टेरिडोफाइट्स (Pteridophytes, Gk, pteron=feather, phyton = plants), प्रथम संवहनी पादप होते हैं जिन्हें संवहनी क्रिप्टोगैम्स (Vascular cryptogames) के नाम से भी जाना जाता है। इस समूह के अन्तर्गत लगभग 10,000 प्रजातियाँ सम्मिलित की गई हैं।
सामान्य लक्षण (General Characteristics)
1. ये एवं छायादार स्थानों पर पाये जाते हैं।
2. इनका मुख्य पादपकाय स्पोरोफाइटिक (Sporophytic) होता है जो कि जड़, तना एवं पत्तियों में विभेदित होता है।
3. इनकी स्पोरोफाइटिक अवस्था प्रभावी होती है।
4. इनमें संवहनी ऊतक (जाइलम एवं फ्लोयम) पाये जाते हैं।
5. इनके जाइलम में वाहिकाओं (Vessels) तथा फ्लोयम में सखि कोशिकाओं (Companion cells) का अभाव होता है।
6. स्पोरोफाइट के ऊपर बीजाणुओं (Spores) का निर्माण होता है जो कि अगुणित (Haploid) होते हैं तथा अंकुरित होकर गैमिटोफाइट (Gametophyte) बनाते हैं।
7. बीजाणुओं का निर्माण विशिष्ट प्रकार की संरचनाओं में होता है जिन्हें स्योरेंजियम (Sporangium) कहते हैं।
8. कुछ प्रजातियों में ये स्पोरेंजिया संघनित (Condensed) होकर शंकु (Cone) या स्ट्रोबिलस (Strobilus) बना लेती हैं।
9. इनकी गैमिटोफाइटिक पीढ़ी अल्पकालिक होती है तथा यह नर एवं मादा युग्मकों के उत्पादन तक ही सीमित होती है।
10. इनमें लैंगिक प्रजनन अण्डयुग्मी (Oogamous) होता है। इनके नर प्रजननांग को एन्थीरीडियम (Antheridium) तथा मादा प्रजननांग को आर्कीगोनियम (Archegonium) कहते हैं।
11. इनमें स्पष्ट पीढ़ी एकान्तरण पाया जाता है।
उदाहरण – राइनिया (Rhynia), सिलैजिनेला (Selaginella), लाइकोपोडियम (Lycopodium), इक्वीसीटम (Equise– tum), टेरिस (Pteris), ड्रायोप्टेरिस (Dryopteris), मासीलिया (Marsilia) आदि ।