + 30)
    = (300 + 1200) / 40
    = 1500 / 40
    Ans. 37.5

    Q.36

    यदि 30 लड़कों के प्राप्तांको का औसत 60 हैं तथा उनमें से 10 लड़कों का औसत 50 हैं तो शेष लड़कों का औसत प्राप्तांक ज्ञात कीजिए?
    A. 60
    B. 65
    C. 70
    D. 75

    हल:- प्रश्नानुसार,
    G1 = 30
    G2 = 10
    A1 = 60
    A2 = 50
    अभीष्ट औसत = (G₁ × A₁) – (G₂ × A₂) / (G₁ – G₂)
    औसत = (30 × 60) – (10 × 50)/ (30 – 10)
    = (1800 – 500) / 20
    = 1300 / 20
    = 65
    Ans. 65
  • [MENSU3] परिमाप : त्रिभुज चतुर्भुज वृत्त और बहुभुज का परिमाप

    [MENSU3] परिमाप : त्रिभुज चतुर्भुज वृत्त और बहुभुज का परिमाप

    परिमाप

    परिमाप : त्रिभुज चतुर्भुज वृत्त और बहुभुज का परिमाप

    आयत का परिमाप

    वर्ग का परिमाप

    वृत्त का परिमाप

    परिमाप व क्षेत्रफल केवल बंद आकृतियों का ही संभव है। बंद आकृतियाँ वह होती हैं जो बिना दुहराए अपने प्रारंभिक बिन्दु पर समाप्त होती हैं।

    आयत का क्षेत्रफल = लम्बाई x चौड़ाई (आयत के अन्तः भाग का क्षेत्रफल) ,

    वर्ग का क्षेत्रफल = (भुजा)2

    एक आयत की लम्बाई 20 सेमी और चौड़ाई 0.5 मीटर है तो इसका परिमाप सेमी व मीटर में ज्ञात कीजिए।

    एक वर्ग की भुजा 15 सेमी है इसका परिमाप ज्ञात कीजिए।

  • [MENSU4] क्षेत्रफल : त्रिभुज चतुर्भुज वृत्त और बहुभुज  का क्षेत्रफल

    [MENSU4] क्षेत्रफल : त्रिभुज चतुर्भुज वृत्त और बहुभुज का क्षेत्रफल

    किसी समतल पर कोई वस्तु जितना स्थान घेरती है वह उसका क्षेत्रफल होता है।

    क्षेत्रफल का मात्रक वर्ग इकाई होता है।

    क्षेत्रफल : त्रिभुज और चतुर्भुज का क्षेत्रफल

    त्रिभुज का क्षेत्रफल

    आयत का क्षेत्रफल = लम्बाई ग चौड़ाई

    वर्ग का क्षेत्रफल = भुजा x भुजा = (भुजा)2

    एक आयत की लम्बाई 7 सेमी व चौड़ाई 3 सेमी है, इसका क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए।

    समान्तर चतुर्भुज का आधार =क्षेत्रफल/ऊँचाई
    समान्तर चतुर्भुज का ऊँचाई =क्षेत्रफल/आधार
    समान्तर चतुर्भुज का क्षेत्रफल = आधार x ऊँचाई

    उस समान्तर चतुर्भुज का क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए, जिसका आधार 26.5 सेमी तथा शीर्ष लंब 7 सेमी है।

    उस समान्तर चतुर्भुज का आधार ज्ञात कीजिए, जिसका क्षेत्रफल 390 वर्ग सेमी तथा शीर्ष लंब 26 सेमी हो।

    उस समान्तर चतुर्भुज का शीर्ष लंब ज्ञात कीजिए, जिसका क्षेत्रफल 1200 वर्ग मीटर और आधार 60 मीटर है।

    चतुर्भुज का क्षेत्रफल

    समलंब चतुर्भुज का क्षेत्रफल (Area of a Trapezium)



    एक ऐसा चतुर्भुज जिसकी दो सम्मुख भुजाएँ एक-दूसरे के समान्तर होती हैं। ABCD एक समलंब चतुर्भुज दिखाया गया है। भुजा AB भुजा DC के समान्तर है। दो समान्तर भुजाओं की लम्बवत दूरी को AM तथा CL से दर्शाया गया है।
    यदि हम इस त्रिभुज का विकर्ण AC खींचे इससे समलंब चतुर्भुज दो त्रिभुज ABC तथा ACD प्राप्त होते हैं।
    अतः समलंब चतुर्भुज ABCD का क्षेत्रफल = त्रिभुज ABC का क्षेत्रफल + त्रिभुज ACD का क्षेत्रफल
    समलंब चतुर्भुज ABCD का क्षेत्रफल = 1/2 AB XCL+ 1/2 DCXAM
    चूंकि CL तथा AM समलंब चतुर्भुज की ऊंचाई है अतः यह बराबर होगी। माना कि यह h के बराबर है।
    समलंब चतुर्भुज का क्षेत्रफल = 1/2 AB x h + 1/2 DC x h

    यदि AB =b1 एवं DC=b2 है तो
    समलंब चतुर्भुज का क्षेत्रफल = 1/2 b1 xh+1/2 b2x h
    = 1/2(b1+b2)xh
    = 1/2 X (समांतर भुजाओं का योग) उनके बीच की दूरी
    समलंब चतुर्भुज का क्षेत्रफल = 1/2 X (समांतर भुजाओं का योग) ऊँचाई
    समलंब चतुर्भुज का क्षेत्रफल = 1/2 x (b1 + b2) x h

    अभ्यास

    एक समचतुर्भुज का क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए जिसके विकर्ण 24 सेमी व 10 सेमी हैं।

    एक समचतुर्भुज की एक भुजा 7.5 सेमी और शीर्ष लंब 4 सेमी है तो उसका क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए।

    एक समलंब चतुर्भुज की समांतर भुजाएं 20 मी व 8 मी है। इन भुजाओं के बीच की दूरी 12 सेमी है, इसका क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए।

    आधार 30 सेमी और 24.4 सेमी वाले समलंब चतुर्भुज का क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए यदि शीर्ष लंब 1.5 सेमी है।

    एक समलंब चतुर्भुज का क्षेत्रफल 105 वर्ग सेमी तथा ऊंचाई 7 सेमी है, समान्तर भुजाओं में से यदि एक दूसरी से 6 सेमी अधिक है तो दोनों समान्तर भुजाएं ज्ञात करो।

    आयताकार पथ का क्षेत्रफल

    एक 25 सेमी लंबी तथा 10 सेमी चौड़े चित्र के बाहर चारों ओर 2 सेमी चौड़ाई की पट्टी बनी है। पट्टी का क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए।

    एक आयताकार खेल का मैदान 35 मी X 25 मी माप का है। इसके बीचों-बीच लम्बाई के समान्तर 3 मीटर चौड़ा तथा चौड़ाई के समान्तर 2 मीटर चौड़ा रास्ता है। रास्ते का क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए।

    एक बास्केटबॉल का मैदान 28 मीटर लम्बा तथा 15 मीटर चौड़ा है। इसके बाहर चारों ओर 5 मीटर चौड़ी समतल दर्शक दीर्घा बनानी है। दीर्घा का क्षेत्रफल तथा दर्शक दीर्घा को बनाने का खर्च 5.25 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से ज्ञात कीजिए।

    वृताकार मार्ग का क्षेत्रफल

    यदि एक वृत जिसकी त्रिज्या r है तो परिधि C= 2nr
    तथा क्षेत्रफल = nr2 होता है।
    जहां n एक नियतांक है जिसका मान लगभग या 3.14 होता है।

    दो सकेन्द्री वृत्तों की त्रिज्याएं क्रमशः 9 सेमी व 12 सेमी हैं दोनों वृत्तों के बीच बनने वाले वृत्ताकार मार्ग का क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए।

    एक वृत्त का क्षेत्रफल 616 वर्ग सेमी है। इस वृत्त के बाहर 2 मीटर चौड़ाई का मार्ग है। उस मार्ग का क्षेत्रफल कितना होगा।

    वर्ग ग्रिड द्वारा बहुभुज का अनुमानित क्षेत्रफल-

    बहुभुज ABCDEFA में,
    पूरे तथा आधे से बड़े वर्गों की संख्या=29
    ठीक आधे वर्गों की संख्या=2
    ठीक पूरे वर्गों की संख्या=29+1/2 x2
    अतः बहुभुज ABCDEFA का क्षेत्रफल=29+1=30 वर्ग सेमी.

    सूत्र द्वारा बहुभुज के क्षेत्रफल की गणना-

    बहुभुज ABCDEFA का क्षेत्रफल = त्रिभुज AGB का क्षेत्रफल + समलम्ब चतुर्भुज BGIC का क्षेत्रफल + त्रिभुज CID का क्षेत्रफल + त्रिभुज DHE का क्षेत्रफल + आयत HEFG का क्षेत्रफल + त्रिभुज GFA का क्षेत्रफल

  • [MENSU6]क्षेत्रमिति के सूत्र

    [MENSU6]क्षेत्रमिति के सूत्र

    क्षेत्रमिति के सूत्र

    त्रिभुज ∆ (Triangle):

    समबाहु त्रिभुज का क्षेत्रफल = √3/4 × (भुजा)²
    समबाहु त्रिभुज को परिमिति = 3 × भुजा
    समबाहु त्रिभुज के शीर्ष बिंदु से डाले गए लम्ब की लम्बाई = √3/4 × भुजा
    समद्विबाहु त्रिभुज का क्षेत्रफल = 1/4a√4b² – a²
    समद्विबाहु त्रिभुज की परिमिति = a + 2b या a + 2c
    समद्विबाहु त्रिभुज के शीर्ष बिंदु A से डाले गए लम्ब की लंबाई = √(4b² – a²)
    विषमबाहु त्रिभुज की परिमिति = तीनों भुजाओं का योग = a + b + c
    त्रिभुज का अर्ध परिमाप S = ½ × (a + b + c)
    विषमबाहु त्रिभुज का क्षेत्रफल = √s(s – a)(s – b)(s – c)
    समकोण त्रिभुज का क्षेत्रफल = ½ × आधार × लम्ब
    समकोण त्रिभुज की परिमिति = लंब + आधार + कर्ण = a + b + c
    समकोण त्रिभुज का कर्ण = √(लम्ब)² + (आधार)² = √(c² + a²)
    समकोण त्रिभुज का लम्ब = √(कर्ण)² – (आधार)² = √(b² – a²)
    समकोण त्रिभुज का आधार = √(कर्ण)² – (लम्ब)² = √b² – c²
    समद्विबाहु समकोण त्रिभुज का क्षेत्रफल = ¼ (कर्ण)²
    किसी त्रिभुज की प्रत्येक भुजा को x गुणित करने पर परिमिति x गुणित तथा क्षेत्रफल x^2 गुणित हो जाती हैं।
    समबाहु त्रिभुज का प्रत्येक कोण 60° होता हैं।
    समकोण त्रिभुज के तीनों कोणों का योग 180° अर्थात दो समकोण होता हैं।

    आयत (Rectangle):

    आयत का क्षेत्रफल = लंबाई ×चौड़ाई
    आयत का विकर्ण =√(लंबाई² + चौड़ाई²)
    आयत का परिमाप = 2(लम्बाई + चौड़ाई)
    किसी आयताकार मैदान के अंदर से चारों ओर रास्ता बना हो, तो रास्ते का क्षेत्रफल = 2 × रास्ते की चौड़ाई × [(मैदान की लंबाई + मैदान की चौड़ाई) – (2 × रास्ते की चौड़ाई)]
    यदि आयताकार मैदान के बाहर चारों ओर रास्ता बना हों, तो रास्ते का क्षेत्रफल = 2 × रास्ते की चौड़ाई × [(मैदान की लम्बाई + मैदान की चौड़ाई) + (2 × रास्ते की चौड़ाई)

    वर्ग (Square):

    वर्ग का क्षेत्रफल = (एक भुजा)² = a²
    वर्ग का क्षेत्रफल = (परिमिति)²/16
    वर्ग का क्षेत्रफल = ½ × (विकर्णो का गुणनफल) = ½ × AC × BD
    वर्ग की परिमिति = 4 × a
    वर्ग का विकर्ण = एक भुजा × √2 = a × √2
    वर्ग का विकर्ण = √2 × वर्ग का क्षेत्रफल
    वर्ग की परिमिति = विकर्ण × 2√2
    वर्गाकार क्षेत्र के बाहर चारों ओर रास्ता बना हो तो रास्ते का क्षेत्रफल = 4 × रास्ते की चौड़ाई (वर्गाकार क्षेत्र की एक भुजा + रास्ते की चौड़ाई)
    वर्गाकार क्षेत्र के अंदर चारों ओर रास्ता बना हो तो रास्ते का क्षेत्रफल = 4 × रास्ते की चौड़ाई (वर्गाकार क्षेत्र की एक भुजा – रास्ते की चौड़ाई)

    घन (Cube):

    घन का आयतन = a × a × a
    घन का आयतन = (एक भुजा)³
    घन की एक भुजा 3√आयतन
    घन का विकर्ण = √3a सेंटीमीटर।
    घन का विकर्ण = √3 × एक भुजा
    घन की एक भुजा = विकर्ण/√3
    घन का परिमाप = 4 × a × a
    घन के सम्पूर्ण पृष्ठ का क्षेत्रफल = 6 a² वर्ग सेंटीमीटर।

    बेलन (Cylinder):

    बेलन का आयतन = πr²h
    बेलन के वक्र पृष्ठ का क्षेत्रफल = 2πrh
    बेलन के सम्पूर्ण पृष्ठ का क्षेत्रफल = (2πrh + 2πr²h) वर्ग सेंटीमीटर।
    दोनों सतहों का क्षेत्रफल = 2πr²
    खोखले बेलन का आयतन = πh(r²1 – r²2)
    खोखले बेलन का वक्रप्रष्ठ = 2πh(r1 + r2)
    खोखले बेलन का सम्पूर्ण पृष्ठ = 2πh(r1 + r2) + 2π (r²1 – r²1)

    शंकु (Cone):

    शंकु का वक्र पृष्ठ का क्षेत्रफल = πrl
    शंकु के पृष्ठों का क्षेत्रफल = πr(r + l)
    शंकु का आयतन = (πr²h)/3 घन सेंटीमीटर।
    शंकु की तिर्यक ऊँचाई (l) = √(r² + h²)
    शंकु की ऊँचाई (h) = √(l² – r²)
    शंकु की त्रिज्या (r) = √(l² – h²)
    शंकु का सम्पूर्ण पृष्ठ का क्षेत्रफल = (πrl + πr²) वर्ग सेंटीमीटर।
    शंकु का छिन्नक (Frastrum):

    शंकु के छिन्नक का आयतन = (πh)/3 (R² + r² + Rr)
    तिर्यक भाग का क्षेत्रफल = π (R + r)³, l² = h² + (R – r)²
    छिन्नक के सम्पूर्ण पृष्ठ का क्षेत्रफल = π[R² + r² + l(R + r)]
    तिर्यक ऊँचाई = √(R – r)² + h²

    समलम्ब चतुर्भुज (Trapezium Quadrilateral):

    समलम्ब चतुर्भुज का क्षेत्रफल = ½ × समान्तर भुजाओं का योग × समांतर भुजाओं के बीच की दूरी
    समलम्ब चतुर्भुज का क्षेत्रफल = ½ × ऊँचाई × समान्तर भुजाओं का योग
    समलम्ब चतुर्भुज का क्षेत्रफल = ½ × h × (AD + BC)
    समान्तर चतुर्भुज की परिमिति = 2 × (आसन्न भुजाओं का योगफल)
    समचतुर्भुज का क्षेत्रफल = ½ × विकर्णो का गुणनफल
    समचतुर्भुज की परिमिति = 4 × एक भुजा
    किसी चतुर्भुज का क्षेत्रफल = ½ × एक विकर्ण
    समचतुर्भुज की एक भुजा = √(विकर्ण)² + (विकर्ण)²
    समचतुर्भुज का एक विकर्ण = √भुजा² – (दूसरा विकर्ण/2)²

    बहुभुज (Polygon):

    n भुजा वाले चतुर्भुज का अन्तः कोणों का योग = 2(n -2) × 90°
    n भुजा वाले बहुभुज के बहिष्कोणों का योग = 360°
    n भुजा वाले समबहुभुज का प्रत्येक अन्तः कोण = [2(n – 2) × 90°] / n
    n भुजा वाले समबहुभुज का प्रत्येक भहिष्यकोण = 360°/n
    बहुभुज की परिमिति = n × एक भुजा
    नियमित षट्भुज का क्षेत्रफल = 6 × ¼√3 (भुजा)²
    नियमित षट्भुज का क्षेत्रफल = 3√3×½ (भुजा)²
    नियमित षट्भुज की परिमति = 6 × भुजा
    समषट्भुज की भुजा = परिवृत की त्रिज्या
    n भुजा वाले नियमित बहुभुज के विकर्णो की संख्या = n(n – 3)/2

    घनाभ (Cuboid):

    घनाभ के फलक का आकार = आयताकार
    घनाभ में 6 सतह या फलक होते हैं।
    घनाभ में 12 किनारे होते हैं।
    घनाभ में 8 शीर्ष होते हैं।
    घनाभ का आयतन = लम्बाई × चौड़ाई × ऊँचाई
    घनाभ की लंबाई = आयतन/(चौड़ाई × ऊँचाई)
    घनाभ की चौड़ाई = आयतन/(लम्बाई × ऊँचाई)
    घनाभ की ऊँचाई = आयतन/(लंबाई × चौड़ाई)
    घनाभ का आयतन = l × b × h
    घनाभ का परिमाप = 2(l + b) × h
    घनाभ के समस्त पृष्ठों का क्षेत्रफल = 2(लम्बाई × चौड़ाई + चौड़ाई × ऊँचाई + ऊँचाई × लम्बाई)
    घनाभ के सम्पूर्ण पृष्ठ का क्षेत्रफल = 2(lb + bh + hl)
    घनाभ के विकर्ण = √(लम्बाई)² + (चौड़ाई)² + (ऊँचाई)²
    घनाभ का विकर्ण = √l² + b² + h²
    खुले बक्से के सम्पूर्ण पृष्ठों का क्षेत्रफल = लम्बाई × चौडाई + 2(चौडाई × ऊँचाई + ऊँचाई × लम्बाई)
    कमरे के चारों दीवारों का क्षेत्रफल = 2 × ऊँचाई × (लम्बाई + चौड़ाई)
    किसी कमरे में लगने वाली अधिकतम लम्बाई वाली छड़ = √(लम्बाई)² + (चौड़ाई)² + (ऊँचाई)²

    गोला (Sphere):

    गोला का आयतन = (4πr³)/3 घन सेंटीमीटर
    गोले का वक्र पृष्ठ = 4πr² वर्ग सेंटीमीटर
    गोले की त्रिज्या = ∛3/4π × गोले का आयतन
    गोले का व्यास = ∛ (6 × गोले का आयतन)/π
    गोलाकार छिलके का आयतन = 4/3π(R³ – r³)
    गोले का सम्पूर्ण पृष्ठ = 4πr
    गोले की त्रिज्या = √सम्पूर्ण पृष्ठ/4π
    गोले का व्यास = √सम्पूर्ण पृष्ठ/π
    गोलाकार छिलके का आयतन = 4/3π(R³ – r³)

    अर्द्धगोला (Semipsphere):

    अर्द्ध गोले का वक्र पृष्ठ = 2πr²
    अर्द्धगोले का आयतन = 2/3πr³ घन सेंटीमीटर
    अर्द्धगोले का सम्पूर्ण पृष्ठ = 3πr² वर्ग सेंटीमीटर
    अर्द्वगोले की त्रिज्या r हो, तो अर्द्वगोले का आयतन = 2/3 πr³
    अर्द्वगोले का सम्पूर्ण पृष्ठ = 3πr²

    वृत्त (CIRCLE):

    वृत्त का व्यास = 2 × त्रिज्या = 2r
    वृत्त की परिधि = 2π त्रिज्या = 2πr
    वृत्त की परिधि = π × व्यास = πd
    वृत्त का क्षेत्रफल = π × त्रिज्या² = πr²
    वृत्त की त्रिज्या = √वृत्त का क्षेत्रफल/π
    अर्द्ववृत्त की परिमिति = (n + 2)r = (π + 2)d/2
    अर्द्ववृत्त का क्षेत्रफल = 1/2πr² = 1/8 πd²
    त्रिज्याखण्ड का क्षेत्रफल = θ/360° × वृत्त क्षेत्रफल = θ/360° × πr²
    त्रिज्याखण्ड की परिमिति = (2 + πθ/180°)r
    वृतखण्ड का क्षेत्रफल = (πθ/360° – 1/2 sinθ)r²
    वृतखण्ड की परिमिति = (L + πrθ)/180° , जहाँ L = जीवा की लम्बाई
    चाप की लम्बाई = θ/360° × वृत्त की परिधि
    चाप की लम्बाई = θ/360° × 2πr
    दो संकेन्द्रीय वृत्तों जिनकी त्रिज्याए R1, R2, (R1 ≥ R2) हो तो इन वृत्तों के बीच का क्षेत्रफल = π(r²1 – r²2)

    आयतन के सूत्र:

    घन का आयतन = भुजा³
    घनाभ का आयतन = लम्बाई × चौड़ाई ×ऊंचाई
    बेलन का आयतन = πr²h
    खोखले बेलन का आयतन = π(r1² – r2²)h
    शंकु का आयतन = ⅓ πr2h
    शंकु के छिन्नक का आयतन = ⅓ πh[r1² + r2²+r1r2]
    गोले का आयतन = 4/3 πr3
    अर्द्धगोले का आयतन = ⅔ πr3
    गोलीय कोश का आयतन = 4/3 π(r13 – r23)

  • [ MSR01] मीट्रिक प्रणाली का प्रयोग [Use of the metric system]

    [ MSR01] मीट्रिक प्रणाली का प्रयोग [Use of the metric system]

    मीट्रिक प्रणाली का प्रयोग [Use of the metric system]

    मीट्रिक प्रणाली का प्रयोग SI या इकाइयों की अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली के लिए किया जाता है।

    किलो हेक्टो डेकाइकाईडेसीसेमीमिली
    10 310 210 110 010 -110 -210 – 3

    एक इकाई से दूसरी इकाई में रूपांतरण

    इस प्रकार, एक इकाई से दूसरी इकाई में रूपांतरण 10 की घातों को गुणा या विभाजित करके किया जाता है। 

    मीट्रिक संख्या उपसर्ग

    किलोग्राम मीटर और सेकंड पर आधारित इकाइयाँ

    1. क्षेत्रफल = वर्ग मीटर (क्षेत्रफल = लम्बाई x चौड़ाई ) इसलिए क्षेत्रफल की मूल इकाई मीटर x मीटर = मी 2 (वर्ग मीटर) के बराबर है।
    2. आयतन = घन मीटर। इसलिए, आयतन की मूल इकाई = मी 3 (घन मीटर)।
    3. समय = घंटा (1 घंटा = 60 मिनट, 1 मिनट = 60 सेकंड) इसलिए, 1 घंटा = 60×60 = 3600 सेकंड
    4. दिन = (1 दिन = 24 घंटे) इसलिए, 1 दिन = 24 x 60 x 60 = 86400 सेकंड
  • [ MSR02] लंबाई के मात्रक: क्षेत्रफल और आयतन की माप (Units of length)

    [ MSR02] लंबाई के मात्रक: क्षेत्रफल और आयतन की माप (Units of length)

    लंबाई के मात्रक: क्षेत्रफल और आयतन की माप (Units of length)

    लंबाई मापने के लिए उपयोग की जाने वाली सबसे आम इकाइयाँ इस प्रकार हैं:

    लंबाई के SI मात्रक :

    10 मिलीमीटर= 1 सेंटीमीटर
    10 डेसीमीटर= 1 मीटर
    10 डेकामीटर= 1 हेक्टोमीटर
    10 सेंटीमीटर= 1 डेसीमीटर
    10 मीटर =1 डेकामीटर
    10 हेक्टोमीटर =1 किलोमीटर

    किलोमीटर (km) हेक्टोमीटर (hm)डेसीमीटर (dam)मीटर (m)डेसीमीटर (dm)सेंटीमीटर(cm)मिलीमीटर (mm)
    10001001011/101/1001/1000

    क्षेत्रफल की माप :

    100 वर्ग मिलीमीटर= 1 वर्ग सेंटीमीटर
    100 वर्ग डेसीमीटर =1 वर्ग मीटर
    100 वर्ग डेकामीटर= 1 वर्ग हेक्टोमीटर
    100 वर्ग किलोमीटर =1 मिरिया मीटर
    100 वर्ग सेंटीमीटर= 1 वर्ग डेसीमीटर
    100 वर्ग मीटर =1 वर्ग डेकामीटर
    100 वर्ग हेक्टोमीटर =1 वर्ग किलोमीटर

    आयतन की माप :

    1000 घन मिलीमीटर =1 घन सेंटीमीटर
    1000 घन डेसीमीटर= 1 घन मीटर
    1000 घन डेकामीटर= 1 घन हेक्टोमीटर
    1000 घन सेंटीमीटर= 1 घन डेसीमीटर
    1000 घन मीटर =1 घन डेकामीटर
    1000 घन हेक्टोमीटर= 1 घन किलोमीटर

    लम्बाई की अंग्रेजी में माप :

    12 इंच= 1 फीट
    11/2 गज =1 पोल या रूड
    40 पोल =1 फलाँग
    8 फलांग =1 मील
    1760 गज= 1 मील
    3 फीट =1 गज
    22 गज =1 चेंन
    10 चेन= 1 फलाँग
    80 चेन= 1 मील
    3 मील =1 लींग

    अंग्रेजी एवं मैट्रिक मापों में संबंध :

    1 इंच =2.54 सेमीमीटर
    1 फीट= 0.3048 मीटर
    1 मील =1.6093 किलोमीटर
    1 डेसीमीटर= 4 इंच
    1 सेंटीमीटर= 0.3937 इंच
    1 गज= 0.914399 मीटर
    1 मीटर= 39.37 इंच
    1 किलोमीटर=5/8 मील

    लम्बाई

    1 मीटर= 100 सेन्टीमीटर

    100 सेन्टीमीटर = 1 मीटर

    4 मीटर को सेन्टीमीटर में बदलना

    = 1 मीटर + 1 मीटर + 1 मीटर + 1 मीटर
    = 100 सेंटीमीटर + 100 सेंटीमीटर + 100 सेंटीमीटर + 100 सेंटीमीटर
    = 100 x 4 सेंटीमीटर या 4 x 100 सेंटीमीटर
    = 400 सेंटीमीटर

    एक थान में 25 मीटर 45 सेन्टीमीटर कपड़ा आता है, तो ऐसे 8 थान में कितने मीटर कपड़ा आएगा?


    झण्डी बनाने के लिए प्राची के पास 42 मीटर 70 सेन्टीमीटर रस्सी है। निशा के पास 38 मीटर 85 सेन्टीमीटर रस्सी है। बताओ दोनों के पास कुल कितनी लम्बी रस्सी है?


    रेखा को अपने कमरे में 8 रस्सियाँ बांधनी है। यदि कमरे की लम्बाई 4 मीटर 16 से.मीटर है तो उसे कम से कम कितनी लम्बी रस्सी की आश्यकता होगी?


    एक दुकानदार ने 32 मीटर 46 सेन्टीमीटर कपड़े के थान से 18 मीटर 50 सेन्टीमीटर कपड़ा बेच दिया। बताओ उसके पास अब कितना कपड़ा शेष रहा?

  • [ MSR03] धारिता का मात्रक: तरल पदार्थ में आयतन की माप

    [ MSR03] धारिता का मात्रक: तरल पदार्थ में आयतन की माप

    धारिता का मात्रक

    तरल पदार्थ में आयतन की माप :

    10 मिलीलीटर= 1 सेंटीमीटर
    10 डेसीमीटर= 1 लीटर
    10 सेंटीमीटर= 1 हेक्टोमीटर
    10 सेंटीमीटर =1 डेसीमीटर
    10 लीटर= 1 डेसीमीटर
    10 हेक्टोमीटर= 1 किलोमीटर3
    1000 मिलीमीटर= 1 लीटर

    किसी वस्तु की क्षमता या आयतन को मापने के लिए उपयोग की जाने वाली सबसे सामान्य इकाइयाँ इस प्रकार हैं:

    किलोलीटर (kl) हेक्टोलीटर ( hl)डेकालीटर (dal)लीटर (l)डेसीलीटर (dl)सेंटीलीटर(cl)मिलीलीटर (ml)
    10001001011/101/1001/1000

    धारिता संबंधित प्रश्न

    उदाहरण-

    4430 मिलीलीटर को लीटर व मिलीलीटर में बदलो।
    4430 मिलीलीटर = 4000 मिलीलीटर + 430 मिलीलीटर
    = 4 लीटर + 430 मिलीलीटर
    = 4 लीटर 430 मिलीलीटर

    सलमा के घर एक भैंस और एक गाय है। भैंस 6 लीटर 550 मिलीलीटर और गाय 5 लीटर 325 मिलीलीटर दूध देती है। बताओ सलमा के घर कुल कितना दूध होता है?

    एक पीपे में 13 लीटर 800 मिलीलीटर तेल है। इसमें से 6 लीटर 900 मिलीलीटर तेल बेच दिया गया। बताओ पीपे में कितना तेल शेष है?

    राजू प्रतिदिन 250 मिलीलीटर दूध पीता है और मीना प्रतिदिन 150 मिलीलीटर दूध पीती है। 5 दिन में दोनों कुल कितना दूध पियेंगे।

  • [ MSR04] वज़न की मात्रक (unit of weight)

    [ MSR04] वज़न की मात्रक (unit of weight)

    वज़न की मात्रक

    किसी भी वस्तु के वजन को मापने के लिए उपयोग की जाने वाली सबसे आम इकाइयाँ इस प्रकार हैं:

    किलोग्राम (kg) हेक्टोग्राम (hg)डेकाग्राम (dag)ग्राम (g)डेसीग्राम (dg)सेंटीग्राम (cg)मिलीग्राम (mg)
    10001001011/101/1001/1000

    भार

    8 किलोग्राम 500 ग्राम को 7 से गुणा करो।

    एक बोरी में 47 किलोग्राम 500 ग्राम चावल है, तो बताओ कि ऐसी 12 बोरियों में कितना चावल होगा?


    राहुल के खेत में 25 किलोग्राम 800 ग्राम आलू एवं 28 किलोग्राम 700 ग्राम टमाटर पैदा हुए। बताओ, उसके खेत में कुल कितनी सब्जी पैदा हुई?


    रेखा 15 किलोग्राम 250 ग्राम मूंगफली लेकर बाजार गई। उसने दिन भर में 12 किलोग्राम 750 ग्राम मूंगफली बेची। बताओ, अब उसके पास कितनी मूंगफली शेष बची?

  • [ MSR05] समय की मात्रक (unit of time)

    [ MSR05] समय की मात्रक (unit of time)

    समय की मात्रक (unit of time)

    एक सप्ताह में सात दिन होते हैं-

    1.सोमवार 2. मंगलवार 3. बुधवार 4. वृहस्पतिवार 5.शुक्रवार 6. शनिवार 7. रविवार

    एक वर्ष में 12 महीने होते हैं-

    1. जनवरी
    2. फरवरी
    3. मार्च
    4. अप्रैल
    5. मई
    6. जून
    7. जुलाई
    8. अगस्त
    9. सितम्बर
    10. अक्टूबर
    11. नवम्बर
    12. दिसम्बर

    1 दिन = 23 घण्टा, 56 मिनट और 4.09 सेकण्ड = 24 घण्टा (लगभग)

    1 वर्ष = 365 दिन, 5 घण्टे, 48 मिनट और 45.51 सेकण्ड

    1 साधारण वर्ष = 365 दिन = 52 सप्ताह + 1 दिन = 1 विषम दिन

    1 अधिवर्ष = 366 दिन= 52 सप्ताह +2 दिन= 2 विषम दिन

    1 सप्ताह = 7 दिन

    1 महीना = 28/29/30/31 दिन

    100 वर्ष = 76 साधारण वर्ष + 24 अधिवर्ष
    = 76 x1+24 x 2
    =76+48
    = 124 विषम दिन
    = 17 सप्ताह + 5 दिन
    = 5 विषम दिन

    फरवरी (साधारण वर्ष) = 28 दिन =0 विषम दिन

    फरवरी (अधिवर्ष) = 29 दिन = । विषम दिन

    जनवरी/मार्च/मई/जुलाई/अगस्त/अक्टूबर/दिसम्बर
    = 31 दिन

    = 3 विषम दिन

    अप्रैल/जून/सितम्बर/नवम्बर = 30 दिन= 2 विषम दिन

    शताब्दी वर्षों को छोड़कर प्रत्येक चौथा वर्ष अधिवर्ष होता है. प्रत्येक चौथा शताब्दी वर्ष अधिवर्ष होता है.

    शताब्दी वर्ष को छोड़कर प्रत्येक सामान्य वर्ष अंक 4 से पूर्णतः विभाजित नहीं होते हैं.

    ऐसा शताब्दी वर्ष, जो 400 से पूर्णतः विभाजित हो जाता है, वह अधिवर्ष होता है.

    किसी भी दिन में 7 दिन जोड़ने या घटाने से वही दिन प्राप्त होता है.

    साधारण वर्ष का पहला और अन्तिम दिन समान होता है.

    लीप वर्ष का पहला और अन्तिम दिन समान होता है अर्थात्अन्तिम दिन एक दिन बढ़ जाता है.

    साधारण क्रमागत वर्षों में किसी निश्चित तिथि के दिन कीतुलना में उसके ठीक अगले वर्ष में उस तिथि को एक दिन बढ़ जाता है.

    क्रमागत लीप वर्ष अर्थात् अगला वर्ष लीप वर्ष हो, तो किसी निश्चित तिथि का दिन पहले वर्ष के दिन की तुलना में दो दिन बढ़ जाता है.

    किसी शताब्दी का प्रथम दिन सोमवार, मंगलवार, बृहस्पतिवार, शुक्रवार या शनिवार हो सकता है.

    किसी शताब्दी का अन्तिम दिन मंगलवार, बृहस्पतिवार या शनिवार नहीं हो सकता है, परन्तु बुधवार, शुक्रवार तथा रविवार हो सकता है.

    किसी अधिवर्ष में मार्च तथा नवम्बर की पहली तारीख को एक ही दिन होता है.

    किसी अधिवर्ष में फरवरी तथा अगस्त की पहली तारीख को एक ही दिन होता है.

    जुलाई एवं अगस्त महीने ही लगातार 31 दिन के होते है.

    किसी साधारण वर्ष में निम्नलिखित माह के प्रथम दिन समान होते हैं-जनवरी-अक्टूबर, फरवरी-मार्च, नवम्बर, अप्रैल-जुलाई तथा सितम्बर-दिसम्बर.

    किसी लीप वर्ष में निम्नलिखित माह के प्रथम दिन समान होते हैं-जनवरी-अप्रैल, जुलाई, फरवरी-अगस्त, मार्च-नवम्बर तथा सितम्बर-दिसम्बर. (यह नियम मार्च से दिसम्बर तक लागू होता है.)

    भारत का वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल से प्रारम्भ होकर 31 मार्च को समाप्त होता है.


    उदाहरण 1. किसी वर्ष 20 नवम्बर को शुक्रवार हो, तो उसी वर्ष 30 नवम्बर को कौनसा दिन होगा ?
    हल : हर सात दिन बाद वही दिन होता है.
    20+7 = 27.
    अतः 27 नवम्बर को भी शुक्रवार होगा. अतः 30 नवम्बर को 3 दिन बढ़ने पर सोमवार होगा.

    दिन के 12 बजे का समयदोपहर या मध्याह्न
    दोपहर 12 बजे से मध्यरात्रि 12 बजे तक का समयअपराह्न (p.m.)
    रात्रि के 12 बजे का समयमध्यरात्रि
    मध्यरात्रि 12 बजे से दोपहर 12 बजे तक का समयपूर्वाह्न (a.m.)

    अभ्यास

    नेहा का विद्यालय 7:00 बजे पूर्वाह्न में लगता है और 11:00 बजे पूर्वाह्न में बंद होता है। बताओ विद्यालय कुल कितने घण्टे लगता है?

    एक बस अंबिकापुर से 4:00 बजे पूर्वाह्न में चलती है और 7 घण्टे में जशपुर पहुँचती है। बताओ बस किस समय जशपुर पहुँचती है?

    एक नाटक अपराह्न 8:00 बजे शुरू हुआ और अपराह्न 11:00 बजे समाप्त हुआ। नाटक कितने समय तक चला?

    सुनीति अपना गृह कार्य 6:20 बजे अपराहन में शुरू करके 8:20 बजे अपराह्न में समाप्त किया। बताओ उसे गृह कार्य करने में कितना समय लगा?

  • [WHOLN01] पूर्ण संख्या : पूर्ण संख्याओं के गुण (Whole Number)

    पूर्ण संख्या : पूर्ण संख्याओं पर संक्रियाएँ (Whole Number)

    प्राकृतिक संख्याओं (1, 2, 3, 4, ……) में शून्य (0) को सम्मिलित करने पर जो संख्याएँ प्राप्त होती हैं, पूर्ण संख्याएँ कहलाती हैं। पूर्ण संख्याओं को W से प्रदर्शित करते हैं। या फिर इसे इस तरह से भी परिभाषित किया जा सकता हैं “शून्य ‘0’ से लेकर अनंत तक की संख्याओं को पूर्ण संख्याएँ कहते हैं।” उदाहरण: 0, 1, 2, 3, 4, ……। ∞ आदि

    स्मरणीय बिंदु:

    • शून्य (0) सबसे छोटी एवं पहली पूर्ण संख्या है।
    • सभी प्राकृतिक संख्याएँ पूर्ण-संख्याएँ हैं।
    • चूंकि प्रत्येक पूर्ण संख्या से बड़ी पूर्ण संख्याएँ होती हैं अतः कोई भी पूर्ण संख्या सबसे बड़ी पूर्ण संख्या नहीं होती है।

    पूर्ण संख्याओं के गुण

    • प्राकृत संख्या के सभी गुण पूर्ण संख्याओं के लिए भी सही हैं।
    • सबसे छोटी पूर्ण संख्या 0 है।
    • संख्या रेखा पर 0 से दाहिने ओर क्रमशः पूर्ण संख्या बढ़ते क्रम में दिखायी गयी है। अर्थात् 0+1 = 1,1+1 =2, … , 101 + 1 = 102, 102 + 1 = 103, 103 + 1 = 104, … , इत्यादि।
    • संख्या रेखा पर दाहिने ओर से बाँए ओर का क्रम घटते क्रम में है, जैसे ….. 4,3,2,1,0
    • सबसे बड़ी पूर्ण संख्या नहीं दिखाई जा सकती। क्योंकि यदि आप कोई बड़ी से बड़ी संख्या सोचते हैं तो उसमें एक जोड़ कर उसकी अगली बड़ी संख्या प्राप्त की जा सकती है। जो उस संख्या की परवर्ती संख्या होगी।

    योग का संवरक गुण: 

    जब किसी दो पूर्ण संख्याओं का आपस में जोड़ा जाता हैं तो प्राप्त योगफल सदैव पूर्ण संख्या होता है, यह पूर्ण संख्याओं के योग का संवरक प्रगुण है।

    उदाहरणार्थ:-11 + 9 = 20 इन दोनों संख्याओं का योग 20 एक पूर्ण संख्या है।

    योग का क्रम-विनिमेय गुण: 

    जब किसी दो पूर्ण संख्याओं को जोड़ा जाता हैं तो उनके योगफल पर संख्याओं के क्रम का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है, इसे ही योग का क्रम-विनिमेय प्रगुण है।

    उदाहरणार्थ: 14 + 33 = 47
    33 + 14 = 4

    योग का तत्समक अवयव: 

    किसी पूर्ण संख्या में यदि शून्य को जोड़ा जाता है तो योगफल वही संख्या प्राप्त होती है। इसी कारण शून्य को पूर्ण संख्याओं में योग का तत्समक अवयव कहते हैं।

    शून्य को पूर्ण संख्याओं के लिए योज्य तत्समक भी कहते हैं।
    उदाहरणार्थ: 3 + 0 = 0 + 3 = 3

    योग का साहचर्य गुण: 

    तीन पूर्ण संख्याओं को क्रम में जोड़ते समय किन्हीं दो पूर्ण संख्याओं का समूह पहले बना लेने से योगफल में अंतर नहीं पड़ता है, यह योग संक्रिया का साहचर्य प्रगुण है।

    उदाहरणार्थ: (11+33) +102 = 11+ (33+102) = 11+33+102

    पूर्ण संख्याएँ एवं पूर्ण संख्याओं पर संक्रियाएँ

    रहीम के पास 100 पेज की एक कॉपी है जिसमें उसने 80 पेज पर गणित तथा 20 पेज पर विज्ञान का कार्य किया है। उसकी इस कॉपी में कितने पेज शेष बचे?

    50 की पूर्ववर्ती संख्या 49 है 17 की पूर्ववर्ती संख्या 16 है। क्या शून्य की भी पूर्ववर्ती संख्या होगी?

    रामू की माँ ने रामू को 5 लड्डू दिए। रामू ने 2 लड्डू मोहन को खिला दिये और 3 रामू ने खा लिये। अब रामू के पास कितने लड्डू बचे?

  • [WHOLN02] प्राकृत संख्याएँ : प्राकृत संख्याओं के गुण (Natural Number)

    [WHOLN02] प्राकृत संख्याएँ : प्राकृत संख्याओं के गुण (Natural Number)

    प्राकृत संख्याएँ (Natural Number)

    गणना करते समय 10 संकेतों 1,2,3,4,5,6,7,8,9,0 का उपयोग किया जाता है तथा गणना का कार्य 1 से प्रारंभ होता है। इन्हीं अंकों को मिलाकर प्राकृत संख्याएँ लिखी जाती हैं। गणना के लिए जिन संख्याओं का उपयोग किया जाता है उन्हें प्राकृत संख्या(Natural Number) कहते हैं।
    प्राकृत संख्याओं के समूह को N से दर्शाते हैं।
    अर्थात् प्राकृत संख्या (N) = 1,2,3, …. आदि।

    सबसे छोटी प्राकृत संख्या 1 है।

    प्राकृतिक संख्याओं का फार्मूला

    • प्रथम n प्राकृतिक संख्याओं का औसत = (n+1) /2
    • लगातार n तक विषम प्राकृतिक संख्या का योग = (n/2+1)
    • प्रथम n प्राकृतिक सम संख्याओं का औसत = n+1
    • प्रथम n प्राकृतिक विषम संख्याओं का औसत = n
    • लगातार n तक विषम प्राकृतिक संख्याओं का औसत = (n+1) /2

    सबसे बड़ी प्राकृत संख्या कौन-सी है?

    प्राकृत संख्या 1 से अनंत तक होती है जिसमे सबसे छोटी संख्या ज्ञात करना संभव है किंतु बड़ी संख्या मुस्किल है. यदि कोई संख्या दिया हो, तो बड़ी संख्या ज्ञात किया जा सकता है. अतः सबसे बड़ी प्राकृत संख्या स्व अनंत होता है.

    सबसे छोटी प्राकृतिक संख्या कौन सी है?

    प्राकृत संख्या 0 से बड़ी और 1 से शुरू होती है. अर्थात, सबसे छोटी प्राकृत संख्या 1 होता है.

    0 सबसे छोटी प्राकृत संख्या है?

    वास्तव में, 0 से छोटी कोई संख्या नही होती है. क्योंकि, प्राकृत संख्या तो 1 से शुरू ही होती है.

    क्या सभी प्राकृत संख्या पूर्ण संख्या है?

     0 से अनंत तक की सभी प्राकृत संख्या पूर्ण संख्या होती है. अर्थात, सभी धनात्मक प्राकृत संख्याएँ पूर्ण संख्या होती है.

    क्या कोई ऐसी पूर्ण संख्या है जो प्राकृतिक संख्या नहीं है?

    हाँ, 0 एक ऐसी पूर्ण संख्या है जो प्राकृतिक संख्या नही है. क्योंकि, प्राकृत संख्या 1 से शुरू होती है.

    प्राकृत संख्याओं के गुण (Properties of Natural numbers)

    • दो प्राकृत संख्याओं का आपस में योग करने से या गुणा करने पर प्राकृत संख्या ही प्राप्त होती है।
    • दो प्राकृत संख्याओं का आपस में व्यवकलन (घटाना) या भाग करने से सदैव प्राकृत संख्या प्राप्त नही होती है।
    • दो प्राकृत संख्याओं को किसी भी क्रम में जोड़ सकते हैं। दो प्राकृत संख्याओं को किसी भी क्रम में गुणा कर सकते हैं। अर्थात प्राकृत संख्याओं के लिए क्रमविनिमय का नियम योग व गुणन संक्रिया में लागू होता है जबकि घटाने एवं भाग संक्रिया पर लागू नही होता।
    • प्राकृत संख्याओं के लिए साहचार्य नियम योग एवं गुणा संक्रिया में लागू होता है जबकि घटाने एवं भाग संक्रिया में लागू नहीं होता।
    • प्राकृत संख्याओं के लिए गुणा का योग व अन्तर पर बंटन (वितरण) होता है।
    • किसी प्राकृत संख्या मे एक से गुणा या भाग करने पर संख्या का मान नही बदलता।
    • इस प्रकार a,b,c तीन प्राकृत संख्याओं के लिए
      • (a+b) एक प्राकृत संख्या है।
      • (axb) एक प्राकृत संख्या है।
      • a-b सदैव एक प्राकृत संख्या हो आवश्यक नही है।
      • a+b सदैव एक प्राकृत संख्या हो, जरूरी नही है।

    Questions

    41600 तथा 41006 में कौन सी संख्या बड़ी है?

    1 से 100 के बीच की संख्याएँ लिखने के लिए कितने बार 9 का प्रयोग करना पड़ता है?

    चार अंकों की सबसे बड़ी प्राकृत संख्या तथा तीन अंकों की सबसे छोटी प्राकृत संख्या के बीच का अंतर निकालिए ?

  • [MCQ01] प्राकृत व पूर्ण संख्याएँ: (Natural Number and Whole Number MCQ)

    [MCQ01] प्राकृत व पूर्ण संख्याएँ: (Natural Number and Whole Number MCQ)

    प्राकृत संख्या व पूर्ण संख्याएँ (Natural Number and Whole Number MCQ)

    यहाँ प्राकृत संख्याओं (Natural Numbers) और पूर्ण संख्याओं (Whole Numbers) से संबंधित कुछ MCQs दिए गए हैं:

    MCQ:

    निम्नलिखित में से कौन-सी प्राकृत संख्याओं का सेट है?

    • a) {0, 1, 2, 3, 4, 5}
    • b) {1, 2, 3, 4, 5}
    • c) {−1, 0, 1, 2, 3}
    • d) {0, −1, −2, −3, −4}

    उत्तर: b) {1, 2, 3, 4, 5}

    निम्नलिखित में से पूर्ण संख्याओं का समूह कौन-सा है?

    • a) {0, 1, 2, 3, 4}
    • b) {1, 2, 3, 4, 5}
    • c) {−1, −2, 1, 2, 3}
    • d) {−1, 0, 1, 2, 3}

    उत्तर: a) {0, 1, 2, 3, 4}

    प्राकृत संख्याओं का सबसे छोटा मान कौन-सा है?

    • a) 0
    • b) 1
    • c) −1
    • d) 2

    उत्तर: b) 1

    पूर्ण संख्याओं का सबसे छोटा मान कौन-सा है?

    • a) 0
    • b) 1
    • c) −1
    • d) 2

    उत्तर: a) 0

    निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही है?

    • a) सभी प्राकृत संख्याएँ पूर्ण संख्याएँ होती हैं।
    • b) सभी पूर्ण संख्याएँ प्राकृत संख्याएँ होती हैं।
    • c) 0 एक प्राकृत संख्या है।
    • d) −1 एक पूर्ण संख्या है।

    उत्तर: a) सभी प्राकृत संख्याएँ पूर्ण संख्याएँ होती हैं।

    कौन-सा विकल्प केवल पूर्ण संख्याएँ दर्शाता है?

    • a) {1, 2, 3, 4, 5}
    • b) {0, 1, 2, 3, 4}
    • c) {−1, 0, 1, 2, 3}
    • d) {1, −2, 3, −4, 5}

    उत्तर: b) {0, 1, 2, 3, 4}

    निम्नलिखित में से कौन-सा संख्या समूह प्राकृत संख्याओं का नहीं है?

    • a) {1, 2, 3, 4, 5}
    • b) {0, 1, 2, 3, 4}
    • c) {2, 3, 4, 5, 6}
    • d) {1, 3, 5, 7}

    उत्तर: b) {0, 1, 2, 3, 4}

    निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही है?

    • a) 0 प्राकृत संख्या है।
    • b) 0 पूर्ण संख्या है।
    • c) −1 पूर्ण संख्या है।
    • d) 0 और −1 दोनों प्राकृत संख्याएँ हैं।

    उत्तर: b) 0 पूर्ण संख्या है।

    संख्या 1 किसके अंतर्गत आती है?

    • a) केवल प्राकृत संख्याएँ
    • b) केवल पूर्ण संख्याएँ
    • c) प्राकृत और पूर्ण दोनों संख्याएँ
    • d) इनमें से कोई नहीं

    उत्तर: c) प्राकृत और पूर्ण दोनों संख्याएँ

  • [WHOLN03] पूर्णांक संख्या और संख्या रेखा / Integers and Number Lines

    [WHOLN03] पूर्णांक संख्या और संख्या रेखा / Integers and Number Lines

    पूर्णांक संख्या और संख्या रेखा /Integers and Number Lines

    पूर्णांक संख्या के प्रकार

    पूर्णांक संख्याएँ तीन प्रकार की होती हैं।

    1. धनात्मक पूर्णांक

    एक से लेकर अनंत तक की सभी धनात्मक संख्याएँ धनात्मक पूर्णांक कहलाती हैं।

    कोई भी पूर्णांक संख्या जिसके आगे धनात्मक या ऋणात्मक का कोई चिन्ह नहीं लगा हो ऐसी संख्याएँ पूर्णांक संख्याएँ कहलाती हैं।

    उदाहरण :- 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, …………. ∞

    ये सभी संख्याएँ धनात्मक पूर्णांक के अंतर्गत आती हैं।

    धनात्मक संख्याएँ पूर्णांक संख्या रेखा पर शून्य के दायीं और स्थित होती हैं अतः ये संख्याएँ धनात्मक पूर्णांक के अंतर्गत आएगी।

    2. ऋणात्मक पूर्णांक

    1 से लेकर अनंत तक कि सभी ऋणात्मक संख्याएँ ऋणात्मक पूर्णांक कहलाती हैं।

    • ऋणात्मक पूर्णांक संख्यायों के आगे ऋणात्मक चिन्ह लगा होता है।
    • ऋणात्मक संख्याएँ संख्या रेखा पर शून्य के बायीं और स्थित होती हैं।
    • जो संख्याएँ शून्य से छोटी होती है वे ऋणात्मक पूर्णांक कहलाती हैं।

    उदाहरण :- -1, -2, -3, -4, -5, -6, -7, -8, -9 ……..……∞

    ये सभी संख्याएँ ऋणात्मक पूर्णांक के अंतर्गत आती हैं।

    3. उदासीन पूर्णांक

    ऐसा पूर्णांक जो न तो कोई धनात्मक पूर्णांक है और न ही ऋणात्मक पूर्णांक है। उदासीन पूर्णांक कहलाता हैं यह शून्य पूर्णांकों के अंतर्गत आता हैं।

    उदाहरण :-  0

    पूर्णांक संख्या के महत्वपूर्ण तथ्य

    • संख्या 0, 1, -1, 2, -2, 3, -3, ……….…….∞ पूर्णांक संख्या कहलाती हैं।
    • संख्या +1, +2, +3, +4, ……………∞ धनात्मक पूर्णांक कहलाती हैं।
    • संख्या -1, -2, – 3, – 4, ……………….∞ पूर्णांक कहलाती हैं।
    • संख्या 0, + 1, + 2, + 3, + 4, ऋणेत्तर पूर्णांक कहलाते हैं।
    • सभी धनात्मक पूर्णांक संख्या रेखा पर 0 के दायीं ओर तथा सभी ऋणात्मक पूर्णांक संख्या रेखा पर 0 के बायीं ओर स्थित होते हैं।
    • ऋणेत्तर पूर्णांक पूर्ण संख्या ही कहलाती हैं।
    • दो पूर्णांक जिनका योग शून्य हो एक-दूसरे के योज्य प्रतिलोम कहलाते हैं। ये एक दूसरे के ऋणात्मक भी कहलाते हैं।

    पूर्णांकों का जोड़ना, घटाना, गुणा एवं भाग

    दो पूर्णांकों के योग का नियम

    • (-) + (-) = (+)
    • (+) + (+) = (+)
    • (-) + (+) = (-)
    • (+) + (-) = (-)

    समान चिन्ह वाले पूर्णांक का जोड़ :-

    पूर्णांक का जोड़

    विभिन्न चिन्ह वाले पूर्णांकों का जोड़ :-

    पूर्णांकों का जोड़

    दो पूर्णांकों को घटाने के नियम

    • (-) – (-) = (-)
    • (+) – (+) = (-)
    • (-) – (+) = (+)
    • (+) – (-) = (+)

    समान चिन्ह वाले पूर्णांकों को घटाना :-

    पूर्णांकों को घटाना

    विभिन्न चिन्ह वाले पूर्णांकों को घटाना :-

    पूर्णांकों को घटाना

    दो पूर्णांकों के गुणनफल का नियम

    • (-) × (-) = (+)
    • (+) × (+) = (+)
    • (-) × (+) = (-)
    • (+) × (-) = (-)
     पूर्णांकों के गुणनफल

    दो पूर्णांकों के विभाजन के नियम

    • (-) ÷ (-) = (+)
    • (+) ÷ (+) = (+)
    • (-) ÷ (+) = (-)
    • (+) ÷ (-) = (-)

    शून्य के दाँईं ओर प्राकृत संख्याएँ हैं और बाँयी ओर ऋणात्मक संख्याएँ। धनात्मक संख्याएँ, ऋणात्मक संख्याएँ तथा शून्य को मिलाकर पूर्णांक बनते हैं। (I) = { … …………..- 3,-2,1,0,1,2,3,4,5 ………… } आदि।

    जिस प्रकार सबसे बड़ी पूर्ण संख्या नहीं है उसी प्रकार सबसे बड़ी पूर्णांक भी नहीं है। क्या आप सबसे छोटी पूर्णांक सोच सकते हैं ?

    विभाजन के नियम
    • धनात्मक पूर्णांकों का योगफल सदैव धनात्मक पूर्णांक तथा दो ऋणात्मक पूर्णांकों का योगफल सदैव ऋणात्मक पूर्णांक होता है।
    • एक धनात्मक एवं एक ऋणात्मक पूर्णांक का योगफल धनात्मक पूर्णांक होगा यदि धनात्मक पूर्णांक का आंकिक मान अधिक हो तथा योगफल ऋणात्मक होगा यदि ऋणात्मक पूर्णांक का आंकिक मान अधिक हो।
    • पूर्णांकों को जोड़ने में उन सभी गुणों का पालन होता है। जिनका पूर्ण संख्याएँ पालन करती है। दो पूर्णांकों का योग एक पूर्णांक ही होगा।
    • सभी पूर्णांकों के योग में क्रम विनिमय नियम लागू होता है।
    • दो पूर्णांकों का योग हमेशा एक पूर्णांक संख्या होती है, यही पूर्णांकों के योग के लिए संवरक नियम है।
    • पूर्णांकों में शून्य जोड़ने पर उनके मान में कोई परिवर्तन नहीं आता है।

    योज्य प्रतिलोम / योज्य तत्समक

    5 में क्या जोड़े कि शून्य प्राप्त हो?
    अर्थात् 5+ (-5) = 0 (योज्य तत्समक)
    इसी प्रकार (-7) में क्या जोड़े कि शून्य प्राप्त हो?
    अर्थात् (-7) + (+7) =0 (योज्य तत्समक)
    यहाँ (-5) योज्य प्रतिलोम है 5 का तथा + 7 योज्य प्रतिलोम है (-7) का।
    अतः किसी संख्या का योज्य प्रतिलोम वह संख्या है जिसे उस संख्या के साथ जोड़ने पर योज्य तत्समक (शून्य) प्राप्त होता है।
    संख्या + संख्या का योज्य प्रतिलोम = योज्य तत्समक

    पूर्णांक संख्या से संबंधित प्रश्न उत्तर

    Q.1 पूर्णांकों के युग्मों के योग ज्ञात कीजिए?

    (1). -6, – 2
    (a). 10
    (b). -10
    (c). 4
    (d). -4

    हल:- -6 और – 4 दोनों के चिन्ह ऋण हैं।
    अतः -6 + (-4) = -(6 + 4)
    Ans. -10

    (2). +8, – 2
    (a). 10
    (b). -10
    (c). 6
    (d). -6

    हल:- +8 और -2 के चिन्ह विपरीत हैं।
    अतः +8 + (-2) = 8 – 2
    Ans. 6

    Q.2 घटाइए?

    (1). -5 में से 3
    (a). 2
    (b). -2
    (c). 8
    (d). -8

    हल:- 3 का योज्य प्रतिलोम = – 3 हैं।
    अतः -5 – 3 = -5 + (-3)
    = – (5 + 3)
    = – 8

    (2). -8 में से -2
    (a). 6
    (b). -6
    (c). 10
    (d). -10

    हल:- -2 का योज्य प्रतिलोम = 2 हैं।
    अतः -8 – (-2) = -8 + (+2)
    = – 8 + 2
    = – 6

    Q.3 -9 और -2 के बीच में कितने पूर्णांक हैं?

    (a). 6
    (b). 8
    (c). 4
    (d). 10

    हल:- -9 और – 2 के बीच पूर्णांक -8, -7, -6, -5, -4, और -3 हैं।
    अतः -9 और -2 के बीच 6 पूर्णांक हैं।

    Q.4 परिकलित कीजिए?

    1 – 2 + 3 – 4 + 5 – 6 + 7 – 8 + 9 – 10
    (a). -2
    (b). -3
    (c). -5
    (d). 5

    हल:- 1 – 2 + 3 – 4 + 5 – 6 + 7 – 8 + 9 – 10
    = (1 + 3 + 5 + 7 + 9) – (2 + 4 + 6 + 8 + 1 + 0)
    = 25 – 30
    = – 5

    Q.5 दो पूर्णांकों का योग 56 हैं। यदि इनमें से एक पूर्णांक – 32 हैं। तो दूसरा पूर्णांक ज्ञात कीजिए?

    (a). 55
    (b). 66
    (c). 77
    (d). 88

    हल:- प्रश्नानुसार,
    दोनों पूर्णांकों का योग 56 हैं। इसलिए दूसरा पूर्णांक 56 में से (-32) घटाने पर प्राप्त होगा।
    = 56 – (-32)
    = 56 + 32
    = 88

    Q.6 अंक 0, 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8 और 9 को इसी क्रम में लिखिए तथा इनके बीच में ‘+’ या ‘-‘ इस तरह रखिए कि 5 प्राप्त हों?

    (a). 3
    (b). 5
    (c). 7
    (d). 9

    हल:- 0 + 1- 2 + 3 – 4 + 5 – 6 + 7 – 8 + 9
    = (0 + 1 + 3 + 5 + 7 + 9) – (2 + 4 + 6 + 8)
    = 25 – 20
    = 5

  • [WHOLN04] सम / विषम प्राकृत संख्याओं का योग और अंतर

    [WHOLN04] सम / विषम प्राकृत संख्याओं का योग और अंतर

    सम संख्या: वे संख्याएँ जो 2 से पूर्णतः विभाजित होती हैं सम संख्या कहलाती है।
    जैसे: 2, 4, 6, 8, 10, 12
    विषम संख्या: वे संख्याएँ जो 2 से पूर्णतः विभाजित नहीं होती हैं विषम संख्या कहलाती है।
    जैसे: 1, 3, 5, 7, 9, 11 … इत्यादि।

    सम और विषम संख्या का योगफल

    सम संख्या (Even Number) और विषम संख्या (Odd Number) के योगफल से संबंधित नियम सरल हैं। इसे समझने के लिए निम्नलिखित फार्मूले उपयोग किए जा सकते हैं:

    1. सम + सम = सम

    • दो सम संख्याओं का योगफल हमेशा एक सम संख्या होती है।
    • उदाहरण: 4+6=10 (सम संख्या)

    2. विषम + विषम = सम

    • दो विषम संख्याओं का योगफल हमेशा एक सम संख्या होती है।
    • उदाहरण: 3+5=8 (सम संख्या)

    3. सम + विषम = विषम

    • एक सम और एक विषम संख्या का योगफल हमेशा एक विषम संख्या होती है।
    • उदाहरण: 4+5=9 (विषम संख्या)

    लगातार सम और विषम संख्याओं के योग

    लगातार सम संख्याओं और लगातार विषम संख्याओं के योग के लिए निम्नलिखित सूत्र उपयोग किए जाते हैं:

    1. लगातार दो सम संख्याओं का योगफल:

    • लगातार दो सम संख्याओं के बीच अंतर 2 होता है।
    • यदि पहली सम संख्या x है, तो दूसरी सम संख्या x+2 होगी।

    योगफल = x+(x+2)=2x+2

    उदाहरण:
    6 और 8 के लिए:
    6+8=2(6)+2=12+2=14

    2. लगातार दो विषम संख्याओं का योगफल:

    • लगातार दो विषम संख्याओं के बीच भी अंतर 2 होता है।
    • यदि पहली विषम संख्या y है, तो दूसरी विषम संख्या y+2 होगी।

    योगफल = y+(y+2)=2y+2

    उदाहरण:
    7 और 9के लिए:
    7+9=2(7)+2=14+2=16

    3. लगातार n सम संख्याओं का योगफल:

    यदि लगातार n सम संख्याओं का योग निकालना है, तो इसका फार्मूला होगा:

    योगफल = n(n+1)

     उदाहरण:
    पहली 3 सम संख्याओं (2, 4, 6) का योग:
    3(3+1)=3×4=12

    4. लगातार n विषम संख्याओं का योगफल:

    यदि लगातार n विषम संख्याओं का योग निकालना है, तो इसका फार्मूला होगा:

    योगफल = n2

    उदाहरण: पहली 3 विषम संख्याओं (1, 3, 5) का योग: 32=9

    सारांश:

    • लगातार दो सम या विषम संख्याओं का योग 2x+2 के रूप में होता है।
    • लगातार n सम संख्याओं का योग n(n+1) होता है।
    • लगातार n विषम संख्याओं का योग n2 होता है।

    लगातार प्राकृत संख्याओं (Natural Numbers) का योग निकालने के लिए एक सामान्य सूत्र होता है, जिसे  समीकरण  के रूप में लिखा जा सकता है:

    योगफल =  n(n+1)/2

    जहाँ n वह संख्या है, जहाँ तक योग निकालना है।

    1. यदि आपको 1 से 10 तक की प्राकृत संख्याओं का योग निकालना है, तो n = 10 होगा:

    योगफल = 10(10+1)/2

    10 x 11/2  = 110/2  = 55

    2. यदि आपको 1 से 20 तक की प्राकृत संख्याओं का योग निकालना है, तो n = 20 होगा:

    योगफल = 20(20+1)/2 = 20 x 21/2  = 420/2  = 210

     सारांश:

    पहली n प्राकृत संख्याओं का योग निकालने के लिए फार्मूला है: 

    योगफल =  n(n+1)/2

    इस फार्मूले का उपयोग किसी भी संख्या तक की प्राकृत संख्याओं का योग निकालने के लिए किया जा सकता है।

    यहाँ सम और विषम संख्याओं, उनके अंतर, लगातार योगफल, और प्राकृत संख्याओं के लगातार योगफल से संबंधित MCQs दिए गए हैं:

    MCQ:

    यदि 12 और 7 का अंतर निकाला जाए, तो परिणाम क्या होगा?

    • a) 5 (सम संख्या)
    • b) 6 (सम संख्या)
    • c) 5 (विषम संख्या)
    • d) 4 (सम संख्या)

    उत्तर: c) 5 (विषम संख्या)

    किसी विषम संख्या से सम संख्या घटाने पर परिणाम कैसा होगा?

    • a) हमेशा विषम संख्या
    • b) हमेशा सम संख्या
    • c) कभी विषम कभी सम
    • d) हमेशा शून्य

    उत्तर: a) हमेशा विषम संख्या

    निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही है?

    • a) दो सम संख्याओं का अंतर विषम होता है।
    • b) दो विषम संख्याओं का अंतर विषम होता है।
    • c) विषम संख्या और सम संख्या का अंतर विषम होता है।
    • d) सम संख्या और विषम संख्या का अंतर सम होता है।

    उत्तर: c) विषम संख्या और सम संख्या का अंतर विषम होता है।

    2. लगातार सम और विषम संख्याओं का योगफल:

    लगातार दो सम संख्याओं का योग निकालने का फार्मूला क्या है?

    • a) 2x
    • b) 2x+1
    • c) 2x+2
    • d) x+2

    उत्तर: c) 2x+2

    यदि x=8 हो, तो लगातार दो सम संख्याओं का योगफल क्या होगा?

    • a) 16
    • b) 18
    • c) 20
    • d) 22

    उत्तर: b) 18

    लगातार दो विषम संख्याओं का योगफल क्या होगा?

    • a) 2x+2
    • b) 2x+1
    • c) 2x
    • d) x+1

    उत्तर: a) 2x+2

    लगातार विषम संख्याओं 11 और 13 का योग क्या होगा?

    • a) 22
    • b) 24
    • c) 26
    • d) 28

    उत्तर: b) 24

    3. लगातार प्राकृत संख्याओं का योगफल:

    पहली n प्राकृत संख्याओं का योगफल निकालने का फार्मूला क्या है?

    • a) n(n+1)/2
    • b) n(n+2)/2
    • c) n(n+1)
    • d) n(n+2)  

    उत्तर: a) n(n+1)/2  

    पहली 10 प्राकृत संख्याओं का योगफल क्या होगा?

    • a) 50
    • b) 55
    • c) 60
    • d) 65

    उत्तर: b) 55

    लगातार n विषम संख्याओं का योगफल क्या होता है?

    • a) n(n+1)
    • b) n2
    • c) 2n
    • d) 2n+1 

    उत्तर: b) n2  

    पहली 5 विषम संख्याओं का योगफल क्या होगा?

    • a) 25
    • b) 15
    • c) 9
    • d) 36

    उत्तर: a) 25

    4. प्राकृत संख्याओं का लगातार योगफल:

    यदि पहली 7 प्राकृत संख्याओं का योग निकाला जाए, तो परिणाम क्या होगा?

    • a) 21
    • b) 28
    • c) 15
    • d) 35

    उत्तर: b) 28

    1 से 100 तक की प्राकृत संख्याओं का योगफल क्या होगा?

    • a) 5050
    • b) 5000
    • c) 5150
    • d) 4500

    उत्तर: a) 5050

    लगातार दो प्राकृत संख्याओं का योगफल कैसा होता है?

    • a) विषम संख्या
    • b) सम संख्या
    • c) दोनों
    • d) इनमें से कोई नहीं

    उत्तर: a) विषम संख्या

  • [WHOLN05] पूर्ण संख्या के योगफल (Sum of Whole Numbers)

    [WHOLN05] पूर्ण संख्या के योगफल (Sum of Whole Numbers)

    संख्या के योगफल (Sum of Numbers)

    गणित में, दो या दो से अधिक संख्याओं या पदों को जोड़ने के बाद योग को परिणाम या उत्तर के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। यहां, 5 और 7 जोड़ हैं और 12, 5 और 7 का योग है।

    योग संकेतन

    जब हम संख्याओं को जोड़ते हैं तो प्लस चिह्न (+) का उपयोग किया जाता है। योग जोड़ से प्राप्त परिणाम का नाम है। हम योग को प्रतीक ∑ (सिग्मा) द्वारा निरूपित कर सकते हैं।

    अंकों का योग

    एक अंक वाली संख्याओं का योग

    दो अंकीय संख्याओं का योग

    चरण 1: आसानी से समझने के लिए अंकों के बीच पर्याप्त स्थान देकर कॉलम में दिए गए नंबर लिखें।

    चरण 2: इकाई अंक को एक साथ जोड़ें, और कैरी (यदि कोई हो) को स्थानांतरित करें। अंततः, यह इकाई स्थान पर मौजूद संख्याओं का योग देता है।

    चरण 3: दहाई अंक जोड़ें और पिछले चरण से कैरी करें (यदि कोई हो) और कैरी को स्थानांतरित करें। यह दहाई के स्थान पर संख्याओं का योग देता है।

    चरण 4: इस प्रकार, अंतिम पंक्ति के अंक दी गई संख्याओं का योग दर्शाते हैं।

    तीन अंकों की संख्याओं का योग

    चरण 1: आसानी से समझने के लिए अंकों के बीच पर्याप्त स्थान देकर कॉलम में दिए गए नंबर लिखें।

    चरण 2: इकाई अंक को एक साथ जोड़ें, और कैरी (यदि कोई हो) को स्थानांतरित करें। अंततः, यह इकाई स्थान पर मौजूद संख्याओं का योग देता है।

    चरण 3: दहाई अंक जोड़ें और पिछले चरण से कैरी करें (यदि कोई हो) और कैरी को स्थानांतरित करें। यह दहाई के स्थान पर संख्याओं का योग देता है।

    चरण 4: सैकड़ों स्थानों के अंकों को जोड़ें, और पिछले चरण से संख्या (यदि कोई हो) ले लें। इस प्रकार, यह परिणाम के सैकड़ों या हजारों या दोनों (योग के आधार पर) प्रदान करता है।

    चरण 5: इस प्रकार, अंतिम पंक्ति के अंक दी गई संख्याओं का योग दर्शाते हैं।

    संख्या के योगफल संबंधित सूत्र-

    प्रथम n प्राकृतिक संख्याओं का योग

    योग संख्याओं के अनुक्रम के योग या योग का परिणाम है। इस प्रकार, हम प्रथम n प्राकृतिक संख्याओं के अनुक्रम का योग ज्ञात कर सकते हैं।

    पहली n प्राकृतिक संख्याएँ हैं:

    1, 2, 3, 4,…., n

    यह एक AP है जिसका पहला पद a = 1 और अंतिम पद l = n है।

    हम जानते हैं कि, AP के n पदों का योग, जब पहला और अंतिम पद ज्ञात हो, इस प्रकार दिया जाता है:

    पहले n प्राकृतिक संख्याओं का योग n(n + 1)/2 द्वारा दिया जाता है।

    विषम संख्याओं का योग सूत्र

    विषम संख्याओं का क्रम है:

    1, 3, 5, 7, 9, 11,…..

    यह एक AP है जिसका पहला पद a = 1 और दूसरा पद a + d = 3 है।

    सार्व अंतर = d = 3 – 1 = 2

    प्रथम n विषम संख्याओं का योग है:

    विषम संख्या सूत्र का योग n 2 है ।

    सम संख्याओं का योग सूत्र

    सम संख्याओं का क्रम है:

    2, 4, 6, 8, 10,…..

    यह एक AP है जिसका पहला पद a = 2 और दूसरा पद a + d = 4 है।

    सार्व अंतर = d = 4 – 2 = 2

    प्रथम n विषम संख्याओं का योग है:

    सम संख्याओं के योग का सूत्र n(n + 1) है।

    n प्राकृतिक संख्याओं के वर्गों का योग

    n प्राकृतिक संख्याओं के वर्गों के योग का सूत्र इस प्रकार दिया गया है:

    Σn 2 = [n(n+1)(2n+1)]/6

    इस सूत्र का उपयोग पहले n धनात्मक पूर्णांकों के वर्गों का योग ज्ञात करने के लिए किया जाता है।

    n प्राकृतिक संख्याओं के घनों का योग

    n प्राकृतिक संख्याओं के घनों के योग का सूत्र है:

    ∑n 3 = [n(n + 1)/2] 2

    योग पर आधारित प्रश्न

    प्रश्न 1: बैग A में 10 गेंदें हैं और बैग B में 17 गेंदें हैं। गेंदों की कुल संख्या ज्ञात कीजिए।

    समाधान:

    बैग A में गेंदों की संख्या = 10

    बैग B में गेंदों की संख्या = 17

    गेंदों की कुल संख्या = 10 + 17 = 27

    प्रश्न 2:  गौतम के पास 2 रुपये के पांच सिक्के हैं, और कमल के पास 10 एक रुपये के सिक्के हैं, जबकि वीना के पास 5 रुपये के सात सिक्के हैं। तो गौतम, कमल और वीना के पास कुल कितनी धनराशि है?

    समाधान:

    दी गई जानकारी के मुताबिक,

    व्यक्तिमात्रा
    गौतम5 × रु. 2 = रु. 10
    कमल10 × रु. 1 = रु. 10
    वीना7 × रु. 5 = रु. 35

    धनराशि का योग = रु. 10 + रु. 10 + रु. 35 = रु. 55

    प्रश्न 3: 1 से 100 तक की संख्याओं का योग कितना होता है?

    1 से 100 तक की संख्याओं के योग की गणना इस प्रकार की जा सकती है:
    n = 100
    100 प्राकृतिक संख्याओं का योग = [100(100 + 1)/2] = 50 × 101 = 5050